सरकार की तरफ से पीड़ितों को राहत नहीं: हुड्डा
राजेश ओबरॉय
फरीदाबाद। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि यमुना के जलस्तर बढऩे से फरीदाबाद से सटे गांवों व कालोनियों में भारी नुकसान हुआ है, लोगों के मकान टूट गए, फसलें नष्ट हो गई और पशुधन की भी हानि हुई है, साथ-साथ छोटे व्यापारी भी इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए है, लेकिन सरकार की ओर से पीडि़त लोगों को कोई राहत नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि अवैध माइनिंग के चलते यमुना का रास्ता बदल गया, जिसके चलते यहां जलस्तर बढ़ा, लेकिन प्रशासन समय रहते ठोकरे बनवा देता या बांधों को मजबूत कर देता तो इनका नुकसान नहीं होता, लेकिन पिछले आठ-दस सालों से यमुना में अवैध खनन चल रहा है और एनजीटी ने इसको लेकर चेताया भी था, लेकिन सरकार व प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। श्री हुड्डा शुक्रवार को तिगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले यमुना प्रभावित गांव मंझावली, घरौंडा, अरुआ, चांदपुर, फज्जूपुर, नचौली, अमीपुर में बाढ़ पीडि़तों से मुलाकात करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
इस दौरान पूर्व विधायक ललित नागर ने श्री हुड्डा को बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में लोगों का सब कुछ तबाह हो गया, किसी का परिजन चला गया तो किसी का घर-मकान बर्बाद हो गया,लेकिन सरकार की ओर से इन लोगों को रहने व खान-पान की भी व्यवस्था पर्याप्त रूप से नहीं करवाई जा रही है, जिसके चलते यह लोग जीवन जीने के लिए संघर्ष कर रहे है। श्री हुड्डा ने बाढ़ पीडि़तों से मिलकर उनका दुख बांटते कहा कि कांग्रेस पार्टी इस दुख की घड़ी में पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि अवैध माइनिंग के चलते यमुना का रास्ता बदल गया, जिसके चलते इस आपदा का सामना लोगों को करना पड़ा, क्योंकि हथिनीकुंड बैराज से इस बार तीन लाख 80 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया था, जबकि वर्ष 2006 में आठ लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया था, यह सरकार को प्रशासन की लापरवाही का ही नतीजा है, जो लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री श्री हुड्डा ने कहा कि आपदा के इस समय में सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिए, लेकिन जो मुआवजा राशि सरकार ने घोषित की है, वह नाकाफी है।
उन्होंने कहा कि जिस लोगों की फसल नष्ट हुई है, उन्हें 15 हजार प्रति एकड़ की बजाए 40 हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए वहीं जिनके मकान नष्ट हुए है, उन्हें नए मकान दिए जाने चाहिए और जिन लोगों की इस आपदा में मौत हुई है, उन्हें 4 लाख की जगह 20 लाख का मुआवजा मिलना चाहिए। भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट कर दिया था, इसके बावजूद हरियाणा व दिल्ली की सरकारें सोती रही, नतीजतन लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ा।