मंगलवार, 17 अक्टूबर 2023

18 से 21 तक मौसम शुष्क रहने की संभावना

18 से 21 तक मौसम शुष्क रहने की संभावना 

पंकज कपूर 
देहरादून/नैनीताल। आईएमडी ने एक बार फिर मौसम पूर्वानुमान जारी करते हुए 21 अक्टूबर तक राज्य में मौसम की भविष्यवाणी की है। मंगलवार को उत्तराखंड राज्य में उधमसिंह नगर और हरिद्वार जनपद को छोड़कर शेष जनपदों में जहां येलो अलर्ट जारी कर लोगों को गरजन आकाशीय बिजली गिरने तथा ओलावृष्टि से सचेत किया है। 
वही, मौसम विभाग ने 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक राज्य में मौसम शुष्क रहने की बात करते हुए चमोली जनपद में 18 अक्टूबर को बहुत हल्की बरसात तथा पिथौरागढ़ और बागेश्वर जनपद में 18 अक्टूबर और 19 अक्टूबर को बहुत हल्की बरसात की बात कही हैं। इस तरह 21 अक्टूबर तक राज्य के उच्च हिमालय क्षेत्र में जहां हल्की बूंदाबांदी और बर्फबारी की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। उधर उच्च हिमालय क्षेत्र में हो रही बरसात और बर्फबारी के बीच क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उधर आईएमडी ने सुबह 9.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक तात्कालिक मौसम पूर्वानुमान जारी करते हुए उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली तथा बागेश्वर जनपदों में कहीं-कहीं गरजन वाले बादल विकसित होने तथा बहुत हल्की वर्षा होने की संभावना जताई है मौसम विभाग ने इस बीच नैनीताल में 27, भडसार में 32, बेतालघाट में 35, चोरगलियां में 27.5, धनोल्टी में 26, असरोरी सतपुली में 24.5, यम्केश्वर में 24, घाट में 23.5, हल्द्वानी में 23.2, बागेश्वर में 23.5, मसूरी में 22.1, कोटद्वार में 22, मोकमपुर में 21, पौड़ी में 21.5, कालाढूंगी रानीचोरी में 21 और द्वाराहाट में 20.5 मिली मीटर बरसात मौसम विभाग ने रिकॉर्ड की है। नैनीताल में मंगलवार को सुबह हल्की वर्षा होने के बाद के बाद बादल छाये रहे। कभी-कभी धूप भी निकली।

डीएम ने समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए

डीएम ने समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। जिला उद्योग बंधु समिति की बैठक में जिलाधिकरी अरविंद मल्लपा बंगारी ने जिले के उद्योगपतियों की समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलो के उद्योगपतियों ने सडक में गड्ढों सहित कईं समस्याएं उठाई।
विकास भवन सभागार में जिला उद्योग बंधु समिति की बैठक में एकल खिड़की योजना, निवेश मित्र योजना की समीक्षा की गई, जिसमें श्रम विभाग, एक्साइज विभाग, विद्युत विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अग्निशमन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। सरकारी अनुदान परक विभागीय योजनाओ, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम व संधावली रेलवे अंडर पास, यूपीसीडा आदि पर गहन समीक्षा की गई तथा सम्बन्धित अधिकारियों को समस्या के निस्तारण करने के निर्देश दिए गए। डीएम के समक्ष उद्यमियों ने सड़को के गड्ढे संबंधी समस्याओं से भी अवगत कराया।
जिलाधिकारी ने एक्सईएन पीडब्लूडी को समस्या के निस्तारण के दिशा-निर्देश दिए। बैठक में औद्योगिक संगठनों द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एवं बिजली विभाग से संबंधित अन्य समस्याएं भी उठीं। डीएम ने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि उद्यमियों की समस्याओं का समय से निस्तारण हो। बैठक में सीडीओ संदीप भागिया, उपायुक्त उद्योग जैस्मिन सहित उद्यमी एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ 

