मंगलवार, 28 नवंबर 2023

बेमौसम बारिश, बिजली गिरने से 20 लोगों की मौत

बेमौसम बारिश, बिजली गिरने से 20 लोगों की मौत

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। अहमदाबाद, गुजरात के विभिन्न हिस्सों में हुई बेमौसम बारिश के दौरान बिजली गिरने से 20 लोगों की मौत हो गई है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को गुजरात के विभिन्न शहरों में खराब मौसम और बिजली गिरने से लोगों की मौत होने पर शोक व्यक्त किया और कहा कि स्थानीय प्रशासन राहत कार्य में जुटा है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के एक अधिकारी के अनुसार, गुजरात के विभिन्न हिस्सों में वर्षाजनित हादसों में अब तक 20 लोगों की मौत होने की सूचना मिली है। इन सभी लोगों की मौत बेमौसम बारिश के दौरान बिजली गिरने से हुई।
एसईओसी अधिकारी ने बताया कि दाहोद जिले में चार, भरूच में तीन, तापी में दो और अहमदाबाद, अमरेली, बनासकांठा, बोटाद, खेड़ा, मेहसाणा, पंचमहल, साबरकांठा, सूरत, सुरेंद्रनगर और देवभूमि द्वारका में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
शाह ने रविवार रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘गुजरात के विभिन्न शहरों में खराब मौसम और बिजली गिरने से कई लोगों की मौत होने की खबर से मुझे गहरा दुख हुआ है। इस त्रासदी में अपने प्रियजन को खोने वाले लोगों को जो अपूरणीय क्षति हुई, उसके लिए मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। स्थानीय प्रशासन राहत कार्य में जुटा हुआ है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’’
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि सोमवार को बारिश कम होने की संभावना है।
एसईओसी द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, गुजरात की 252 तालुका में से 234 में रविवार को बारिश हुई। सूरत, सुरेंद्रनगर, खेड़ा, तापी, भरूच और अमरेली जिलों में 16 घंटे में 50-117 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और फसल को नुकसान हुआ।
प्रदेश की तर्ज पर बनेगी असम और पश्चिम बंगाल की चुनावी घोषणा पत्र, ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस छतीसगढ़ के पदाधिकारियों ने दिए टिप्स
राजकोट के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि हुई।
अधिकारियों ने बताया कि बारिश से फसलों के नुकसान के अलावा सौराष्ट्र क्षेत्र के मोरबी जिले में फैक्टरियां बंद किए जाने से सिरेमिक उद्योग भी प्रभावित हुआ।
आईएमडी के अहमदाबाद केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि सोमवार को बारिश कम होगी और दक्षिण गुजरात एवं सौराष्ट्र जिलों के कुछ हिस्सों में केंद्रित रहेगी।

चीन में रहस्यमय वायरस की एंट्री, गाइडलाइन

चीन में रहस्यमय वायरस की एंट्री, गाइडलाइन 

अखिलेश पांडेय 
बीजिंग। अभी कोरोना की मार से चीन बाहर भी नहीं निकला था कि इस बार रहस्यमय वायरस ने चीन के बच्चों पर अटैक करना शुरू कर दिया है। डबल्यूएचओ ने इसके बढ़ते खतरे को देखते हुए गाइडलाइन जारी कर दी है। गौरतलब है कि साल 2019 में कोविड-19 नाम की बीमारी ने चीन से निकलकर पूरी दुनिया को अपने लपेटे में ले लिया था। पूरी दुनिया कोरोना काल में लगातार होती रही मौतों से जूझती रही। अब चीन में एक और रहस्यमय वायरस ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इस बार इस रहस्यमय बीमारी ने छोटे बच्चों पर अटैक किया है। बताया जाता है कि चीन के उत्तर पूर्वी इलाके में स्थित लिया ओलिंग प्रांत और बीजिंग में इस बीमारी का ज्यादा प्रकोप देखने को मिल रहा है। यह बीमारी बच्चों को अपनी जकड़न में ले रही है। बताया जा रहा है कि इस बीमारी के दौरान बच्चों के फेफड़ों में सूजन और तेज बुखार जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इसका इस वायरस का नाम रहस्यमय निमोनिया वायरस बताया जा रहा है। 
इस बीमारी में बच्चों को तेज खांसी, बुखार और फेफड़ों में सूजन जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। अब चीन ने इस रहस्यमय बीमारी के बढ़ते दायरे को देखते हुए सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। इधर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ( WHO ) भी इस बीमारी के प्रकोप को देखते हुए अलर्ट मोड पर है तथा उसने चीन से पूरी रिपोर्ट WHO के सामने प्रस्तुत करने को कहा है।

क्रीमिया को जोड़ने वाली सुरंग बनाने पर विचार

क्रीमिया को जोड़ने वाली सुरंग बनाने पर विचार 

अखिलेश पांडेय 
बीजिंग/मास्को। रूस और चीन मिलकर पानी के नीचे क्रीमिया को जोड़ने वाली एक सुरंग बनाने पर विचार कर रहे हैं। यह सुरंग दोनों देशों के बीच एक अभूतपूर्व सहयोग स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा‌। रिपोर्ट के अनुसार, रूस क्रीमिया के लिए एक सुरक्षित परिवहन मार्ग बनाने का इच्छुक है।
रिपोर्ट के अनुसार, रूस केर्च जलडमरूमध्य पर अपने 11 मील लंबे पुल के विकल्प के रूप में विकल्प तलाश रहा है। यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के बाद से इस पुल पर कई बार बमबारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी रेलवे निर्माण निगम सीआरसीसी ने इस परियोजना में अपनी रूचि दिखाई है और उसने रूस के साथ एक संघ का गठन किया है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

