रविवार, 30 जुलाई 2023

यूपी, एपी व बिहार में सर्वाधिक बच्चों की तस्करी

यूपी, एपी व बिहार में सर्वाधिक बच्चों की तस्करी    
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। वर्ष 2016 से 2022 के बीच बच्चों की तस्करी की सर्वाधिक घटनाओं के लिहाज से उत्तर प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश शीर्ष तीन राज्यों में शामिल हैं, जबकि दिल्ली में कोविड-19 से पहले के मुकाबले महामारी के बाद के चरण में बाल तस्करी के मामलों में 68 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के नये अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। 'चाइल्ड ट्रैफिकिंग इन इंडिया : इनसाइट फ्रॉम सिचुएशनल डेटा एनालिसिस एंड नीड फॉर टेक-ड्रिवन इंटरवेंशन स्ट्रेटजी' शीर्षक वाली एक व्यापक रिपोर्ट में इन आंकड़ों का खुलासा किया गया है। इस रिपोर्ट को ‘गेम्स 24x7’ और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (केएससीएफ) ने संयुक्त रूप से मिलकर तैयार किया है।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (केएससीएफ) के संस्थापक शांति के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने वाले कैलाश सत्यार्थी हैं। यह रिपोर्ट रविवार को 'विश्व मानव तस्करी निरोधक दिवस' के मौके पर जारी की गई, जो देश में बाल तस्करी की चिंताजनक स्थिति को बयां करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश तीन ऐसे शीर्ष राज्य हैं, जहां 2016 से 2022 के बीच सबसे ज्यादा बच्चों की तस्करी हुई।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में कोविड-19 से पहले के मुकाबले महामारी के बाद बच्चों की तस्करी के मामलों में 68 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। जिलावार देखें तो बाल तस्करी में सबसे ऊपर जयपुर शहर है, जबकि सूची के अन्य शीर्ष चार स्थान पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इलाके शामिल हैं।
‘गेम्सx24’ की टीम ने बाल तस्करी से जुड़े ये आंकड़े केएससीएफ और उसके सहयोगियों से जुटाए हैं। ये अध्ययन 2016 से 2022 के बीच 21 राज्यों के 262 जिलों में किया गया, जो कि बाल तस्करी के मौजूदा चलन और तरीकों पर व्यापक जानकारी मुहैया कराता है। अध्ययन के मुताबिक, इस अवधि के दौरान 18 साल से कम उम्र के कम से कम 13549 बच्चों को बचाया गया।
रिपोर्ट में बताया गया कि बचाए गए 80 फीसदी बच्चे 13 से 18 साल की उम्र के हैं जबकि 13 फीसदी नौ से 12 साल की उम्र के और दो फीसदी नौ साल से भी कम उम्र के हैं। रिपोर्ट दर्शाती है कि बाल तस्करी ने अलग-अलग उम्र सीमा के बच्चों को प्रभावित किया है, जिसकी वजह से यह एक व्यापक मुद्दा बन गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न राज्यों में बाल तस्करी के मामलों में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन उत्तर प्रदेश में बाल तस्करी के मामलों में सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 से पहले (2016 से 2019) दर्ज घटनाएं 267 थीं, लेकिन महामारी के बाद के चरण(2021 से 2022) में इनमें भारी वृद्धि देखी गई और 1214 मामले दर्ज किए गए।
रिपोर्ट में बताया कि कर्नाटक में 18 गुना वृद्धि दर्ज की गई और दर्ज मामलों की संख्या छह से बढ़कर 110 हो गई। रिपोर्ट में इन चिंताजनक आंकड़ों के बावजूद पिछले एक दशक में सरकार और प्रवर्तक एजेंसियों द्वारा उठाए गए सकरात्मक कदमों को भी रेखांकित किया गया है। हालांकि, रिपोर्ट में बाल तस्करी से प्रभावी रूप से निपटने के लिए एक व्यापक तस्करी निरोधक कानून की जरूरत पर जोर दिया गया है।

