मंगलवार, 18 जुलाई 2023

मौसम विभाग का अलर्ट, झमाझम बरसेंगे बदरा

मौसम विभाग का अलर्ट, झमाझम बरसेंगे बदरा   

श्रीराम मौर्य   

देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण लगातार बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटानाएं सामने आ रही हैं। इस बीच मौसम विभाग ने बुधवार को राज्यभर में भारी बारिश होने की संभावना जताई हैं। आईएमडी ने पूरे प्रदेश में बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के कई इलाकों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी है, जबकि अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है।

मलबा आने से गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे बंद

प्रदेश में मंगलवार सुबह बारिश के कारण यमुनोत्री हाईवे झरझर गार्ड के पास मलबा आने से बंद हो गया साथ ही गंगोत्री हाईवे मनेरी डैम के पास मलबा आने से बंद है। वहीं, भटवाड़ी विकासखंड के जखोल गांव में बरसाती नाला उफान पर आने और भूसखलन से खेती को नुकसान हुआ है। इसके अलावा बदरीनाथ हाईवे नंदप्रयाग और छिनका में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आने से बाधित था। हाईवे के दोनों और तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों के वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई थी। लेकिन आज सुबह 11 बजे बदरीनाथ हाईवे खोल दिया गया।

विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश

इसके अलावा मनेरी डैम के पास आज एक टेंपो भी पलट गया। गनीमत रही की उस समय टैंपो में कोई नहीं बैठा था, वरना कोई हादसा हो सकता था। गौरतलब है कि उत्तराखंड में अभी भी मौसम विभाग ने कुछ जिलों में भारी से अधिक भारी बारिश का रेड और कुछ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा बरसाती नदी, नाले, भी उफान पर चल रहे हैं। भारी बारिश को देखते हुए सभी विभागों को अलर्ट पर रहने के लिए पहले ही निर्देश दे दिए गए हैं।

विपक्षी गठबंधन 'इंडिया', सीटों पर सहमति बनी

विपक्षी गठबंधन 'इंडिया', सीटों पर सहमति बनी   

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन का नाम हो सकता है INDIA, सीटों के बंटवारे पर बनी सहमति जी, हां बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक हो रही है। इस बैठक में विपक्ष के महागठबंधन के नाम पर चर्चा की गई है।

सूत्रों को मुताबिक, विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया हो सकता है। बैठक में ये सुझाव दिया गया। इसके अलावा अखिलेश यादव ने पीडीए (पिछला दलित गठबंधन) का सुझाव दिया, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया।

एक छोटे दल ने सेव इंडिया अलायंस या सेक्युलर इंडिया अलायंस का सुझाव भी दिया था। इसके अलावा बैठक में सीट बंटवारे को लेकर राज्य निहाय कमेटी गठित करने का फैसला लिया गया है। इसी बीच टीएमसी के सांसद डेरेक ओब्रायन ने ट्वीट कर लिखा, “चक दे इंडिया।”

विपक्षी नेताओं ने क्या कहा?

बेंगलुरु में इकट्ठा हुए विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने कहा, “ये एक अच्छी, सार्थक बैठक है। रचनात्मक निर्णय लिए जाएंगे। आज जो चर्चा हुई उसके बाद का नतीजा इस देश के लोगों के लिए सही हो सकता है।” वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार ने बैठक में अपनी बात रखते हुए कहा, “सब मिलकर बीजेपी को हरायेंगे”

विपक्षी गठबंधन के INDIA का मतलब?

I – Indian

N– National

D– Democractic

I – Inclusive

A – Alliance

लालू यादव का मोदी सरकार पर निशाना

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा, “देश और लोकतंत्र को बचाना होगा, गरीबों, युवाओं, किसानों, अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी होगी। मोदी सरकार में सभी को कुचला जा रहा है।” इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 10 साल के कार्यकाल में लगभग हर क्षेत्र को पूरी तरह से चौपट कर दिया, उनसे छुटकारा पाने का समय आ गया है।”

श्रीनगर से छोड़ा पानी, खतरे के निशान पर गंगा

श्रीनगर से छोड़ा पानी, खतरे के निशान पर गंगा   

सुनील श्रीवास्तव   

श्रीनगर। प्रदेश भर में आज भी बारिश का सिलसिला जारी है। भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं नदियां भी उफान ओर है। बारिश के कारण अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ गया है। जल स्तर बढ़ने के दृष्टिगत शासन ने चार जिलों के डीएम को सावधानी बरतने के निर्देश हैं।

श्रीनगर गढ़वाल के सीनियर मैनेजर शाहिद शेख ने बताया कि अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण श्रीनगर डैम में करीब तीन हजार क्यूसेक अतिरिक्त पानी आने की आशंका है। जिसे देखते हुए राज्य आपदा परिचालन केंद्र ने चेतावनी जारी की है।

चार जिलों के लिए जारी की चेतावनी

राज्य आपदा परिचालन केंद्र ने मंगलवार को अलर्ट जारी करते हुए पौड़ी, टिहरी, देहरादून और हरिद्वार जनपद के जिलाधिकारियों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

ट्रोल फ्री नंबर किए जारी

शासन की ओर से किसी भी प्रकार की आपदा की सूचना के लिए 0135-2710335, 2664314, 2664315, 0135-2710334, 2664317, 1070, 9058441404 एवं 8218867005 टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं।

