सोमवार, 14 अगस्त 2023

टी-20 मुकाबले में 8 विकेट से हार झेलनी पड़ी

टी-20 मुकाबले में 8 विकेट से हार झेलनी पड़ी   

मोमीन मलिक 

नई दिल्ली। टीम इंडिया का वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर-1 पर काबिज भारत को आखिरी टी20 मुकाबले में आठ विकेट से हार झेलनी पड़ी। रविवार (13 अगस्त) को फ्लोरिडा के सेंट्रल ब्रोवार्ड रीजनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में भारत ने वेस्टइंडीज को जीत के लिए 166 रनों का टारगेट दिया था, जिसे उसने 12 गेंद बाकी रहते हासिल कर लिया। इस हार के साथ ही हार्दिक पंडया की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने टी20 सीरीज को 2-3 से गंवा दिया।

टी20 सीरीज में हार के बाद हार्दिक पंड्या की कप्तानी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। देखा जाए तो हार्दिक ने इस टी20 सीरीज में कई अटपटे फैसले लिए। स्पिनर अक्षर पटेल किसी मैच में बॉलिंग की शुरुआत करते दिखाई दिए, वहीं किसी मैच में उन्हें गेंदबाजी करने का मौका तक नहीं मिला। विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन और खुद कप्तान हार्दिक पंड्या की बैटिंग पोजीशन तय नहीं दिखी। हार्दिक साथी तेज गेंदबाज मुकेश कुमार का भी सही ढंग से इस्तेमाल करने में असफल रहे। पांचवें टी20 मैच में वह पहला ओवर किसी स्पिनर से करा सकते थे, लेकिन वह खुद गेंदबाजी करने के लिए आ गए।

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में हार्दिक पंड्या की कप्तानी में काफी पैनापन दिखाई देता है। बतौर कप्तान उन्होंने गुजरात टाइटन्स (GT) को लगातार दो आईपीएल सीजन के फाइनल में पहुंचाया/ एक मौके पर तो उनकी टीम टाइटल जीतने में सफल रही. आईपीएल में हार्दिक अपने खिलाड़ियों पर काफी भरोसा जताते हैं और वो एक गेमप्लान के तहत फील्ड पर उतरते हैं। गुजरात टाइटन्स के लिए खेलते समय हार्दिक की बैटिंग पोजीशन तय रहती है और वह खुद को भी काफी बैक करते हैं। आईपीएल में शानदार कप्तानी के चलते ही हार्दिक की लीडरशिप पर बोर्ड ने भरोसा जताया था। लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में हार्दिक की कप्तानी में चमक गायब दिखी।

आखिरी टी20 मैच में हार्दिक पंड्या की कप्तानी से तो फैन्स को काफी निराशा हुई। हार्दिक ने शुरुआती 13 ओवरों तक अक्षर से गेंदबाजी नहीं कराई। जबकि मुकेश कुमार से भी मैच में सिर्फ एक ही ओवर कराया। कुलदीप और चहल का भी सही इस्तेमाल नहीं कर सके. दूसरी ओर वेस्टइंडीज के कप्तान रोवमैन पॉवेल ने पहला ओवर स्पिनर अकील हुसैन से कराया था। उन्होंने यशस्वी और गिल को जल्दी आउट किया था। हार्दिक पंड्या ने बैटिंग भी बेहद धीमी की। उन्होंने 18 गेंदें खेलीं, जिस पर सिर्फ 14 रन बनाए। टी20 फॉर्मेट में यह बेहद धीमी पारी होती है। इसकी जमकर आलोचना भी हुई।

