गुरुवार, 10 अगस्त 2023

लाइलाज रोग के जैसे बन गए सड़कों के गड्ढे

लाइलाज रोग के जैसे बन गए सड़कों के गड्ढे   

इकबाल अंसारी    
गाजियाबाद। राष्ट्रीय राजमार्ग और अंतर्राज्यीय राजमार्ग के निर्माण का दम भरने वाली भाजपा सरकार दर्पण देखने से डरती है। एक तरफ राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका सुगम और सरल परिवहन की कहते हैं। दूसरी तरफ राज्य मार्ग की दुर्दशा सुध भी नहीं लेते है। 
जानकारी के अनुसार दिल्ली-सहारनपुर अंतर्राज्यीय राजमार्ग का कुछ हिस्सा जनता को लाभ प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रहा है। वहीं, कुछ हिस्सा जनता को नरकीय जीवन जीने के लिए विवश कर रहा है। जी हां, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के गोकुलपुरी के बाद जैसे ही आप उत्तर प्रदेश के जनपद गाजियाबाद की विधानसभा लोनी में प्रवेश करते हैं तो अनायास ही आप स्वयं प्रतीक कर लेंगे कि आप अपने क्षेत्र में आ गए हैं। ठीक लोनी डिपो के सामने से लेकर इंदिरा पुरी कॉलोनी के सामने तक लगभग 3 किलोमीटर तक सड़क के गड्ढे, गड्ढों में अटके वाहन, खुद ब खुद हालिया स्थिति बयान कर देंगे। 
आपको बताते चलें कि गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के जनरल वीके सिंह सांसद हैं। जिस विधानसभा क्षेत्र में यह समस्या जनता को पीड़ा प्रदान कर रहीं हैं। वहां से भाजपा के नंदकिशोर गुर्जर विधायक हैं। दोनों जनप्रतिनिधि सत्तारुढ दल भाजपा से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन दोनों जनप्रतिनिधियों की उदारता के कारण जनता को अकारण कष्ट सहना पड़ता है। यह समस्या अंतर्राज्यीय राजमार्ग 709 बी से जुड़ी होने के कारण कई जनपदों के लाखों लोग, जिनका आवागमन इसी मार्ग से नियमित रूप से होता है। समस्या से आहत होकर त्राहिमाम, त्राहिमाम करने लगते हैं। इस अंतर्राज्यीय राजमार्ग को पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जनपदों की लाइफ लाइन कहने में भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। 
बरसात के समय में मार्ग पर जल एकत्रित हो जाता है, जल जमाव के कारण सड़क पर मौजूद गढ़ों का अनुमान कर पाना बड़ी समस्या बन जाता है। जिसके कारण घंटों जाम की समस्या बनी रहती है, कई वाहन सड़कों पर फंसे खड़े रहते हैं, कई बार कई लोगों को चोटें भी लग जाती है। यह जन समुदाय से जुड़ी गंभीर समस्या बन गई है। इसके निवारण के लिए जिला अधिकारी को स्वत संज्ञान लेने की आवश्यकता है।

जन स्वास्थ्य से खिलवाड़, आखिर जिम्मेदार कौन ?

जन स्वास्थ्य से खिलवाड़, आखिर जिम्मेदार कौन ?   

