शुक्रवार, 29 सितंबर 2023

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  


1. अंक-347, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. शनिवार, सितंबर 30, 2023

3. शक-1944, भाद्रपद, शुक्ल-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:11, सूर्यास्त: 06:13।

5. न्‍यूनतम तापमान- 15 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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बुधवार, 27 सितंबर 2023

जीवनसाथी को बच्चे के प्यार से वंचित करना गलत

जीवनसाथी को बच्चे के प्यार से वंचित करना गलत 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अलग रह रहे एक जोड़े के तलाक को बरकरार रखते हुए कहा है कि पति या पत्नी में से किसी एक द्वारा दूसरे जीवनसाथी को बच्चे के प्यार से वंचित करना मानसिक क्रूरता के समान है।
अदालत ने पारिवारिक अदालत के 2018 के उस आदेश के खिलाफ पत्नी की अपील खारिज कर दी जिसमें उसने तलाक मंजूर किया था। अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में, बेटी ‘‘पूरी तरह से अलग-थलग’’ हो गई और उसका इस्तेमाल पति के खिलाफ किया गया जो सेना के एक अधिकारी हैं। 
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने हाल के एक आदेश में कहा, ‘‘पारिवारिक अदालत के प्रधान न्यायाधीश सही निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि बच्ची का इस तरह से अलगाव एक पिता के प्रति मानसिक क्रूरता का चरम कृत्य है, जिसने बच्ची की कभी उपेक्षा नहीं की ।’’ अदालत ने कहा कि कलह और विवाद दम्पति के बीच था, जिन्होंने 1996 में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह किया था और रिश्ते में कितनी भी कड़वाहट क्यों न हो, बच्चे को इसमें लाना या उसका इस्तेमाल पिता के खिलाफ करना उचित नहीं है। 
अदालत ने कहा, ‘‘माता-पिता में किसी एक के द्वारा दूसरे को इस तरह के प्यार से वंचित करने का कोई भी कार्य बच्चे को अलग-थलग करने के समान है, यह मानसिक क्रूरता के समान है... अपने स्वयं के बच्चे द्वारा अस्वीकार करने से अधिक कष्टदायी कुछ भी नहीं हो सकता। बच्चे को इस तरह जानबूझकर अलग थलग करना मानसिक क्रूरता के समान है।’’ अदालत ने पति द्वारा रोजाना शराब पीने के संबंध में अपीलकर्ता पत्नी की आपत्तियों को भी खारिज कर दिया और कहा, ‘‘सिर्फ इसलिए कि कोई व्यक्ति रोजाना शराब पीता है, वह शराबी नहीं बन जाता या उसका चरित्र खराब नहीं हो जाता’’ जब तक कि कोई अप्रिय घटना नहीं हुई हो। 
अदालत ने यह भी कहा कि कार्यस्थल पर मित्र बनाने को भी क्रूरता नहीं कहा जा सकता, जब दोनों पक्ष काम की जरूरतों के कारण अलग-अलग रह रहे हों। पत्नी ने आरोप लगाया कि जब भी वह उससे मिलने जाती थी तो पति गुमसुम रहता था और हमेशा अपने दोस्तों के साथ फोन पर व्यस्त रहता था, जिनमें महिला-पुरुष दोनों शामिल थे। पति ने पारिवारिक अदालत के समक्ष कई आधारों पर अपनी पत्नी से तलाक मांगा था।

इसमें यह भी शामिल था कि सेना का एक अधिकारी होने के नाते, उसकी तैनाती विभिन्न स्थानों पर होती थी लेकिन उसने कभी भी उसके कार्यस्थल पर उससे मिलने आने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी और उसे अपनी बेटी से घुलने मिलने नहीं दिया। 
उन्होंने यह भी दावा किया कि पत्नी पुणे चली गई और पिता और बच्ची के बीच किसी भी संपर्क को खत्म करने के लिए बेटी को दिल्ली के स्कूल से हटा लिया। पति ने यह भी आरोप लगाया कि पत्नी ने जून 2008 में एकतरफा तौर पर साथ रहना बंद कर दिया और सैन्य अधिकारियों के समक्ष झूठी शिकायतें कीं और उसके खिलाफ निंदनीय आरोप लगाए। अदालत ने क्रूरता के आधार पर तलाक बरकरार रखा है।

