गुरुवार, 2 नवंबर 2023

‘मतदाता पंजीकरण केन्द्र’ का शुभारंभ किया

‘मतदाता पंजीकरण केन्द्र’ का शुभारंभ किया 

भानु प्रताप उपाध्याय 
शामली। “विद्या भारती” अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से सम्बद्ध सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज, शामली में ‘‘मतदाता पंजीकरण केन्द्र’’ का शुभारम्भ किया गया। उक्त कार्यक्रम में संस्था के प्रधानाचार्य आनन्द प्रसाद शर्मा ने भारत की लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए बताया कि लोकतन्त्र में मतदाता की भूमिका प्राथमिक होती है। 
भारतीय लोकतन्त्र में 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले नागरिकों को मतदाता सूची में अपना नाम पंजीकृत कराने का अधिकार प्रदत्त है। आगामी वर्ष में लोकसभा चुनाव होना निश्चित है इसके लिए शासन के निर्देशानुसार मतदाता जागरूकता अभियान के अन्तर्गत गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी दिनांक 02 नवम्बर 2023 को जनपद में एक साथ 100 मतदाता पंजीकरण केन्द्र का शुभारम्भ किया जाना है। इसी व्यवस्था के अनुरूप छात्रों के माध्यम से समाज में मतदाता जागरूकता अभियान संचालित हो सके तथा भारतीय लोकतन्त्र में मतदाता की भूमिका प्रभावी बन सके इस हेतु अपने विद्यालय में भी मतदाता पंजीकरण केन्द्र का शुभारम्भ किया गया है।
विद्यालय के भैया प्रीत पाराशर को चुनाव का ब्रांड एम्बेसडर बनाकर मतदाता पंजीकरण केन्द्र का शुभारम्भ किया गया।
इस अवसर पर मुख्यरूप से संस्था के उपप्रधानाचार्य मलूक चन्द, नीटू कश्यप, अरविन्द कुमार, अंकित भार्गव, वसीम खान, मोहित कुमार, रजत मित्तल आदि उपस्थित रहे।

बेरोजगारी का मुद्दा, सरकार पर निशाना साधा

बेरोजगारी का मुद्दा, सरकार पर निशाना साधा

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस ने बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी की स्थायी विरासत रिकॉर्ड बेरोजगारी है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महासचिव जयराम रमेश ने ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी दर 10 प्रतिशत के पार चली गई है।
खरगे ने एक बयान में कहा, ‘‘देश में बेरोज़गारी दर 10 प्रतिशत के पार है। मंदी और महंगाई के बीच मोदी सरकार ने ऐसा “बेरोज़गारी मेला” लगाया है जो करोड़ों युवाओं को दर-दर भटकने पर मजबूर कर रहा है। नरेन्द्र मोदी जी, आप पीआर स्टंट करके, जो कुछ हज़ार “पहले से स्वीकृत’ पदों पर भर्ती पत्र बांटने का काम करते हैं, वो उन युवाओं की उम्मीदों और ज़ख़्मों पर नमक छिड़कने जैसा है, जिन्हें सालों से नौकरियों का इंतज़ार है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आपकी (प्रधानमंत्री) ज़्यादतियों का ख़ामियाज़ा सबसे अधिक एससी, एसटी, ओबीसी व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। कोविड के दौरान गई नौकरियों में से 90 लाख अच्छे वेतन वाली नौकरियां बिलकुल ग़ायब हो गई हैं।’’ खरगे के मुताबिक, ग्रामीण भारत का हाल बदहाल है तथा मनरेगा में 20 प्रतिशत मांग बढ़ गई है, जो ऐतिहासिक 10.8 प्रतिशत बेरोज़गारी दर से साफ़ दिखता है।
उन्होंने कहा कि सरकार के आंकड़े खुद कहते हैं कि स्नातक की पढ़ाई करने वाले युवाओं में बेरोज़गारी दर 13.4 प्रतिशत है। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘अब आपके झूठे विज्ञापन और ध्यान भटकाने की नीति की नई तरकीबें नहीं चलेंगी। पांच राज्यों के चुनाव हों या आगामी लोकसभा चुनाव, भारत का युवा, अपने क़सूरवार से बदला ज़रूर लेगा।’’
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत का बढ़ता मोदी-निर्मित आर्थिक संकट नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है। सीईएम के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में बेरोज़गारी दर अब 10 प्रतिशत से ऊपर है, जो 2 वर्षों में सबसे अधिक है। जबकि यह पहले ही पांच दशकों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी थी। ग्रामीण बेरोज़गारी अब 10.8 प्रतिशत है।’’ उनका कहना है कि ‘‘बेरोज़गारी का संकट गंभीर है यह मनरेगा के तहत काम की रिकॉर्ड मांग से और भी स्पष्ट हो गया है।
मनरेगा करोड़ों भारतीयों के लिए रोज़गार का आख़िरी सहारा है। इसके तहत काम मांगने वालों की संख्या पिछले वर्ष से 20 प्रतिशत बढ़ गई है। काम की मांग करने वाले परिवारों की संख्या 2019 में कोविड-19 महामारी से पहले की तुलना में भी अधिक है।’’ रमेश ने दावा किया कि आंकडों से साफ़ होता है कि आर्थिक सुधार की सभी बातें पूरी तरह से सिर्फ़ दिखावा हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अक्टूबर 2023 में एक करोड़ भारतीयों ने श्रम बाजार में प्रवेश किया। इनमें से लाखों को काम नहीं मिल पाएगा। अभी पिछले हफ़्ते ही ख़बर आई थी कि सैकड़ों इंजीनियरों ने सरकारी चपरासी की नौकरी के लिए आवेदन किया है। इंफोसिस और विप्रो ने कहा है कि वे इस साल कॉलेजों से प्लेसमेंट नहीं करेंगे। अधिकांश भारतीय, विशेष रूप से शिक्षित युवा, मोदी मेड आर्थिक संकट से पीड़ित हैं।’’
कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी की स्थायी विरासत रिकॉर्ड बेरोज़गारी है। इसलिए सरकार इस समस्या को छिपाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाएगा, ध्यान भटकाने के प्रयास होंगे और लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जाएगी। लेकिन भारत का युवा सच जानता है। अब प्रधानमंत्री के रिटायर होने का समय आ गया है।’’

