मंगलवार, 17 अक्टूबर 2023

डैम में डूबे 6 छात्रों के शव बरामद किए: झारखंड

डैम में डूबे 6 छात्रों के शव बरामद किए: झारखंड 

इकबाल अंसारी 
रांची। हजारीबाग के इचाक थाना क्षेत्र के लोटवा डैम में मंगलवार सुबह डूबे सभी छ: स्कूली छात्रों के शव बरामद कर लिए गए हैं। सभी हजारीबाग के माउंट एग्माउंड स्कूल के प्लस टू के छात्र थे और स्कूल ड्रेस पहनकर डैम साइड में सैर करने पहुंचे थे।
छात्रों के डूबने की खबर पाकर उनके परिजन डैम के पास पहुंचे। उनकी चीत्कार से माहौल बेहद कारुणिक हो उठा। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और सीएम हेमंत सोरेन ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। बताया गया कि सात छात्र स्कूटी और बाइक से पहुंचे थे। उन्होंने अपने स्कूल ड्रेस डैम के किनारे उतार दिया और नहाने के लिए पानी में उतर गए। माना जा रहा है कि इनमें से कोई एक गहरे पानी में चला गया, जिसे बचाने के चक्कर में छह छात्र डूब गए। एक छात्र किसी तरह तैरकर बाहर निकला।
घटना की सूचना जैसे ही इचाक पुलिस को मिली, वह घटनास्थल पर पहुंची। डूबने वाले छात्रों में हजारीबाग के ओकनी मोहल्ले का रजनीश पांडे और सुमित कुमार, मटवारी का मयंक सिंह, दीपूगढ़ा का प्रवीण गोप, पीटीसी चौक का ईशान सिंह और मटवारी गांधी मैदान कॉलोनी का शिवसागर शामिल है। सीएम हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “लोटवा डैम में हादसे की दुःखद खबर से मन व्यथित है। परमात्मा, हादसे में मरने वाले बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दें।“
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि हजारीबाग जिले के लोटवा डैम में छह बच्चों के डूबने की सूचना अत्यंत दुखद व पीड़ादायक। उन्होंने परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि ईश्वर उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

26 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त न करें

26 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त न करें 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक महिला की तरफ से दायर 26 हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। महिला अब बच्चे को जन्म देगी और इसे नहीं गिराया जा सकता यही कोर्ट का फैसला है।
जानकारी के अनुसार दो बच्चों की मां एक विवाहित महिला को 26 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। क्योंकि भ्रूण स्वस्थ था और एम्स मेडिकल बोर्ड को बच्चे में को विसंगति नहीं मिली।
पीठ ने गर्भ समाप्त करने की अनुमति से किया इंकार
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि गर्भावस्था की अवधि 24 सप्ताह से ज्यादा हो गई है, जो मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी की अनुमति की सीमा में नहीं आता है इसलिए टर्मिनेशन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि भ्रूण 26 सप्ताह और 5 दिन का है और मां को तत्काल कोई खतरा नहीं है। इसमें कहा गया है कि भ्रूण में कोई विसंगति भी नहीं थी। पीठ ने कहा, “गर्भावस्था की लंबाई 24 सप्ताह से अधिक हो गई है और यह लगभग 26 सप्ताह और 5 दिन की है। गर्भावस्था की चिकित्सीय समाप्ति की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

