मंगलवार, 21 नवंबर 2023

ओपीएस लागू किया, कानूनी दर्जा देने की कवायद

ओपीएस लागू किया, कानूनी दर्जा देने की कवायद
नरेश राघानी 
जयपुर। राजस्थान चुनाव में ‘ओपीएस’, कांग्रेस का ‘बी’ प्लान है। यानी, चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर रहती है, तो उस स्थिति में कांग्रेस ने अपने लिए सरकारी बूस्टर ‘ओपीएस’ पर भरोसा जताया है। ओपीएस लागू करने के बाद अब चुनावी घोषणा पत्र में उसे कानूनी दर्जा देने की बात कही गई है।
कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। मंगलवार को कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने चुनावी घोषणा पत्र जारी किया है।
घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष सीपी जोशी ने दूसरे मुद्दों के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों पर भी अपना फोकस किया है। उन्होंने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के लिए कानून बनाने की बात कही है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजस्थान चुनाव में ‘ओपीएस’, कांग्रेस का ‘बी’ प्लान है। यानी, चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर रहती है, तो उस स्थिति में कांग्रेस ने अपने लिए सरकारी बूस्टर ‘ओपीएस’ पर भरोसा जताया है। राजस्थान में ओपीएस लागू हो चुका है।
अब चुनावी घोषणा पत्र में उसे कानूनी दर्जा देने की बात कही गई है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि पुरानी पेंशन का मुद्दा, उनके लिए फायदे का सौदा बनेगा। इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के चुनाव में भी ओपीएस का वादा किया था। दोनों राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी है।
कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कई बातें कही हैं। इनमें चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा की राशि 25 लाख रुपये से बढ़ाकर ’50 लाख रुपये’ करना शामिल है। इसके अलावा जाति आधारित गणना, 4 लाख सरकारी नौकरियां, 10 लाख नए रोजगार, किसानों को 2 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त कर्ज, एमएसपी के लिए कानून बनाना और गैस सिलेंडर 400 रुपये में, इन सब बातों को भी चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया गया है।
कांग्रेस पार्टी की महासचिव एवं स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने अपनी रैलियों में ‘ओपीएस’ का खूब जिक्र किया है। राजस्थान चुनाव में ‘पुरानी पेंशन’ को लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूरी तरह आश्वस्त नजर आते हैं। उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच चुनावी मुकाबला, कांटे की टक्कर में बदलता है, तो उस स्थिति में सरकारी कर्मियों व उनके परिजनों का वोट कांग्रेस पार्टी के लिए किसी बूस्टर से कम नहीं होगा।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तेज सिंह राठौड़ भी मानते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने ओपीएस लागू कर और अब इसके लिए कानून बनाने की बात कह कर कर्मियों को अपनी तरफ करने का प्रयास किया है। कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में ‘ओपीएस को कानूनी दर्जा’, इसे शामिल करने का मतलब है कि कांग्रेस ने ‘ओपीएस’ को केवल एक चुनावी गारंटी तक सीमित नहीं रखा है।
कांग्रेस पार्टी कह सकती है कि पहले ओपीएस लागू किया गया और अब उसे कानूनी दर्जा प्रदान करने का भरोसा दे दिया है। हालांकि इस मामले में बहुत कुछ ठोस नहीं है। दूसरी पार्टी की सरकार आती है तो उस स्थिति में यह कानूनी दर्जा खत्म भी हो सकता है। दूसरे दल की सरकार, अपने मुताबिक, कानून में बदलाव कर सकती है।
भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में ‘ओपीएस’ को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। कर्मियों का एनपीएस में जमा पैसा, भारत सरकार के नियंत्रण में है। ‘पेंशन फंड एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी’ (पीएफआरडीए) में जमा पैसा, केंद्र की मर्जी के बिना राज्यों को नहीं दिया जा सकता। केंद्र सरकार, इस बाबत पहले ही इनकार कर चुकी है।

