रविवार, 23 जुलाई 2023

भूस्खलन में 81 लोग लापता, 27 की मौत 

भूस्खलन में 81 लोग लापता, 27 की मौत 

दुष्यंत टीकम   

रायपुर। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के अधिकारियों ने शनिवार रात कहा कि रविवार सुबह से खोज और बचाव अभियान फिर से शुरू कर दिया गया है। एक अधिकारी के अनुसार, खोज एवं बचाव अभियान फिर से शुरू होने के बाद अब तक कोई शव बरामद नहीं हुआ है।

खराब मौसम ने खोज एवं बचाव अभियान में भूमिका निभाई...

राहत और पुनर्वास विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार गांव की आबादी 229 थी और वर्तमान में, 98 लोगों को अस्थायी शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है। NDRF  के डिप्टी कमांडेंट दीपक तिवारी ने कहा कि खराब मौसम के कारण अधिकारियों को बचाव अभियान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

मलबे में दबा शव सड़ने लगा...

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि मलबे में दबे शव भी सड़ने लगे हैं, अब लोगों के जिंदा निकलने की कोई उम्मीद नहीं है। हालांकि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस बीच प्रशासन ने भूस्खलन की आशंका वाले 6 गांवों के 147 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।

भूस्खलन में अनाथ हुए बच्चों को गोद लेंगे सीएम शिंदे...

इस घटना में कई बच्चे अनाथ हो गए हैं, उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन बच्चों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। सीएम एकनाथ शिंदे ने घोषणा की है कि जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है, उन्हें गोद लिया जाएगा। 2 से 14 साल तक के अनाथ बच्चों की देखभाल श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन द्वारा की जाएगी।

बस तालाब में गिरी, 17 की मौत, 35 घायल   

बस तालाब में गिरी, 17 की मौत, 35 घायल   

अखिलेश पांडेय 

ढाका। रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को बांग्लादेश के झालाकाथी सदर उपजिला के छत्रकंडा इलाके में एक बस के तालाब में गिर जाने से तीन बच्चों सहित कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 35 अन्य घायल हो गए।

“बशर स्मृति परिबाहन” की बारीशाल जाने वाली बस, जिसमें 52 की क्षमता के मुकाबले 60 से अधिक यात्री सवार थे, सुबह 9:00 बजे के आसपास पिरोजपुर के भंडरिया से निकली और लगभग 10:00 बजे बरिशाल-खुलना राजमार्ग पर छत्रकांडा में सड़क किनारे तालाब में गिर गई। बांग्लादेश में बड़ा हादसा 17 लोगों की मौत, 35 से अधिक लोग घायल।

हादसे में जीवित बचे मोहम्मद मोमिन ने कहा, “मैं भंडरिया से बस में चढ़ा। बस यात्रियों से खचाखच भरी हुई थी। उनमें से कुछ यात्री खड़े थे। मैंने ड्राइवर को सुपरवाइजर से बात करते देखा। अचानक बस सड़क से उतर गई और दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

मोमिन ने कहा, “सभी यात्री बस के अंदर फंस गए। क्षमता से अधिक यात्री होने के कारण बस तुरंत डूब गई। मैं किसी तरह बस से बाहर निकलने में कामयाब रहा।”

द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, बरिशाल डिविजनल कमिश्नर एमडी शौकत अली ने पुष्टि की कि सभी 17 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और बाकी घायलों को अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने कहा कि ज्यादातर पीड़ित पिरोजपुर के भंडरिया उपजिला और झलकाठी के राजापुर इलाके के निवासी हैं।

थाने में नाबालिग को हवस का शिकार बनाया  

थाने में नाबालिग को हवस का शिकार बनाया  

राजेश ओबरॉय   

कुरुक्षेत्र। हरियाणा में खाकी फिर दागदार हुई है। यहां एक पुलिसकर्मी ने थाने के अंदर ही नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया है। मामला कुरूक्षेत्र जिले के बाबैन थाना से है जहां मुख्य सिपाही ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है।

ये हैं पूरा मामला

बता दें कि नाबालिग किशोरी करीब एक माह पहले घर से बिना बताए किसी महिला के साथ चली गई थी लेकिन चार दिन पहले ही वह वापस लौटी थी। इस संबंध में थाना बाबैन में किशोरी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज थी। जिसमें किशोरी के बयान कराने के लिए उसे स्वजन थाने में लेकर गए थे।