मंत्री ने सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को संबोधित किया

मंत्री ने सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को संबोधित किया  
इकबाल अंसारी  
गांधीनगर। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि अगर महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां (सीईटी) शक्ति के नए आयाम के रूप में उभरें, तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं होगी। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि सीईटी क्षेत्र में चिंता इस बात की है कि बाजार हिस्सेदारी किस तरह प्रभावित होती है और उत्पादन में प्रभुत्व का अन्य क्षेत्रों में क्या लाभ उठाया जाता है।
जयशंकर ने यहां आयोजित ‘सेमीकॉन इंडिया-2023’ कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि सीईटी के संबंध में आविष्कार और विनिर्माण, बाजार हिस्सेदारी, संसाधन और कौशल जैसे पहलू महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।
मंत्री ने यह भी कहा कि भारत जितना अधिक आत्मनिर्भर होगा, सेमीकंडक्टर उत्पादन में भी उसकी आत्मनिर्भरता उतनी अधिक होगी। उन्होंने ‘महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में भारत की भूमिका’ विषय पर अपने संबोधन में कहा, यह (सीईटी) ज्ञान अर्थव्यवस्था का एक आंतरिक तत्व है, जिसका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।
इसकी प्रमुख विशेषताओं में एक है कि यह प्रौद्योगिकियों को इतनी गहराई से जोड़ता है कि हमारे जीवन के सभी हिस्से इससे बहुत अधिक प्रभावित होते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘इसके चलते अगर हमारी आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों की प्रकृति में बदलाव आता है, तो यह आश्चर्य की बात नहीं है कि महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां (सीईटी) ताकत के सबसे महत्वपूर्ण आयाम के रूप में उभरें। जयशंकर ने कहा कि सीईटी आज कई प्रमुख भागीदारों के साथ बातचीत का एक महत्वपूर्ण विषय है।

सीमा के चक्कर में खाने-पीने के पड़ गए लाले

सीमा के चक्कर में खाने-पीने के पड़ गए लाले   
अश्वनी उपाध्याय   
गौतमबुध नगर। पिछले कुछ दिनों से सीमा हैदर और उसके प्रेमी सचिन की कहानी चर्चा का विषय बनी हुई है। इन दोनों का मामला सोशल मीडिया पर भी काफी सुर्खियों में रहा है। वहीं अब इनको लेकर एक और खबर सामने आ रही है। दरअसल इन दिनों सीमा और सचिन अपना घर छोड़कर रबूपुरा के दूसरे घर में रह रहे हैं। इसी बीच सचिन के पिता का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे बता रहे हैं कि पुलिस केस होने की वजह से पूरा परिवार घर में ही रह रहा है। वे लोग काम करने के लिए घर से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। जिसके चलते घर के हालात खराब हो गए हैं। खाने-पीने की चीजों की काफी दिक्कत हो रही है। 
वहीं, सचिन के पिता ने आगे कहा, हम लोग रोज कमाकर खाने वाले लोग हैं। लेकिन जब से पुलिस ने घर से बाहर न जाने के लिए कहा तब से वे लोग कुछ भी नहीं कमा पा रहे हैं। बस दिनभर घर में ही रहते हैं। ऐसे में खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं। घर में राशन भी नहीं बचा है। हमने लोकल एसएचओ को भी इसके लिए पत्र लिखा है। ताकि वे हमारी बात आगे सीनियर अधिकारियों तक पहुंचाएं।