नए कानून से शिक्षकों की सर दर्दी बड़ी: यूपी

नए कानून से शिक्षकों की सर दर्दी बड़ी: यूपी
हरिओम उपाध्याय 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्कूलों में योगी सरकार ने नया नियम लागू कर दिया है, जिससे शिक्षकों की सिरदर्दी बढ़ गई है। यह नया नियम सोमवार से यूपी के सात जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू हो गया है, जिसका शिक्षकों ने एकजुट होकर विरोध किया है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक के अनुसार, यह नियम अगले महीने से पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
दरअसल, स्कूल शिक्षा, महानिदेशक विजय किरन आनंद की ओर हाल ही में एक आदेश जारी किया गया कि अब से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी होगी। यह सिस्टम ऑनलाइन रहेगा। साथ ही स्कूल में बच्चों की भी हाजिरी इसी तरीके से लगानी होगी।
बायोमेट्रिक हाजिरी को लेकर कुछ इस तरह से व्यवस्था बनाई गई है कि शिक्षक और छात्र स्कूल परिसर में ही हाजिरी लगा सकेंगे। इससे शिक्षकों की मनमानी पर रोक लग सकती है। अब तक हाजिरी का ब्योरा कागजी प्रक्रिया पर आधारित था, जिसे अब खत्म किया जा रहा है।
डिजिटल हाजिरी के लिए सभी स्कूलों में टेबलेट भी दिया जाएगा। वहीं, यह भी कहा गया है कि शिक्षकों को स्कूल में नियमित रूप से ड्यूटी करनी होगी। नए नियम के अनुसार, अगर शिक्षक 15 मिनट से ज्यादा लेट होते हैं तो उनके पूरे दिन का वेतन कट जाएगा।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के मत संग्रह अभियान में बड़ी संख्या में अभिभावक जुटे और उन्होंने इस व्यवस्था को वापस लेने की मांग की। अगले दो दिन तक मत संग्रह अभियान चलेगा और फिर इसके आधार पर आंदोलन की रणनीति तैयार होगी। हालांकि, स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने नियम का पालन न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है।

सीमा के पति की गोली मारकर हत्या, सच जानिए

सीमा के पति की गोली मारकर हत्या, सच जानिए
अकाशुं उपाध्याय 
नई दिल्ली। पाकिस्तान से भागकर आईं सीमा हैदर ग्रेटर नोएडा के पास सचिन मीणा के साथ घर बसाकर खुश हैं। सीमा और सचिन की आए दिन कोई ना खबर या वीडियो सोशल मीडिया पर दिखती रहती हैं। इस बीच सीमा हैदर के पति सचिन मीणा को लेकर एक न्यूज तेजी से फैल रही है, जिसमें दावा किया गया है कि सचिन की हत्या कर दी गई है। ऐसे में क्या है वायरल न्यूज की सच्चाई जानिए।
सीमा हैदर के पति सचिन की किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी है। इसी के साथ दावा किया जा रहा है कि पति की मौत के बाद सीमा हैदर पूरी तरह से टूट चुकी हैं। वहीं इसी के साथ एक पुलिस अधिकारी का बयान भी वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुर पर एक न्यूज वीडियो तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें बताया जा रहा है कि सचिन मीणा की किसी ने हत्या कर दी। वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि “सीमा हैदर के पति सचिन का किसी ने कर दिया खून।“
इसी के साथ वीडियो के अंदर सीमा हैदर के रोने की तस्वीरें भी हैं। वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह घटना स्थल का वीडियो है। इसी के साथ एक पुलिस अधिकारी घटना के बारे में बता रहा है। हालांकि इसे लेकर पूरी जानकारी नहीं दी है।
20 घंटे पहले शेयर किए गए वीडियो पर अब तक 7 मिलियन से ज्यादा व्यूज आ चुके है। वहीं यूजर भी इसे जबरदस्त तरीके से शेयर रहे हैं। ऐसे में जब इस वीडियो की पड़ताल की तो यह वीडियो पूरी तरह से फेक साबित हुई। हमारी पड़ताल में सचिन मीणा के साथ किसी भी अनहोनी की खबर नहीं है। किसी भी न्यूज चैनल या मीडिया आउटलेट ने इस खबर को नहीं चलाया है। ऐसे में यह वीडियो पूरी तरह से भ्रामक हैं।