दूसरी छमाही में नियुक्ति की मंशा 15 प्रतिशत

दूसरी छमाही में नियुक्ति की मंशा 15 प्रतिशत 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। देश का यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र में चालू साल की दूसरी छमाही में नए लोगों (फ्रेशर्स) के लिए नियुक्ति की मंशा 15 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
टीमलीज एजटेक की ‘करियर परिदृश्य रिपोर्ट दूसरी छमाही’ के अनुसार, यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र में नियुक्तियों की मंशा जुलाई-दिसंबर की अवधि के लिए 15 प्रतिशत है। पहली छमाही में यह 10 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र में पांच ऐसी भूमिकाएं हैं, जहां नए लोगों को नौकरी मिलने की संभावना है।
इनमें खाद्य और पेय (एफएंडबी) सहयोगी, यात्रा सलाहकार, कार्यक्रम संयोजक, जूनियर शेफ और कारोबार विकास कार्यकारी की भूमिकाएं शामिल हैं। टीमलीज एजटेक के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शांतनु रूज ने कहा, ‘‘हमारी यह रिपोर्ट नए लोगों के लिए लगातार बदलते परिदृश्य पर प्रकाश डालती है।
नए लोगों के लिए यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र में उज्ज्वल संभावनाएं हैं। हम इन भूमिकाओं में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ युवा पेशेवरों को सशक्त बनाने को प्रतिबद्ध हैं।’’ यह रिपोर्ट देश के 14 भौगोलिक क्षेत्रों में 18 उद्योगों की 737 लघु, मझोली और बड़ी कंपनियों के बीच सर्वेक्षण पर आधारित है। इनमें महानगर, पहली और दूसरी श्रेणी के शहर शामिल हैं।

