शनिवार, 9 सितंबर 2023

बड़ी पतंग के साथ उड़ा मासूम, लाख-लाख बचा

बड़ी पतंग के साथ उड़ा मासूम, लाख-लाख बचा 

सरस्वती उपाध्याय 
छोटे बच्चों के साथ कभी-कभी ऐसा कुछ हो जाता है, जिसके बारे में उनके पेरेंट्स ने भी नहीं सोचा होता है। इसी वजह से छोटे बच्चों के पेरेंट्स को हर वक्त बहुत ध्यान रखना होता है, जिससे उनके बच्चे के साथ कोई दुर्घटना न हो जाए। 
इन दिनों छोटे बच्चे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर हर किसी का दिल दहल जाएगा। 
वायरल हो रहे इस वीडियो में हवा में उड़ते एक बच्चे को देखा गया। ये बच्चा अपने पेरेंट्स के साथ पतंगबाजी देखने गया हुआ था। लेकिन उसे क्या पता था कि आगे उसके साथ क्या होने वाला है। बच्चे के पेरेंट्स भी बिजी हो गए। जहां उनकी नजर थोड़ी सी हटी, वहीं एक बड़ा हादसा हो गया। वीडियो में आप देख सकते हैं एक बड़ी सी पतंग के साथ बच्चा हवा में उड़ गया। इसे देखते ही वहां मौजूद सभी लोगों के बीच चीख-पुकार मच गई। 
वहीं वायरल हो रह वीडियो को वहां मौजूद एक टूरिस्ट ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। वीडियो को बड़ी पतंगों को कैद करने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसमें कैद कुछ और ही हो गया। पिंक रंग की एक बड़ी सी पतंग की पूंछ को नीचे एक बच्चे ने पकड़ रखा था। किसी ने इस बात का ध्यान नहीं रखा। पतंग को हवा में उड़ा दिया गया। इसके साथ ही बच्चा भी हवा में उड़ गया। हवा में पतंग इधर से उधर अठखेलियां करने लगा। पतंग के साथ बच्चा भी हवा में स्पिन करने लगा। 
वहीं गनीमत ये रही कि बच्चे ने पतंग की पूंछ को काफी मजबूती से पकड़ रखा था। वो हवा में जिस तरह से स्पिन कर रहा था, अगर नीचे गिरता तो उसकी मौत निश्चित थी। हवा में उड़ते बच्चे को देखकर नीचे चीख-पुकार मच गई। लोग बच्चे की सलामती की दुआ मांगने लगे। वो तो शुक्र है कि हवा ने थोड़ी देर बाद अपनी गति काम कर दी। थोड़ी देर तक हवा में अठखेलियां करने के बाद बच्चा अपने आप ही नीचे आ गया।

चाय में गिर जाएं मक्खी, बिल्कुल ना पिएं

चाय में गिर जाएं मक्खी, बिल्कुल ना पिएं 

सरस्वती उपाध्याय 
मक्खी के साथ कुछ खतरनाक बैक्टीरिया भी हो सकते हैं, जो आपका पेट खराब कर सकते हैं। इसे फूड पॉइजनिंग कहते हैं, जिसके अंजाम बुरे हो सकते हैं।

दूध में मक्खी गिरना
कई बार दूध, चाय या किसी खाने में मक्खी गिरना आम बात है। कई लोग ऐसे खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ को फेंक देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके बारे में मेडिकल साइंस क्या कहता है? क्या मक्खी गिरने के बाद दूध या कोई दूसरी चीज खाने लायक रहती है?

