मंगलवार, 1 अगस्त 2023
सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित
बच्चों व बड़ों को आकर्षित कर रही है 'समुद्री दुनिया'
बच्चों व बड़ों को आकर्षित कर रही है 'समुद्री दुनिया'
संदीप मिश्र
लखनऊ। लखनऊ के एमराल्ड मॉल में बनी समुद्री दुनिया इन दिनों न केवल बच्चों को, बल्कि बड़ों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रही है। यह अनूठा और रोमांचक अनुभव लोगों को समुद्री जीवन का अनुभव करा रहा है। जहां बच्चों को विभिन्न तरीके के समुद्री जीव और समुद्र कैसा होता देखने का मौका मिल रहा है।
दुनिया का निर्माण ऐसे ढंग से किया गया है कि यह बच्चों को समुद्री जीवन और जीव के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यहां पर हर समुद्री जीव के आगे उसकी जानकारी दी गई, ताकि कोई भी उसे पढ़े तो उसके बारे में पता चल सके।इसके अलावा, यह उन्हें वास्तविक और आभासी जीवन के बीच के अंतर को समझने में मदद करता है। एमराल्ड मॉल का समुद्री दुनिया का लक्ष्य बच्चों को एक सुरक्षित और मनोरंजक माहौल प्रदान करना है। इसके लिए मॉल प्रबंधन ने विशेष ध्यान दिया है कि सभी चीज आकर्षण और बच्चों की सुरक्षा के अनुरूप हो।
‘समुद्री दुनिया’ में छोटे छोटे बच्चे खूब आनंद उठा रहे हैं। बच्चों का कहना है कि वे अपने माता-पिता के साथ यहां खूब मस्ती कर रहे हैं। यहां पर डॉल्फिन हो या व्हेल सब आवाज करते हैं। इसके अलावा, माता-पिता भी इस समुद्री दुनिया की तारीफ करते हैं। उनका कहना है कि बच्चों के लिए यह एक शिक्षाप्रद और मनोरंजक अनुभव है,और विजिटर्स को एक अद्वितीय और यादगार अनुभव मिल रहा है।
अगर आप भी अपने बच्चों को समुद्री दुनिया का आनंद दिलाना चाहते है तो आप को आना होगा एमराल्ड मॉल आशियाना। आप चारबाग रेलवे स्टेशन से ऑटो कैब बस द्वारा आसानी से पहुंच सकते।
पत्नी की कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या की: यूपी
पत्नी की कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या की: यूपी
संदीप मिश्र
मिर्जापुर। मिर्जापुर से एक दिल दहलाने वाली खबर आई है। कछवां थाना क्षेत्र के बजरडीहा गांव में एक व्यक्ति ने पहले अपनी पत्नी की कुल्हाड़ी से गला काट कर हत्या कर दिया। इसके बाद स्वयं विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। पति को उपचार के लिए ले अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।
क्षेत्र निवासी राजेश पटेल (40) ने मंगलवार की सुबह किसी बात को लेकर अपनी पत्नी नीतू पटेल (36) पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसकी हत्या कर दिया। इसके बाद स्वयं विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। इसके बाद परिजन राजेश पटेल को उपचार के लिए पास के अस्पताल ले गए। जहां से उसे वाराणसी रेफर कर दिया गया। बनारस ले जाते समय रास्ते में उसकी भी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुलिस ने दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक नगर श्रीकांत प्रजापति व क्षेत्राधिकारी सदर शैलेंद्र त्रिपाठी मौके पर पहुंचे कर जांच पड़ताल किया। मृतक को एक पुत्री और एक पुत्र है।
एएसपी सिटी श्रीकांत प्रजापति ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि राजेश पटेल की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसका इलाज चल रहा था इसी के चलते उसने पत्नी की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी। इसके बाद स्वयं भी विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। इससे उसकी भी मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर जांच की जा रही है।
मुफ्त बिजली का वादा, किसानों को बकायदार बनाया
मुफ्त बिजली का वादा, किसानों को बकायदार बनाया
