शनिवार, 22 जुलाई 2023

8 राज्य, 5.60 लाख किसान, 258 करोड़ क्लेम

8 राज्य, 5.60 लाख किसान, 258 करोड़ क्लेम

अकाशुं उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्र की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में किसानों को और अधिक सुविधा देते हुए सटीक उपज अनुमान एवं पंजीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने तीन महत्वपूर्ण पहलों- येस्टेक (प्रौद्योगिकी पर आधारित उपज अनुमान प्रणाली), विंड्स (मौसम सूचना डेटा सूचना प्रणाली) और एआईडीई (मध्यस्थ नामांकन के लिए ऐप) को किसानों को समर्पित किया। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू विशेष रूप से उपस्थित थे।

इस मौके पर केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय के तहत, राज्यांश लंबित होने से किसानों को क्लेम मिलने में होने वाली कठिनाइयों से राहत प्रदान करते हुए 8 राज्यों के लगभग 5.60 लाख लाभार्थी किसानों को अपने स्तर पर 258 करोड़ रु. बतौर क्लेम जारी किए। इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम, ओडिशा व आंध्र प्रदेश के किसान शामिल हैं।

छात्रों ने दरोगा व कुलपति को बेरहमी से पीटा 

छात्रों ने दरोगा व कुलपति को बेरहमी से पीटा   

संदीप मिश्र 

गोरखपुर। खबर गोरखपुर से है, जहां एबीवीपी छात्रों ने दरोगा से मारपीट की फिर यूनिवर्सिटी के कुलपति और रजिस्ट्रार के साथ मारपीट की है। पूरा मामला समझते है, एबीवीपी के छात्र फीस वृद्धि को लेकर और अपनी माँगों को लेकर प्रदर्शन धरना दे रहे छात्रों ने पुलिस और यूनिवर्सिटी के कुलपति और रजिस्ट्रार से मारपीट की पूरा मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का है।

सीएम योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र है, जहां से घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उसके बाद राजनीतिक गलियारों में इस वीडियो की चर्चा है ट्विटर पर लगातार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता कार्यकर्ता इस वायरल वीडियो को पोस्ट कर रहे है और सीएम योगी पर निशाना साध रहे है। वही समाजवादी पार्टी ने ट्विट करते हुए लिखा...

“भाजपा संरक्षित छात्रों की गुंडई उजागर !

गौरतलब है कि, सीएम सिटी गोरखपुर में विश्विद्यालय परिसर में एबीवीपी के छात्रों ने किया हंगामा किया साथ ही कुलपति और पुलिस से की मारपीट। भाजपा सरकार के संरक्षण में उन्हीं के समर्थित लोग लगातर प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त कर रहे है।

फ़िलहाल पुलिस मामले में जुट गई है। आपको बता दे कि एक हफ्ते पहले भी छात्रों ने यूनिवर्सिटी के स्टाफ से मारपीट की थी।

भाजपा में इस्तीफों की झड़ी लगी: हरियाणा   

भाजपा में इस्तीफों की झड़ी लगी: हरियाणा   

अंजली चौधरी  

कैथल। उत्तरी भारत पर शासन करने वाले 9वीं शताब्दी के शासक मिहिर भोज की मूर्ति के अनावरण को लेकर हरियाणा के कैथल में गुज्जर और राजपूत समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। जिसके बाद इस्तीफे की झड़ी लग गई। कैथल जिले के कई भाजपा सदस्यों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर प्रतिमा का अनावरण करने वाले थे, उनको राजपूत समुदाय से भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इसके बाद सरकार ने विरोध को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस तैनाती की। जिसके बाद से पार्टी से इस्तीफा देने वाले सदस्यों में काफी रोष व्याप्त है।

सीएम से चर्चा की मांग

इस मामले में बीजेपी किसान मोर्चा के संजीव राणा कहते हैं, “हमारे लोग शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन प्रशासन ने जानबूझकर हम पर लाठीचार्ज किया। हम केवल यह मांग कर रहे थे कि हमारे महान नेता मिहिर भोज की नई प्रतिमा में उनका नाम हिंदू सम्राट लिखा जाए। हमने किसी से राजपूत या गुर्जर लिखने के लिए नहीं कहा, हमने केवल हिंदू सम्राट लिखने के लिए कहा था। बीजेपी के सभी राजपूत नेताओं ने अपना इस्तीफा हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ को भेज दिया है। हमने बीजेपी के सभी पदों से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। जब तक सीएम एमएल खट्टर हमसे चर्चा नहीं करते, तब तक हमारा बीजेपी से कोई संबंध नहीं होगा।”