अश्वनी उपाध्याय   
गाजियाबाद। जनपद में मनको के अभाव में कई हॉस्पिटलों का संचालन किया जा रहा है। झोलाछाप और चिकित्सा शिक्षा योग्यता के विरुद्ध अन्य चिकित्सा पद्धति में चिकित्सा परीक्षण करने वालों की संख्या सैकड़ों के पार है। लेकिन इसके अलावा अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर एक बीमार व्यक्ति से कितना भद्दा मजाक किया जाता है, इसका अनुमान लगाना कठिन है ? 
'यूनिवर्सल एक्सप्रेस' के एक ताजा सर्वे में इस बात की पुष्टि होती है। अर्जित जानकारी के अनुसार तहसील लोनी क्षेत्र में लगभग 24 डायग्नोस्टिक एवं अल्ट्रासाउंड केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें मात्र पांच ऐसे केंद्रों की जानकारी मिली है। जहां पर योग्य चिकित्सकों के द्वारा चिकित्सा परीक्षण किया जाता है। बाकी सभी केंद्रों पर अयोग्य चिकित्सकों अथवा एक साधारण व्यक्ति के द्वारा चिकित्सा परीक्षण किया जाता है। भोली-भाली जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ और दिनदहाड़े उनके खून-पसीने की कमाई पर डाका डाला जाता है। साधारण व्यक्ति भी यह बात समझने में समर्थ है कि जिस व्यक्ति की शैक्षणिक योग्यता पूर्ण नहीं है। वह उचित चिकित्सा परीक्षण परिणाम सिद्ध कैसे कर पाएगा ? यह एक बड़ा सवाल है। 
प्रशासनिक अमला मौजूद है और जनता का चुनाव में फायदा उठाने वाले रहबर भी है। कई संस्थाएं भी जनता की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर कार्य कर रही है। उसके बावजूद जनता के साथ कितना बड़ा धोखा किया जा रहा है ? जो व्यक्ति अल्ट्रासाउंड की स्पेलिंग ठीक से नहीं बता सकता है। वह अल्ट्रासाउंड का विशेषज्ञ बना हुआ है। इस बात की पूरी आशंका रहती है कि परीक्षण परिणाम पूरी तरह अनुचित है। ज्यादातर जनता इस बात से अनभिज्ञ है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस बात से अनजान नहीं है। 
सूत्रों की मानें तो यह खेल राजनीतिक संरक्षण के द्वारा संचालित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की उदारता सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कर्तव्य निष्ठा को धार पर रखकर यह घटिया खेल खेला जा रहा है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि जल्दी ही दर परत दर इस घटिया खेल का असली चेहरा जनता के सामने होगा। इस खेल के पीछे कौन जिम्मेदार है और किसकी क्या भूमिका है ?

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 


1. अंक-299, (वर्ष-06)

पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. शुक्रवार, अगस्त 11, 2023

3. शक-1944, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 05:19, सूर्यास्त: 07:07।

5. न्‍यूनतम तापमान- 22 डी.सै., अधिकतम- 36+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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बुधवार, 9 अगस्त 2023

मलबे में 3 बच्चों सहित दबी महिला, 2 की मौत

मलबे में 3 बच्चों सहित दबी महिला, 2 की मौत

श्रीराम मौर्य    
केदार घाटी। उत्तराखंड में जहां बारिश कहर बनकर बरस रही है, जगह-जगह भूस्खलन की खबर आ रही है। वहीं केदारनाथ घाटी से फिर बड़े हादसे की खबर आई है। बताया जा रहा है कि केदारनाथ यात्रा पड़ाव के गौरीकुंड (गौरी गांव) में नेपाली मूल के तीन बच्चे भूस्खलन की चपेट में आने से दब गए। मलबे में जिंदा दफन होकर दो मासूमों की मौत हो गई है। वहीं एक गंभीर घायल है। वहीं दूसरी ओर गौरीकुंड हादसे के 6 दिन बाद भी लापता 20 लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार गौरीकुंड गांव में हेलीपैड से आगे गांव के नीचे एक नेपाली परिवार के ऊपर के खेत से मलबा आ गया।
इस दौरान मलबे में परिवार के चार सदस्य दब गए। मलबे में दबी महिला को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया जबकि उसके तीनों बच्चे मलबे में दब गए। राहत बचाव टीम ने मौके पर पहुंचकर घायल बच्चों को तत्काल गौरीकुंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है बताया जा रहा है कि हादसे में बच गयी बालिका की पहचान 8 वर्षीय स्वीटी के रूप में हुई है, जबकि उसकी छोटी बहन पांच वर्षीय पिंकी तथा एक अन्य बच्चा मृतकों में शामिल हैं।
बच्चों का पिता सत्यराज मजदूरी करता है तथा हादसे के वक्त वह अपने गांव नेपाल गया हुआ था। गौरीकुंड गांव में स्थित घटनास्थल की दूरी उस स्थान से महज कुछ किलोमीटर दूर है जहां पांच दिन पहले हुए भूस्खलन में तीन व्यक्तियों की मौत हो गयी थी और 20 अन्य लापता हो गए थे।