डीएम की गाड़ी से कुचलकर 3 लोगों की मौत

डीएम की गाड़ी से कुचलकर 3 लोगों की मौत 
अविनाश श्रीवास्तव 
मधेपुरा। बिहार में मधेपुरा डीएम की गाड़ी से कुचल कर 3 लोगों की मौत हो गई। जबकि दो लोग गंभीर तौर पर घायल हो गए हैं। घटना फुलपरास थाना क्षेत्र की बताई जा रही है। हादसा उस वक्त हुआ जब डीएम की गाड़ी मधेपुरा की ओर जा रही थी। इसी दौरान गाड़ी अनियंत्रित हो गई। और सड़क किनारे काम कर रहे मजदूर गाड़ी की चपेट में आ गए। इस दौरान मौके पर ही एक मजदूर, महिला और बच्चे की मौत हो गई। वहीं घटना के बाद से डीएम विजय प्रकाश मीणा और ड्राइवर कार छोड़कर भाग गए। जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने डीएम की गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसा सुबह करीब 8 बजे हुआ और हादसे के तुरंत बाद डीएम और उनके स्टाफ बाइक पर सवार होकर भाग निकल गए। उन्होंने बताया कि गाड़ी ने पहले महिला और बच्चे को टक्कर मारी और बाद में एनएच-57 पर काम कर रहे मजदूरों को टक्कर मार दी। मजदूर राजस्थान के रहने वाले हैं। दोनों घायलों को इलाज के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया, जिसमें एक की मौत हो गई। इस हादसे में कुल तीन लोगों की मौत हुई है। जिसमें में 27 वर्षीय गुरिया देवी और उनकी 7 वर्षीय बेटी भी शामिल हैं। डीएमसीएच में मरने वाले मजदूर की पहचान राजस्थान के अशोक सिंह के रूप में की गई है।
दुर्घटना के तुरंत बाद जुटे सैकड़ों लोगों ने वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया और एनएच-57 को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने वाहन में सवार लोगों की गिरफ्तारी की मांग की और पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। बार-बार प्रयास के बाद भी डीएम से संपर्क नहीं हो सका। वहीं इस मामले पर जिला जन संपर्क पदाधिकारी कुंदन कुमार सिंह ने बताया कि घटना के वक्त गाड़ी में डीएम मौजूद नहीं थे। गाड़ी में तकनीकी समस्या थी, और रिपेयर के लिए जानी थी। लेकिन आने-जाने के दौरान दुर्घटना हो गई। हालांकि अभी तक डीएम विजय प्रकाश मीणा की ओर से कोई बयान नहीं आया है।

