मंगलवार, 18 जुलाई 2023

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होंगे रमेश प्रजापति

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होंगे रमेश प्रजापति

कविता गर्ग  

मुंबई (उत्तरशक्ति)। अखिल प्रजापति कुम्भकार समाज  के संस्थापक -राष्ट्रीय मुख्यमहासचिव प्रजापति रमेश

बिगत लम्बे समय से प्रजापति समाज के उत्थान, भागीदारी व समाज को अलग-अलग कार्यों के माध्यमो से जागरूक करके उनके हित मे निरंतर कार्य किये जा रहे है। फिर चाहे वो कार्य प्रजापति समाज के लिए हो या अन्य समाज के लोगो के लिए। जिसको देखते हुए महाराष्ट्र की सामाजिक संस्थाओं के द्वारा दो बार महाराष्ट्र समाज सेवक पुरस्कार व महाराष्ट्र गौरव  पुरस्कार से रमेश प्रजापति को सम्मानित भी किया गया है। अनेको सामाजिक कार्यो को देखते हुये। इस बार जयपुर में आनेवाले 30 जुलाई को अमृत माटी इंडिया द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए  चयनित किया गया हैँ।

भारतीय संस्कृति के विकास में जैन धर्म का योगदान 

भारतीय संस्कृति के विकास में जैन धर्म का योगदान 
नीरज जैन   
भोपाल। अंतरराष्ट्रीय वेबीनार 15/7/23, शनिवार शाम 8 बजे से जूम मीटिंग आयोजित  हुई। मुख्य अतिथि इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं जे.ए.एस. ऐकैडमी अहमदाबाद के निदेशक डा. नरेंद्र भंडारी के निर्देशन में अध्यक्षता सुप्रसिद्ध लेखिका डा.प्रभाकिरण जैन ने की जएएस की महासचिव डा.पूर्वी दवे के सहयोग से संयोजक शैलेंद्र कुमार जैन ने संचालन किया।
इस मीटिंग का उद्देश्य भारतीय इतिहास पुरातात्व और कला के विकास में आदिकाल से जैन धर्म के योगदान पर चर्चा कर विगत वर्षों में हुए अनेक शोध कार्यों के आलोक में भारतीय सांस्कृति के विकास में जैन धर्म के योगदान को रेखांकित कर तथ्य परक रूप से नव मूल्यांकन करना और उसको राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नलो में प्रकाशित करना है। भारतीय इतिहास के निर्माण ने उसकी उपयोगिता और उपादेयता को प्रदर्शित तथा स्थापित करना।वरिष्ठ विद्वान डा.नरेंद्र जैन ने मंगलाचरण कर चर्चा का शुभारंभ किया।
संबंधित विषय पर जयपुर से जुडे वरिष्ठ विद्वान डा. पी.सी.जैन ने कहा कि मैंने जैन दर्शन पर 250 से जादा पी.एच.डी. कराई हैं और इसी विषय पर कई सरकार के सहयोग से कई प्रोजेक्ट पर काम किए हैं जिनको आप सब के साथ मिलकर और आगे बढाने के कार्य करेंगे और हर संभव मदद करेंगे। लखनऊ से डा.ब्रजेश रावत ने अपनी पुस्तक में सिन्धु सभ्यता और वैदिक उल्लेखों के माध्यम से किए शोध कार्य पर प्रकाश  डाला,अनेक नग्न मूर्तियों का साम्य ऐतिहासिक कालीन मूर्तियो से किया जो भारत की योग वादी परंपरा की प्रतिनिधि हैं।
भारत मे दो प्रकार की परंपरा है एक योग वादी दूसरी भोग वादी ,आगरा से जुडे डा.भानु प्रताप ने फतेहपुर सीकरी पर प्रकाशित पुस्तक मे यह बताया कि अकबर  से 500 साल पहले यह क्षेत्र जैन धर्म का एक बडा केंद्र था तब से लेकर आज तक एक जैन नगर है वहीं पर,संवत 1010 की मिली देवी जैन सरस्वती की प्रतिमा देश की सुंदरतम प्रतिमा है, सैकरिक्य जैन आचार्यों की बस्ती कहलाती थी,इसी विषय को आगे बढाते हुए ए.एस.आई के पूर्व अधिकारी डा.मैनुअल जोसेफ ने बताया कि मैंने अनेक लेखों में यह कहा है कि सिन्धु घाटी मिली दिगम्बर  मूर्तिया और प्रतीक चिह्न जैन परंपरा से अधिक साम्य रखते हैं,लोगों को जो दिख रहा है उसे कहने में शंकोच नहीं करना चाहिए, निर्मल जैन जी कहा कि महावीर, गौतमबुद्ध ,मौर्य साम्राज्य, खारवेल आदि से जुडी कई प्रमुख धटनाओं और तिथि निर्धारित करने के विषय पर और अधिक शोध होना चाहिए जिसपर मैं अभी और काम कर रहा हुं,इसी क्रम में डा.नरेंद्र जैन ने स्व. निर्मल सेठी जी के साथ कई देशों की यात्रा कर प्रमुख तथ्यो को संग्रहित कर एक पुस्तक प्रकाशित की है,जो एक सार्थक प्रयास है, आई.ए जे.एस. के डा.श्रीनेत्र पांडे ने कहा कि मूर्तियों में लांछन लगभग दो हजार साल से मिलते हैं पहले नहीं मिलते तो दिगम्बर मूर्तियां जो मिलती हैं उनको और क्या चिह्न प्रतीक हो जिनके आधार से उसे जिन प्रतिमा सिद्ध किया जाए उनपर शोध हो,
सभी विद्वानो को सुनने के बाद डा.नरेंद्र भण्डारी ने कहा कि आप सभी ने बहुत अच्छे अपने विषयों को रेखांकित किया और सभी का प्रयास सराहनीय है,काम भी काफी हुआ है अब हमें आगे क्या करना है उस पर विचार विमर्श कर एक कार्य योजना तैयार कर उसको सुरु करना और उसे निरंतर करते रहने के लिए सबके सहयोग से सार्थक प्रयास करना चाहिए,अंत में अध्यक्षीय वक्तव्य में डा.प्रभाकिरण जैन ने कहा निसंदेह आप सभी का इतिहास पुरातात्व मे महत्वपूर्ण योगदान है परन्तु इन सब का प्रचार-प्रसार बहुत कम है क्योकि मैं स्वयं लेखक हूं तो यह जानती हुं कि ऐतिहासिक पुस्तके अपने सीमित पाठको तक ही पहुंच पातीं है आप के दौर के अनुसार हमें आगे डाकूमेन्ट्री वीडियोज बनाए और शोशल मीडिया  में प्रचार-प्रसार करें जो इस दौर की आवश्यकता है,उन शोध पत्रों का संग्रह कर विशेषांक के रुप मे भी प्रकाशित करना चाहिए,अंत में कार्यक्रम संयोजक,अध्यछ श्री आदिनाथ मेमोरियल ट्रस्ट शैलेंद्र जैन ने सभी का आभार प्रकट किया। श्री शुगल चंद जी,डा.नीलम जैन,डा.नवनीत जैन,डा.द्रष्टि राठी,यू.के.जैन आदि ने जुड़कर वेबीनार को सफल बनया।