राजेश सिंह 
मिर्जापुर। शारदीय नवरात्रि के तृतीया तिथि दिन मंगलवार को भी दर्शनार्थियों की भीड़ मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। न्यू वीआईपी की तरफ से मुख्य सड़क से ही मंदिर तक दर्शनार्थियों की दो-दो कतारें लगी रहीं। मां के जयकारे से पूरा विंध्य धाम गूंजता रहा। इसी प्रकार अष्टभुजा माता व काली खोह मंदिर पर भी दर्शनार्थियों की बड़ी भीड़ रही। बहुत से दर्शनार्थियों ने रोपवे का आनंद लिया।
वहीं, परिक्रमा पथ को भी बाहर से आए भक्त व अन्य लोग बड़े ध्यान से देख रहे थे। कई लोग विंध्य कारीडोर के बारे में भी चर्चा करते दिखाई दिए। विंध्य क्षेत्र के मेला में बिक रही विविध सामग्री भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती रही। महिलाओं ने सिंदूर व चूड़ी के साथ अन्य वस्तुओं की खरीदारी की। वही मंदिर के छत पर जगह-जगह बैठ साधकों द्वारा पूजा पाठ कर दर्शन पूजन में लीन रहे। मंदिरों में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी व्यवस्था का जायजा लेते रहे।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने मंगलवार की सुबह ही विंध्याचल पहुंच कर शारदीय नवरात्र मेला का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान दर्शन के लिए कतारबद्ध श्रद्धालुओं से भी वार्ता किया तथा भ्रमण कर जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी प्वाइन्ट को चेक करते हुए भीड़ को नियंत्रित करने के दृष्टिगत आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं कोई असुविधा न हो सुरक्षा व्यवस्थाओं व जन सुविधाओं पर कडी निगरानी रखी जाए। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी शिव प्रताप शुक्ला भी उपस्थित रहे।

छात्र के निलंबन के विरोध में हंगामा, जड़ा ताला

छात्र के निलंबन के विरोध में हंगामा, जड़ा ताला 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आंदोलन करने वाले छात्र के निलंबन के विरोध में मंगलवार को हंगामा हो गया। छात्रों ने विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। प्रोक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों और छात्रों के बीच नोक झोंक भी हुई। इविवि के सुरक्षा कर्मियों ने छात्रों पर लाठियां भांजी। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने पांच छात्रों को हिरासत में ले लिया।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबित छात्र हरेंद्र यादव के परिसर में प्रवेश और परीक्षा में शामिल होने पर भी रोक लगा दी है। विश्वविद्यालय में मिड टर्म की परीक्षाएं चल रही हैं। छात्र सुबह परीक्षा देने पहुंचा तो उसे गेट पर ही रोक दिया गया। इस पर छात्रों और सुरक्षा कर्मियों के बीच झड़प हो गई। छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया और मेन गेट पर ताला लगा दिया।
इस बीच चीफ प्रॉक्टर डॉक्टर राकेश सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे और छात्रों को वहां से हटने के लिए कहा। प्रोक्टोरियल बोर्ड की टीम और विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों ने एक छात्र की पिटाई भी कर दी, जिससे मामला बिगड़ गया। वहां मौजूद पुलिस ने पांच छात्रों को हिरासत में ले लिया, जिसमें निलंबित छात्र हरेंद्र यादव भी शामिल है।