एशिया कप 2023 और वनडे वर्ल्ड कप 2023 के मद्देनजर ये टी20 सीरीज क्यों रखा गया था, ये समझ से परे है। ऐसा लगा कि महज खानापूरी के लिए ये सीरीज रखी गईय पूरे सीरीज के दौरान भारतीय खिलाड़ियों में आत्मविश्वास की कमी दिखाई दी। इस टी20 सीरीज में रोहित शर्मा और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली की कमी साफ खलती दिखी। कोहली और रोहित के होने से भारतीय टीम का उत्साह सातवें आसामान पर रहता है। किंग कोहली और रोहित बल्लेबाजी के साथ-साथ अपनी टीम के युवा खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करने से भी नहीं चूकते। साथ ही वह फील्डिंग के दौरान भी प्लेयर्स में जोश भरने का काम करते हैं।

हार्दिक पंड्या की कप्तानी में भारत को पहली बार टी20 सीरीज गंवानी पड़ी है। पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप के बाद से भारत ने हार्दिक पंड्या की कप्तानी में ही न्यूजीलैंड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज जैसी टीमों से सबसे छोटे फॉर्मेट में मुकाबले खेले हैं। ये देखना होगा कि चयनकर्ता हार्दिक की कप्तानी पर आगे भरोसा जताते हैं या नहीं। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ हार्दिक पंड्या की कप्तानी का टेस्ट अभी तक नहीं हुआ है।

चीन में 300,000 साल पुरानी खोपड़ी मिलीं

चीन में 300,000 साल पुरानी खोपड़ी मिलीं 

अखिलेश पांडेय 

बीजिंग। वैज्ञानिकों ने चीन में एक ऐसी प्राचीन खोपड़ी की खोज की है, जैसी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। इस 300,000 साल पुरानी खोपड़ी को पहली बार साल 2019 में दूसरे जीवाश्म अवशेषों के साथ हुआलोंगडोंग में खोजा गया था। इसे बच्चे की खोपड़ी माना जा रहा है। चाइनीज अकैडमी ऑफ साइंसेज (सीएएस) को इसके वंश के बारे में पता लगाने में काफी दिक्कत हुई। साइंस अलर्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस खोज ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। ये खोपड़ी निएंडरथल या डेनिसोवंस जैसी नहीं लग रही।

इसे देखकर ऐसा लगता है कि मानव परिवार की कोई शाखा शायद छूट गई है। उस बारे में हम आज तक पता नहीं लगा पाए हैं। खोपड़ी में कुछ समानताएं प्रारंभिक आधुनिक मनुष्यों के जैसी हैं। इसमें ठोड़ी छोटी है और इसकी तुलना एशिया की मानवों की एक विलुप्त प्रजाति से की जा रही है, जिसे डेनिसोवन के नाम से जाना जाता है। अब वैज्ञानिकों ने एक हालिया विश्लेषण में कहा कि इसकी शेप ऐसी है, जो ‘पूर्वी एशिया में मध्य प्लीस्टोसीन होमिनिन जीवाश्म संग्रह में कभी दर्ज नहीं की गई।

वहीं इससे पहले खबर सामने आई थी कि पुरातत्वविद 221 ईसा पूर्व से 210 ईसा पूर्व तक शासन करने वाले किन शू हुआंग की कब्र खोलने से बहुत डर रहे हैं। इस कब्र की सुरक्षा सैनिकों और घोड़ों की एक सेना करती है और इसे किसानों ने 1974 में चीन के शानक्सी प्रांत में देखा था। पुरातत्वविदों का मानना ​​है कि इसे छूने वाले इंसान की मौत हो सकती है।

किन शु हुआंग की मौत के 100 साल बाद चीनी इतिहासकार सिमा कियान के एक लेख में दावा किया गया था, ‘सौ अधिकारियों के लिए महलों और सुंदर टावरों का निर्माण किया गया था और कब्र दुर्लभ कलाकृतियों और अद्भुत खजाने से भरी हुई है।’ उन्होंने कहा था, ‘शिल्पकारों को कब्र में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति पर गोली चलाने के लिए क्रॉसबो और तीर बनाने का आदेश दिया गया था।’