आदिवासियों के लिए काम कर रही है सरकार

आदिवासियों के लिए काम कर रही है सरकार    

ओमप्रकाश चौबे    
रायपुर। सांसद राहुल गांधी ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासियों के लिए सक्रिय रूप से काम करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को बधाई दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि विश्व आदिवासी दिवस पर मैं हमारे आदिवासी समुदायों का सम्मान करना चाहूंगा, जो हमारी भूमि और परंपरागत ज्ञान के सच्चे संरक्षक हैं। हमारे आदिवासी समुदाय, आने वाली पीढिय़ों के लिए हमारी विरासत को सुरक्षित रखने में हमेशा सबसे आगे रहे हैं। एक समाज के रूप में, हम अपने आदिवासी भाईयों और बहनों से, अपने मूल्यों की अंत तक रक्षा करने की शक्ति के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं। 
मैं छत्तीसगढ़ सरकार को 'विश्व आदिवासी दिवस' की शुभकामनाएं देता हूं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई की सरगुजा इस वर्ष उत्सव की मेजबानी कर रहा है। सरगुजा का छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक विशिष्ट गौरवपूर्ण स्थान हैै। 
विभिन्न नृत्य और संगीत परंपराओं से सराबोर छत्तीसगढ़ की विशिष्ट आदिवासी संस्कृति हमें अपनी सांस्कृतिक विविधता पर गर्व करने के लिए प्रेरित करती है। मैं इस संस्कृति को दर्शकों के बड़े समूह तक पहुँचाने के छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों की सराहना करना चाहूंगा। मैं आदिवासियों के लिए सक्रिय रूप से काम करने के लिए भी छत्तीसगढ़ सरकार को बधाई देना चाहता हूं। वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में अग्रणी रहने से लेकर गुणवत्तापूर्ण सार्वजनिक शिक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित करने तक, छत्तीसगढ़ की प्रगतिशील नीतियां हमारे आदिवासी समुदायों के लिए सम्मानपूर्वक जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। अंत में, मैं अपने आदिवासी भाईयों और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जन कल्याणकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। मैं समाज में आपके अमूल्य योगदान के लिए आपको एक बार फिर धन्यवाद देना चाहूंगा।
सरकारी बंगला वापस मिलने पर बोले राहुल गांधी- पूरा हिन्दुस्तान मेरा घर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 12, तुगलक लेन पर स्थित उनका सरकारी बंगला फिर से आवंटित कर दिया गया है। इससे पहले, मानहानि मामले में राहुल की सजा पर रोक के बाद सोमवार को उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी गई थी। उन्होंने राहुल को बंगला आवंटित करने के लिए पत्र जारी कर दिया है, जिसमें वह 2004 में सांसद बनने के बाद से रह रहे थे। मालूम हो कि समिति की ओर से नोटिस भेजे जाने के बाद राहुल को अप्रैल में घर खाली करना पड़ा था।
बंगला खाली करने पर नोटिस पर मचा था बवाल  
बंगला खाली करने के नोटिस पर कांग्रेस ने कहा था कि निष्कासन नोटिस भेजने में लगने वाला समय अक्सर बहुत लंबा होता है। कांग्रेस नेताओं ने तर्क दिया कि गुलाम नबी आजाद जैसे कुछ नेता अभी भी अपने आधिकारिक बंगले में रह रहे हैं, जबकि वे 2022 में ही राज्यसभा से रिटायर्ड हो चुके हैं। बता दें कि बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाई थी। इस तरह राहुल को 137 दिनों के बाद संसद में वापस आने की इजाजत मिली थी। गौरतलब है कि राहुल गांधी पहली बार 2004 में उत्तर प्रदेश के अमेठी से सांसद चुने गए और तीन बार इस सीट से सांसद रहे। उन्होंने 2019 में केरल के वायनाड संसदीय सीट से चुनाव जीता था। राहुल गांधी लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद अब आगामी 12 और 13 अगस्त को केरल स्थित अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड का दौरा करेंगे। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को यह जानकारी दी। संसद की सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी पहली बार वायनाड पहुंचेंगे।