राजनीति में वंशवाद को लेकर निशाना साधा: राहुल

राजनीति में वंशवाद को लेकर निशाना साधा: राहुल 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजनीति में वंशवाद को लेकर गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर निशाना साधा है‌। दरअसल, राहुल गांधी से सवाल पूछा गया कि बीजेपी उन पर वंशवाद की राजनीति का आरोप लगा रही है।इस सवाल के जवाब में राहुल ने पूछा कि अमित शाह का बेटा क्या करता है? राजनाथ सिंह का बेटा क्या करता है?
उन्होंने आगे कहा,’मुझे जितना पता है, अमित शाह का बेटा भारतीय क्रिकेट को चलाता है। बीजेपी को पहले अपने नेताओं को देखना चाहिए कि उनके बच्चे क्या करते हैं। अनुराग ठाकुर के अलावा और भी लोग हैं, जो वंशवाद की राजानीति का उदाहरण हैं।
राहुल गांधी ने मंगलवार को इजरायल और हमास के बीच जारी जंग पर भी अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि हम (कांग्रेस) हर तरह की हिंसा के खिलाफ है। हम निर्दोष नागरिकों के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा की सराहना नहीं करते हैं। हम हर तरह की हिंसा का विरोध करते हैं, इस बात की परवाह किए बिना कि उसे किसने और कैसे अंजाम दिया है ?
उन्होंने आगे कहा कि हमारे संकल्प में यह बात एकदम स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि हिंसा को माफ करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। जो भी कोई लोगों की जान लेता है, वह गलत है।नागरिकों को मारना अपराध है।हम निर्दोष नागरिकों की किसी भी हत्या का विरोध करते हैं, चाहे वह कहीं भी हो।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  


1. अंक-331, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. बुधवार, अक्टूबर 18, 2023

3. शक-1944, आश्विन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:11, सूर्यास्त: 06:13।

5. न्‍यूनतम तापमान- 16 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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सोमवार, 16 अक्टूबर 2023

माता चंद्रघंटा को समर्पित 'नवरात्रि' का तीसरा दिन

माता चंद्रघंटा को समर्पित 'नवरात्रि' का तीसरा दिन 

सरस्वती उपाध्याय 
माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है। इस दिन साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है। लोकवेद के अनुसार माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं। ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं।

श्लोक
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता | प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ||

स्वरूप
माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है।

कृपा
मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएँ विनष्ट हो जाती हैं। इनकी आराधना सद्यः फलदायी है। माँ भक्तों के कष्ट का निवारण शीघ्र ही कर देती हैं। इनका उपासक सिंह की तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाता है। इनके घंटे की ध्वनि सदा अपने भक्तों को प्रेतबाधा से रक्षा करती है। इनका ध्यान करते ही शरणागत की रक्षा के लिए इस घंटे की ध्वनि निनादित हो उठती है।
माँ का स्वरूप अत्यंत सौम्यता एवं शांति से परिपूर्ण रहता है। इनकी आराधना से वीरता-निर्भयता के साथ ही सौम्यता एवं विनम्रता का विकास होकर मुख, नेत्र तथा संपूर्ण काया में कांति-गुण की वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य, अलौकिक माधुर्य का समावेश हो जाता है। माँ चंद्रघंटा के भक्त और उपासक जहाँ भी जाते हैं लोग उन्हें देखकर शांति और सुख का अनुभव करते हैं। माँ के आराधक के शरीर से दिव्य प्रकाशयुक्त परमाणुओं का अदृश्य विकिरण होता रहता है। यह दिव्य क्रिया साधारण चक्षुओं से दिखाई नहीं देती, किन्तु साधक और उसके संपर्क में आने वाले लोग इस बात का अनुभव भली-भाँति करते रहते हैं। विद्यार्थियों के लिए मां साक्षात विद्या प्रदान करती है। वहीं, देवी साधक की सभी प्रकार से रक्षा करती है।

साधना
हमें चाहिए कि अपने मन, वचन, कर्म एवं काया को विहित विधि-विधान के अनुसार पूर्णतः परिशुद्ध एवं पवित्र करके माँ चंद्रघंटा के शरणागत होकर उनकी उपासना-आराधना में तत्पर हों। उनकी उपासना से हम समस्त सांसारिक कष्टों से विमुक्त होकर सहज ही परमपद के अधिकारी बन सकते हैं। हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखते हुए साधना की ओर अग्रसर होने का प्रयत्न करना चाहिए। उनका ध्यान हमारे इहलोक और परलोक दोनों के लिए परम कल्याणकारी और सद्गति देने वाला है। हालांकि इन सब क्रियाओं का प्रमाण हमारे पवित्र धर्म ग्रंथों में कहीं नहीं मिलता, देवी देवताओं के मूल व साधना की सही विधि तत्वदर्शी यानि संत पूर्ण संत ही बता सकते हैं एसा हमारे वित्र धर्म ग्रंथों प्रमाणित करते हैं।
प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में तृतीय दिन इसका जाप करना चाहिए। मां चन्द्रघंटा को नारंगी रंग प्रिय है। भक्त को जहां तक संभव हो, पुजन के समय सूर्य के आभा के समान रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए।
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और चंद्रघंटा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें। इस दिन सांवली रंग की ऐसी विवाहित महिला जिसके चेहरे पर तेज हो, को बुलाकर उनका पूजन करना चाहिए। भोजन में दही और हलवा खिलाएँ। भेंट में कलश और मंदिर की घंटी भेंट करना चाहिए।