तनाव: भारत-चीन ने नए दौर की सैन्य वार्ता की

तनाव: भारत-चीन ने नए दौर की सैन्य वार्ता की 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/बीजिंग। भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने और क्षेत्र में तनाव कम करने के मद्देनजर सोमवार को नए दौर की सैन्य वार्ता की। सैन्य सूत्रों ने बताया कि कोर कमांडर स्तरीय 19वें दौर की बातचीत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो में हुई। पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। 

हालांकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है। सूत्रों ने बताया कि बातचीत सुबह करीब साढ़े नौ बजे शुरू हुई और इन पंक्तियों के लिखे जाने तक वार्ता जारी थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली कर रहे हैं। इस कोर का मुख्यालय लेह में है। चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर कर रहे हैं। इससे पहले, 23 अप्रैल को 18वें दौर की सैन्य वार्ता हुई थी जिसमें भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक के लंबित मुद्दों पर जोर दिया था। 

विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले साल बाली में जी -20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक रात्रिभोज में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने की आवश्यकता पर चर्चा की थी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 24 जुलाई को जोहानिसबर्ग में पांच देशों के समूह ब्रिक्स की बैठक के दौरान शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी से मुलाकात की थी। 

आत्महत्या के बारे में सोचने से बचें, सामना करें

आत्महत्या के बारे में सोचने से बचें, सामना करें 

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) के एक परीक्षार्थी के कथित रूप से आत्महत्या करने की घटना के मद्देनजर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने युवाओं से सोमवार को अपील की कि वे आत्महत्या के बारे में सोचने से बचें और जीवन की कठिनाइयों का आत्मविश्वास के साथ सामना करें।

स्टालिन के बेटे और कैबिनेट मंत्री उदयनिधि ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि नीट के खिलाफ ‘‘कानूनी संघर्ष’’ जारी रहेगा। स्टालिन ने नीट संबंधी छूट से जुड़े तमिलनाडु विधानसभा के प्रस्ताव पर राज्यपाल आर एन रवि की टिप्पणी का जिक्र करते हुए दावा किया कि कुछ महीनों में ‘‘राजनीतिक बदलाव’’ होने पर ‘‘नीट द्वारा खड़ी की गई बाधाएं ढह जाएंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘फिर वे लोग गायब हो जाएंगे, जो कहते हैं कि ‘मैं हस्ताक्षर नहीं करूंगा’।’’ तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने कहा था कि वह तमिलनाडु सरकार के नीट विरोधी विधेयक को कभी मंजूरी नहीं देंगे। इस विधेयक को अभी राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है। स्टालिन ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘मैं छात्र जगतीश्वरन और उसके पिता सेल्वाशेखर की मौत की घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

उन्होंने कामना की कि ‘‘नीट के कारण अब और किसी की मौत नहीं हो।’’ शहर का क्रोमपेट निवासी जगतीश्वरन पहली कोशिश में नीट परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाया था। मुख्यमंत्री ने जगतीश्वरन की मौत पर शोक जताते हुए कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वह उसके परिवार को सांत्वना कैसे दें।

स्टालिन ने कहा, ‘‘जगतीश्वरन के पिता सेल्वाशेखर ने भी अगले दिन आत्महत्या कर ली। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं उसके परिवार एवं मित्रों को कैसे सांत्वना दूं।’’ उन्होंने कहा कि पढ़ाई में होशियार जगतीश्वरन के माता-पिता अपने बेटे को एक चिकित्सक बनते देखना चाहते थे, लेकिन वह ‘‘नीट परीक्षा की वेदी पर चढ़ने वाले पीड़ितों की सूची में शामिल हो गया, जो कि एक बहुत भयानक घटना है।’’

राज्य में पिछले कुछ साल में नीट संबंधी आत्महत्या के कथित रूप से कई मामले सामने आए हैं। स्टालिन ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं अपील करता हूं कि कोई भी छात्र किसी भी परिस्थिति में अपनी जान लेने का कभी फैसला नहीं करे। आपके विकास में बाधा नीट को रद्द किया जाएगा।