फर्जी दरोगा बन शख्स ने अवैध वसूली शुरू की

फर्जी दरोगा बन शख्स ने अवैध वसूली शुरू की
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। असल में दरोगा न बन पाया तो फर्जी दरोगा बन शख्स ने लोगों से अवैध वसूली शुरु कर दी,, मगर मुजफ्फरनगर के शख्स से पांच हजार रुपये की वसूली की कोशिश फर्जी दरोगा पर भारी पड गई। उसके बाद जिस तरह फर्जी दरोगा की गिरफ्तारी हुई वह मामला ओर भी दिलचस्प है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरनगर जिले के थाना जानसठ क्षेत्र के गांव चितौड़ा के रहने वाले महेंद्र सिंह शनिवार को कार से दिल्ली जा रहे थे। निवाड़ी थाना क्षेत्र में गंग नहर पटरी मार्ग पर दरोगा की वर्दी में खड़े आरोपी शिवकुमार ने चेकिंग के बहाने कार रुकवा ली। जबरन कार में बैठकर उसने रिश्वत के रूप में पांच हजार रुपये मांगे। इनकार करने पर कार सीज करने की धमकी दी। इस बीच वह आरोपी को पहचान गए। उसने लगभग डेढ़ साल पहले महेंद्र सिंह की बहन को नौकरी दिलाने के नाम पर डेढ़ लाख रुपये की ठगे थे।
उन्होंने चालाकी दिखाते हुए आरोपी को कार में बैठा लिया। इसके बाद कार सौंदा पुलिस चौकी के सामने रोक दी। पुलिस चौकी सामने देख आरोपी घबरा गया और उतरकर भागने का प्रयास करने लगा। शोर मचाने पर पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह वर्दी का रौब दिखाकर लोगों को ठगता था। खासकर उन जगहों पर चेकिंग करता था, जहां पुलिस तैनात नहीं होती थी। एसीपी ने बताया कि आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
मेरठ के माछरा गांव का रहने वाला आरोपी शिवकुमार दरोगा बनना चाहता था। इसके लिए परीक्षा भी दी थी लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। इसके बाद उसने फर्जीवाड़ा शुरू किया और दरोगा की वर्दी तैयार कराई। वह अक्सर दरोगा की वर्दी में ही रहता था। वर्दी पर स्टार लगा था और कैप भी दरोगा वाली थी। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी ने कंधे पर लगे स्टार को तोड़कर गंग नहर में फेंक दिया।

वायु प्रदूषण: गाजियाबाद शीर्ष स्थान पर कायम

वायु प्रदूषण: गाजियाबाद शीर्ष स्थान पर कायम
इकबाल अंसारी 
लखनऊ। यूपी के कईं जिलों में हवा जहरीली हो चुकी है। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कईं जिलों में हो हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है। प्रदेश के जिलों को प्रदूषण स्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को मेरठ, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में बारिश होने के प्रदूषण स्तर कम हुआ। इस समय ज्यादातर जिलों का एक्यूआई लगभग 200 अंक के पार पहुंच गया।
सभी जिलों का प्रदूषण स्तर बढ़ गया। सर्दियों के मौसम में हर साल प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण के कारण तमाम बीमारियां होती है, जिसमें स्किन एलर्जी, अस्थमा, आंख इन्फेक्शन शामिल हैं। लेकिन, फॉग व प्रदूषण स्तर काफी कम हो गया है।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रात आठ बजे की रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद का एक्यूआई 358, नोएडा का एक्यूआई 319, मेरठ का एक्यूआई 365, मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 247, प्रयागराज का एक्यूआई 215, गोरखपुर का एक्यूआई 194, वाराणसी का एक्यूआई 162, नोएडा का एक्यूआई 275, प्रतापगढ़ का एक्यूआई 132, लखनऊ का एक्यूआई 197, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 324, कानपुर का एक्यूआई 101 और वृंदावन का एक्यूआई 108 है।
राजधानी लखनऊ के इंडस्ट्रियल क्षेत्र का प्रदूषण स्तर के मामले में हमेशा हाल खराब रहता है. यहां पर हमेशा प्रदूषण स्तर बढ़ा रहता है। लेकिन, सोमवार को बारिश होने के बाद प्रदूषण स्तर कम हो गया है। ताल कटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 186, केन्द्रीय विद्यालय लखनऊ का एक्यूआई 239, लालबाग का एक्यूआई 249, गोमतीनगर का एक्यूआई 144, अंबेडकर नगर विवि का एक्यूआई 168 और कुकरैल पिकनिक स्पॉट का एक्यूआई 192 हैं।
यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. उमेश चन्द्र शुक्ला ने कहा कि बीते दिन की तुलना में शनिवार को बारिश होने के बाद सभी जिलों का प्रदूषण स्तर काफी कम हो गया है। हालांकि, यह बारिश होने के बाद हुआ है। प्रदूषण स्तर को कंट्रोल करने के लिए नगर निगम की मदद से फॉगिंग करायी जा रही है। इस समय मौसम साफ हुआ है। प्रदूषण स्तर पहले के मुकाबले कम हो गया है। अब आम पब्लिक को यह समझना होगा कि दिवाली पर पटाखे जलाने से प्रदूषण बढ़ता है।