उड़ते पक्षी का शिकार करता नजर आया मगरमच्छ

उड़ते पक्षी का शिकार करता नजर आया मगरमच्छ 

सरस्वती उपाध्याय 
सोशल मीडिया पर अक्सर जंगली जानवरों के वीडियो वायरल होते रहते हैं। कुछ वीडियो तो ऐसे होते हैं, जिन्हें देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। इन दिनों एक खतरनाक दरियाई जानवर का वीडियो वायरल हो रहा है, जो तेज रफ्तार से पलक झपकते ही शिकार कर रहा है। 
वायरल हो रहे वीडियो में मगरमच्छ उड़ते हुए पक्षी का शिकार करते नजर आता है। पहले तो मगरमच्छ पानी से बाहर निकल कर मरे हुए जानवरों के ऊपर आराम से लेटा हुआ रहता है। इसी बीच एक पक्षी अनजाने में उड़ता हुआ उसके पास पहुंच जाता है और जैसे ही उसके सिर पर अपना पैर रखता है, मगरमच्छ फौरन जाग जाता है और बिजली की रफ्तार से उसकी गर्दन ही दबोच लेता है। इसके बाद वह उसे पानी में लेकर चला जाता है। इस वीडियो को देखकर आप भी एक बार तो खौफ में आ ही जाएंगे। 
बता दें वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर @TheBrutalNature नाम की आईडी से शेयर किया गया है। इस वीडियो को सैकड़ों लोगों ने पसंद किया है। वहीं, वीडियो देखने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी दी हैं। यूजर्स ये देखकर भी सोच में पड़े हुए हैं कि जब मगरमच्छ के पास खाने के लिए इतने सारे जानवर थे, तो उसने चिड़िया को ही क्यों पकड़ा?

सीएम ने यौन शोषण के मामले का संज्ञान लिया

सीएम ने यौन शोषण के मामले का संज्ञान लिया 

पंकज कपूर 
हल्द्वानी। हल्द्वानी के गौलापार में दृष्टिबाधित बच्ची से यौन शोषण के मामले का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए प्रदेश में संचालित आवासीय शैक्षणिक संस्थाओं के सघन निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने समस्त जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।दृष्टिबाधित बच्ची के यौन शोषण के आरोप में बीते शुक्रवार को पुलिस ने नेशनल एसोसिएशन फार द ब्लाइंड (NAB) नवाड़खेड़ा, गौलापार के महासचिव एवं संचालक श्याम धानक को गिरफ्तार किया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अमानवीय घटना का गम्भीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए निर्देशित किया है कि प्रदेश में संचालित तमाम अन्य आवासीय संस्थाओं में तत्काल सघन निरीक्षण किया जाए, ताकि इस प्रकार की दुखद एवं हृदय विदारक घटना की पुनरावृत्ति न हो।इस प्रकरण में सोमवार को अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि सम्बन्धित विभाग व पुलिस के अधिकारियों के साथ संयुक्त टीम बनाकर आवासीय शैक्षणिक संस्थाओं में जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे के साथ यौन शोषण अथवा दुर्व्यवहार का कोई प्रकरण संज्ञान में आता है, तो तत्काल कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही जागरूकता अभियान के अन्तर्गत संस्थाओं में सघन निरीक्षण करते हुए तत्सम्बन्धी आख्या शासन को एक माह के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...