राज्य सरकार इस दिशा में कानूनी पहल पर सक्रिय रूप से काम कर रही है।’’ उन्होंने तमिलनाडु को नीट से छूट देने की मांग करने वाले विधानसभा के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यपाल ने पहले प्रस्ताव को लौटा दिया और दूसरा प्रस्ताव मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया।मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि राज्यपाल रवि विधेयक को ठंडे बस्ते में डाल देना चाहते हैं। नीट परीक्षा महंगी हो गई है और इसका खर्च केवल अमीर लोग ही उठा सकते हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि जो लोग बड़ी रकम खर्च करके पढ़ाई नहीं कर सकते, वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि हालत ऐसी हो गई है कि मेडिकल की शिक्षा उन्हीं लोगों के लिए है, जिनके पास पैसा है। स्टालिन ने कहा, ‘‘इसके बावजूद राज्य सरकार सरकारी विद्यालयों के गरीब छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेज में 7.5 प्रतिशत आरक्षण लेकर आई, लेकिन राज्यपाल समझ नहीं रहे। ऐसा संदेह है कि वह कोचिंग संस्थाओं की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने रवि पर छात्रों को आमंत्रित करके राजभवन में ‘‘कक्षाएं आयोजित’’ करने का आरोप लगाया और दावा किया कि राज्यपाल ने शनिवार को एक संवाद के दौरान एक छात्र के पिता द्वारा सवाल किए जाने पर यह कह कर ‘‘अपनी अज्ञानता का परिचय दिया’’ कि वह नीट छूट विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।

स्टालिन ने कहा, ‘‘इस विधेयक को उनके हस्ताक्षर का इंतजार नहीं है। यह राष्ट्रपति के पास है। जहां तक इसका सवाल है, तो राज्यपाल के पास इस मामले में कोई अधिकार नहीं है, जबकि वह दिखा ऐसा रहे हैं कि उनके पास अधिकार हैं। जगदीश्वरन की तरह चाहे कितने भी लोगों की जान चली जाए, राज्यपाल आर एन रवि का दिल नहीं पिघलेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नीट के कारण होने वाली यह आखिरी मौत हो। एक उज्ज्वल भविष्य आप छात्रों का इंतजार कर रहा है। आत्मविश्वासी बनिए। जीवन जिएं तथा अन्य लोगों को भी जीने दें। मैं आपसे एक बार फिर अनुरोध करता हूं कि आत्महत्या करने के बारे में सोचने की प्रवृत्ति से दूर रहें।’’

पुलिस ने बताया कि जगतीश्वरन (19) ने शनिवार को कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी और उसके पिता का शव भी रविवार को उनके आवास में फांसी पर लटकता मिला था। इस बीच, युवा कल्याण एवं खेल विकास मंत्री उदयनिधि ने पिता-पुत्र की मौत पर शोक व्यक्त किया।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान राज्यपाल की नीट संबंधी टिप्पणी की आलोचना की और कहा कि राज्य विधानसभा ने इस परीक्षा के खिलाफ दो बार प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने कहा कि नीट के खिलाफ ‘‘हमारा कानूनी संघर्ष जारी रहेगा।’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने भी परीक्षार्थी एवं उसके पिता की मौत पर शोक व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि छात्रों के इस तरह के कदम से उनके माता-पिता को जीवन भर का दुख मिलेगा। उन्होंने ट्वीट किया कि स्कूलों में परीक्षाएं नहीं रुकतीं और छात्रों को कई स्तरों पर उनका सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अन्नामलाई ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना माता-पिता का कर्तव्य है कि बच्चे सामाजिक दबाव का शिकार न बनें।

