बुधवार, 26 जुलाई 2023

आप हमें जो चाहे बुला लें, हम इंडिया है: गांधी 

आप हमें जो चाहे बुला लें, हम इंडिया है: गांधी 

इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी के विपक्षी गठबंधन (इंडिया) पर दिए गए बयान को लेकर पलटवार किया है। राहुल गांधी ने कहा आप हमें जो चाहें बुला लें मोदी जी, हम इंडिया हैं। दरअसल बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने विपक्षी गठबंधन (इंडिया) पर तंज कसते हुए देश का अब तक का सबसे ‘दिशाहीन गठबंधन करार दिया।

पीएम ने ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों का हवाला देकर कहा कि केवल देश के नाम के इस्तेमाल से लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता।इस पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, आप हमें जो चाहें बुला लें मोदी जी, हम भारत हैं। हम मणिपुर को ठीक करने और हर महिला और बच्चे के आंसू पोंछने में मदद करेंगे। हम राज्य के सभी लोगों के लिए प्यार और शांति वापस लाएंगे।

राहुल गांधी: हम मणिपुर में भारत के विचार का पुनर्निर्माण करने वाले हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्ष का विरोध करते-करते ‘इंडिया से ही नफरत करने लगे हैं।

राहुल गांधी, पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ट्वीट किया, मोदी जी, आप कांग्रेस विरोध में इतने अंधे हो गए कि इंडिया से ही नफरत करने लग गए। सुना है आज कुंठा में आकर आपने इंडिया पर ही हमला बोल दिया। कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट कर कहा,

राहुल गांधी ‘‘विपक्ष को कोसते कोसते प्रधानमंत्री मोदी ‘इंडिया को ही भला बुरा कहने लग गए?

 एक बात साफ है अपनी घटिया ट्रोल आर्मी को निर्देश आप ही देते हैं। विपक्ष दिशाभ्रमित नहीं है, आप नैतिक दिवालियेपन का शिकार हैं। जुबानी जमा खर्च बंद कीजिए। हिम्मत जुटाइए और मणिपुर पर बोलिए।

'आई फ्लू' का खतरा, आंखों का रखें ख्याल: कुमार 

'आई फ्लू' का खतरा, आंखों का रखें ख्याल: कुमार 

हरिओम उपाध्याय 

फरीदाबाद। फरीदाबाद अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. हदयेश कुमार ने शिव मंदिर तिरंगा कॉलोनी बल्लाभगढं फरीदाबाद में आमजन को स्वास्थ के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि  बारिश, नमी और दूषित जल से कई तरह के बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, जिनमें से कुछ आंखों के संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

केयर ऑफ आइस : बारिश के दिनों में हवा में नमी बढ़ने के कारण वायरस और बैक्टीरिया का खतरा बढ़ जाता है। इससे आंखों में कंजक्टिवाइटिस, रेडनेस, आई फ्लू आदि की समस्या होने लगती है। कंजक्टिवाइटिस वायरस और बैक्टीरिया से फैलता है, जिसके चलते यह एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है।

केयर ऑफ आइस : कंजक्टिवाइटिस को पिंक आइज की समस्या भी कहा जाता है। ज्यादातर यह समस्या सामान्य इलाज से ही ठीक हो जाती है। इसके गंभीर होने का खतरा कम होता है। चूंकि आंख सबसे ज्यादा संवेदनशील अंग है, इसलिए इनका विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस  होने पर खुजली, आंखों से पानी आना और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

केयर ऑफ आइस : संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस संक्रामक बीमारी है, जो सम्पर्क से फैलती है। अतः मरीज को अपनी आंखों को हाथ नहीं लगाने की सलाह दी जाती है। मरीज के उपयोग की चीजों को अलग रखकर इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है। संक्रमित आंख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा केवल भ्रम है। यह बीमारी केवल सम्पर्क से ही फैलती है।

केयर ऑफ आइस : आई फ्लू में आंखें लाल हो जाती हैं। आंखों से पानी आने लगता है, जलन होती है, पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा होने लगता है।

आंखों में चुभन होने के साथ-साथ सूजन आ जाती है। आंखों से पानी आना और खुजली होना इसके सामान्यतः दिखाई देने वाले लक्षण हैं। अगर इन्फेक्शन गहरा हो तो आंखों की कॉर्निया को भी नुकसान हो सकता है, जिससे आंखों की दृष्टि प्रभावित हो सकती है। मानसून सीजन में आई फ्लू का खतरा बच्चों में सबसे ज्यादा होता है।

केयर ऑफ आइस : आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस से बचाव के लिए आंखों की सफाई का पूरा ध्यान रखें और उन्हें ठंडे पानी से बार-बार धोएं‌ किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें. कन्जक्टिवाइटिस से पीड़ित होने पर बार-बार आंखों पर हाथ न लगाएं।

आंखों में आई ड्रॉप डालने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लें। आंखों पर बर्फ की सिकाई जलन और दर्द से राहत दिलाती है। संक्रमण के दौरान गंदगी और ज्यादा भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।