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। सरकार के मुफ्त बिजली के चुनावी वादे ने किसानों को बकाएदार बना दिया। मुफ्त बिजली की घोषणा की राह देखते-देखते पश्चिमांचल के 14 जिलों के 4.13 लाख किसानों पर पीवीवीएनएल का 25 सौ करोड़ रुपये बिजली का बिल बकाया हो गया। बकाया राशि हर माह बढ़ती जा रही है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से नलकूप किसानों को फ्री बिजली का कोई आदेश अभी तक विभाग को नहीं मिला है।
वहीं, इसका खामियाजा विद्युत निगम को भी उठाना पड़ रहा है। 80 प्रतिशत किसानों ने अप्रैल के बाद से बिजली का बिल जमा नहीं किया है।
प्रदेश सरकार की ओर से एक अप्रैल 2023 से नलकूप किसानों की बिजली फ्री किए जाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद ही किसानों ने बिल जमा करने बंद कर दिए। इससे विभाग पर पहले से बकाए पर और बोझ बढ़ गया है। मेरठ जोन में मेरठ और बागपत जिला आता है। अप्रैल तक मेरठ के 33 हजार नलकूप किसानों पर 79 करोड़ रुपये बकाया था। बागपत के 19 हजार किसानों पर 15 करोड़ बकाया था। अब पिछले तीन माह में मेरठ जोन में ही नलकूप किसानों पर बकाया दो गुना हो चुका है। मेरठ जोन के 49 हजार नलकूप किसानों पर पीवीवीएनएल का 164 करोड़ रुपये बकाया हो गया है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र में पांच साल तक किसानों की बिजली फ्री करने की घोषणा की थी, जिसे पूरा नहीं किया। इसके बाद एक साल के लिए फ्री करने की घोषणा की गई। किसान सरकार के झूठ में फंसते चले गए, जिससे वह बकाएदार हो गए हैं।
नलकूपों की बिजली फ्री करने की घोषणा की गई थी, इस कारण बिल जमा नहीं किए। अभी भी बिजली फ्री होने की उम्मीद है। अप्रैल में बिजली फ्री होनी थी। चार माह बीत गए हैं, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। बकाया भी बढ़ता जा रहा है।
जून तक बकाए नलकूप किसानों के बकाए की स्थिति
जोन उपभोक्ता बकाया
मेरठ जोन 49081 164.50 करोड़
गाजियाबाद जोन 7785 26.16 करोड़
बुलंदशहर जोन 60089 703.37 करोड़
सहारनपुर जोन 126788 1039.12 करोड़
नोएडा जोन 4848 32.75 करोड़
मुरादाबाद जोन 165170 469.17 करोड़
कुल 413761 2435.06 करोड़
सरकार की तरफ से अभी तक काई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। जब भी निर्देश मिलेंगे उसके बाद ही कुछ किया जाएगा।
नलकूपों की बिजली फ्री किए जाने के लिए शासन स्तर पर कार्य चल रहा है। कार्य योजना प्रक्रिया में है। जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।
पाक के मन में 'किसी के खिलाफ' कुछ भी नहीं
कानून-व्यवस्था एवं मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त
कानून-व्यवस्था एवं मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। मणिपुर की स्थिति से नाराज उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को टिप्पणी की कि वहां पर कानून-व्यवस्था एवं संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। शीर्ष अदालत ने राज्य पुलिस द्वारा हिंसा के मामलों की जांच को ‘सुस्त’ और ‘बहुत ही लचर’ करार दिया। मणिपुर में बेलगाम जातीय हिंसा से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के तौर तरीके की आलोचना करते हुए न्यायालय ने कहा कि पुलिस ने कानून व्यवस्था पर से नियंत्रण खो दिया।
शीर्ष अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि सोमवार को जब वह राज्य मणिपुर से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करे तब वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने चार मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाले वीडियो को ‘बहुत परेशान’ करने वाला करार दिया।
इसके साथ ही पीठ ने सरकार से घटना, मामले में ‘जीरो एफआईआर’ और नियमित प्राथमिकी दर्ज करने की तारीख बताने को कहा। चार मई का यह वीडियो पिछले महीने सामने आया था। शीर्ष अदालत ने जानना चाहा कि अबतक दर्ज करीब 6000 प्राथमिकियों में कितने लोगों को नामजद किया गया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाए गए।
