मंगलवार, 12 सितंबर 2023

बॉडी को हेल्दी रखें, हेल्दी डाइट का सेवन करें

बॉडी को हेल्दी रखें, हेल्दी डाइट का सेवन करें 

सरस्वती उपाध्याय 
बॉडी को हेल्दी रखने के लिए हेल्दी डाइट का सेवन बेहद जरूरी है। हेल्दी डाइट से मतलब ऐसे फूड्स से है जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज जैसे पोषक तत्व मौजूद हो। संतुलित पोषण के लिए डाइट में हम जिन फूड्स पर तवज्जों देते हैं उनमें फल,सब्जियां,साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल है। हमारी रोज की डाइट में अगर ये फूड्स शामिल हो जाए तो हमारी बॉडी में कभी कमजोरी नहीं होगी, हमारा पाचन दुरुस्त रहेगा और हमारी ओवर ऑल सेहत भी ठीक रहेगी।
एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर और लाइफस्टाइल एक्सपर्ट डॉ बिमल झांजेर के मुताबिक अगर रोजाना कुछ फूड्स का सेवन रात को भिगोकर सुबह कर लिया जाए तो बॉडी की सारी कमजोरी दूर हो जाएगी। कुछ अनाज ऐसे हैं अगर उनको रात को भिगो दिया जाए और सुबह उन्हें खा लिया जाए तो पेट की सारी परेशानियां दूर होंगी और बॉडी को एनर्जी भी मिलेगी। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं ऐसे कौन से 4 अनाज हैं जिनका सेवन भिगोकर करने से तुरंत बॉडी को एनर्जी मिलेगी,कमजोरी दूर होगी और बॉडी हेल्दी रहेगी।

ओट्स का सेवन रात में पानी में भिगोकर करें
ओट्स एक ऐसा अनाज है जो पोषक तत्वों का ख़ज़ाना है। इस अनाज का सेवन अगर पानी में भिगोकर किया जाए तो सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचता है। इस फूड्स को भिगोकर खाने से इसमें मौजूद एक्सीलेट पानी में घुल जाता है। एक्सीलेट सेहत को नुकसान पहुंचाता है।

फाइबर से भरपूर ओट्स को पानी में भिगोने से ये फाइबर और ज्यादा फूल जाता है जिसे खाने से पेट पूरी तरह भर जाता है। इसका सेवन करने से पेट लम्बे समय तक भरा रहता है और वजन कंट्रोल रहता है। ओट्स में प्रोटीन,मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है जो बॉडी को हेल्दी रखता है। ओट्स का सेवन आप दही के साथ,दूध के साथ,बादाम के दूध के साथ कर सकते हैं।

दालों का सेवन रात में भिगोकर करें
प्रोटीन से भरपूर दालों का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। दालों का सेवन अगर रात में पानी में भिगोकर किया जाए तो सेहत को बेहद फायदा होगा। राजमा,मूंग की साबुत दाल,स्प्राउट के तौर पर खाई जाने वाली दालों का सेवन रात में भिगोकर करें। इन दालों में आयरन,जिंक,कैल्शियम होता है जो सेहत के लिए उपयोगी होता है। दालों में विटामिन सी होता है जो इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करता है और बॉडी का बीमारियों से बचाव करता है।

जीरे का सेवन पानी में भिगोकर करें
जीरा एक ऐसा मसाला है जिसका सेवन हम सब्जी में और दालों में करते हैं। जीरा का सेवन करने से ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ता है बल्कि बॉडी भी हेल्दी रहती है। एक चम्मच जीरा का सेवन अगर एक गिलास पानी में भिगोकर किया जाए तो डायरियां,वोमेटिंग,गैस की परेशानी और बॉडी में कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है। इसका सेवन करने से लिवर की हेल्थ दुरुस्त रहती है।
आप जानते हैं कि तांबे के बर्तन में अगर रात को पानी रख दिया जाए और सुबह खाली पेट इस पानी का सेवन किया जाए तो सेहत को अनगिनत फायदे होते हैं। तांबे के बर्तन में पानी या खाना रखने से बर्तन में मौजूद कॉपर उस फूड में मिक्स हो जाता है। कॉपर का सेवन करने से कैंसर से लेकर कई बीमारियों तक का उपचार होता है। कॉपर के पानी का सेवन हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है और पाचन को दुरुस्त करता है।

दुकान में बैठे तीन लोगों को कार ने रौंदा, 2 की मौत

दुकान में बैठे तीन लोगों को कार ने रौंदा, 2 की मौत 

मनोज सिंह ठाकुर 
बालाघाट। मध्य़ प्रदेश के बालाघाट जिले में भीषण सड़क हादसा हुआ है। यहां सड़क किनारे चाय की दुकान में बैठे तीन लोगों को कार ने रौंदा दिया। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। 
एक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना बालाघाट के लालबर्रा थाना अंतर्गत घटोलगांव की। सड़क किनारे स्थित टपरी में बैठ कर कुछ लोग चाय पी रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार कार ने उनको रौंद दिया। घटना में दो लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं एक को गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह जिंदगी औऱ मौत की लड़ाई लड़ रही है। वहीं घटना के बाद से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। 
कार चालक पुलिस आरक्षक बताया जा रहा है, जो सिवनी जिले के महिला थाने में पदस्थ हैं। जानकारी मिलने पर पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हुए हैं। फिलहाल पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है।