हरियाणा-हिमाचल सीमा पर डैम बनाने का आदेश

हरियाणा-हिमाचल सीमा पर डैम बनाने का आदेश   
राजेश ओबरॉय    
चंडीगढ़। हर बार बरसात से आने वाली बाढ़ से लोगो को छुटकारा दिलाने के लिए  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा हिमाचल सीमा पर डैम बनाने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। ये डैम 7000 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। आपको बता दें की  हरियाणा सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आर एस मित्तल ने बताया कि मुख्यमंत्री एवं सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के बाद इस काम में तेजी लाई जा रही है। 
हरियाणा सरकार ने लिखा है एनओसी के लिए 
उन्होंने बताया कि इसके लिए  हरियाणा सरकार ने हिमाचल सरकार को डैम बनाने के लिए एनओसी के लिए लिखा हुआ है। अभी तक हिमाचल ने एनओसी नहीं दी है। एनओसी  के बाद एमओयू साइन होगा उसके बाद प्रक्रिया में और तेजी लाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर  डैम बनने से सिंचाई विभाग को भी भारी लाभ होगा। जिसे हर साल करोड़ों रुपए की राशि बाढ़ रोकथाम कार्यों पर खर्च करनी पड़ती है। 
हरियाणा मुख्यमंत्री ने दिए आदेश 
सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने कहा है कि जल्द से जल्द हरियाणा हिमाचल सीमा पर डैम बनाया जाए, ताकि हर साल हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं हिमाचल में होने वाली बाढ़ से तबाही से बचा जा सके। डैम बनाने को लेकर पांच राज्यों हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान को जहां एमओयू साइन करना है वही डैम के निर्माण को लेकर हरियाणा हिमाचल को अन्य कई कदम भी उठाने हैं।
हरियाणा हिमाचल की सीमा पर बनने वाले इस डैम के कारण हरियाणा एवं  हिमाचल के कुछ गांव प्रभावित होंगे। जिन्हें अन्य स्थानों पर बसाया जाना प्रस्तावित है। इनमें हरियाणा के चार एवं हिमाचल के पांच गांव शामिल हैं। दरअसल मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को 2 वर्ष पूर्व हथिनी कुंड बैराज से लगभग 5 किलोमीटर पहले हरियाणा हिमाचल सीमा पर डैम बनाने की संभावना का पता लगाने के निर्देश दिए थे।
जिसके बाद सिंचाई विभाग हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारियों की एक कमेटी का गठन हुआ था। जिसने इस मामले की प्राथमिक रिपोर्ट तैयार की और उसे मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री इस रिपोर्ट से सहमत हुए और उन्होंने इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
7000 करोड़ हो चुकी है डैम के निर्माण राशि 
आपको बता दें की   इस डैम के निर्माण पर हालांकि डेढ़ वर्ष पहले करीब, 6134 करोड़ रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान था लेकिन वर्तमान में यह राशि बढ़कर करीब 7000 करोड़ हो चुकी है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डैम के स्थान का चयन कर लिया गया है, जो 5400 एकड़ भूमि पर बनेगा। इस डैम के बनने से हथिनी कुंड बैराज से क्रॉस होने वाला पानी इस डैम में रोका जा सकेगा। जिसे वर्ष के 9 महीनों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान की मांग के अनुसार उसकी पूर्ति हो सकेगी। 
बाढ़ रोकथाम कार्यों पर यमुना के किनारों को पक्का करने, स्टड लगाने पर हर साल करोड़ों रुपए की राशि खर्च होती है, अगर यमुना में पानी मांग के अनुसार छोड़ा जाएगा तो बाढ़ रोकथाम के लिए लगाए जाने वाले करोड़ों रुपए की भी लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा बाढ़ से होने वाले नुकसान की पूर्ति के लिए भी  सरकार  हर साल करोड़ों रुपए का मुआवजा देती है, सरकार को वह भी नही देना पड़ेगा। हर साल यमुना में हजारों एकड़ भूमि फसलों सहित समा जाती है उससे भी बचाव हो सकेगा।
बाढ़ आने के कारण भारी मात्रा में पानी होता है क्रॉस
यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज से हर साल जून से सितंबर तक के महीने में बाढ़ आने के कारण भारी मात्रा में पानी क्रॉस होता है। जो हरियाणा और दिल्ली को बुरी तरह प्रभावित करता है। इसी के चलते इस पर राजनीति होती है। दिल्ली हरियाणा पर पानी छोड़ने का आरोप लगाता है। जबकि हरियाणा कहता है कि हथनी कुंड बैराज है, डैम नहीं। जहां पानी रोका जा सके। अगर डैम बनता है तो इस तरह की बयानबाजी से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिलेगा। 
जानिए क्यों है बांध की आवश्यकता 
हथिनी कुंड बैराज की स्थापना बंसीलाल सरकार में 1999 में हुई थी। यह रिकॉर्ड 3 वर्ष में बनकर तैयार हुआ था। देश के 5 राज्यों हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में पानी के बंटवारे को लेकर इस बैराज की स्थापना की गई थी।
इनमें इन सभी 5 राज्यों का पानी का हिस्सा रहता है जो सामान्य परिस्थितियों में नियम मुताबिक दिया जाता है। यहां मानसून के दिनों में अधिक वर्षा होने के बाद पानी को  नापने का सिस्टम है जिससे पता चल सके कि यहां से कब-कब कितना पानी क्रॉस हुआ है। बैराज में 18 गेट लगे हुए हैं। 
95000 क्यूसेक पानी झेलने की है क्षमता  
आपको ता दें की इस बैराज की क्षमता 9 लाख 95000 क्यूसेक पानी को झेलने की है। पानी कब कितना आता है यह सब हर 1 घंटे में नापने के बाद कागजों में नोट किया जाता है। और इसकी सूचना  हरियाणा सिंचाई विभाग के साथ-साथ दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकारों को भी भेजी जाती है।
9 महीनों में इसमें 10 से 12000 क्यूसेक पानी ही होता है
इस बैराज मे वह पानी आता है जो उत्तराखंड हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में हुई वर्षा के बाद मैदानी इलाकों में नीचे उतरता है। वर्ष के 9 महीनों में यहां सामान्य 10 से 12000 क्यूसेक पानी ही होता है। जिनमें सभी राज्यों का अलग अलग हिस्सा होता है और उसे समझौते के मुताबिक बांटा जाता है।  इस मानसून में पहाड़ी एवं मैदानी इलाकों में अन्य वर्षो की तुलना में बहुत अधिक वर्षा हुई।