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मौखिक टिप्पणी की, ‘‘ जांच बहुत ही सुस्त है, प्राथमिकियां बहुत देरी से दर्ज की गईं और गिरफ्तारियां नहीं की गईं, बयान दर्ज नहीं किये गये ...राज्य में कानून व्यवस्था और संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।’’ जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में उस समय तनाव और बढ़ गया था जब चार मई का वह वीडियो सामने आया जिसमें एक समुदाय के कुछ लोगों की भीड़ दूसरे समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाती नजर आई थी।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने मौखिक टिप्पणी की, ‘‘एक चीज बहुत स्पष्ट है कि वीडियो मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में काफी देरी हुई।’’ सुनवाई शुरू होने पर मणिपुर सरकार ने पीठ को बताया कि उसने मई में जातीय हिंसा भड़कने के बाद 6,523 प्राथमिकियां दर्ज कीं।
केंद्र तथा मणिपुर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में राज्य पुलिस ने ‘जीरो’ प्राथमिकी दर्ज की थी। ‘जीरो एफआईआर’ न्यायाधिकार क्षेत्र से परे कहीं पर भी दर्ज कराई जा सकती है और उसे बाद में उस पुलिस थाने में जांच के लिए स्थानांतरित कर दिया जाता है जहां पर अपराध घटित हुआ था। मेहता ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि मणिपुर पुलिस ने वीडियो मामले में एक नाबालिग समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
मेहता ने पीठ को बताया कि प्रतीत होता है कि राज्य पुलिस ने वीडियो सामने आने के बाद महिलाओं के बयान दर्ज किये। इससे पहले, आज उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मणिपुर में पीड़ित महिलाओं के बयान दर्ज न करने का निर्देश देते हुए कहा कि वह इस मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर अपराह्न दो बजे सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने महिलाओं की ओर से पेश वकील निजाम पाशा की दलीलों पर संज्ञान लिया।
सीबीआई ने इन महिलाओं को आज अपने समक्ष पेश होने तथा बयान दर्ज कराने को कहा था। उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर में संबंधित महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वीडियो को सोमवार को “भयावह” करार देते हुए प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी की वजह का पता लगाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा न्यायालय ने जांच की निगरानी के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की समिति या फिर विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का सुझाव भी दिया था।
धनिया बेचकर करोड़पति बना किसान, खेती
जिससे उन्हें 1 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। लातूर जिला सूखा प्रभावित क्षेत्र है, यहां किसानों को पारंपरिक खेती से मनचाही कमाई नहीं हो पाती है। इसी के चलते रमेश ने धनिया की खेती करने का फैसला लिया।जानकारी के अनुसार रमेश ने साल 2019 में धनिया उगाना शुरू किया था, रमेश ने उसी साल 25 लाख रुपयों का मुनाफा कमाया था। इस दौरान उनकी लागत सिर्फ 1 लाख रुपये थी वहीं साल 2020 में 16 लाख , 2021 में 14 लाख , 2022 में 13 लाख और इस साल 16 लाख 30 हजार रुपयों की कमाई कर ली है।
रमेश ने बताया कि पिछले 5 सालों में उन्होंने धनिया की खेती से लगभग 1 करोड़ का मुनाफा कमाया है। इस के साथ ही उन्होंने एक SUV कार और घर भी खरीद ली है।
फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी
फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी क...
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