प्रमुख विशेषज्ञ को 56 आरोपों में दोषी ठहराया

प्रमुख विशेषज्ञ को 56 आरोपों में दोषी ठहराया 

अखिलेश पांडेय 
लंदन/सिडनी। ब्रिटेन के एक प्रमुख मगरमच्छ विशेषज्ञ और टीचर को कुत्तों के साथ बलात्कार, यातना देने और हत्या से जुड़े 56 आरोपों में दोषी ठहराया गया है।  रिपोर्ट के अनुसार, एडम ब्रिटन ने अप्रैल 2022 में अपनी गिरफ्तारी तक 42 से अधिक कुत्तों का यौन शोषण किया। ऑस्ट्रेलिया के डार्विन में 51 वर्षीय जूलॉजिस्ट ब्रिटन को सोमवार को उत्तरी क्षेत्र के सर्वोच्च न्यायालय (एनटी) में पेश किया गया, जहां उसने आरोपों को स्वीकार कर लिया। उसे बाल दुर्व्यवहार सामग्री इस्तेमाल करने और इसे प्रसारित करने के चार मामलों में भी दोषी ठहराया गया है। 39 कुत्ते मार डाले मुख्य न्यायाधीश माइकल ग्रांट ने कहा कि अत्याचार से 39 कुत्तों की मौत हुई। जज ने कहा कि इन तथ्यों में ऐसी सामग्री शामिल है जिसे केवल क्रूरता के वीभत्स और विकृत कृत्य ही माना जा सकता है जो बेहद परेशान करने वाला है। मेरे आकलन के अनुसार इससे नर्वस शॉक पैदा हो सकती है। अदालत ने पाया कि ब्रिटन को जानवरों और विशेष रूप से कुत्तों में यौन रुचि थी। अपने कुत्तों पर अत्याचार करने के साथ-साथ उसने डार्विन क्षेत्र में पालतू जानवरों के मालिकों से भी जानवर मंगवाए। ऑस्ट ने अदालत को बताया, ब्रिटन ने अक्सर कुत्तों के मालिकों के साथ उनके जानवरों की कस्टडी लेने की बात करते हुए संबंध बनाए। इनमें से कई को यात्रा या काम की वजह से अपने कुत्तों को उसके पास छोड़ना पड़ा। अभियोजन पक्ष ने कहा कि ब्रिटन के पास एक शिपिंग कंटेनर था और उसने उस जगह का इस्तेमाल कुत्तों को यातना देने, यौन शोषण करने और मारने के लिए किया। वह नकली नामों से ऑनलाइन मंचों पर कुत्तों का यौन शोषण करते हुए अपने वीडियो और तस्वीरें साझा करता था। ऐसी ही एक क्लिप एनटी पशु कल्याण शाखा को भेजी गई और एनटी पुलिस को दे दी गई जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कंप्यूटर, मोबाइल फोन, कैमरा, बाहरी हार्ड ड्राइव, उपकरण, हथियार, कुत्ते का सामान और सेक्स खिलौने सहित 44 वस्तुएं जब्त की हैं। ब्रिटन चार्ल्स डार्विन विश्वविद्यालय में एक वरिष्ठ शोधकर्ता है और उसने बीबीसी और नेशनल जियोग्राफिक कार्यक्रमों पर भी काम किया है।  उच्च न्यायालय ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटेन के एक जीव वैज्ञानिक को पकड़ा है, जिसने 42 कुत्तों के साथ बलात्कार किया और 39 कुत्तों का टार्चर किया। आरोपी ने कोर्ट में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। आरोपी का नाम एडम ब्रिटेन है। एडम ब्रिटेन ने 2014 से 2022 तक लगभग 42 कुतों के साथ दुष्कर्म किया। इसमें इसके दो पालतू कुत्ते भी शामिल थे। एडन ने कई मशहूर लोगों के साथ काम किया है। 2022 में उनकी गिरफ्तारी हुई थी, इस दौरान उन्होंने जानवरों को खिलौना बताया था। आरोपी से पूछताछ में बताया कि कुत्तों का शिकार करने के लिए वो ब्रिटेन से गमट्री ऑस्ट्रेलिया आ गया। यहां पर उसने पालतू जानवरों के मालिकों को सर्विस देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया। इस पोर्टल के माध्यम से वो ऐसे लोगों के पालतू जानवरों की देखरेख करता था, जिनके मालिक बाहार होते थे या फिर चले जाते थे। आरोपी केयर टेकर सर्विस देने के बहाने लोगों को पालतु जानवरों का शोषण करता था। आरोपी के कब्जे से कुछ वीडियो भी बरामद किया है। जिसमें वह कथित रूप से एक 'टॉर्चर रूम' में दिखाई पड़ रहा है और यहां पर जानवरों के साथ मारपीट कर रहा है। इतना ही नहीं बल्कि ए़डम जानवरों के साथ रेप करते हुए भी दिख रहा है। आस्ट्रेलिया उत्तरी क्षेत्र के सर्वोच्च न्यायालय में पशु क्रूरता के 56 मामलों में उसे दोषी पाया गया है। आरोपी ने कोर्ट में अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है।

