सोमवार, 31 जुलाई 2023

एससी की निगरानी में जांच से आपत्ति नहीं

एससी की निगरानी में जांच से आपत्ति नहीं

अकाशुं उपाध्याय 
नई दिल्ली। शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि महिलाएं मामले की सीबीआई जांच और मामले को असम स्थानांतरित करने के खिलाफ हैं। सिब्बल ने आगे कहा कि पीड़ित महिलाओं में से एक के पिता और भाई की हत्या कर दी गई थी। उनके अभी तक शव नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि 18 मई को जीरो एफआईआर दर्ज की गई। जब कोर्ट ने संज्ञान लिया, तब कुछ हुआ। तो फिर हम क्या भरोसा रखें? उन्होंने कहा कि ऐसी कई घटनाएं होंगी। इसलिए हम एक ऐसी एजेंसी चाहते हैं जो मामले की जांच करने के लिए स्वतंत्र हो। सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुकदमे को असम स्थानांतरित करने का हमने कभी अनुरोध नहीं किया। हमारी मांग यह है कि इस मामले को मणिपुर से बाहर स्थानांतरित किया जाए। महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस घटना का तो वीडियो सामने आया है, लेकिन यह एकमात्र घटना नहीं है जहां महिलाओं के साथ मारपीट या उत्पीड़न हुई है, अन्य महिलाएं भी हैं। उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं के खिलाफ हिंसा के व्यापक मुद्दे को देखने के लिए एक तंत्र भी बनाना होगा। इस तंत्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे सभी मामलों का ध्यान रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दोनों पक्षों को संक्षेप में सुनेगा और फिर कार्रवाई के सही तरीके पर फैसला करेगा। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल कोई साक्ष्यात्मक रिकॉर्ड पेश नहीं किए गए हैं। सीजेआई ने कहा कि पहले याचिकाकर्ताओं को सुनते हैं उसके बाद अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को सुना जाएगा। कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह स्पष्ट है कि पुलिस उन लोगों के साथ मिलकर काम कर रही थी, जिन्होंने दोनों महिलाओं के खिलाफ हिंसा की और पुलिस ने इन महिलाओं को भीड़ के पास ले जाकर छोड़ दिया और भीड़ ने वही किया जो उन्होंने किया। वहीं, सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट मामले की निगरानी करेगा तो केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है। सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि तीन मई को जब मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी, उसके बाद ऐसी कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं। 
इस पर वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने बताया कि केंद्र की स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक, 595 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें से कितने यौन हिंसा, कितने आगजनी और हत्या से संबंधित हैं, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है। जयसिंह ने आगे कहा कि जहां तक कानून का सवाल है, दुष्कर्म की पीड़िताएं इस बारे में बात नहीं करतीं। वे सामने नहीं आतीं। इसलिए सबसे पहले आत्मविश्वास पैदा करना जरूरी है। आज हमें नहीं पता कि अगर सीबीआई जांच शुरू कर दे तो महिलाएं सामने आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि पुलिस की बजाय महिलाओं से घटना के बारे में बात करने में पीड़ित महिलाओं के लिए सहूलियत होगी। एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति होनी चाहिए, जिसमें नागरिक समाज की महिलाएं हों, जिनके पास इससे निपटने का अनुभव हो मणिपुर हिंसा मामले में कुकी पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने सीबीआई जांच का विरोध किया और सेवानिवृत्त डीजीपी वाली एसआईटी से जांच की मांग की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मणिपुर के किसी भी अधिकारी को शामिल न करने की मांग की है। याचिकाकर्ता मायांगलमबम बॉबी मीतेई की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता माधवी दीवान ने याचिका वापस लेने का अनुरोध किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। 
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इस जनहित याचिका पर विचार करना ‘बहुत कठिन’ है, क्योंकि इसमें केवल एक समुदाय को दोषी ठहराया गया है। पीठ ने कहा कि आप एक अधिक विशिष्ट याचिका के साथ आ सकते हैं। इस याचिका में हिंसा से लेकर मादक पदार्थों और पेड़ों की कटाई सहित सभी मुद्दे शामिल हैं। गौरतलब है, 4 मई की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद से देशभर में आक्रोश है। संसद में भी मानसून सत्र की शुरुआत से हंगामा जारी है। भाजपा ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है, लेकिन साथ ही वीडियो वायरल करने के समय पर भी सवाल उठ रहा है। वीडियो 20 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र से एक दिन पहले वायरल हुआ था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था और इसे बेहद संवैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन बताया था। 
शीर्ष अदालत ने अगली सुनवाई 28 जुलाई को तय करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों से स्पष्टीकरण मांगा था और यह सुनिश्चित करने को कहा था कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। वहीं, मणिपुर में जातीय हिंसा से संबंधित कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 28 जुलाई को सुनवाई होनी थी। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के खराब स्वास्थ्य के कारण सुनवाई टाल दी गई थी। इस पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। ये एक नई याचिका पर भी सुनवाई करेगी जो सीधे तौर पर मणिपुर की 4 मई की घटना से जुड़ी है।