मक्खी के साथ आ सकती है गंदगी
मक्खी किसी भी चीज पर बैठ जाती है, जो कि खतरनाक इंफेक्शन से संक्रमित हो सकती है। ऐसे में यह जिस चीज के अंदर गिरती है, उसमें भी खतरनाक बैक्टीरिया-वायरस पहुंच सकते हैं।

ये हैं आम बैक्टीरिया
Pubmed पर छपा शोध कहता है कि मक्खी कुछ बैक्टीरिया को ट्रांसफर करने की क्षमता रखती है। जिसमें ई. कोलाई, लिस्टेरिया, शिगेला, साल्मोनेला प्रमुख हैं।

फूड पॉइजनिंग का खतरा
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक, ये बैक्टीरिया गंभीर इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं। शरीर में पहुंचने के बाद इनसे फूड पॉइजनिंग हो जाती है।
फूड पॉइजनिंग के लक्षण
फूड पॉइजनिंग के कारण मरीज को डायरिया, पेट दर्द, क्रैम्प, जी मिचलाना, उल्टी और बुखार जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।

ये लक्षण दिखते ही भागें अस्पताल
अगर आपको तीन दिन से ज्यादा डायरिया, 102 डिग्री फॉरेन्हाइट से तेज बुखार, देखने या बोलने में दिक्कत, खतरनाक डिहाइड्रेशन या पेशाब में खून आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

तुरंत करें ये काम
फूड पॉइजनिंग की वजह से शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकती है। इसलिए पर्याप्त पानी और ओआरएस का सेवन करें। इसके साथ भरपूर आराम करें और लक्षणों को कम करने वाली दवाओं के बारे में डॉक्टर से पता करें।

देश की 10 में से 6 किशोरियां 'एनीमिया' से पीड़ित

देश की 10 में से 6 किशोरियां 'एनीमिया' से पीड़ित 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले एक नए भारतीय अध्ययन में कहा गया है कि देश की 10 में से करीब छ: किशोरियां रक्त अल्पता (एनीमिया) से पीड़ित हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और अन्य संस्थानों ने अपने अध्ययन में पाया कि भारत में 15 से 19 साल तक की किशोरियों में पोषण की खराब स्थिति, धन और शिक्षा जैसे अन्य सामाजिक-आर्थिक कारकों सहित किशोरावस्था में विवाह और मातृत्व भारतीय महिलाओं में एनीमिया का महत्वपूर्ण कारक हैं।
पीएलओएस ग्लोबल पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि भारतीय राज्यों में रक्त अल्पता की व्यापकता 60 प्रतिशत से अधिक है और यह 2015-16 के पांच से बढ़कर 2019-21 में 11 हो गई।
रक्त अल्पता एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, जो विशेष रूप से भारत में महिलाओं को प्रभावित करती है। रक्त अल्पता व्यक्ति में लाल रक्त कणों की कमी से जुड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप कमजोरी और थकान महसूस होती है। 
राष्ट्रीय सर्वेक्षण, एनएफएचएस-4 (2015-16) और एनएफएचएस-5 (2019-21) के चौथे और पांचवें दौर के आंकड़ों का उपयोग करते हुए शोध में रुझानों का विश्लेषण करने के लिए क्रमशः 1,16,117 और 1,09,400 किशोरियों का अध्ययन किया। रक्त अल्पता 18 साल से कम आयु में विवाह करने वाली किशोरियों में ज्यादा व्यापक है। एनएफएचएस-4 और एनएफएचएस-5 में चयनित महिलाओं में से क्रमशः लगभग 10 और आठ प्रतिशत इसी आयुवर्ग से थीं। 
अध्ययन में कहा गया है कि लगभग 70 प्रतिशत प्रतिभागी ग्रामीण इलाकों में रहती हैं। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि कम से कम दो बच्चों की माता किशोरियों में संतानहीन किशोरियों की तुलना में रक्त अल्पता ज्यादा है। उन्होंने यह भी पाया कि स्तनपान कराने वाली माताओं में रक्त अल्पता ज्यादा व्यापक है। शोधकर्ताओं ने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की किशोरियों में देश के अन्य हिस्सों की महिलाओं की तुलना में रक्त अल्पता का खतरा कम है। 
उनका कहना है कि संभवतः ऐसा विविधतापूर्ण और पौष्टिक आहार के कारण है, जिसमें ‘आयरन’ से भरपूर लाल चावल शामिल है। शोध के अनुसार, इन राज्यों में पारंपरिक रूप से लाल चावल खाया जाता है और उनकी संस्कृति में स्थानीय स्तर पर उगाए जाने वाले और मौसमी खाद्य पदार्थों पर जोर दिया जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, लाल मांस की अधिक खपत सहित उपरोक्त कारक इन क्षेत्रों में रक्त अल्पता को कम करने में योगदान दे रहे हैं। 
शोध के मुताबिक, कुल मिलाकर, देश के सभी 28 राज्यों में से 21 राज्यों में अलग-अलग स्तर तक रक्त अल्पता के प्रसार में वृद्धि दर्ज की गई। शोध के अनुसार, असम, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा में 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि पंजाब, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और मध्य प्रदेश राज्यों में पांच प्रतिशत अंकों से कम की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।