हाई बीपी की नई दवा, रोज लेने की जरूरत नहीं

हाई बीपी की नई दवा, रोज लेने की जरूरत नहीं    

सरस्वती उपाध्याय   
डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में 1.28 अरब लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं। इनमें से 70 करोड़ लोगों को पता भी नहीं कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है।
जब किसी अन्य परेशानियों में वे डॉक्टर के पास जाते हैं या लक्षण बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तब पता चलता है कि उन्हें हाइपरटेंशन हैं। लेकिन इससे पहले हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कार्डिएक अरेस्ट जैसी हार्ट से संबंधित घातक जटिलताओं से गुजरना पड़ सकता है। हाई बीपी की दवा से इसे नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन यह रोजाना खाना होता है। पर अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा इंजेक्शन तैयार किया है जो करोड़ों लोगों की हाई बीपी की समस्या से मुक्ति दिला सकता है। दिलचस्प बात यह है कि इस इंजेक्शन को साल में दो ही बार लगाने की जरूरत पड़ेगी।
लाखों लोगों के लिए वरदान
ग्लोबल डायबेट्स कम्युनिटी की वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह इंजेक्शन उन लाखों लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है जिन्हें लगातार हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझना पड़ता है और उन्हें हर रोज टैबलेट खाना पड़ता है। इंजेक्शन लगा लेने के बाद रोजाना टैबलेट खाने की जरूरत नहीं होगी। इस इंजेक्शन का नाम जिलेबेसिरन  है। इसे हर छह महीने में लगाने की जरूरत होगी. शोधकर्ताओं ने हाई ब्लड प्रेशर के शिकार 100 से अधिक लोगों पर इस इंजेक्शन का ट्रायल किया जो बेहद सफल रहा है।
क्लिनकल ट्रायल में सफल
क्लिनकल ट्रायल में हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे 80 लोगों जिलेबेसिरन इंजेक्शन लगाया गया जबकि 30 लोगों को प्लेसिबो (नकली इंजेक्शन) दिया गया। जिन लोगों को असली इंजेक्शन दिया गया, उनमें 6 महीने तक बीपी एकदम नीचे आ गया। इन लोगों का 6 महीने तक बीपी नॉर्मल रहा। ट्रायल में पाया गया कि बीपी की 200 एमजी की दवा खाने के बाद जितना बीपी नीचे आता है उससे कहीं ज्यादा बीपी इस इंजेक्शन के लगाने के बाद नीचे आ गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि यह इंजेक्शन एंजियोटेंसिन के प्रोडक्शन को रोक देता है। एंजियोटेंसिन प्रोटीन हार्मोन है जिसके कारण ब्लड वैसल्स पतली हो जाती है और इस कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रारंभिक ट्रायल में अपेक्षित परिणाम सामने आया है। अब हमें इस बात पर अध्ययन की जरूरत है कि इस इंजेक्शन को 3 महीने में लगाया जाए या 6 महीने में।

3,040 बसों में 97.5 फीसदी का संचालन: महाराष्ट्र

3,040 बसों में 97.5 फीसदी का संचालन: महाराष्ट्र

इकबाल अंसारी
मुंबई। मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं यातायात (बेस्ट) के निजी संचालकों के कई कर्मचारी हड़ताल वापस लिए जाने के एक दिन बाद बुधवार सुबह काम पर वापस नहीं लौटे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। बेस्ट के एक प्रवक्ता सुनिल वैद्य ने बताया कि पट्टे पर ली गई लगभग 85 प्रतिशत बसों का परिचालन निजी संचालकों के चालकों द्वारा किया जा रहा हैं।
वैद्य ने बताया कि सुबह 10 बजे तक की जानकारी के अनुसार, बेड़े में शामिल 3,040 बसों में से 97.5 फीसदी बसों का संचालन किया गया। इनमें पट्टे पर ली गई और बेस्ट के स्वामित्व वाली बसें शामिल हैं। वैद्य ने दावा किया कि निजी बस संचालकों के सभी कर्मचारी बस डिपो में काम पर लौट आए हैं। हालांकि, उन्होंने उनकी सटीक संख्या नहीं बताई।
उन्होंने कहा, ‘‘निजी बस संचालकों के कर्मचारियों द्वारा चलाई जाने वाली 100 फीसदी बसें जल्द ही सड़कों पर दौड़ने लगेंगी।’’ मुंबई और पड़ोसी क्षेत्रों में सार्वजनिक बस सेवाएं प्रदान करने वाली बेस्ट ने कुछ ठेकेदारों से पट्टे पर 1,600 से अधिक बसें किराए पर ली हैं, जिसके तहत वाहन का स्वामित्व, रखरखाव, ईंधन और चालक का प्रबंधन निजी संचालकों के जिम्मे है।
निजी संचालकों के चालक समेत तमाम कर्मचारी वेतन वृद्धि और बेस्ट कर्मचारियों के बराबर वेतन देने समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। हालांकि, हड़ताल के दौरान बेस्ट ने अपने चालकों की मदद से पट्टे पर ली गईं 600 से अधिक बसों का परिचालन जारी रखा। प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार दोपहर को घोषणा की थी कि सोमवार रात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बैठक के बाद उन्होंने दो अगस्त से जारी हड़ताल को वापस ले लिया है।
मीडिया में जारी एक बयान में उन्होंने यह भी दावा किया कि शिंदे ने वेतन वृद्धि सहित उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया है और उन्हें पूरा करने का वादा किया है। निजी बस संचालकों के कर्मचारियों के एक समूह के समन्वयक विकास खरमाले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सरकार से लिखित आश्वासन नहीं मिलने के कारण कई कर्मचारी काम पर लौटने के लिए राजी नहीं हैं।

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...