चुनावी बॉण्ड योजना की वैधता को चुनौती, सुनवाई

चुनावी बॉण्ड योजना की वैधता को चुनौती, सुनवाई 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक दलों के चंदे से संबंधित चुनावी बॉण्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी कर ली और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की संविधान पीठ ने 31 अक्टूबर को चार याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई शुरू की थी।
इनमें कांग्रेस नेता जया ठाकुर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा गैर-सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) की याचिकाएं शामिल हैं। सरकार की ओर से दो जनवरी 2018 को अधिसूचित इस योजना को ‘राजनीतिक फंडिंग’ में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत विभिन्न दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में पेश किया गया था। 
योजना के प्रावधानों के अनुसार, चुनावी बॉण्ड भारत के किसी भी नागरिक या भारत में निगमित या स्थापित इकाई द्वारा खरीदा जा सकता है। कोई भी व्यक्ति अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बॉण्ड खरीद सकता है। केवल जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत राजनीतिक दल और लोकसभा या राज्य विधानसभा के पिछले चुनाव में कम से कम एक प्रतिशत वोट हासिल करने वाले दल चुनावी बॉण्ड प्राप्त करने के पात्र हैं। 
अधिसूचना के अनुसार, चुनावी बॉण्ड को पात्र राजनीतिक दल द्वारा केवल अधिकृत बैंक के खाते के माध्यम से भुनाया जाएगा। शीर्ष अदालत ने अप्रैल 2019 में चुनावी बॉण्ड योजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और यह स्पष्ट कर दिया था कि वह याचिकाओं पर गहन सुनवाई करेगी, क्योंकि केंद्र और निर्वाचन आयोग ने ‘महत्वपूर्ण मुद्दे’ उठाए थे, जिनका देश की चुनाव प्रक्रिया की शुचिता पर ‘व्यापक प्रभाव’ था।