3 दिनों तक आसमान साफ रहने की संभावना

3 दिनों तक आसमान साफ रहने की संभावना
राणा ओबरॉय 
चंडीगढ़। हरियाणा में अब तीन दिनों तक मौसम साफ रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन दिन हरियाणा के किसी हिस्से में बारिश नहीं होगी, हालांकि 3 अगस्त के बाद फिर मौसम में बदलाव आएगा।
मौसम :- मानसून ट्रफ सामान्य स्तिथि के उत्तर की तरफ थोड़ा बढ़ने से बंगाल की खाड़ी से नमी वाली मानसूनी हवाओं तथा अरब  सागर की तरफ से भी नमी आने से हरियाणा राज्य में 25 जुलाई से 29 जुलाई के दौरान ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। 
भारत मौसम विज्ञान विभाग के दर्ज आंकड़ों के अनुसार राज्य में मानसून के प्रवेश से लेकर 29 जुलाई के दौरान हरियाणा राज्य में 312.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो सामान्य बारिश (197 मिलीमीटर) से 58% ज्यादा दर्ज हुई है। 
हरियाणा के 19 जिलों में सामान्य या सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है परंतु 3 जिलों में अब तक सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई है।राज्य में सबसे ज्यादा बारिश वाले उत्तरी जिले कुरूक्षेत्र (+232%), पानीपत (+131%), सोनीपत (+119%), , करनाल (+92%),  यमुनानगर (+88%), है तथा कम बारिश हिसार (-27%), जींद (-14%) व फतेहाबाद (-8%) जिलों में दर्ज की गई है।
मौसम पूर्वानुमान:
मानसून टर्फ़ का अब पश्चिमी छोर उत्तर की तरफ बढ़ रहा है जो सामान्य स्तिथि में आने की संभावना है। 
राज्य में कल 30 जुलाई से 1 अगस्त के दौरान मानसून की सक्रियता में थोड़ी कमी आने की संभावना है जिससे राज्य में मौसम परिवर्तनशील व कहीं कहीं हल्की या छिटपुट बारिश होने की संभावना है।
परंतु 2 अगस्त रात्रि से मानसून की सक्रियता राज्य में फिर से बढ़ने की संभावना है जिससे राज्य  के ज्यादातर क्षेत्रों में 2 अगस्त रात्रि से 6 अगस्त के दौरान बीच बीच में हल्की से मध्यम  बारिश होने की संभावना है तथा इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश की भी संभावना है।

'अंतर्राज्यीय वाहन चोर' गिरोह के 3 सदस्य अरेस्ट

'अंतर्राज्यीय वाहन चोर' गिरोह के 3 सदस्य अरेस्ट 
भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। जनपद पुलिस ने एक ऐसे अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो अपनी मौज मस्ती के शौक को पूरा करने के लिए वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया करते थे। जिम का खौफ उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में फैला हुआ था। 
पुलिस ने इन शातिर चोरों के कब्जे से 10 चोरी की मोटरसाइकिल तमंचा और कारतूस बरामद किया है।
दरअसल नगर कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर शनिवार देर रात तीन शातिर अंतर्राज्यीय वाहन चोर गौतम उर्फ गोपी ,राहुल और एक बाल अपचारी को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से पुलिस ने चोरी की 10 मोटरसाइकिल एक तमंचा और कारतूस भी बरामद किए हैं।
पुलिस पूछताछ में इन शातिर वाहन चोरों ने बताया है कि वह उत्तराखंड के विकास नगर जनपद में एक दवाई की कंपनी में नौकरी करते हैं।
 लेकिन मौज मस्ती के शौक को पूरा करने के लिए वह उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वाहन चोरी की घटनाओं को पिछले लंबे समय से अंजाम देते आ रहे हैं। इन शातिर वाहन चोरों की माने तो वह चोरी किए गए वाहनों को सस्ते दामों में कबाड़ी को बेच कर जो पैसे मिलते थे उसे वह अपनी मौज मस्ती और अपने शौक पूरा करने में लुटा दिया करते थे।
इस घटना के बारे में अधिक जानकारी लेते हुए सीओ सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि अवगत कराना है कि थाना नगर कोतवाली पुलिस द्वारा वाहन चोरी की घटना का सफल अनावरण करते हुए एक अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह के 3 लोगों को पकड़ा है एवं पकड़े गए गिरोह में एक बालम चार्य तथा दो तितावीं के रहने वाले हैं और यह दोनों गौतम उर्फ गोपी पुत्र अशोक व राहुल पुत्र रणबीर यह दोनों ही तितावीं के रहने वाले हैं। इनके ऊपर 7 से अधिक मुकदमे पंजीकृत है एवं यह पहले भी चोरी के मामले में जेल जा चुके हैं। इनके पास से 10 मोटरसाइकिल, एक तमंचा व दो मोटरसाइकिल बरामद हुई है। एवं पूछताछ में उन्होंने बताया कि यह मौज-मस्ती के लिए चोरी किया करते थे और यह मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, उत्तराखंड में चोरी किया करते थे, यह चोरी करने के बाद रहा चलते व्यक्तियों एवं कबाड़ियों को यह बहुत ही कम दामों पर बाइक बेच दिया करते थे एवं इन तीनों ही अभियुक्त गणों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा तथा अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी।