जी20 समूह ने आतंकवाद के रूपों की निंदा की

जी20 समूह ने आतंकवाद के रूपों की निंदा की

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भारत की अध्यक्षता में शक्तिशाली जी20 समूह ने आतंकवाद के सभी रूपों की शनिवार को निंदा की और आतंकवादी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह और भौतिक या राजनीतिक समर्थन से वंचित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि सदस्य देशों के बीच सहमति के साथ जी20 ने नयी दिल्ली घोषणापत्र (नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) को अपनाया है।
घोषणापत्र में कहा गया है कि आतंकवाद की कोई भी कार्रवाई आपराधिक और अनुचित है, चाहे ऐसी कार्रवाई कहीं भी घटित हुई हो और किसी ने भी की हो। जी20 नेताओं ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) और एफएटीएफ जैसी संस्थाओं की बढ़ती संसाधन जरूरतों को पूरा करने की भी प्रतिबद्धता जताई। घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘हम शांति के लिए सभी धर्मों की प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हैं और नस्लवाद तथा असहिष्णुता के अन्य रूपों समेत आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं। 
यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।’’ 
जी20 नेताओं ने महत्वपूर्ण ऊर्जा प्रतिष्ठानों सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों के खिलाफ सभी आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा की। नेताओं ने कहा कि प्रभावी आतंकवाद रोधी उपाय, आतंकवाद के पीड़ितों के लिए समर्थन और मानवाधिकारों की रक्षा परस्पर विरोधी लक्ष्य नहीं हैं, बल्कि पूरक हैं। घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर एक समग्र दृष्टिकोण अपनाकर आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सकता है। आतंकवादी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह और भौतिक या राजनीतिक समर्थन से वंचित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया गया है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘हम छोटे हथियारों और हल्के हथियारों की अवैध तस्करी के बारे में भी चिंता व्यक्त करते हैं। इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है।’’ जी20 शिखर सम्मेलन के नतीजों पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि जी20 नेताओं ने आतंकवाद और धनशोधन का मुकाबला करने के विषय पर भी बात की। 
उन्होंने कहा कि नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की और माना कि यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। जी20 नेताओं ने घोषणापत्र में एफएटीएफ और एफएटीएफ जैसी संस्थाओं की बढ़ती संसाधन जरूरतों को पूरा करने की भी प्रतिबद्धता जताई गई। घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘हम ‘यात्रा नियम’ सहित अपने मानकों के वैश्विक कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए एफएटीएफ की पहल का समर्थन करते हैं।’’

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  


1. अंक-327, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. रविवार, सितंबर 10, 2023

3. शक-1944, भाद्रपद, कृष्ण-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:06।

5. न्‍यूनतम तापमान- 19 डी.सै., अधिकतम- 33+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.in 

email:universalexpress.editor@gmail.com 

संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित)

शुक्रवार, 8 सितंबर 2023

जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत पहुंचे सुनक

जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत पहुंचे सुनक 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शनिवार से शुरू हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन के लिए शुक्रवार को यहां पहुंचे। पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ सुनक का हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस और वरिष्ठ राजनयिकों ने स्वागत किया।
अतिथियों ने यहां हवाई अड्डे पर उनके सम्मान में आयोजित पारंपरिक नृत्य की सराहना की। अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान सुनक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इस सप्ताह की शुरुआत में पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री सुनक ने कहा था कि ब्रिटेन और भारत के बीच संबंध दोनों देशों के भविष्य को परिभाषित करेंगे।