हड़ताल की चेतावनी, 4 करोड़ का भुगतान मंजूर

हड़ताल की चेतावनी, 4 करोड़ का भुगतान मंजूर 
भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। नगर पालिका कार्यालय में कहासुनी के बाद कर्मचारियों द्वारा एक हिंदू नेता की पिटाई किए जाने का आरोप है। मारपीट के बाद कर्मचारियों ने हडताल पर जाने का ऐलान करते हुए दफ्तरों में ताले जड दिए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक शहर के सिविल लाइन निवासी नागरिक पुष्पेंद्र कुमार हिंदू संगठन के कार्यकर्ता भी हैं। वह किसी कार्य से पालिका कार्यालय टाउनहॉल पहुंचे थे। वह ईओ हेमराज सिंह से मिलने पहुंचे, लेकिन कार्यालय बंद मिला।
एक कर्मचारी से पूछने पर पता चला कि ईओ नहीं आए हैं। इस पर पुष्पेंद्र कुमार और कर्मचारियों के बीच कहासुनी हो गई। आरोप है कि इसके बाद हिंदूवादी नेता की पिटाई की गई। बाद में कुछ अन्य कर्मचारी बीच में आए और मामले को संभाला।
इसके बाद पुष्पेंद्र कुमार कोतवाली पुलिस के साथ पालिका पहुंचे और कई कर्मचारियों पर मारपीट करने के आरोप लगाया। टाउनहॉल पहुंचे पुलिसकर्मियों ने मामले की जानकारी ली। आरोपी बताए गए कर्मचारियों को थाने बुलाया गया।
इसके बाद कर्मचारियों में रोष बन गया। स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन के शाखा अध्यक्ष ब्रजमोहन और महामंत्री सुनील वर्मा के साथ कर्मचारियों ने कामकाज बंद करते हुए कार्यालयों में तालाबंदी कर दी। कर्मचारी कार्यालय परिसर में एकत्रित होकर प्रदर्शन करने लगे।
कर्मचारी संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं पालिका के कार्यवाहक कार्यालय अधीक्षक ओमवीर सिंह के नेतृत्व में शहर कोतवाली पहुंचे तथा पुष्पेंद्र पर कार्यालय में अभद्रता करने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, सरकारी दस्तावेजों को उठाकर फेंकने तथा हंगामा व अभद्रता करने के आरोप लगाते हुए तहरीर दी। कर्मचारियों ने शहर कोतवाली प्रभारी से मिलकर आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। संगठन के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया तो अनिश्चितकाल के लिए पालिका को बंद कर दिया जाएगा और आंदोलन पर चले जाएंगे।
शहर कोतवाल महावीर सिंह ने कहा कि दोनों ही पक्षों की ओर से पुलिस को शिकायत मिली है। मामले में जांच की जा रही है। पालिका कर्मियों के प्रदर्शन के दौरान कर अधीक्षक नरेश कुमार शिवालिया, ओमवीर सिंह, ब्रजमोहन सिंह, सुनील वर्मा, तनवीर आलम, कैलाश कुमार, राजीव वर्मा, गगन महेंद्र, मोहम्मद सालिम, मैनपाल सिंह, अशोक ढींगरा, मनोज कुमार, फिरोज खान, दुष्यंत कुमार, अशोक पाल, सोनू मित्तल, प्रवीण कुमार, संदीप यादव, गोपीचंद वर्मा, आकाश दीप, नदीम खां, सतेंद्र कुमार, विकास कुमार, अभिषेक, नितिन कुमार आदि कर्मचारी शामिल रहे।
उधर, चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने कहा कि समस्या का समाधान कराया जाएगा। ईओ बीमार हैं, जिस कारण वह नियमित रूप से कार्यालय नहीं पहुंच पा रही हैं। दोनों पक्षों से बात की जाएगी।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...