यूपी में एमपी चुनाव लड़ सकते हैं सीएम नीतीश

यूपी में एमपी चुनाव लड़ सकते हैं सीएम नीतीश 
हरिओम उपाध्याय 
लखनऊ। सपा नेतृत्व पश्चिम बंगाल में अपने नेता किरणमय नंदा को लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए एक सीट मांगेगा। अगर विपक्षी समावेशी गठबंधन इंडिया ने वहां सपा को एक सीट दी तो इसके एवज में यूपी में एक सीट तृणमूल कांग्रेस के लिए दी जा सकती है। इसी तरह से राजस्थान और हरियाणा में भी सपा इंडिया से दो-दो सीट मांगने की तैयारी में है।
सपा की तरह ही तृणमूल कांग्रेस भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना चाहती है। इसी साल अप्रैल में चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया था। इसके लिए तृणमूल कांग्रेस और सपा, दोनों ही अपने-अपने आधार वाले राज्य के अलावा दूसरे राज्यों में भी पैर फैलाना चाहती हैं। 
सपा सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस यूपी में एक सीट पर अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतारना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस छोड़कर तृणमूल का दामन थामने वाले पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी काफी समय से प्रयासरत भी बताए जाते हैं।
बताते हैं कि इस मुद्दे को लेकर सपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच काफी हद तक सहमति बन चुकी है, लेकिन सपा ने भी किरणमय नंदा के लिए पश्चिम बंगाल में एक सीट मांगी है। किरणमय नंदा वर्तमान में सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और लंबे समय से पश्चिम बंगाल की वाम मोर्चा सरकार में मंत्री रहे हैं। दोनों पक्षों के लिए एक-दूसरे के राज्य में कौन सी सीट मुफीद रहेगी, इस पर विचार चल रहा है। यूपी में तृणमूल को पूर्वांचल में एक सीट मिलने की उम्मीद है।
इंडिया गठबंधन के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यूपी से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। नीतीश कुमार कुर्मी बहुल मिर्जापुर या प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट से लड़ सकते हैं।
समाजवादियों का मानना है कि नीतीश कुमार के यूपी से लड़ने पर उनके सजातीय कुर्मी वोट पूरे प्रदेश में इंडिया गठबंधन के साथ आ सकता है। हालांकि, नीतीश के यूपी से लोकसभा चुनाव लड़ने पर सपा बिहार में एक सीट पर अपने प्रत्याशी को लड़ाना चाहेगी।
इंडिया के घटक दल कांग्रेस के लिए यूपी में गठबंधन के तहत कुछ सीटें दी जाएंगी, तो बदले में सपा भी राजस्थान और हरियाणा में दो-दो सीटों पर अपना दावा प्रस्तुत करेगी। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है तो हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस है।
सपा नेताओं का तर्क है कि राजस्थान के अलवर, जयपुर देहात, सीकर और भरतपुर लोकसभा क्षेत्रों में यादव मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। इसलिए इनमें से दो सीटों पर सपा के सिंबल पर उम्मीदवार उतारे जाने चाहिए। इसी तरह से हरियाणा में यादव बहुल गुड़गांव और रोहतक सीटों पर सपा दावा करेगी।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...