थाने में तैनात पुलिस कर्मी श्याम लाल ने स्वजनों को शपथ पत्र बनवाने के लिए भेज दिया और किशोरी के बयान दर्ज करने के लिए कमरे में ले गया। यहां महिला मित्र कक्ष में इस पुलिसकर्मी ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की शर्मनाक करतूत को अंजाम दिया।

नाबालिग लड़की ने घर जाकर परिजनों को आपबीती सुनाई तो परिजन उसे एलएनजेपी अस्पताल लेकर पहुंचे। हालांकि अस्पताल से पुलिस थाने में दुष्कर्म की सूचना भेजी गई तो शुरुआत में पुलिसकर्मियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। लेकिन सुबह परिजनों द्वारा आरोपी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी को लेकर हंगामा किया गया। तब जाकर आरोपी पुलिसकर्मी श्याम लाल को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

भारत गौरव, 123 देशों में अंशिका का चयन

भारत गौरव, 123 देशों में अंशिका का चयन

सुनील श्रीवास्तव   

सिंगापुर। बलिया शहर के गोपाल बिहार कालोनी निवासी कक्षा नौवीं की छात्रा अंशिका पाठक ने सिंगापुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में "युवाओं के लिए भविष्य की शिक्षा" विषय पर व्याख्यान व शोध पत्र प्रस्तुत कर न सिर्फ बलिया, बल्कि भारत का मान बढ़ाया  है। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में व्याख्यान के साथ शोध पत्र प्रस्तुत करने वालीं अंशिका गाजियाबाद स्थित उत्तम स्कूल फॉर गर्ल्स में कक्षा 9 की छात्रा है।

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर की ओर से सिंगापुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में 123 देशों के कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चों ने व्याख्यान व शोध पत्र प्रस्तुत किया। व्याख्यान के लिए पूरे देश से ऑनलाइन इंटरव्यू के बाद अंशिका का चयन हुआ। चयनित होने से खुश कुशाग्र बुद्धि की छात्रा अंशिका ने शिक्षकों के निर्देशन में दिन-रात मेहनत कर सिंगापुर में अपनी प्रतिभा को व्याख्यान के रूप में प्रस्तुत किया। अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में अंशिका के व्याख्यान की खूब सराहना मिली। 

भविष्य की योजना के बारे में पूछने पर बताया कि वह अपने शोध को आगे बढ़ाएंगी। राजस्थान के चुरू स्थित ओपीजेएस यूनिवर्सिटी (OPJS UNIVERSITY) के कुलपति डा. राजेश पाठक की पुत्री अंशिका की मां श्वेता पाठक गृहणी हैं। शुरू से ही मेधावी छात्रा अंशिका ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय माता-पिता के साथ ही स्कूल को दिया। बोली, सभी ने भरपूर सहयोग और सपोर्ट दिया। नन्हीं अंशिका की उड़ान पर डा. कृपाशंकर तिवारी, जवाहर पाण्डेय, डब्लू पाठक, रमारंजन उपाध्याय, आंनद  तिवारी, शंशाक तिवारी, नीरज, दीपक आदि ने बधाई दी है।

अक्षय पात्र प्रतिष्ठान की 67वीं रसोई का उद्घाटन

अक्षय पात्र प्रतिष्ठान की 67वीं रसोई का उद्घाटन

सत्येंद्र पवार  

बरसाना। सांसद एवं प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी ने अक्षय पात्र प्रतिष्ठान की 67वीं रसोई का रविवार को यहां उद्घाटन किया, जिसके माध्यम से क्षेत्र के 96 विद्यालयों में 7500 से ज्यादा बच्चों को दिन का पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मथुरा से लोकसभा सांसद ने बरसाना के आजनोख में इस मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अक्षय पात्र भारत में 67 से ज्यादा रसोई का संचालन कर रहा है।

उन्होंने अक्षय पात्र को महाभारत काल की द्रोपदी की कथा से जोड़ते हुए कहा कि भगवान कृष्ण ने जिस तरह द्रोपदी के अक्षय पात्र में सबके लिए भोजन उपलब्ध कराया था उसी अवधारणा पर श्रीकृष्ण और राधा रानी की लीला भूमि में इस अक्षय पात्र से हज़ारों बच्चों को हर दिन भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अच्छा भोजन और पौष्टिक भोजन बच्चों को उपलब्ध हो, अक्षय पात्र यह सुनिश्चित करता है और इसी सोच के साथ अक्षय पात्र मथुरा जिले 2100 स्कूलों में भोजन उपलब्ध करा रहा है। अक्षय पात्र फाउंडेशन के वॉइस चेयरमैन चंचलापति दास ने कहा कि इस रसोई के माध्यम से आसपास के 48 गांव के साढ़े सात हज़ार बच्चों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