ऊर्जा प्रदर्शन को 6 स्टार से बढ़ाकर 7 स्टार किया

ऊर्जा प्रदर्शन को 6 स्टार से बढ़ाकर 7 स्टार किया 

अखिलेश पांडेय 
मेलबर्न। जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा लागत का मतलब है कि हमें इस बात पर पुनर्विचार करने की जरूरत है कि हम अपने घरों को कैसे डिजाइन करते और बनाते हैं ? अद्यतन नेशनल कंस्ट्रक्शन कोड ने नए आवास के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदर्शन को 6 स्टार से बढ़ाकर 7 स्टार (10 स्टार सर्वश्रेष्ठ) कर दिया है। ऑस्ट्रेलियाई घरों की ऊर्जा क्षमता में सुधार के लिए खिड़कियां स्पष्ट तौर पर प्रमुख बिंदु हैं। गर्म दिनों में, हमारे घरों में आने वाली अधिकतर गर्मी खिड़कियों के माध्यम से आती है। ठंड के दिनों में, खिड़कियों से गर्मी लगभग आधी कम हो जाती है। 
न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन की दरों के एक अंश पर ऑस्ट्रेलियाई घरों में उच्च प्रदर्शन वाली इंसुलेटिंग खिड़कियां स्थापित की गई हैं। हमारी नयी प्रकाशित रिपोर्ट में, हमने पाया कि स्थानीय खिड़की उद्योग उच्च प्रदर्शन वाली खिड़कियां तैयार कर सकता है, जिनकी हमें तापीय रूप से कुशल घरों के लिए आवश्यकता होती है। इससे इन घरों को गर्म करने और ठंडा करने की लागत कम होगी, साथ ही ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन भी कम होगा। लेकिन उद्योग जटिल है, इन खिड़कियों के अधिकाधिक उपयोग में कई बाधाएँ हैं। हमने कई सरकारी नीतियों और उद्योग कार्यों की पहचान की है जो बदलाव लाने में मदद कर सकते हैं। 
खिड़कियों से कितना फर्क पड़ता है?
ऑस्ट्रेलियाई आवासों में एकल-चमकदार खिड़कियाँ आम हैं। इन खिड़कियों से गर्मी आसानी से गुजरती है, इसलिए ये तापीय रूप से कमजोर स्थान हैं। ऑस्ट्रेलियाई घरों में, 87 प्रतिशत तक गर्मी खिड़कियों के माध्यम से आती है और सर्दियों में 40 प्रतिशत तक गर्मी खिड़कियों के माध्यम से कम होती है। इससे अंदर सुगम तापमान बनाए रखना कठिन हो जाता है। औसत ऑस्ट्रेलियाई घरों में घरेलू ऊर्जा का लगभग 40 प्रतिशत उपयोग ‘हीटिंग’ और ‘कूलिंग’ के लिए होता है। परिणाम उच्च बिजली बिल के रूप में निकलता है। उच्च-प्रदर्शन वाली खिड़कियां इस समस्या का समाधान कर सकती हैं बेहतर खिड़कियाँ उपलब्ध हैं। डबल-ग्लाज़्ड और ट्रिपल-ग्लाज़्ड खिड़कियां बेहतर समाधान प्रदान करती हैं, जिससे ‘हीटिंग’ और ‘कूलिंग’ के लिए ऊर्जा का उपयोग करने की आवश्यकता कम हो जाती है। कुछ जलवायु क्षेत्रों में, वे ऊर्जा क्षमता में आपके द्वारा किए जा सकने वाले सबसे अधिक लागत प्रभावी निवेशों में से एक हैं। इन खिड़कियों में कांच के शीशों के बीच हवा की इन्सुलेशन परत होती है।