ज्ञानवापी प्रकरण में सीएम का दो टूक जवाब

ज्ञानवापी प्रकरण में सीएम का दो टूक जवाब 

हरिओम उपाध्याय   
लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी प्रकरण काशी विश्वनाथ मंद‍िर पर दो टूक जवाब द‍िया है। उन्‍होंने इस मामले में एक सवाल पर इंटरव्‍यू के दौरान हमलावर होते हुए कहा क‍ि अगर उसे मस्‍ज‍िद कहेंगे तो फ‍िर व‍िवाद होगा। मुख्‍यमंत्री ने साफ शब्‍दों में कहा क‍ि मुझे लगता है क‍ि भगवान ने ज‍िसे दृि‍ष्ट दी है वो देखे ना। त्र‍िशूल मस्‍ज‍िद के अंदर क्‍या कर रहा है। हमने तो नहीं रखे न। ज्योतिर्लिंग हैं देव प्रत‍िमायें हैं। पूरी दीवारें च‍िल्‍ला च‍िल्‍ला के क्‍या कह रही हैं।
इतना ही नहीं मुख्‍यमंत्री ने यहां तक कहा क‍ि मुझे लगता है ये प्रस्‍ताव मुस्‍ल‍िम समाज की ओर से आना चाह‍िए क‍ि साहब ऐत‍िहास‍िक गलती हुई है। उसके ल‍िए हम चाहते हैं समाधान हो।
क्‍या है ज्ञानवापी प्रकरण
1991 में, काशी विश्वनाथ मंदिर के भक्तों द्वारा एक मुकदमा दायर किया गया था, जिसके पास ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर भगवान विश्वेश्वर मंदिर को नष्ट करने के बाद किया गया था। 
अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमेटी ने क‍िया था व‍िरोध
इस मामले में एक याचिका अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) द्वारा दायर की गई थी, जो मस्जिद का प्रबंधन करती है। समिति ने पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का हवाला देते हुए मामले की स्थिरता पर सवाल उठाया है। अधिनियम के अनुसार, 15 अगस्त 1947 को मौजूद पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र में परिवर्तन निषिद्ध है।
ज्ञानवापी प्रकरण में 1991 में दायर की गई पहली याच‍िका
1991 पूजा स्थल अधिनियम की तरह, इस मामले की जड़ें भी वर्ष 1991 में हैं। मामले में पहली याचिका स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर ने 1991 में वाराणसी अदालत में दायर की थी। याचिका में ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने के अधिकार की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में तीन मांगें रखी थीं। इसमें पूरे ज्ञानवापी परिसर को काशी मंदिर का हिस्सा घोषित करना, परिसर क्षेत्र से मुसलमानों को हटाना और मस्जिद को ध्वस्त करना शामिल था।