उनका कहना था यह रसोई पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित की जा रही सामूहिक रसोई है। महिलाओं को इसका संचालन देने की अवधारणा बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह एक मां प्यार से अपने बच्चों के लिए भोजन बनाती हैं उसी प्रेम भाव से इस रसोई में काम करने वाली महिलाओं का स्नेह सभी बच्चों को हर दिन मिले।

स्थानीय संचालक अनंत वीर्यदास ने कहा की रसोई में स्थानीय जैविक सब्जियों का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने आसपास के लोगों से बच्चों के लिए गाय का शुद्ध दूध उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया है।

आवश्यक वस्तुओं से भरी पहली मालगाड़ी भेजी

आवश्यक वस्तुओं से भरी पहली मालगाड़ी भेजी

मोहम्मद रियाज

इंफाल। न्यू गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से 13 बोगियों वाली एक मालगाड़ी को रविवार को मणिपुर के लिए रवाना किया गया। इस अवसर पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, “एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर में आवश्यक वस्तुओं से भरी पहली मालगाड़ी को गुवाहाटी माल यार्ड से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है जो तमेंगलोंग जिले के खोंगसांग रेलवे स्टेशन के लिए है।

यह मणिपुर के लिए तेज़ और कुशल कनेक्टिविटी के एक नए युग का प्रतीक है।” खोंगसांग रेलवे स्टेशन राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 106 किमी दूर है और मणिपुर को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए सामान भंडारण के लिए रेलवे स्टेशन पर काम तेज कर दिया गया है। गत तीन मई से कांगपोकपी में राष्ट्रीय राजमार्ग की नाकाबंदी के बाद पेट्रोलियम उत्पादों, भोजन, निर्माण सामग्री सहित आवश्यक आपूर्ति की कमी हो गई है।

इसलिए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मणिपुर यात्रा के दौरान खोंगसांग तक एसेंशियल ट्रांसपोर्ट शुरु करने का निर्णय लिया गया। जिरीबाम से इंफाल तक 111 किमी लंबी रेलवे परियोजना 2004 में शुरू हुई थी और कठिन इलाके के कारण इसके पूरा होने में देरी हुई है। एक बार इस परियोजना के पूरा होने पर इंफाल से जिरीबाम तक की यात्रा ढाई घंटे में तय होने की संभावना है।

इलेक्ट्रिक वाहनों का स्थानीय स्तर पर उत्पादन  

इलेक्ट्रिक वाहनों का स्थानीय स्तर पर उत्पादन  

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। जर्मनी की लक्जरी कार विनिर्माता बीएमडब्ल्यू अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का भारत में स्थानीय स्तर पर उत्पादन करेगी। बीएमडब्ल्यू के ‍एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन कुछ समय की बात है।

बीएमडब्ल्यू ने 2023 की पहली छमाही में भारत में अपनी कुल बिक्री का नौ प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों से हासिल किया है। कंपनी को 2025 तक इस आंकड़े के 25 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।

बीएमडब्ल्यू समूह के भारत में अध्यक्ष विक्रम पावाह ने एक न्यूज एजेंसी से कहा, जैसे-जैसे मात्रा बढ़ेगी, दूसरे उत्पादों की तरह हम उनका (ईवी) स्थानीयकरण करेंगे, और हम उनका उत्पादन (स्थानीय स्तर पर) करेंगे।  उन्होंने कहा कि भारत में ईवी के स्थानीयकरण के दो पहलू हैं। पहला यहां पर मात्रा और दूसरा प्रौद्योगिकी। पावाह ने कहा, यह बस समय की बात है।

मात्रा और स्थिरता में कुछ तालमेल होना चाहिए। अब हमें अच्छे संकेत दिख रहे हैं। हमने पहले छह महीनों में चार मॉडल की सिर्फ 500 कारों की आपूर्ति की है। यह इस नजरिये से छोटी संख्या है।

लेकिन निश्चित रूप से यह तेजी से बढ़ रही है। वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या बीएमडब्ल्यू की भारत में स्थानीय स्तर पर ईवी के उत्पादन की योजना है। बीएमडब्ल्यू के इलेक्ट्रिक वाहनों में आई7, आईएक्स, आई4 मिनी एसई शामिल हैं।

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...