1. अंक-38, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. मंगलवार, नवंबर 28, 2023

3. शक-1945, माघ, कृष्ण-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:36, सूर्यास्त: 05:18।

5. न्‍यूनतम तापमान- 15 डी.सै., अधिकतम- 26+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

email:universalexpress.editor@gmail.com 

संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित)

सोमवार, 27 नवंबर 2023

सरकार के आरक्षण के दायरे में वृद्धि, चुनौती

सरकार के आरक्षण के दायरे में वृद्धि, चुनौती 

अविनाश श्रीवास्तव 
पटना। बिहार में नीतीश सरकार के आरक्षण के दायरे में वृद्धि करने के फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। बताते चलें कि, बिहार विधानमंडल ने हाल ही में एक संशोधन के जरिए पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को मौजूदा 50% से बढ़ाकर 65% कर दिया था।
पटना उच्च न्यायालय में इस फैसले को लेकर एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। मामले से जुड़े उच्च न्यायालय के एक सूत्र के अनुसार, याचिका की प्रति सूचीबद्ध करने से पहले महाधिवक्ता के कार्यालय को भेज दी गई है।
याचिका में बिहार आरक्षण (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) (संशोधन) अधिनियम, 2023 और बिहार (शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश में) आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ता ने इन अधिनियमों पर रोक लगाने की भी मांग की है। राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण 50 से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया गया है। वहीं ईडब्ल्यूएस कोटा को यथावत 10 फीसदी रखा गया है। इस तरह बिहार में आरक्षण का दायरा 50 से बढ़कर 75 फीसदी पहुंच गया है।
बिहार राज्य विधानमंडल ने 10 नवंबर को इस संशोधन को पारित किया, और 18 नवंबर को इसे राज्यपाल की मंजूरी मिल गई। इसके बाद बिहार सरकार ने 21 नवंबर को राज्य में आरक्षण का दायरा 50 से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के संबंध में एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया।
याचिका में यह तर्क दिया गया है कि यह संशोधन राज्य द्वारा आयोजित जाति सर्वेक्षण से प्राप्त आनुपातिक आरक्षण पर आधारित है। इस सर्वेक्षण के अनुसार बिहार राज्य में पिछड़े वर्गों (एससी, एसटी, ओबीसी और ईबीसी) की जनसंख्या 63।13% थी।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि संविधान के अनुच्छेद 16 (4) के अनुसार आरक्षण इन वर्गों (एससी, एसटी, ओबीसी) के आनुपातिक प्रतिनिधित्व के बजाय सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधित्व पर आधारित होना चाहिए।
याचिका में कहा गया है, ‘इसलिए, बिहार सरकार का यह अधिनियम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 (1) और अनुच्छेद 15(1) का उल्लंघन है। अनुच्छेद 16 (1) राज्य के तहत किसी भी कार्यालय में रोजगार या नियुक्ति से संबंधित मामलों में सभी नागरिकों के लिए समानता का अवसर प्रदान करता है। अनुच्छेद 15(1) किसी भी प्रकार के भेदभाव पर रोक लगाता है’।

रविवार, 26 नवंबर 2023

विभिन्न मांगों को लेकर संघ का विरोध-प्रदर्शन

विभिन्न मांगों को लेकर संघ का विरोध-प्रदर्शन 

इकबाल अंसारी 
श्रीनगर। भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) और जम्मू- कश्मीर सेब किसान संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रविवार को यहां श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव में विरोध-प्रदर्शन किया। सीटू की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता एम वाई तारिगामी ने कहा कि ट्रेड यूनियनों और सेब किसानों ने संयुक्त रूप से अपनी मांगों को लेकर देश भर में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं। 
एम वाई तारिगामी ने कहा, ‘‘सेब उद्योग को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। ईरान और अमेरिका से सेब के आयात पर रोक लगनी चाहिए, नहीं तो यहां इससे जुड़े लोगों को नुकसान होगा। हमारी मांग यह भी है कि सरकार अरबों रुपये कमाने वालों की तरह किसानों का भी कर्ज माफ करे।’’ उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी मिलना चाहिए।
उन्होंने कथित 'जनविरोधी, श्रमिक विरोधी और किसान विरोधी नीतियों' के लिए सरकार की आलोचना भी की। माकपा नेता ने जम्मू-कश्मीर में आम लोगों को हो रही समस्याओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर पिछले दो दशकों में सबसे खराब बिजली संकट का सामना कर रहा है और बिजली की भारी कमी से जूझ रहा है।
ऐसे समय में जब घाटी में तापमान शून्य से नीचे स्तर तक गिर गया है, लंबे और अनिर्धारित बिजली कटौती के कारण लोगों को अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल इस संकट का खामियाजा भुगत रहे हैं और उद्योगों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र भी पीड़ित हैं। ’’

अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण, शपथ दिलाई

अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण, शपथ दिलाई 

संदीप मिश्र 
बरेली। संविधान दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी समेत अन्य अफसरों ने कलेक्ट्रेट सभागार में संविधान के निर्माता बाबा साहब डाॅ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किए। 
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को संविधान के प्रति कर्तव्य निष्ठा का पालन करने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस का उद्देश्य भारत के नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाना है। इस अवसर पर एडीएम प्रशासन दिनेश मिश्रा, एडीएम वित्त एवं राजस्व संतोष बहादुर सिंह, नगर मजिस्ट्रेट रेनू सिंह सहित कलेक्ट्रेट के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...