केयर ऑफ आइस : संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं और उनकी चीजें जैसे चश्मा, तौलिया, तकिया आदि न छुएं. साथ ही अपना तौलिया, रूमाल, चश्मा आदि किसी के साथ साझा न करें। 

अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो जल्द ही यह समस्या दूर हो सकती है और अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट हमेशा समाज को समर्पित है और रहेगा नर सेवा ही नारायण सेवा है, नेत्र संबंधी कोई भी समस्या होने पर नेत्र विशेषज्ञ के पास दिखाना उचित होता है।

केयर ऑफ आइस : अन्यथा गंभीर स्थिति निर्मित हो सकती है। आंखों की जांच और उपचार की सुविधा चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध है।

अपराध: पत्नी की हत्या कर, फंदे पर झूला पति

अपराध: पत्नी की हत्या कर, फंदे पर झूला पति

प्रदीप गुप्ता 

कवर्धा। कबीरधाम जिले से एक सनसनी खबर सामने आ रही है। जहां हत्या और आत्महत्या की घटना दोनों एक साथ हुई है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

सनकी पति ने पहले अपनी ही पत्नी को धारदार हथियार से मारकर मौत के घाट उतार दिया, फिर खुद फांसी के फंदे पर लटककर अपनी जान दे दी। यह मामला कुकदूर थाना क्षेत्र के अमलीटोला बदना गांव का है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की पड़ताल शुरू कर दी है। आखिर सनकी पति रामसिंह मरावी ने किस बात पर अपने ही पत्नी सरोज बाई मरावी की जान ली और खुद फांसी लगाकर जान दी है, पुलिस इसकी पड़ताल कर रही।

दोनों शव को पुलिस अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

वर्षा: उत्तराखंड के 5 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी 

वर्षा: उत्तराखंड के 5 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी 

पंकज कपूर 

देहरादून। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पांच जिलों के लिए बुधवार और गुरुवार के लिए दो दिन भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक 26 और 27 जुलाई को पांच जिलों मे तेज बारिश हो सकती है। 

जिसके तहत नैनीताल, चंपावत, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में बहुत तेज बारिश होने की संभावना है। वही मौसम विभाग ने बाकी अन्य जनपदों में भी भारी बारिश की आशंका जताई है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में अगले चार दिन तक बारिश जारी रहने की संभावना है। इस दौरान पहाड़ी इलाकों में सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। वही, भूस्खलन के चलते कहीं-कहीं सड़कें बंद होने की भी स्थिति बन सकती है। नदी-नालों के आसपास रहने वाले भी सतर्क रहें।

'आई फ्लू' के खतरे से बचाव, जानिए उपाय 

'आई फ्लू' के खतरे से बचाव, जानिए उपाय 

सरस्वती उपाध्याय 

इन दिनों मानसून का सीजन चल रहा है। ऐसे में इन दिनों में आंखों के फ्लू की संभावना काफी बढ़ जाती है। बता दें मानसून के दौरान हवा में नमी और ह्यूमिडिटी बैक्टीरिया और वायरस के विकास और प्रसार को आसान बना देते हैं, जो आगे चलकर कंजंक्टिवाइटिस की वजह बन सकते हैं। वैसे तो ये बेहद खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन इसमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिससे व्यक्ति का दैनिक जीवन का काफी प्रभावित होता है।

वहीं इसके अलावा, ज्यादा बारिश से वातावरण में गंदगी, प्रदूषक तत्व और एलर्जी जमा हो सकते हैं, जिससे आई फ्लू का खतरा और ज्यादा बढ़ सकता है। अगर आप भी किसी भी तरह के आई इन्फेक्शन के लक्षण को महसूस कर रहे हैं, तो फौरन डॉक्टर से बात करें और दवा के साथ-साथ, नीचे दिए गए कुछ परहेजों का पालन कर इससे बच सकते हैं। 

मानसून सीजन में आई फ्लू से बचने के लिए करें ये काम

हाइजीन का रखें ध्यान

बता दें संक्रमण फैलने से बचने के लिए हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं। गंदे हाथों से अपनी आंखों को छूने से बचें। इसके अलावा रोजाना और ठीक से नहाएं तो भी इसमें काफी मदद मिलेगी।

आंखों को रगड़ने से बचें

इस मौसम में आंखें रगड़ने से स्थिति खराब हो सकती है और संक्रमण फैल सकता है। इसके बजाय, किसी आंखों को पोंछने के लिए एक साफ टिश्यू या रूमाल का इस्तेमाल करें।

करें गर्म सेकाई

आंखों में किसी तरह की असुविधा को कम करने के लिए दिन में कई बार कुछ मिनटों के लिए आंखों पर साफ कपड़े से गर्म सेक लगाएं।

आई मेकअप से बचें

अगर आई इन्फेक्शन का अनुभव कर रहे हैं, तो इस दौरान मेकअप का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे स्थिति खराब हो सकती है। अगर आपको मेकअप का इस्तेमाल करना ही है, तो अपने ब्रश और प्रोडक्ट्स को नियमित रूप से साफ करें।