बंधक बनाकर किशोरी के साथ 3 दिन दुष्कर्म किया

बंधक बनाकर किशोरी के साथ 3 दिन दुष्कर्म किया 

श्रीराम मौर्य   
हरिद्वार। दिहाड़ी मजदूरी करने वाली किशोरी के साथ बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का मामला सामने आ रहा है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर एक आरोपित को गिरफ्तार कर अन्य की तलाश में जुट गई है।
किशोरी के साथ दुष्कर्म का मामला
जानकारी के मुताबिक किशोरी दो महीने से बहादराबाद क्षेत्र में एक ठेकेदार के पास दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए आती थी। किशोरी श्यामपुर क्षेत्र की रहने वाली है। बताया जा रहा है चार दिन पहले किशोरी का नंबर अचानक बंद हो गया। संपर्क नहीं होने पर किशोरी के परिजन बहाराबाद पहुंचे लेकिन किशोरी वहां भी मौजूद नहीं थी। मामले को लेकर परिजनो ने पुलिस को इसकी तहरीर दी।
परिचित ने किया किशोरी को दरिंदो के हवाले
श्यामपुर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू की। जानकारी के अनुसार चंडीघाट चौकी प्रभारी अंशुल अग्रवाल ने अपनी टीम के साथ किशोरी की तलाश शुरू की। पुलिस ने किशोरी को कुछ ही घंटों में रुड़की क्षेत्र से बरामद कर उसके परिजनों को सौंप दिया। किशोरी ने अपने परिजनों को बताया की उसकी जानने वाली एक युवती उसे रुड़की ले गई ओर उसे तीन युवकों के हवाले कर दिया।
आरोपियों की तलाश जारी
रुड़की में युवकों ने उसे बंधक बनाकर कई बार दुष्कर्म किया। जिसके बाद परिजनों ने थाने में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार एसओ श्यामपुर विनोद थपलियाल ने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है।

दुष्कर्म के बाद हत्या कर फेंका शव: आशंका

दुष्कर्म के बाद हत्या कर फेंका शव: आशंका   

श्रीराम मौर्य  
देहरादून। हाथीबड़कला क्षेत्र में महिला की हत्या कर दी गई। सेंटीरियो मॉल के सामने सड़क पर महिला का शव मिलने से हड़कंप मच गया। महिला के सिर और पैर में गहरी चोट के निशान है।
पुलिस ने शक के आधार पर सामने के सुलभ शौचालय के कर्मचारी को हिरासत में लिया गया है। महिला के साथ दुष्कर्म की भी आशंका है। पुलिस ने महिला के शव का पंचायत नामा भर कर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। बताया जा रहा है कि महिला क्षेत्र में ही घूमती रहती थी।
रात में किसी समय एक व्यक्ति से झगड़ा हुआ और उसने भारी चीज से वारकर हत्या कर दी। एसएचओ डालनवाला राजेश शाह ने बताया कि जल्द ही घटना का खुलासा किया जायेगा।