निरीक्षण: गौ संरक्षण केंद्र में बड़ी खामियां पाई गई

निरीक्षण: गौ संरक्षण केंद्र में बड़ी खामियां पाई गई 

कौशाम्बी। जनपद में पशुओं की बीमारी लम्पी डिसिज के प्रकोप के चलते विकास खण्ड कड़ा के अन्तर्गत विभिन्न ग्रामों का डॉ. रवि किशोर त्रिवेदी मुख्य विकास अधिकारी ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गौ संरक्षण केंद्र में बड़ी खामियां पाई गई है। जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने पंचायत सचिव ग्राम प्रधान पशु चिकित्सा अधिकारी समेत विभिन्न लोगों पर कार्यवाही करने का निर्देश जिला पंचायत राज अधिकारी को दिया है।
पशुओं में हो रही बीमारी की स्थिति को जानने के लिए और पशुपालकों से बात करने के लिए मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी ने कमालपुर, देवीगंज, अलीपुर जीता ग्रामों का भ्रमण किया और पशुओं के टीकाकरण की स्थिति की जानकारी की इसके पश्चात् अलीपुर जीता गौशाला का उन्होंने निरीक्षण किया मुख्य विकास अधिकारी के निरीक्षण के दौरान गौशाला में भारी गन्दगी पायी गयी। गौशाला में कीचड भरा हुआ पाया गया। गौ संरक्षण केंद्र में पशुओं की स्थिति बेहद खराब पाई गई है। इस सम्बन्ध में जिला पंचायत राज अधिकारी, कौशाम्बी को सम्बन्धित पंचायत सचिव के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने एंव ग्राम प्रधान को 95 जी एक्ट के तहत नोटिस निर्गत किये जाने के निर्देश दिये गये। 
साथ ही गौशाला के प्रभारी अनिल मिश्र सहायक विकास अधिकारी सहकारिता एवं पशुचिकित्साधिकारी विकास खण्ड कड़ा को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये गये। मुख्य विकास अधिकारी ने निरीक्षण भ्रमण के बाद विजय शंकर त्रिपाठी खण्ड विकास अधिकारी कड़ा को भी निर्देश दिये है कि वह निरन्तर भ्रमण करते हुए सभी गौशालाओं में आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करें और बीमारी के दृष्टिगत सतत दृष्टि बनाये रखे एवं प्रभावित ग्रामों में साफ-सफाई चूना छिड़काव फागिंग इत्यादि भी कराते रहे।
गणेश साहू

25 साल बाद मुद्दई बोला, मैंने तहरीर ही नहीं दी

25 साल बाद मुद्दई बोला, मैंने तहरीर ही नहीं दी 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। दो मुल्जिम, पांच गवाहों की मौत, तीन लापता और 25 साल बाद मुद्दई बोला- मैंने तहरीर ही नहीं दी। यह चौंकाने वाला वाक्या इलाहाबाद सत्र न्यायालय में एसी/एसटी एक्ट और गैर इरादतन हत्या मामले की सुनवाई के दौरान सामने आया है। अदालत ने सात में से शेष बचे दो मुल्जिमों को बेगुनाह करार देते हुए बरी कर दिया। वहीं, मुद्दई के खिलाफ झूठे साक्ष्य गढ़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने और सरकारी अनुदान की वसूली का आदेश दिया है।
यह आदेश विशेष न्यायाधीश रत्नेश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने दिया। वर्ष 1998 में कालू का पूरा ग्राम निवासी जोखू की लिखित तहरीर पर थाना करछना में पप्पू राम, बजरंगी, कृष्णकांत पटेल, बृजेश, संगम लाल, अक्षैवर, बंशी लाल के खिलाफ एसी/एसटी एक्ट और गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ।
पुलिस ने विवेचना के बाद दाखिल आरोप पत्र पर शुरू हुए विचारण के दौरान सात में से चार मुल्जिम पप्पू राम,कृष्णकांत पटेल, बृजेश, संगम लाल और पांच गवाह गिरजा शंकर, नचकऊ, छोटकऊ, कुल्लन और भुल्लन की मौत हो गई, जबकि मुल्जिम अक्षैवर गवाह शब्बीर और मिठाई लाल दशकों से लापता है। इसलिए विचारण केवल बजरंगी और बंशी का किया गया।
मुल्जिमों पर जोखू के भाई कल्लू के ऊपर पत्थर रख कर चढ़ने को आरोप है, जिसकी इलाज के दौरान माैत हो गई। गवाही के दौरान जोखू ने अदालत को बताया कि उसके भाई कल्लू, भतीजे नचकऊ और कल्लू के दामाद मिठाई लाल ईंट के भट्टे पर काम करते थे। 25 साल पहले काम के दौरान कुछ लोग गाली-गलौज देते हुए लाठी-डण्डे, फरसा लेकर कल्लू पर हमला बोल दिए। लेकिन उसने मारते हुए किसी को न देखा न सुना और न ही तहरीर दी। गांव के रांजिश रखने वालों ने पुलिस से मिल कर कोरे कागज पर उसके अंगूठे का निशान लगवाया था।
दशकों चली विचारण प्रक्रिया के बाद चौंकाने वाले इस वाक्ये पर कोर्ट ने कहा कि झूठे साक्ष्य के कारण आरोपियों को विचारण की लंबी मानसिक वेदना सहनी पड़ी है। कोर्ट ने बंशी और बजरंगी को बेगुनाह करार देते हुए आरोपों से बरी कर दिया। साथ ही झूठे साक्ष्य गढ़ने के अपराध के लिए जोखू के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने और एसी/एसटी अधिनियम के तहत मिले सरकारी अनुदान की वसूली का आदेश दे दिया।