व्हाट्सएप ने 71.1 लाख खातों पर प्रतिबंध लगाया

व्हाट्सएप ने 71.1 लाख खातों पर प्रतिबंध लगाया 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। मेटा के स्वामित्व वाली व्हाट्सएप ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों का अनुपालन करते हुए सितंबर में 71.1 लाख खातों पर प्रतिबंध लगाया है। लोकप्रिय संदेश ऐप द्वारा जारी भारत की मासिक रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 25.7 लाख खातों को उपयोगकर्ताओं की किसी भी रिपोर्ट से पहले सक्रिय रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया। 
भारतीय खातों की पहचान देश के कोड '+91' से की जाती है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ एक से 30 सितंबर, 2023 के बीच 71,11,000 व्हाट्सएप खातों पर प्रतिबंध लगा दिया गया।’’ ‘‘उपयोगकर्ता-सुरक्षा रिपोर्ट'’’ में उपयोगकर्ताओं की शिकायतों तथा व्हाट्सएप द्वारा की गई कार्रवाई के साथ-साथ मंच पर दुरुपयोग से निपटने के लिए व्हाट्सएप की स्वयं की निवारक कार्रवाइयों का विवरण शामिल है। 
रिपोर्ट के अनुसार, एक से 30 सितंबर के बीच मंच को शिकायत अपीलीय समिति से छह आदेश प्राप्त हुए और सभी का अनुपालन किया गया। व्हाट्सएप ने अगस्त में 74 लाख खातों पर प्रतिबंध लगाया था और उनमें से 35 लाख खातों को सक्रिय रूप से प्रतिबंधित किया गया था। व्हाट्सएप की ताजा रिपोर्ट में कहा गया कि उसे खाता समर्थन (1,031), प्रतिबंध अपील (7,396), अन्य समर्थन (1,518), उत्पाद समर्थन (370) और अन्य क्षेत्रों में 10,442 उपयोगकर्ताओं की रिपोर्ट मिली। 
इस अवधि में रिपोर्ट के आधार पर 85 खातों पर कार्रवाई की गई। व्हाट्सएप के अनुसार, ‘‘अकाउंट्स एक्शनड’’ उन रिपोर्ट को दर्शाता है जहां उसने उक्त रिपोर्ट के आधार पर उपचारात्मक कार्रवाई की। कार्रवाई करने का मतलब या तो किसी खाते पर प्रतिबंध लगाना या शिकायत के परिणामस्वरूप पहले से प्रतिबंधित खाते को बहाल करना है। 
रिपोर्ट में कहा गया कि व्हाट्सएप मिलने वाली सभी शिकायतों का जवाब देती है। केवल उन मामलों को छोड़कर जहां शिकायत को पूर्व की किसी शिकायत का दोहराव माना जाता है।

बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर कराया जाएगा

बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर कराया जाएगा

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर दी गई है। परिवहन विभाग की बसों में अब महिलाओं को मुफ्त में सफर कराया जाएगा। इसके लिए विभागीय रिपोर्ट तैयार करते हुए शासन को भेज दी गई है। हरी झंडी मिलते ही इस राज्य भर में लागू कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य बस सड़क परिवहन निगम की ओर से राज्य में 60 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को मुफ्त सफर की सौगात देने के लिए विभागीय रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसे शासन को भेज दिया गया है।
60 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को रोडवेज बसों में मुफ्त सफर की सौगात देने की बाबत तैयार करके शासन को भेजी गई रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री के बीच जल्द ही बातचीत होगी। जानकारी मिल रही है कि लोकसभा चुनाव में इसका लाभ लेने के लिए इस योजना को इलेक्शन से पहले ही लागू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैसे भी पिछले दिनों इस बाबत जब बयान दिया था तो परिवहन विभाग ने इस समय 60 साल की उम्र की महिलाओं को मुफ्त सफर की सौगात की कवायत तेज कर दी गई थी।
जानकारी मिल रही है कि बुजुर्ग महिलाओं को पूरे साल मुफ्त सफर कराने में तकरीबन 180.42 करोड रुपए का खर्च आएगा, जिसे शासन की तरफ से रोडवेज विभाग को दिया जाएगा।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  


1. अंक-347, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. शुक्रवार, नवंबर 03, 2023

3. शक-1944, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:11, सूर्यास्त: 06:13।

5. न्‍यूनतम तापमान- 15 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

email:universalexpress.editor@gmail.com 

संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित)

बुधवार, 1 नवंबर 2023

दुष्कर्म के मामले में 20 साल के कारावास की सजा

दुष्कर्म के मामले में 20 साल के कारावास की सजा 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। दो साल पहले मुज़फ्फरनगर की किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अदालत में दोषी को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई गई। पीड़ित पक्ष ने 24 दिसंबर को आरोपी अक्षित के खिलाफ दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। यह न्यायिक फैसला महिला सुरक्षा के मामले में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जयराम
दो साल पहले किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने 20 साल कारावास की सजा सुनाई है। विशेष अपर सत्र न्यायालय पॉक्सो एक्ट के पीठासीन अधिकारी बाबूराम ने फैसला सुनाया।
विशेष लोक अभियोजक मनमोहन वर्मा और दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि नगर कोतवाली क्षेत्र में 21 दिसंबर 2021 को किशोरी संदिग्ध हालात में लापता हो गई थी। परिजन इधर-उधर तलाश करते हुए एक मकान में पहुंचे। किशोरी ने परिजनों को बताया कि आरोपी युवक अक्षित उसे बहला-फुसलाकर मकान में लाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़ित पक्ष ने 24 दिसंबर को आरोपी अक्षित के खिलाफ दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
प्रकरण की सुनवाई विशेष अपर सत्र न्यायालय पॉक्सो एक्ट में हुई। मंगलवार को अदालत ने आरोपी पर दोष सिद्ध किया। दोषी को बीस साल कारावास और 45 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में नौ गवाह पेश किए गए।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...