विपक्षी बैठक, लोकतंत्र व संविधान की रक्षा 

विपक्षी बैठक, लोकतंत्र व संविधान की रक्षा   

अकांशु उपाध्याय  

बेंगलुरु। विपक्ष के कई नेताओं ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी बैठक का मकसद देश, लोकतंत्र और संविधान बचाना है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा सरकार में देश के लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने कहा कि ‘भारत की अवधारणा’ की रक्षा करने की जरूरत है। देश के 26 विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने यहां 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती देने के लिए गठबंधन के नाम, रूपरेखा और साझा एजेंडे तय करने के बारे में चर्चा की। कांग्रेस ने कई विपक्षी नेताओं के बयान के वीडियो जारी किए हैं। 

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह बैठक रचनात्मक होगी तथा इसका नतीजा देश के लिए अच्छा रहेगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा देश में जो हालात बनाए गए हैं, उसको लेकर आज की बैठक महत्वपूर्ण है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि विपक्षी दलों की रक्षा करना महत्वपूर्ण हैं। 

उन्होंने आरोप लगाया कि देश पर चौतरफा हमला किया जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 10 साल शासन करने का मौका मिला और इस दौरान तकरीबन हर क्षेत्र में परेशानी पैदा हुई है। उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने लोगों के दिलों में नफरत पैदा कर दी, अर्थव्यवस्था चरमरा गई, महंगाई चरम पर है और हर क्षेत्र में बेरोजगारी है।’’ 

केजरीवाल ने कहा कि समय आ गया है कि अब भारत के लोगों को प्रधानमंत्री मोदी से मुक्ति मिले। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, ‘‘यह बैठक देश के लिए जरुरी है। हमें देश को बचाना है, लोकतंत्र को बचाना है। किसान, मजदूर, नौजवान सभी की रक्षा करनी है।’’ इससे पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब नरेन्द्र मोदी की (सरकार की) विदाई करनी है।’’ बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘देश के लोकतंत्र, संविधान और भाईचारे को बचाने के लिए हम एकजुट हुए हैं।

‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च, पैसा वापस मिलेगा

‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च, पैसा वापस मिलेगा

अकाशुं उपाध्याय 

नई दिल्ली। सहारा इंडिया की को-ऑपरेटिव सोसाइटीज में निवेश करने वाले 10 करोड़ लोगों का फंसा पैसा वापस मिलेगा। इसकी शुरुआत 4 करोड़ निवेशकों से हो रही है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली में ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया।

शाह ने कहा कि इस पोर्टल के जरिए सहारा के निवेशकों को एप्लाई करने के 45 दिन में पैसा वापस मिलेगा। ये पैसा सीधे अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा। पोर्टल के जरिए सहारा की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक ही आवेदन कर सकते हैं। निवेशकों में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है।

इन 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक कर सकेंगे आवेदन

➡️ सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड लखनऊ

➡️ सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड भोपाल

➡️ हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड कोलकाता

➡️ स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद

अभी केवल 10,000 रुपए तक का ही रिफंड मिलेगा ​​​​​​

अमित शाह ने कहा कि पहले फेज में जमाकर्ताओं को 10,000 रुपए तक का ही रिफंड मिलेगा। यानी अगर जमा राशि 20,000 भी है तब भी केवल 10,000 रुपए ही अकाउंट में ट्रांसफर होंगे। लगभग 1.07 करोड़ निवेशक ऐसे हैं जिन्हें पूरा पैसा मिलेगा क्योंकि उनका निवेश 10,000 रुपए तक का ही है।

पहले फेज में 5,000 करोड़ रुपए का रिफंड

शाह ने कहा कि पहले फेज में कुल 4 करोड़ निवेशक ऐसे हैं जिन्हें 5,000 करोड़ रुपए का रिफंड दिया जाएगा। इसके बाद, हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और उनसे ज्यादा धनराशि जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि 10,000 से अधिक राशि वाले दूसरे डिपॉजिटर्स का कुल रिफंड दिया जा सके।

डेंगू व मलेरिया के मामलों में वृद्धि की आशंका

डेंगू व मलेरिया के मामलों में वृद्धि की आशंका   

अकाशुं उपाध्याय  

नई दिल्ली। दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय ने कहा कि इस साल बाढ़ के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में डेंगू और मलेरिया के मामलों में वृद्धि होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि मच्छरों के प्रजनन को रोकने और बाढ़ से जमा हुए गाद और कीचड़ को साफ करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। अधिकारियों ने सड़कों की सफाई और बाढ़ वाले क्षेत्रों से गाद हटवाना शुरू कर दिया है। 

उन्होंने कहा कि कई इलाकों में पानी भर गया है, लेकिन स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब चिंता की बात यह है कि बाढ़ के कारण पिछले साल की तुलना में डेंगू और मलेरिया के अधिक मामले सामने आने की आशंका है। सभी संबंधित विभागों को कचरा और गाद साफ करने तथा मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।’’ 

इससे पूर्व, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी विभागों को राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ के बाद की स्थिति पर लगातार निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली सरकार के एक अस्पताल के दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान भारद्वाज ने यह भी कहा कि ज्यादातर राहत शिविरों से लोगों की आंखों में जलन और त्वचा में एलर्जी होने के मामले सामने आ रहे हैं। भारद्वाज ने कहा कि यमुना में उफान के कारण आई बाढ़ से पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है।

गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती, याचिका

गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती, याचिका   

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के सात जुलाई के उस फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई करने पर मंगलवार को सहमति जताई, जिसमें मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।

गांधी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने याचिका को 21 जुलाई या 24 जुलाई को सूचीबद्ध किए जाने का अनुरोध किया जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई।

पीठ ने कहा कि वह 21 जुलाई को मामले पर सुनवाई करेगी। गांधी ने 15 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा है कि यदि इस आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य का दम घुट जाएगा।

गांधी ने अपनी याचिका में कहा कि यदि उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोकतांत्रिक संस्थानों को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा।

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