30-31 अगस्त, 2 दिन मनाईं जाएगी रक्षाबंधन
सरस्वती उपाध्याय
रक्षाबंधन का त्योहार आते ही भाई-बहनों के चेहरे पर खुशी खील उठती है। यह त्योहार आते ही बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए सुंदर-सुंदर राखियां बाजार से खरीद लाती हैं और भाई के कलाई पर राक्षासूत्र बांधती हैं। हर वर्ष यह पर्व सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।इस दिन भाई भी उन्हें उनके लिए उपहार की खरीदारी में जुट जाते हैं।
इस बार रक्षाबंधन की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 30 और 31 दो तारीखों को लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है। पवित्र त्योहार रक्षाबंधन कुछ जगहों पर 30 अगस्त को मनाया जाएगा तो कुछ जगहों पर 31 अगस्त को। 30 अगस्त को भद्रा काल रात 9 बजे समाप्त हो रही है इसलिए 31 अगस्त को यह पर्व शुभ मुहूर्त में मनाया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में गरीबी दूर करने के लिए रक्षाबंधन पर किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं। तो आइए जानते हैं रक्षाबंधन के दिन किए जाने वाले इन ज्योतिषीय उपायों के बारे में...
ग्रह देंगे शुभ प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रक्षाबंधन पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और इस दिन का संबंध माता लक्ष्मी और चंद्रदेव से है। इस दिन भाई-बहन भगवान भोलेनाथ और माता लक्ष्मी की पूजा करें और शाम के समय चंद्रमा को जल में दूध और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दें। ऐसा करने से ग्रहों का शुभ प्रभाव प्राप्त होगा और जीवन में तरक्की के मार्ग बनेंगे।
गरीबी होगी दूर
गरीबी दूर करने के लिए रक्षाबंधन के दिन बहन के हाथ से गुलाबी कपड़े में चावल, एक रुपया और एक सुपारी लेकर बांध लें। इसके बाद बहन भाई को राखी बांधें और फिर भाई बहन को वस्त्र, सफेद मिठाई और रुपए देकर चरण स्पर्श करें। फिर गुलाबी कपड़े में रखे सामान को उत्तर दिशा में रख दें। ऐसा करने से आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है और धन धान्य की कमी नहीं होती।
विघ्न होंगे दूर
बहनें जब भाई को राखी बांधें, तब पूजा की थाली में फिटकरी भी रख लें। राखी बांधने के बाद फिटकरी को भाई के सिर से लेकर पैर तक सात बार उल्टी दिशा में वारकर चौराहे या चूल्हे की आग में फेंक दें, ऐसा करने से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं और आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।
धन धान्य में होती है वृद्धि
रक्षाबंधन के दिन लाल रंग के मिट्टी के घड़े को लाल कपड़े से ढककर एक नारियल रख दें और फिर भाई राखी बंधवाकर इस घड़े को झोली बनाकर बहते जल में प्रवाहित करें। फिर साथ में भाई-बहन गणेशजी की पूजा अर्चना करें। ऐसा करने से सभी विघ्न दूर होते हैं और भाई-बहन के बीच प्रेम बना रहता है। साथ ही घर में धन धान्य की कमी नहीं होती और गणेशजी के आशीर्वाद से नौकरी व व्यवसाय उन्नति होती है।