5.30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे: योगी

5.30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे: योगी    

हरिओम उपाध्याय   
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संसाधनों से अमीर होने के बावजूद उत्तर प्रदेश पूर्व की गैर भाजपा सरकारों की कुनीति व कुशासन से गरीब और बीमारू राज्य बना हुआ था। भाजपा की डबल इंजन सरकार ने सुनीति और सुशासन से उत्तर प्रदेश को नई पहचान दी है। आज दुनिया मानती है कि यूपी गरीब व बीमारू राज्य नहीं बल्कि वह प्रदेश है जहां छह साल में साढ़े पांच करोड़ लोग गरीबी की रेखा से ऊपर उठे हैं।
सीएम योगी सोमवार पूर्वाह्न वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में आयोजित पीएम आवास योजना के लाभार्थी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सिंगल क्लिक से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के 5100 लाभार्थियों के बैंक खातों में 51.52 करोड़ रुपये की धनराशि अंतरित की। 250 लाभार्थियों को 50 हजार रुपये की दर से प्रथम किस्त, 2602 लाभार्थियों को 1.50 लाख रुपये की दर से दूसरी किस्त तथा 2248 लाभार्थियों को 50 हजार रुपये की दर से तीसरी किस्त की धनराशि भेजी गई। सीएम ने पीएम आवास योजना के 12 लाभार्थियों को आवास की प्रतीकात्मक चाबी सौंपी।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों को सवालों के घेरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस, सपा और बसपा की सरकारों ने जनता को योजनाओं के लाभ से वंचित रखा। कांग्रेस नारा देकर भी गरीबी नहीं हटा पाई। सपा के नारे जातिवाद, परिवारवाद के शिकंजे में भ्रष्टाचार के प्रतीक बन गए। बसपा के हाथी के पेट मे पूरा प्रदेश ही समा जा रहा था। इन सबका परिणाम यह रहा कि यूपी पिछड़ता चला गया। यदि जनता गरीब रहेगी तो प्रदेश व देश समृद्ध नहीं हो सकता।
सीएम योगी ने कहा कि छह साल से यूपी में दिख रहा विकास और जनकल्याण के कार्य पहले भी हो सकते थे पर पूर्व की सरकारों में इच्छाशक्ति का अभाव था। सपा का बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि उनके एजेंडे में “मैं” और मेरा परिवार ही था। प्रदेश के संसाधनों को लूटने के लिए महाभारत के सभी रिश्ते जुड़ जाते थे। उन्होंने किसानों, व्यापारियों का शोषण किया, युवाओं से अन्याय किया, महिलाओं की सुरक्षा खतरे में डाली।
बाल बांका नहीं कर सकती बीमारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में 15 जुलाई से 15 नवंबर तक का समय इंसेफेलाइटिस की दहशत के नाम रहता था। 40 वर्षों में 50 हजार बच्चों की मौत हो गई थी। डबल इंजन की सरकार ने इंसेफेलाइटिस का समूल कर दिया है। इंसेफेलाइटिस पूरी तरह नियंत्रित है, बस उन्मूलन की घोषणा ही बाकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुदृढ़ीकरण और एम्स की स्थापना हो जाने से सर्दी हो या गर्मी, बरसात हो या बसंत, कोई भी बीमारी बच्चों का बाल बांका नहीं कर सकती।
कोई पैसा मांगे तो सीधे मुझे दें सूचना
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी का सपना है कि हर व्यक्ति के पास अपना घर हो। हर व्यक्ति की भी यही कामना होती है कि उसके पास अपना घर, उसमें बिजली पानी, रसोई गैस, राशन कार्ड, स्वास्थ्य बीमा आदि की सुविधा हो। आजादी के बाद पहली बार डबल इंजन की सरकार ऐसी सभी योजनाओं का लाभ दे रही है। उन्होंने पीएम आवास योजना को प्रधानमंत्री की तरफ से गिफ्ट बताते हुए कहा कि किस्त की रकम से समय पर मकान बनवाइए। यदि कोई पैसा मांगे तो सीधे मुझे सूचना दीजिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि पीएम आवास योजना के लाभार्थियों को राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन, रसोई गैस कनेक्शन, आयुष्मान योजना का लाभ भी दिया जाएगा। उन्होंने आवास बन जाने पर गृह प्रवेश में जनप्रतिनिधियों को भी बुलाने और जो खुद खाते हों, वही जनप्रतिनिधियों को भी खिलाने की बात भी कही। सीएम ने बताया कि यूपी में पीएम आवास योजना शहरी के तहत 54 लाख गरीबों को आवास मिले हैं। गोरखपुर में 43600 आवास स्वीकृत हैं। इसमें से 35500 आवास पूर्ण हो चुके हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले छह वर्षों में 61184 आवास उपलब्ध कराए गए।
विकास के साथ जनकल्याण की बढ़ रही रफ्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार में विकास के साथ ही जनकल्याण की रफ्तार निरंतर बढ़ रही है। देश का सुरक्षित राज्य होने के साथ यूपी निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य है। गोरखपुर को ही देखें तो अच्छी सड़कें शोभा बढ़ा रही हैं। एम्स, खाद कारखाना, चिड़ियाघर, रामगढ़ताल से विकास की नई तस्वीर दिखती है। मेडिकल कॉलेज रोड विदेशी रोड लगता है। फ्लाईओवर बन जाने से खजांची चौक पर जाम की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गोरखपुर में सबकुछ है। यहां से संगठित अपराध, गैंगवार का सफाया हो चुका है। मच्छर और इंसेफेलाइटिस की समस्या का समाधान हो गया है। गोरखपुर तो अब सभी बीमारियों का समाधान करने वाला क्षेत्र बन गया है। दुनिया के निवेशक यहां निवेश करने आना चाहते हैं। गोरखपुर चार विश्वविद्यालय से शिक्षा का आधुनिक हब बन गया है। जल्द ही सहजनवा में अटल आवासीय विद्यालय में सत्र प्रारंभ होने जा रहा है। बेसिक स्कूलों का कायाकल्प किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो संकीर्ण सोच वाला होगा, उसे ही विकास नजर नहीं आ रहा होगा। जनकल्याण का पक्ष देखें तो कोरोना काल से देश मे 80 करोड़ और यूपी में 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन की सुविधा मिल रही है जबकि पहले सत्ताधारी पार्टी से जुड़े लोग गरीबों का राशन हड़प जाते थे। आज किसी ने ऐसा किया तो जेल उसके इंतजार में है। पहले नौकरी के नाम पर डकैती होती थी, आज नौकरी में सेंधमारी करने वाले जेल में मिलेंगे। डीबीटी से पेंशन में कमीशनखोरी को खत्म कर दिया गया है। सीएम ने सभी लोगों से विकास की सोच से जुड़ने, नागरिक दायित्व का निर्वहन करते हुए स्वच्छता को बढ़ावा देने की अपील की। कहा कि विकास की सोच से ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा।
मेरी माटी, मेरा देश अभियान से जुड़ने की अपील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी लोगों से मेरी माटी, मेरा देश अभियान से जुड़ने की अपील की। कहा कि हमारा देश व इसकी माटी के प्रति दायित्व होता है कि हम गंदगी न फैलाएं, अराजकता का प्रतिकार करें, भ्रष्टाचार को पनपने दें। अराजकता, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार की सूचना शासन-प्रशासन को दें। प्रशासन इसका इलाज कर देगा।
लाभार्थी सम्मेलन को प्रदेश सरकार के मत्स्य विकास मंत्री डॉ संजय निषाद, सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, फतेह बहादुर सिंह, श्रीराम चौहान ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक महेंद्रपाल सिंह, विपिन सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