12 वर्षीय बच्ची से दरिंदगी, राहुल की नाराजगी

12 वर्षीय बच्ची से दरिंदगी, राहुल की नाराजगी 

संदीप मिश्र 
उज्जैन। वो बच्ची उसी बदहवास हालत में आगे बढ़ती है। बाद में इस बारे में पुलिस को सूचना दी गई। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्ची की हालत नाजुक बनी है। उसकी पहचान तक नहीं हो पाई है और ना ही उन दरिंदों की शिनाख्त हो पाई है। जिन्होंने 12 साल की मासूम बच्ची की हंसती-खेलती जिंदगी को पल-भर में उजाड़ दी। बच्ची की भाषा के आधार पर उसे यूपी के प्रयागराज के आसपास के इलाके का बताया जा रहा है। ये भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि कहीं बच्ची अपने परिवार से बिछड़ तो नहीं गई। इन तमाम आधार पर मध्य प्रदेश की महाकाल थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिस 12 साल की बच्ची से दरिंदगी हुई है। उसके बारे में सीसीटीवी फुटेज से कई अहम जानकारी मिली है। बताया जा रहा है, दुष्कर्म के बाद वो बच्ची करीब ढाई घंटे तक उसी एरिया में भटकती रही। एक कॉलोनी से दूसरी कॉलोनी तक। करीब 8 किलोमीटर तक उसने चक्कर काटे। कई कॉलोनियों में भटकती रही लेकिन किसी ने मदद नहीं की। उसके बदन पर कटे फटे हुए कुछ कपड़ों के टुकड़े ही थे। फिर भी किसी ने कपड़े तक नहीं डाले। उसने पुलिस को ये भी बताया है कि उसकी मां के साथ भी गलत काम हुआ है। ये भी पता चला है कि कई घंटे पहले ही बच्ची का कुछ युवक पीछा कर रहे थे। ऐसे में आशंका है कि कई युवकों ने उसके साथ दरिंदगी से सामूहिक दुष्कर्म किया और उसके बदन से कपड़े फाड़े।इसके बाद उसे छोड़ दिया था। जिस जगह पर 12 साल की बच्ची से दुष्कर्म हुआ और उसे बिना कपड़ों में छोड़ा गया, वो उज्जैन का दांडी आश्रम का एरिया है। वही दांडी आश्रम जिसका रिश्ता महात्मा गांधी से रहा है। लेकिन उसी जगह पर जिस घटना को अंजाम दिया गया उसे जानकर पूरी तरह से शर्म आएगी। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे बच्ची अर्धनग्न हालत में घूम रही थी ? कुछ दूर चलने के बाद उसकी हालत ज्यादा खराब हो गई। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद उसे इंदौर के लिए रेफर किया गया। बच्ची की भाषा से वह प्रयागराज की बताई जा रही है. मामले में उज्जैन के एसपी सचिन शर्मा ने कहा है कि एक एसआईटी टीम गठित की गई है। टेक्निकल और भौतिक साक्ष्य के आधार पर जल्द ही आरोपियों की तलाश की जाएगी। बच्ची का मेडिकल कराने के बाद मामला दुष्कर्म का सामने आया है। मध्यप्रदेश के उज्जैन में दिल्ली के निर्भया जैसा दुष्कर्म कांड सामने आने के बाद सियासत भी गर्मा गई है। मामले में राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने आक्रोश जताया है। बता दें कि महाकाल की नगरी उज्जैन में दिल्ली के निर्भया जैसा दुष्कर्म कांड सामने आया है। दुष्कर्म के बाद नाबालिग के प्राइवेट पार्ट्स को नुकसान पहुंचाया गया। ढाई घंटे तक वह अर्धनग्न अवस्था में महाकाल की नगरी में घूमती रही। किसी ने मदद तक नहीं की। मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी X कर नाराजगी जाहिर की है और प्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने लिखा कि मध्य प्रदेश में एक 12 साल की बच्ची के साथ हुआ भयावह अपराध, भारत माता के हृदय पर आघात है। महिलाओं के खिलाफ़ अपराध और नाबालिग बच्चियों के खिलाफ़ हुए दुष्कर्म की संख्या सबसे ज़्यादा मध्य प्रदेश में है। इसके गुनहगार वो अपराधी तो हैं ही जिन्होंने ये गुनाह किए। साथ ही प्रदेश की भाजपा सरकार भी है, जो बेटियों की रक्षा करने में अक्षम है। न न्याय है, न कानून व्यवस्था और न अधिकार - आज, मध्य प्रदेश की बेटियों की स्थिति से पूरा देश शर्मसार है। मगर, प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री में बिल्कुल शर्म नहीं है - चुनावी भाषण, खोखले वादों और झूठे नारों के बीच बेटियों की चीखें उन्होंने दबा दी हैं।

8 साल पुराने मुकदमे में 2 साल कारावास की सजा

8 साल पुराने मुकदमे में 2 साल कारावास की सजा 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। गैंगस्टर के आठ साल पुराने मुकदमे में दोषी को अदालत ने दो साल कारावास की सजा सुनाई है। गैंगस्टर न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार ने फैसला सुनाया।
विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर और राजेश शर्मा ने बताया कि 14 मई 2015 को बुढ़ाना के पीड़ित जहीर ने क्षेत्र के ही सफीपुर पट्टी निवासी राजा उर्फ रियाजुदीन के खिलाफ दस लाख रुपये की रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित को बार-बार कॉल किए जाने पर पुलिस ने आरोपी राजा उर्फ रियाजुद्दीन के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की। विवेचना तत्कालीन एसओ कुशल पाल ने की। अदालत ने आरोपी को गैंगस्टर एक्ट में दोषी पाते हुए दो वर्ष के साधारण कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  


1. अंक-345, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. बृहस्पतिवार, सितंबर 28, 2023

3. शक-1944, भाद्रपद, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:11, सूर्यास्त: 06:13।

5. न्‍यूनतम तापमान- 18 डी.सै., अधिकतम- 22+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

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