कुत्ते को घसीटकर तालाब में ले गया कंगारू, वायरल

कुत्ते को घसीटकर तालाब में ले गया कंगारू, वायरल 

सरस्वती उपाध्याय 
सोशल मीडिया पर आए दिन वाइल्ड लाइफ से जुड़े वीडियो वायरल होते रहते हैं। कुछ वीडियो ऐसे होते हैं, जो सभी को पसंद आते हैं। वहीं कई वीडियो को देखकर हर कोई चौंक जाता है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक कंगारू एक कुत्ते को अपने पंजों में जकड़ा नजर आ रहा है। वीडियो में कुत्ते की बेबसी साफ नजर आ रही है, जो चाहकर भी कंगारू के चंगुल से खुद को आजाद नहीं कर पा रहा है। 
जब मोलोनी नाम का एक शख्स अपने पालतू कुत्ते को मुर्रे नदी के किनारे सैर पर लेकर गया था। इस बीच डॉगी एकाएक गायब हो गया। इस दौरान शख्स अपने डॉगी को हर जगह ढूंढता रहा, तभी उसकी नजर एक कंगारू पर पड़ी, जो उसके डॉगी को घसीटकर तालाब के अंदर ले जा रहा था। वायरल हो रहा है ये वीडियो ऑस्ट्रेलिया का बताया जा रहा है। वीडियो में आप देख जा सकते हैं कि, दो मीटर लंबा एक कंगारू एक कुत्ते को घसीटकर तालाब के अंदर तक ले जाता है, जिसे वो बेहद बुरी तरह अपने पंजों में जकड़ा हुए है। 
वहीं वीडियो में आप देख सकते हैं कि, मोलोनी किसी तरह अपने कुत्ते को कंगारू की पकड़ से छुड़ा लेता है। वीडियो में देख सकते हैं कि, सीना तानकर खड़ा कंगारू मोलोनी को किस तरह गुस्से में घूर रहा होता है। वहीं इस बीच कंगारू मोलोनी पर हमला भी करता है, लेकिन वह बच निकलता है। वीडियो देख चुके लोग मालिक की अपने पालतू कुत्ते की जान बहादुरी से बचाने के लिए काफी तारीफ कर रहे हैं।

समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इंकार

समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इंकार 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला देते हुए समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इंकार कर दिया। न्यायालय ने यह भी कहा कि इस बारे में कानून बनाने का काम संसद का है।
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने का अनुरोध करने संबंधी 21 याचिकाओं पर प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सुनवाई की। प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायालय कानून नहीं बना सकता, बल्कि उनकी केवल व्याख्या कर सकता है और विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव करना संसद का काम है।
सुनवाई की शुरुआत में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले में उनका, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा का अलग-अलग फैसला है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी इस पीठ में शामिल हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समलैंगिक समुदाय के साथ मतभेद नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि समलैंगिकता प्राकृतिक होती है जो सदियों से जानी जाती है और इसका केवल शहरी या अभिजात्य वर्ग से संबंध नहीं है।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि वह समलैंगिक जोड़ों को कुछ अधिकार दिए जाने को लेकर प्रधान न्यायाधीश से सहमत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘समलैंगिक और विपरीत लिंग के संबंधों को एक ही सिक्के के दो पहलुओं के रूप में देखा जाना चाहिए।’’ न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि समलैंगिक संबंधों को कानूनी मान्यता देना वैवाहिक समानता की दिशा में एक कदम है। न्यायमूर्ति भट्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि वह प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ के कुछ विचारों से सहमत और कुछ से असहमत हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने इस अहम मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि विशेष विवाह अधिनियम की व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता है या नहीं, इसका निर्णय लेना संसद का काम है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अदालत कानून नहीं बना सकती, वह केवल उसकी व्याख्या कर सकती है और उसे प्रभावी बना सकती है।
’’ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायालय सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का यह बयान दर्ज करता है कि केंद्र समलैंगिक लोगों के अधिकारों के संबंध में फैसला करने के लिए एक समिति गठित करेगा।
उन्होंने अपने फैसले का प्रभावी हिस्सा पढ़ते हुए केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे समलैंगिक अधिकारों के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के लिए कदम उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि लिंग-परिवर्तन ऑपरेशन की अनुमति उस आयु तक न दी जाए, जब तक इसके इच्छुक लोग इसके परिणाम को पूरी तरह समझने में सक्षम नहीं हों। प्रधान न्यायाधीश ने पुलिस को समलैंगिक जोड़े के संबंधों को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि यह सोचना कि समलैंगिकता केवल शहरी इलाकों में मौजूद है, उन्हें मिटाने जैसा होगा तथा किसी भी जाति या वर्ग का व्यक्ति समलैंगिक हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह कहना ‘‘गलत है कि विवाह एक स्थिर और अपरिवर्तनीय संस्था है।’’ प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जीवन साथी चुनने की क्षमता अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार से जुड़ी है।
उन्होंने कहा कि संबंधों के अधिकार में जीवन साथी चुनने का अधिकार और उसे मान्यता देना शामिल है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के संबंध को मान्यता नहीं देना भेदभाव है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘समलैंगिक लोगों सहित सभी को अपने जीवन की नैतिक गुणवत्ता का आकलन करने का अधिकार है।’’ उन्होंने कहा कि इस अदालत ने माना है कि समलैंगिक व्यक्तियों के साथ भेदभाव न किया जाना समानता की मांग है।
उन्होंने कहा कि कानून यह नहीं मान सकता कि केवल विपरीत लिंग के जोड़े ही अच्छे माता-पिता साबित हो सकते हैं क्योंकि ऐसा करना समलैंगिक जोड़ों के खिलाफ भेदभाव होगा। न्यायालय ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर अपना फैसला 11 मई को सुरक्षित रख लिया था।
केंद्र ने अपनी दलीलें पेश करते हुए न्यायालय से कहा था कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर उसके द्वारा की गई कोई संवैधानिक घोषणा संभवत: ‘‘सही कार्रवाई’’ नहीं हो क्योंकि अदालत इसके परिणाम का अनुमान लगाने, परिकल्पना करने, समझने और इससे निपटने में सक्षम नहीं होगी। न्यायालय ने इस मामले में 18 अप्रैल को दलीलें सुननी शुरू की थीं। 
प्रधान न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘इस मामले में चार अलग-अलग फैसले हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह कहना ‘‘गलत है कि विवाह एक स्थिर और अपरिवर्तनीय संस्था है।’’ फैसला सुनाने वाली पांच न्यायाधीशों वाली इस संविधान पीठ में प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा शामिल हैं।
प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति कौल, न्यायमूर्ति भट और न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने अलग-अलग फैसले लिखे हैं। प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि यह अदालत कानून नहीं बना सकती, वह केवल उसकी व्याख्या कर सकती है और उसे प्रभावी बना सकती है।
उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘समलैंगिकता केवल शहरी अवधारणा नहीं है या समाज के उच्च वर्ग तक ही सीमित नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विशेष विवाह अधिनियम की व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता है या नहीं, इसका निर्णय संसद को करना है।
’’ प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह कल्पना करना कि समलैंगिकता केवल शहरी इलाकों में मौजूद है, उन्हें मिटाने जैसा होगा। किसी भी जाति या वर्ग का व्यक्ति समलैंगिक हो सकता है।’’ पीठ ने 10 दिन की ‘मैराथन’ सुनवाई के बाद 11 मई को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मनोरंजन: अगले साल रिलीज होगी फिल्म इमरजेंसी

मनोरंजन: अगले साल रिलीज होगी फिल्म इमरजेंसी 

कविता गर्ग 
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी अगले साल रिलीज होगी। कंगना रनौत ने फिल्म इमरजेंसी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है। इस फिल्म का लेखन और निर्देशन कंगना रनौत ने किया है। फिल्म इमरजेंसी पहले 24 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी। कंगना रनौत ने कहा, ”हमने ‘इमरजेंसी’ को 24 नवंबर 2023 को रिलीज करने की घोषणा की थी, लेकिन मेरी एक के बाद एक फिल्मों के रिलीज होने की वजह से हमने फिल्म को अगले साल रिलीज करने का निर्णय लिया है।” रिलीज की नयी तारीख की घोषणा जल्द ही की जाएगी। फिल्म इमरजेंसी में कंगना के अलावा अनुपम खेर, महिमा चौधरी, मिलिंद सोमण, श्रेयस तलपड़े की भी अहम भूमिका है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...