 अन्य तत्व भी प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं। इनमें थर्मल ब्रेक (एक इंसुलेटिंग बैरियर जो खिड़की के फ्रेम के माध्यम से गर्मी के प्रवाह को कम करता है) और फिल्म शामिल हैं जिन्हें शीशे पर लगाया जा सकता है। इन तरीकों का उपयोग नयी खिड़की इकाइयों में या ‘सेकंडरी ग्लेज़िंग’ जैसे रेट्रोफिट विकल्पों के साथ किया जा सकता है जो पूरी खिड़की इकाई को बदलने से सस्ता हो सकता है। इसमें मौजूदा खिड़की के अंदर एक फ्रेम में ग्लाज्ड पैनल स्थापित करना शामिल है। यह अपार्टमेंट के लिए एक अच्छा समाधान हो सकता है क्योंकि इसके लिए मालिकों को निगम की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। 
उच्च-प्रदर्शन वाली खिड़कियाँ अधिक तापीय विराम के अलावा कई लाभ प्रदान करती हैं। इनमें बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप घर अब बहुत गर्म या बहुत ठंडे नहीं रह गए हैं, वेंटिलेशन और प्राकृतिक रोशनी का बेहतर नियंत्रण और बाहर से शोर कम हो गया है। उच्च-समाधान वाली खिड़की स्थापित करने में ऑस्ट्रेलिया अन्य देशों से बहुत पीछे है। ऑस्ट्रेलिया में नए आवासों में केवल 10 प्रतिशत से अधिक खिड़कियाँ उच्च-समाधान वाली हैं - जबकि ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और न्यूजीलैंड में लगभग 80 प्रतिशत खिड़कियां हैं। उच्च-समाधान वाली खिड़कियों का उपयोग बढ़ाना हमने ‘सस्टेनेबिलिटी विक्टोरिया’ की ओर से विक्टोरिया में खिड़की और आवासीय भवन उद्योग का पता लगाया। हमारा उद्देश्य उच्च समाधान वाली खिड़कियों के निर्माण, बिक्री और स्थापना को बढ़ाने के लिए उद्योग और इसकी तैयारी को समझना था। 
हम यह भी समझना चाहते थे कि इस परिवर्तन को प्राप्त करने के लिए किस समर्थन की आवश्यकता हो सकती है। हमने पूरे क्षेत्र से आए लोगों से बात की। उन्होंने कहा कि मांग आने पर वे इसे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसा करने में कोई तकनीकी बाधा नहीं है। जिन बिल्डरों से हमने बात की, उन्होंने विभिन्न खिड़की उत्पादों को समझने से संबंधित कुछ मुद्दों की पहचान की, जैसे कि विभिन्न फ्रेम सामग्रियों के सापेक्ष लाभ। उदाहरण के लिए, यूपीवीसी और लकड़ी के फ्रेम आमतौर पर एल्युमिनियम की तुलना में कम गर्मी का प्रचालन करते हैं। हालाँकि, एक थर्मल ब्रेक एल्युमिनियम फ्रेम के प्रदर्शन में काफी सुधार कर सकता है।

भविष्य के लिए खिड़कियां
आवास की गुणवत्ता, समाधान और उत्सर्जन में खिड़कियों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, उच्च-समाधान वाली खिड़कियां स्थापित करना हमेशा की तरह व्यवसाय बन जाना चाहिए। कई अन्य देशों में, डबल-या-ट्रिपल-ग्लाज़्ड खिड़कियां अब मानक हैं। यदि हम ऐसा नहीं करते हैं, तो हम दशकों तक घरों को निम्न-गुणवत्ता वाले, खराब समाधान वाले आवासों में बंद कर देंगे।

भारत ने अफ्रीका को 125 रनों का टारगेट दिया

भारत ने अफ्रीका को 125 रनों का टारगेट दिया  इकबाल अंसारी  पोर्ट एलिजाबेथ। भारत-साउथ अफ्रीका के बीच 4 मैचों की टी20 सीरीज का दूसरा मैच गकेबेह...