विधायक ने किया छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ

विधायक ने किया छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ

दुष्यंत टीकम

धमतरी/रायपुर। आज छत्तीसगढ़ के पहली तिहार हरेली तिहार के पावन पर्व के अवसर पर धरसीवां विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा ने किया  धमतरी जिला मुख्यालय परिसर में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का अनावरण किया और ग्राम पंचायत भोयना में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होकर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ किया।

इस अवसर में विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा ने गेड़ी चढ़कर अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि हम सब बचपन में गेड़ी बहुत चढ़ते थे और आज हमारी सरकार के द्वारा पारंपरिक खेलो के माध्यम से प्रतिभा निखारने और युवाओं महिलाओं एवं बुजुर्गों को एक मंच देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ किया गया जिसका आज प्रदेश भर में शुभारंभ हुआ और यहां एक से बढ़कर एक खेलों के माध्यम से विभिन्न आयु वर्ग के लोगों ने अपने खेलों के माध्यम से परचम लहरा रहे हैं और आज अपने गांव जिला और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है और यह सब संभव हुआ है  हमारे प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के कुशल नेतृत्व में जो स्वयं ही छत्तीसगढ़ी पारंपरिक खेलो बढ़ावा दे रहे हैं जिससे गांव की प्रतिभा निकलकर प्रदेश स्तरीय खेलों तक पहुंच रही हैं छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में प्रमुख रूप पिट्ठुल, कबड्डी, रस्सा कस्सी, बांटी, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भौंरा एवं रस्सी कूद ग्रामीणों का मुख्य आकर्षण रहा।

आज इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधायक लक्ष्मी घ्रुव, राजकुमारी दीवान,जिला पंचायत अध्यक्ष कान्ति सोनवानी, धमतरी कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी,जिला पंचायत सीईओ रोक्तिमा यादव,जिला पंचायत सभापति तारिणी नीलम चंद्राकर,मनीषा साहू, खुबलाल ध्रुव,सरिता यादव,ग्राम पंचायत सरपंच देवांतीन सोनवानी,और विभागीय अधिकारी कर्मचारी सहित भारी संख्या में खिलाड़ी और ग्रामवासी उपस्थित रहे।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-276, (वर्ष-06) पंजीकरण:- UPHIN/2010/57254