सदस्यों ने प्रदेश अध्यक्ष को लिखा पत्र

 इस दौरान इस्तीफा देने वाले सदस्यों ने एक पत्र भी लिखा। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को लिखे पत्र में सदस्यों ने पार्टी पर उनके इतिहास को विकृत करने में मदद करने और पुलिस की मदद से मिहिर भोज की मूर्ति का अनावरण करने का आरोप लगाया है। इसमें ये भी कहा गया है कि मिहिर भोज को गुर्जर के रूप में दर्शाया गया है, जो कि गलत है। इस मामले में सदस्यों का कहना है कि सामूहिक इस्तीफा सिर्फ शुरुआत है। अगर पार्टी हमारे इतिहास को विकृत करना जारी रखती है, तो आगामी चुनावों में बुरी तरह हार जाएगी।

मां के आशिक को कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला 

मां के आशिक को कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला   

संदीप मिश्रा   

बाराबंकी। एक महिला अपने प्रेमी के साथ बिस्तर पर न्यूड थी। इस दौरान उसका 25 वर्षीय बेटा पहुंच गया। यह देखकर उसने गुस्से में मां के आशिक को कुल्हाड़ी से काटकर माैत के घाट उतार दिया। 55 वर्षीय मृतक प्रेमी मोहल्ले का ही रहने वाला था। बताया जा रहा है कि उसका आरोपी युवक की मां के साथ काफी समय से अवैध संबंध चल रहा था।

बाराबंकी जिले के थाना व कस्बा सुबेहा में देर शाम जब मोहल्ले का शख्स महिला से मिलने उसके घर गया और महिला के साथ बिस्तर पर सो रहा था तो इसी दौरान महिला के 25 वर्षीय बेटे ने उसे देखकर अपना आपा खो दिया। युवक ने घर में रखी कुल्हाड़ी से उसके ऊपर कई वार किए। कुल्हाड़ी के हमले से 55 वर्षीय व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने उसे आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया, जहां पर उसने दम तोड़ दिया। घटना के बाद कस्बे में हड़कंप का माहौल है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है।

सुबेहा के हवेली वार्ड के रहने वाले करीब 55 वर्षीय व्यक्ति औसाफ की मोहल्ले के ही रहने वाले एक 25 वर्षीय युवक अशफाक ने कुल्हाड़ी से कई वार कर हत्या कर दी। इस घटना के बाद कस्बे में हड़कंप मच गया। लोगों ने आनन-फानन में घायल औसाफ को इलाज के लिए सुबेहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती करवाया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची गई। वहीं इलाज के दौरान गंभीर घायल औसाफ ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

मणिपुर घटना से मेरा 'हृदय' दुख से भरा है 

मणिपुर घटना से मेरा 'हृदय' दुख से भरा है 

आनंद यादव

नई दिल्ली। महिलाओं पर यौन हमलों से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद राज्यसभा और लोकसभा में विपक्षी दलों ने पीएम पर निशाना साधा है। गुरुवार से संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई। पीएम मोदी जब संसद पहुंचकर मीडिया से बात करने आए, तो उन्होंने मणिपुर के वायरल वीडियो का ज़िक्र किया था और कहा था कि ‘मणिपुर की घटना से मेरा हृदय दुख से भरा है।‘

पीएम ने कहा था कि ‘ये घटना शर्मसार करने वाली है। पाप करने वाले कितने हैं, कौन हैं वो अपनी जगह है, पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। मैं मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि वो मां-बहनों की रक्षा के लिए कदम उठाएं।’

राजस्थान, छत्तीसगढ़, मणिपुर का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘घटना चाहे किसी भी राज्य की हो, सरकार चाहे किसी की भी हो, नारी के सम्मान के लिए राजनीति से ऊपर उठकर काम करें।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं देशवासियों को यकीन दिलाना चाहता हूं कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है उसे कभी माफ नहीं किया जाएगा। पीएम के इस बयान पर भी विपक्ष पूरी तरह उन पर हमलावर हो गया। जहाँ कांग्रेस ने पीएम की आलोचना इस बात पर किया कि वह ऐसी घटनाओं में भी राजनितिक बयान जारी कर रहे है। वही अन्य विपक्षी दल भी हमलावर है।

इसी क्रम में आज पूर्व क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने मणिपुर की घटना पर कहा कि इसने सबको शर्मसार किया है और यह देश के लिए सही नहीं है। सांसद में पीएम के बयान का भी जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘वो जो दरिंदे हैं, जिन्होंने हमारी देश की बेटी के साथ ऐसा सलूक किया है। जिसके कारण हम सब शर्मनाक होने की कगार पर पहुंच गए। यह देश के लिए सही नहीं है और पीएम ने कल कहा था कि उनको छोड़ा नहीं जाएगा। उचित कार्रवाई होगी। तो वह कार्रवाई हो और जल्द हो।’

