बुधवार, 8 नवंबर 2023

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  


1. अंक-353, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. बृहस्पतिवार, नवंबर 09, 2023

3. शक-1944, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:11, सूर्यास्त: 06:13।

5. न्‍यूनतम तापमान- 16 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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मंगलवार, 7 नवंबर 2023

7 नवंबर से वाहनों का आवागमन शुरू, अनुमति

7 नवंबर से वाहनों का आवागमन शुरू, अनुमति  

संदीप मिश्र 
मिर्जापुर। लुंबिनी-दुद्धी मार्ग पर गंगा नदी पर बने शास्त्री पुल की मरम्मत और लोड टेस्टिंग की। रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने सात नवंबर से भारी वाहनों का आवागमन शुरू कराने की अनुमति दी है। पुल पर 18 चक्का वाहनों के आवागमन की अनुमति मिली है। 18 चक्का वाहन पर 34 टन तक का माल लदा होना चाहिए। इससे ऊपर अथवा ओवरलोड वाहनों का आवागमन नहीं होगा। पुल से भारी वाहनों का आवागमन होने से ट्रांसपोर्ट और क्रशर प्लांट व्यवसाय को संजीवनी मिलेगी।
शास्त्री पुल 1976 में बना था। पुल की आयु 50 वर्ष थी। जो पूरी हो गई है। पुल की तीन बार मरम्मत कराई जा चुकी है। वर्ष 2021 में चार करोड़ 62 लाख से पुल की मरम्मत कराई गई थी। इसमें पुल की बेयरिंग बदली गई। बीम ग्राउटिंग का कार्य हुआ। फुटपाथ रिपेयरिंग और रेलिंग की पेटिंग हुई। मरम्मत के बाद चार माह भी पुल नहीं चला। उसमें खराबी आने लगी। जिसके बाद नवंबर 2020 में पुल से खाली ट्रकों के आवागमन पर भी रोक लगा दी गई। सिर्फ छोटे वाहनों का संचालन हो रहा था। इसके बाद पुल की मरम्मत के लिए सात करोड़ 48 लाख रुपये का बजट मिला। जून 2023 से पुल की मरम्मत का कार्य शुरू हुआ। पांच माह बाद पुल की मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है। इस बार पुल के 28 स्पान में कार्बन फाइबर रैपिंग, केबल ग्राउटिंग के कार्य किए गए हैं। इसके बाद 27 अक्तूबर को पुल की लोड टेस्टिंग की गई। लोड टेस्टिंग की रिपोर्ट सोमवार को आ गई। सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक आरएस उपाध्याय ने बताया कि पुल की लोड टेस्टिंग रिपोर्ट में मानक के अनुसार यातायात सुरक्षित पाया गया। जिसते बाद जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने सात नवंबर से पुल रक यातायात प्रारंभ किए जाने का निर्देश जारी किया। पुल से ओवरलोड वाहनों का अवागमन नहीं होगा। सिर्फ 18 चक्का तक के वाहनों का ही आवागमन होगा। आरटीओ संजय तिवारी ने बताया कि 18 चक्का वाहन में मानक के अनुसार 34 टन माल लदा होना चाहिए। खाली ट्रक का वजन अलग है। सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक आरएस उपाध्याय का कहना है कि शास्त्री पुल की मरम्मत और लोड टेस्टिंग के बाद 18 चक्का वाहनों को आने-जाने की अनुमति दे दी गई है। सात नवंबर से आवागमन शुरू हो सकेगा।

सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से बैठक

सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से बैठक 

दीपावली, धनतेरस के मद्देनजर थानाध्यक्ष ने की पीस कमेटी की बैठक

कौशाम्बी। आगामी धनतेरस, दीपावली, भाईदूज और छठ महापर्व पर सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से मगंलवार को चरवा थाना परिसर में बैठक हुई। बैठक में नगर पंचायत अध्यक्ष, ग्राम प्रधान, सम्मानित लोग उपस्थित हुए। थानाध्यक्ष बलराम सिंह ने कहा कि त्योहार कोई भी हो सभी का उद्देश्य जीवन को खुशियों से भरना होता है। इसलिए सभी लोग सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। कोई भी ऐसा कार्य न करें, जिससे खुशियों को ग्रहण लगे। पटाखा व्यापारियों से कहा कि पटाखे के अस्थाई लाइसेंस के लिऐ प्रारूप दिया गया, जिसे भरकर ही दुकान लगाएं। कस्बे में अवैध भंडारण नहीं किया जाएगा। पटाखा की दुकान लगाने के लिए स्थान चिह्नित कर लिया गया है, दुकानें वहीं पर लगाई जाएंगी। दुकानों के पास ड्रम, पानी, बालू, बाल्टी इत्यादि का इंतजाम जरूर रखें। इसके अलावा पटाखा चलाते समय भी सावधानी बरतें। बैठक में प्रमुख रूप से चेयरमैन जगनारायन पासी, हीरा केशरवानी,अशर्फी लाल, संजय पासी, रंजीत यादव,, लालता प्रसाद,राम भवन यादव, लल्ला सिंह यादव,उपनिरीक्षक  गिरीश सिंह, उपनिरीक्षक अयोध्या प्रसाद यादव, उपनिरीक्षक भगवान राम, उपनिरीक्षक सुनील कुमार यादव, उपनिरीक्षक रवि शंकर, व क्षेत्र के सम्मानित लोग मौजूद रहे।
गणेश साहू

कांग्रेस का मुकाबला केंद्रीय एजेंसियों से हैं

कांग्रेस का मुकाबला केंद्रीय एजेंसियों से हैं

नरेश राघानी 
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपाा) पर निशाना साधते हुए कहा कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला भाजपा के बजाय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियों से हैं। गहलोत कांग्रेस की 'गारंटी यात्रा' के दौरान जयपुर के आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मुकाबला नहीं कर पा रही भाजपा अब झूठे आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा,‘‘ वे हमारे कामों के बारे में कोई बात नहीं कर रहे हैं।वे हमारी गारंटियों के बारे में कोई बात नहीं कर रहे हैं। उनके पास कहने को कुछ नहीं है। हमने सात गारंटियों की बात की है। उनके पास इसका कोई जवाब नहीं है ... हमारा मुकाबला भाजपा की बजाय ईडी , आयकर विभाग और सीबीआई से है।’’
ईडी ने हाल में जयपुर और सीकर में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और दौसा में महवा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ओमप्रकाश हुड़ला के परिसरों की तलाशी ली थी। गहलोत ने आरोप लगाया कि धमकाने के लिए, प्रताड़ित करने के लिए ईडी का उपयोग किया जाना लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने कहा,‘‘ देश में जम्हूरियत के लिए खतरा पैदा हो गया। 
संविधान की धज्जियां उड़ रहीं हैं... अगर संविधान नहीं बचेगा, कानून का राज नहीं रहेगा तो कोई सुरक्षित नहीं रहेगा।’’ इससे पहले मुख्यमंत्री, पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कांग्रेस की 'गारंटी यात्रा' शुरू की। इस यात्रा के तहत पार्टी गलोत द्वारा घोषित सात 'गारंटियों' को आम जनता तक लेकर जाएगी। राजस्थान विधानसभा की 200 सीट के लिए मतदान 25 नवंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती तीन अक्टूबर को होगी।

बिरदी को कश्मीर क्षेत्र का 'आईजीपी' नियुक्त किया

बिरदी को कश्मीर क्षेत्र का 'आईजीपी' नियुक्त किया 

इकबाल अंसारी 
श्रीनगर। भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी वी के बिरदी को मंगलवार को कश्मीर क्षेत्र का पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नियुक्त किया गया। एजीएमयूटी कैडर के 2003 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बिरदी, विजय कुमार का स्थान लेंगे, जिन्हें जम्मू कश्मीर का एडीजीपी (कानून व्यवस्था) नियुक्त किया गया है।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक आदेश में कहा कि बिरदी को कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक के रूप में तैनात किया गया है। इसमें कहा गया है कि इसके अलावा, अधिकारी अगले आदेश तक आईजीपी सशस्त्र कश्मीर के पद का कार्यभार भी संभालेंगे।

पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ना चाहिए

पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ना चाहिए

अविनाश श्रीवास्तव 
पटना। बिहार सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जातीय गणना से जुड़ी रिपोर्ट पेश की है। मंगलवार को  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में आरक्षण बढ़ाने के मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ना चाहिए। उन्होंने सदन में प्रस्ताव रखा कि इसे 50 की जगह 65 फीसद किया जाए. ईडब्ल्यूएस के 10 फीसद को मिलाकर आरक्षण 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है।
सीएम ने जातीय गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाने वालों को भी जवाब दिया और सदन में कहा कि कहीं-कहीं कोई बोल देता है कि इस जाति की संख्या बढ़ गई तो उस जाति की संख्या बढ़ गई।
अब यह बताएं कि जब इसके पहले जाति आधारित गणना हुई ही नहीं तो आप कैसे कह रहे हैं कि इस जाति की संख्या घट गई और उस जाति की संख्या बढ़ गई? यह बहुत बड़ा फरेब है। यह सब नहीं बोलना चाहिए, कि जब भी हुआ है, केंद्र सरकार ने कराया है।

स्वस्तिक चिह्न को नफरत फैलाने वाला चिह्न बताया

स्वस्तिक चिह्न को नफरत फैलाने वाला चिह्न बताया

अखिलेश पांडेय 
ओटावा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो एक बार फिर भारत की भावना को आहत करने कोशिश की है। इस बार उन्होंने भारत के पवित्र चिन्ह स्वस्तिक पर निशाना साधा है। उन्होंने स्वस्तिक चिह्न को नफरत फैलाने वाला चिह्न बताया है। उन्होंने हाल में कनाडा की राजधानी में आयोजित फिलिस्तीन समर्थक रैली में पार्लियामेंट हिल पर स्वस्तिक चिह्न दिखाने पर आलोचना की है।
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने ऑफिशियल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि जब हम किसी भी घृणित भाषा और चिन्ह को देखते या सुनते हैं तो हमें इसकी निंदा करनी चाहिए‌। पार्लियामेंट हिल पर किसी व्यक्ति की तरफ से स्वस्तिक का प्रदर्शन करना मान्य नहीं है। कनाडाई लोगों को शांतिपूर्वक रैली करने का अधिकार है, लेकिन हम यहूदी विरोधी भावना, इस्लामोफोबिया या किसी भी अन्य तरह की नफरत फैलाने वाले चीजों को बर्दाश्त नहीं कर सकते।

स्वस्तिक चिह्न को बैन लगाने वाला विधेयक
आपको बता दें कि कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो स्वस्तिक चिह्न को बैन लगाने वाला एक विधेयक भी ला चुकी है। हालांकि, वो अभी तक पास नहीं हुआ है। इस तरह से कनाडा की सरकार हिंदू धर्म के आस्था के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रही है।साल 2022 में कनाडा सरकार ने हेटफुल चिह्न पर बिल लाने की कोशिश की थी, जिसके अंतर्गत नफरत को बढ़ावा देने वाले चिन्ह पर बैन लगाने की तैयारी थी।
इस बिल में हिंदू आस्था का प्रतीक माने जाने वाला स्वस्तिक भी शामिल था। आपको बता दें कि स्वस्तिक का नफरत से कोई लेना-देना नहीं है। ये हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाने वाला पवित्र चिह्न है। किसी भी शुभ काम में इस चिन्ह को पवित्रता का प्रतीक मान कर घर या मकानों पर बनाया जाता है। इसमें चार बिंदु होते, जो अलग-अलग तरह से अच्छे और शुभ संकेतों का प्रतीक माना जाता है।
भारत की आस्था को धूमिल करने की कोशिश
आपको बता दें कि बीते कुछ सालों से पश्चिमी देश स्वस्तिक चिह्न को जर्मनी के तानाशाह हिटलर की सेना में इस्तेमाल किए जाने वाले नाजी चिन्ह से जोड़कर देखते हैं। हालांकि, स्वस्तिक चिह्न का नाजी चिह्न से कोई वास्ता नहीं है। दोनों में कई तरह के अंतर है। एक तरफ जहां नाजी चिह्न 45 डिग्री झुकी हुई है, वहीं दूसरी तरफ स्वस्तिक में ऐसी कोई समानता नहीं है। कनाडा इस तरह से हिंदुओं के आस्था को धूमिल करने की नीची हरकत कर रहा है। हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। लेकिन भारत ने इन आरोपों को बेतुका करार दिया था।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...