साफ बिस्तर और तौलिया रखें

बता दें बैक्टीरिया की चपेट में आने से बचने के लिए बिस्तर और तौलिये को बार-बार बदलें। इसके अलावा कीटाणुओं को मारने के लिए उन्हें गर्म पानी और डिटर्जेंट से धोएं।

पर्सनल सामान को शेयर करने से बचें

आप अपने पर्सनल सामान को शेयर करने से बचें। तौलिये, रूमाल या ऐसी कोई भी निजी चीज जो आपकी आंखों के संपर्क में आती हो, उसे न बांटें। इससे संक्रमण फैलने की संभावना कम हो जाती है।

प्रिस्क्रिप्शन आई ड्रॉप्स का करें इस्तेमाल

अगर कंजंक्टिवाइटिस ने गंभीर रूप ले लिया है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक या एंटीवायरल आई ड्रॉप लिख सकते हैं। इसलिए प्रिस्क्रिप्शन के मुताबिक इसका पालन करें।

स्विमिंग से करें परहेज

मानसून सीजन में स्विमिंग पूल से दूर रहें क्योंकि उनमें बैक्टीरिया और अन्य माइक्रोऑर्गानिज्म पनप सकते हैं, जो कंजंक्टिवाइटिस की स्थिति को और खराब कर सकते हैं।

डॉक्टर से लें सलाह 

अगर कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण और खराब हो रहे हैं या घरेलू उपचार के बावजूद राहत नहीं मिल रही है, तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करे।

पीएम में विश्वास की कमी, इंडिया कैसे भरोसा करें 

पीएम में विश्वास की कमी, इंडिया कैसे भरोसा करें 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए प्रश्न किया कि जब संसद में बयान देने को लेकर प्रधानमंत्री में ‘‘विश्वास की कमी’’ है तो विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ उन पर कैसे भरोसा करे? सिब्बल की यह टिप्पणी उनकी पूर्व पार्टी कांग्रेस द्वारा मणिपुर मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दायर करने से पहले आई है।

सिब्ब्ल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘अविश्वास प्रस्ताव। जब संसद में बयान देने को लेकर प्रधानमंत्री में विश्वास की कमी है, वह उच्च्तम न्यायालय की टिप्पणी आने तक मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर ‘मौन’ बने रहे, बृज भूषण मामले पर ‘मौन’ धारण किए रहे, कहा चीन ने किसी भूभाग पर कब्जा नहीं किया, तो फिर ‘इंडिया’ उन पर कैसे भरोसा करे?’’ प्रस्ताव लाने के बारे में फैसला विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) के सांसदों की संसद में मंगलवार को हुई बैठक में लिया गया। गठबंधन के एक नेता ने कहा कि विपक्षी नेताओं की बैठक में विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने का यह एक प्रभावी तरीका होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले बृहस्पतिवार को कहा था कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार कर दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून अपनी पूरी ताकत से काम करेगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

भारी बारिश, तानसा और विहार झीलें उफान पर

भारी बारिश, तानसा और विहार झीलें उफान पर

कविता गर्ग 

मुंबई। शहर में बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से तानसा और विहार झीलें बुधवार को पूरी तरह से भरने के बाद उफान पर आ गईं। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने यह जानकारी देते हुए बताया कि तानसा और विहार झीलें मुंबई में पीने योग्य पानी का प्रमुख जलस्त्रोत हैं।

बीएमसी ने बताया कि मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले सात जलाशयों में से विहार, तानसा और तुलसी झीलें उफान पर हैं। नगर निकाय ने बताया कि मुंबई के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित विहार झील रात 12 बजकर 48 मिनट पर पूरी तरह से भर गई, जबकि ठाणे जिले में स्थित तानसा झील बुधवार को सुबह चार बजकर 35 मिनट पर उफान पर आ गई। बीएमसी ने ट्वीट किया, "मुंबईवासियों को पानी की आपूर्ति करने वाली सात झीलों में शामिल तानसा झील आज सुबह चार बजकर 35 मिनट पर पूरी तरह से भर गई और अब उफान पर है।" शहर और उपनगरों में भारी बारिश के बाद 20 जुलाई को तुलसी झील पूरी तरह से भर गई थी।

मुंबई को सात जलाशयों - भाटसा, ऊपरी वैतरणा, मध्य वैतरणा, तानसा, मोदक सागर, विहार और तुलसी से 3,800 एमएलडी (प्रति दिन लाखों लीटर) पानी मिलता है। ये जलाशय मुंबई, ठाणे और नासिक जिलों में स्थित हैं। बीएमसी अधिकारियों ने बताया कि मुंबई की पोवई झील इस माह के शुरू में उफान पर थी लेकिन इस झील का पानी पीने के लिए उपयोग नहीं किया जाता।

'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं

'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर थाना खालापार पर आय...