'खेला होबे' रोजगार योजना का शुभारंभ किया 

'खेला होबे' रोजगार योजना का शुभारंभ किया 

शफी उस्मानी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज एक नई रोज़गार गारंटी योजना शुरू किया है, जिसका नाम उन्होंने ‘खेला होबे’ रखा है। उन्होंने केद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुवे कहा है कि ‘मनरेगा योजना का जब तक पैसा नही आता है तब तक 100 दिन के रोज़गार गारंटी योजना के तौर पर यह योजना राज्य सरकार के पैसो से चलेगी जिसका नाम ‘खेला होबे’ रखा गया है।

ममता बनर्जी ने कहा है कि अगले साल नए इंडिया का जन्म होगा और भाजपा को केंद्र की सत्ता से हटाना ही इसका मुख्य लक्ष्य है। कांग्रेस समेत 26 विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम इंडिया रखा गया है। बनर्जी शुक्रवार को कोलकाता के धर्मतल्ला इलाके में तृणमूल कांग्रेस की ओर से आयोजित शहीद रैली में बोल रही थीं।

उन्होंने कहा, ‘अगर 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा सत्ता में लौटी तो लोकतंत्र की मौत हो जाएगी।’ तृणमूल कांग्रेस नेता ने मणिपुर की हिंसा के मुद्दे पर केंद्र की खिंचाई करते हुए सवाल किया कि आखिर केंद्र सरकार वहां कोई केंद्रीय टीम क्यों नहीं भेज रही है? उन्होंने कहा, ‘भाजपा की ‘बेटी बचाओ’ योजना अब ‘बेटी जलाओ’ में बदल गई है। बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद तो भाजपा ने कई केंद्रीय टीमें भेजी है। लेकिन मणिपुर में एक भी नहीं, क्यों? अगले साल के आम चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारी न तो दूसरी कोई मांग है और न ही हमें कोई कुर्सी चाहिए।’

सरकार की तरफ से पीड़ितों को राहत नहीं: हुड्डा  

सरकार की तरफ से पीड़ितों को राहत नहीं: हुड्डा  

राजेश ओबरॉय 

फरीदाबाद। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि यमुना के जलस्तर बढऩे से फरीदाबाद से सटे गांवों व कालोनियों में भारी नुकसान हुआ है, लोगों के मकान टूट गए, फसलें नष्ट हो गई और पशुधन की भी हानि हुई है, साथ-साथ छोटे व्यापारी भी इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए है, लेकिन सरकार की ओर से पीडि़त लोगों को कोई राहत नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि अवैध माइनिंग के चलते यमुना का रास्ता बदल गया, जिसके चलते यहां जलस्तर बढ़ा, लेकिन प्रशासन समय रहते ठोकरे बनवा देता या बांधों को मजबूत कर देता तो इनका नुकसान नहीं होता, लेकिन पिछले आठ-दस सालों से यमुना में अवैध खनन चल रहा है और एनजीटी ने इसको लेकर चेताया भी था, लेकिन सरकार व प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। श्री हुड्डा शुक्रवार को तिगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले यमुना प्रभावित गांव मंझावली, घरौंडा, अरुआ, चांदपुर, फज्जूपुर, नचौली, अमीपुर में बाढ़ पीडि़तों से मुलाकात करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

इस दौरान पूर्व विधायक ललित नागर ने श्री हुड्डा को बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में लोगों का सब कुछ तबाह हो गया, किसी का परिजन चला गया तो किसी का घर-मकान बर्बाद हो गया,लेकिन सरकार की ओर से इन लोगों को रहने व खान-पान की भी व्यवस्था पर्याप्त रूप से नहीं करवाई जा रही है, जिसके चलते यह लोग जीवन जीने के लिए संघर्ष कर रहे है। श्री हुड्डा ने बाढ़ पीडि़तों से मिलकर उनका दुख बांटते कहा कि कांग्रेस पार्टी इस दुख की घड़ी में पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है। 

पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि अवैध माइनिंग के चलते यमुना का रास्ता बदल गया, जिसके चलते इस आपदा का सामना लोगों को करना पड़ा, क्योंकि हथिनीकुंड बैराज से इस बार तीन लाख 80 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया था, जबकि वर्ष 2006 में आठ लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया था, यह सरकार को प्रशासन की लापरवाही का ही नतीजा है, जो लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री श्री हुड्डा ने कहा कि आपदा के इस समय में सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिए, लेकिन जो मुआवजा राशि सरकार ने घोषित की है, वह नाकाफी है। 

उन्होंने कहा कि जिस लोगों की फसल नष्ट हुई है, उन्हें 15 हजार प्रति एकड़ की बजाए 40 हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए वहीं जिनके मकान नष्ट हुए है, उन्हें नए मकान दिए जाने चाहिए और जिन लोगों की इस आपदा में मौत हुई है, उन्हें 4 लाख की जगह 20 लाख का मुआवजा मिलना चाहिए। भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट कर दिया था, इसके बावजूद हरियाणा व दिल्ली की सरकारें सोती रही, नतीजतन लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ा।

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...