विशाल एक्सोप्लैनेट पर महासागर के होने का ऐलान

विशाल एक्सोप्लैनेट पर महासागर के होने का ऐलान 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 
फ्लोरिडा। नासा के वैज्ञानिकों ने कई प्रकाश वर्ष दूर एक विशाल एक्सोप्लैनेट पर एक महासागर के होने का ऐलान किया है। उनकी मानें तो इसके साथ ही इस ग्रह पर संभावित जीवन की तरफ इशारा करने वाला एक रासायन भी मिला है। 
यह खोज नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप की तरफ से की गई है। नासा की मानें तो जो एक्‍सोप्‍लैनेट मिला है वह पृथ्वी से 8.6 गुना बड़ा है। साथ ही एजेंसी को K2-18 b ग्रह के वातावरण की नई जांच में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड समेत कार्बन के प्रभाव वाले अणुओं की उपस्थिति का भी पता चला है।
जेम्‍स वेब की खोज हाल के अध्ययनों से जुड़ती है जो बताती है कि K2-18 b एक हाइसीन एक्सोप्लैनेट हो सकता है, जिसमें हाइड्रोजन समृद्ध वातावरण और महासागर से ढंके होने की संभावना है। 
नासा ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि इस रहने योग्य क्षेत्र वाले एक्सोप्लैनेट के वायुमंडलीय गुणों के बारे में पहली जानकारी नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप से मिली है। इस नई तलाश ने आगे की रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों को प्र‍ेरित किया। नासा की मानें तो इस खोज ने सिस्टम के बारे में उनकी समझ को ही बदलकर रख दिया है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  


1. अंक-330, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. बुधवार, सितंबर 13, 2023

3. शक-1944, भाद्रपद, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:06।

5. न्‍यूनतम तापमान- 16 डी.सै., अधिकतम- 28+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

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सोमवार, 11 सितंबर 2023

14 सितंबर को मनाया जाएगा 'हिंदी दिवस'

14 सितंबर को मनाया जाएगा 'हिंदी दिवस'  

सरस्वती उपाध्याय 
नई दिल्ली। हिंदी भाषा विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिंदी को भारत की पहचान के रूप में भी देखा जाता है। हमारे देश की राजभाषा कही जाने वाली हिंदी भाषा आज दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन गई है। हमारे देश में 22 आधिकारिक भाषाओं को मान्यता प्राप्त हैं, जिनमें से हिंदी भाषा सबसे अधिक बोली जाती है।
हमारे देश में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारत में इस दिन हिंदी दिवस मनाने के पीछे का कारण यह है कि इसे राजभाषा का दर्जा प्राप्त था। भारत की आजादी से पहले 14 सितंबर 1946 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया था। जिसके बाद से इसी दिन भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है।
14 सितंबर 1953 को हिंदी दिवस मनाने की आधिकारिक तौर पर शुरुआत हुई थी। 1953 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संसद भवन में 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। 
तब से हर वर्ष इस दिन को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। वैसे तो भारत में कई भाषाएं हैं , लेकिन हिंदी भाषा भारत के सभी राज्यों और विदेशों में रहने वाले भारतीयों को जोड़ने का काम करती है। अंग्रेजी भाषा के बढ़ते महत्व और हिंदी की लोकप्रियता में कमी देखते हुए हिंदी दिवस मनाया जाता है, ताकि हिंदी भाषा की अनदेखी को रोका जा सके। महात्मा गांधी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। हालांकि हिंदी राष्ट्रभाषा तो नहीं है, लेकिन इसे भारत की राजभाषा अवश्य माना जाता है।
अक्सर कुछ लोग राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस में कन्फ्यूज हैं तो हम आपको बता दें कि हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी भाषा दिवस और 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।

आंख हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक हैं। जिसकी मदद से हम अपने आसपास की दुनिया देख पाते हैं। हमारी आंखें बहुत सेंसिटिव होती हैं। आंख...