अंजू के अंतरराष्ट्रीय साजिश के पहलू की जांच

अंजू के अंतरराष्ट्रीय साजिश के पहलू की जांच  

ओमप्रकाश चौबे   
भोपाल। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को कहा कि राज्य पुलिस भारतीय महिला अंजू (34) के फेसबुक पर बने दोस्त से शादी रचाने के लिए पाकिस्तान जाने से जुड़े मामले में ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ के पहलू की जांच करेगी। दो बच्चों की मां अंजू ने इस्लाम स्वीकार करने के बाद इस साल 25 जुलाई को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अपर दीर जिले में अपने दोस्त नसरुल्ला (29) से शादी कर ली थी। दोनों के बीच 2019 में फेसबुक के जरिये दोस्ती हुई थी। 
धर्म बदलने के बाद फातिमा के नाम से पहचानी जाने वाली अंजू को इस्लाम कबूल करने पर उपहार के रूप में नकद राशि और जमीन दिए जाने की खबरें हैं। खैबर पख्तूनख्वा स्थित एक रियल एस्टेट कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मोहसिन खान अब्बासी ने अंजू और नसरुल्ला से शनिवार को उनके आवास पर मुलाकात की थी। 
अब्बासी ने अंजू को एक चेक सौंपा था, जिस पर दर्ज धनराशि के बारे में खुलासा नहीं किया गया है। इसके अलावा, अंजू को 2,722 वर्ग फुट जमीन के दस्तावेज भी दिए गए थे, ताकि वह पाकिस्तान में आराम से रह सके। अंजू के पिता गया प्रसाद थॉमस मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के टेकनपुर कस्बे के पास स्थित बौना गांव के निवासी हैं। थॉमस ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनके परिवार के लिए अंजू अब ‘मृत व्यक्ति’ के समान है। 
अंजू के मामले के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने सोमवार को भोपाल में संवाददाताओं से कहा, “पाकिस्तान में जिस तरह से अंजू का स्वागत हो रहा है और उस पर उपहारों की बौछार की जा रही है, उससे कई संदेह पैदा होते हैं। इसलिए मैंने पुलिस की विशेष शाखा को निर्देश दिया है कि वह इस मामले की बारीकी से जांच करे और पता लगाए कि कहीं यह कोई अंतरराष्ट्रीय साजिश तो नहीं है।” 
मिश्रा के मुताबिक, उन्होंने अधिकारियों को ‘साजिश के पहलू’ पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है, क्योंकि यह मामला प्रदेश के ग्वालियर जिले से जुड़ा हुआ है। अंजू के पिता थॉमस ने पिछले सप्ताह कहा था, “वह (अंजू) कैसे अपने दो बच्चों और पति को छोड़कर भाग गई... उसने अपने बच्चों के बारे में जरा-भी नहीं सोचा। अगर वह ऐसा करना चाहती थी, तो उसे पहले अपने पति को तलाक देना चाहिए था। अब वह हमारे लिए जीवित नहीं है।” 
कुछ तबकों में जारी इन अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कि इस घटना के पीछे कुछ और भी हो सकता है, क्योंकि अंजू का गांव ग्वालियर में टेकनपुर कस्बे के करीब है, जहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक प्रमुख यूनिट तैनात है, थॉमस ने ऐसी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “किसी ने भी हमारे सामने ऐसा कोई मुद्दा नहीं उठाया। केवल आप (मीडिया) यह सवाल उठा रहे हैं। मेरे बच्चों में से कोई भी आपराधिक प्रवृत्ति का नहीं है। मैं इस मामले में किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं।” थॉमस ने अपनी बेटी को मानसिक रूप से परेशान और सनकी भी बताया था।

जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन में फायरिंग, चार लोगों की मौत

जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन में फायरिंग, चार लोगों की मौत   

नरेश राघानी  
जयपुर। मुंबई जा रही जयपुर एक्सप्रेस ने गोलीबारी हुई है। इस घटना में 4 लोगों की जानें गई है। वारदात से सनसनी मच गई। लोग डरे हुए हैं। आरोप है कि आरपीएफ के जवान ने फायरिंग की है। मरने वालों में एक आरपीएफ का जवान भी शामिल है। मरने वालों में एक आरपीएफ एसआई भी शामिल बताया जा रहा है। घटना के बाद आरपीएफ जवान को हिरासत में ले लिया गया। उससे पूछताछ की जा रही है। उसने फायरिंग क्योंकि इसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
आरपीएफ कांस्टेबल ने की थी फायरिंग
जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि जयपुर एक्सप्रेस में चार लोगों की गोली लगने से मौत हो गई । चेतन सिंह नाम का एक आरपीएफ कांस्टेबल ने कथित कथित रूप से इस घटना को अंजाम दिया है।  इस घटना में आरपीएफ के एएसआई समेत तीन यात्रियों को गोली लगी।  चारों की मौके पर ही मौत हो गई।  इन चारों के शवों को महाराष्ट्र के बोरीवली में उतारा गया। आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल को डिटेन किया गया है।  सुबह 5:30 बजे वापी और सूरत के बीच यह घटना हुई। 
गोलीबारी में चार की मौत
रेलवे के तरफ से बताया गया है कि मुंबई जा रही जयपुर एक्सप्रेस में एक आरपीएफ जवान ने चलती ट्रेन के अंदर फायरिंग शुरू कर दी.  गोलीबारी की इस घटना में एक आरपीएफ एसआई और तीन अन्य लोगों की जानें गई है । आरोपी को उसके हथियार सहित गिरफ्तार कर लिया गया । इस घटना के पीछे वजह क्या है । इसका पता लगाया जा रहा है।
आरपीएफ ने जारी किया यह बयान
वही आरपीएफ ने ट्रेन में गोलीबारी की घटना पर बयान जारी करते हुए कहा गया है कि जयपुर एक्सप्रेस 12956 में फायरिंग में एएसआई की मौत हुई है।  आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।  इस संबंध में डीसीपी नॉर्थ जीआरपी को सूचना दे दी गई।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...