हर बच्चा एक विशेषता के साथ पैदा होता है और कोई किसी का अवसर नहीं छीन सकता।’’ उन्होंने कहा कि बच्चों की, अंकों को लेकर एक-दूसरे से तुलना नहीं की जानी चाहिए। मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कझगम (एमडीएमके) नेता वाइको ने पिता-पुत्र की मौत की घटना पर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने नीट पर ‘‘अड़ियल, निरंकुश’’ रुख के लिए भाजपा की केंद्र सरकार की आलोचना की और इसके कारण राज्य के कई मेडिकल परीक्षार्थियों के कथित रूप से आत्महत्या करने की घटनाओं का जिक्र किया। तमिलनाडु अपने छात्रों के लिए नीट में छूट की मांग कर रहा है।

तालाब में डूबने से 4 बच्चों की मौत, पोस्टमार्टम

तालाब में डूबने से 4 बच्चों की मौत, पोस्टमार्टम  

मनोज सिंह ठाकुर 

कटनी। ‌कटनी जिले से बड़ी दर्दनाक खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि यहां एक तालाब में नहाने गये चार नाबालिग बच्चों की डूबने से मौत हो गई है।सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

यह घटना स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के नेगवा की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि चारों बच्चे तालाब में नहाने गये थे और नहाने के दौरान चारों गहरे पानी में चले गये। बच्चों को डूबता देख आस पास के लोगों ने तालाब में छलांग लगा दी और सभी बच्चों को निकाल कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डाक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।

एआई को तेजी से अपना रहे हैं उद्यम कृत्रिम मेधा

एआई को तेजी से अपना रहे हैं उद्यम कृत्रिम मेधा  

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय उद्यम कृत्रिम मेधा (एआई) को तेजी से अपना रहे हैं। कोविड-19 महामारी के बाद औद्योगिक उत्पाद और विनिर्माण क्षेत्र में इनकी स्वीकार्यता की दर भी सर्वाधिक है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, औद्योगिक उत्पादों और विनिर्माण क्षेत्र में पिछले दो वर्षों में एआई/एमएल (कृत्रिम मेधा/मशीन लर्निंग) को सबसे अधिक अपनाया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादों और विनिर्माण क्षेत्र के लगभग 64 प्रतिशत संगठनों ने बताया कि वे इस समय एआई को अपनाने के शुरुआती चरण में हैं। इससे पता चलता है कि इस क्षेत्र में एआई/एमएल समाधानों के लिए निवेश और वृद्धि के पर्याप्त अवसर हैं। पीडब्ल्यूसी ने कहा कि उसने 2022-23 में भारतीय बाजार में 220 से अधिक सीएक्सओ और नीति-निर्माताओं के बीच सर्वेक्षण किया।

इससे पहले 2020 में ऐसा ही सर्वेक्षण किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, रुझानों से संकेत मिलता है कि यात्रा और आतिथ्य उद्योग में एआई को अपनाने की प्रक्रिया अपने चरम पर पहुंच गई है। इसके अलावा प्रौद्योगिकी, मीडिया, दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवा और दवा जैसे क्षेत्रों में लगातार प्रगति देखी गई है, लेकिन उन्हें निवेश पर प्रतिफल मापने के लिए कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

जिला अध्यक्ष लाल को उम्मीदवार घोषित किया

जिला अध्यक्ष लाल को उम्मीदवार घोषित किया

इकबाल अंसारी 

कोट्टायम। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को केरल में कोट्टायम जिला अध्यक्ष जी लिजीन लाल को पुथुपल्ली विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार घोषित किया। लाल कडूथुरुथी से विधानसभा का पिछले चुनाव लड़े थे और तीसरे स्थान पर रहे थे। राज्य के सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेतृत्व लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) गठबंधन ने शनिवार को जैक सी थॉपस को अपना उम्मीदार घोषित किया था।

पुथुपल्ली निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव के लिए मतदान पांच सितंबर को होगा और मतगणना आठ सितंबर को होगी। पुथुपल्ली में उपचुनाव राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी की निधन की वजह से कराना पड़ा है।

 चांडी ने लगातार 53 साल तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। इस सीट के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अगस्त है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने चांडी के पुत्र चांडी ओमान को अपना उम्मीदवार बनाया है।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...