2. बुधवार, जुलाई 19, 2023

3. शक-1944, श्रावण, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दृतीय, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 05:16, सूर्यास्त: 07:11। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम- 35+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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सोमवार, 17 जुलाई 2023

शरीर में पानी की कमी, डिहाइड्रेशन की समस्या

शरीर में पानी की कमी, डिहाइड्रेशन की समस्या

सरस्वती उपाध्याय 

शरीर के स्वस्थ कामकाज के लिए शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। पानी की कामी से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। ध्यान रहे कि अभी गर्मियों का मौसम खत्म नहीं हुआ है इसलिए किसी भी तरह पानी कम न करें। हाइड्रेटेड रहने के लिए सिर्फ पानी पीना ही काफी नहीं है। इसके लिए आपको अपनी डेली की डाइट पर ध्यान रखना जरूरी है।

बहुत से ऐसे लोग हैं, जो जाने अनजाने में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, जो शरीर में पानी की मात्रा कम करते हैं। ध्यान रहे कि शरीर में पानी की कमी से आपको प्यास ज्यादा लगना, गहरा पीला, तेज गंध वाला पेशाब आना, सामान्य से कम बार पेशाब आना, चक्कर आना या सिर घूमना, थकान महसूस होना, मुंह, होंठ और जीभ का सूखना और आंखों का धंसना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। फैट टू स्लिम की डायरेक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा आपको बता रही हैं कि रोजाना खाए जाने वाले कौन-कौन से खाद्य पदार्थ शरीर में पानी को सूखा सकते हैं।

बहुत से लोगों को कॉफी पीना पसंद है। इसमें मौजूद कैफीन को खोई हुई ऊर्जा को वापस पाने के लिए जाना जाता है लेकिन यह डिहाइड्रेशन की वजह भी बन सकती है। कैफीन को अधिक मात्रा में लेने से यह मूत्रवर्धक के रूप में काम करती है जिससे आपके शरीर में पानी की मात्रा में असंतुलन पैदा हो सकता है।

ग्रीन टी को एक हेल्दी ड्रिंक माना जाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट और फ्लेवोनोइड की अधिक मात्रा होती है। लेकिन यह आपको डिहाइड्रेशन भी कर सकती है। कॉफी की तरह ग्रीन टी में भी कुछ मात्रा में कैफीन होता है, जो एक नैचुरली पेशाब बढ़ाने का काम करता है। इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे आप थका हुआ और सुस्त महसूस कर सकते हैं।

चुकंदर में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जो आपके शरीर से तरल पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करने के लिए जाना जाता है। इसलिए, यदि आप विशेष रूप से गर्मियों के दौरान चुकंदर का अधिक सेवन करते हैं, तो यह आपके शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

वजन कम करने और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए हाई प्रोटीन फूड्स का खूब सेवन किया जाता है। बेशक प्रोटीन के सेवन से कई फायदे होते हैं लेकिन यह डिहाइड्रेशन की वजह भी बन सकता है। मूल रूप से प्रोटीन शरीर में नाइट्रोजन का निर्माण करता है जो चयापचय के लिए अतिरिक्त पानी का उपयोग करता है। इससे अक्सर शरीर में द्रव असंतुलन हो जाता है।

सोडा और पैकेज्ड जूस में चीनी की अधिक मात्रा अधिक होती है, जिससे शरीर पर हाइपरनेट्रेमिया प्रभाव पड़ता है। इसका मतलब है, चीनी कोशिकाओं और ऊतकों से पानी खींचती है, जिससे शरीर में तरल पदार्थ का स्तर कम हो जाता है।

हत्याकांड के आरोपी टिकैत को बरी किया

हत्याकांड के आरोपी टिकैत को बरी किया

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुज़फ्फरनगर। राष्ट्रीय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे दिवंगत चौधरी जगबीर सिंह हत्याकांड में कोर्ट ने आरोपी भाकियू के अध्यक्ष व बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत को सबूत के अभाव में बरी कर दिया है।

गत 6 सितंबर 2003 को ग्राम अलावलपुर में जगबीर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल ने यह जानकारी दी। आज एड़ीजे 5 अशोक जुमार ने यह फैसला सुनाया।

आप अवगत ही हैं कि मुजफ्फरनगर के थाना भौराकलां में राष्ट्रीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जगबीर सिंह की 6 सितंबर 2003 को नृशंस हत्या कर दी गई थी। इस हत्या में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत समेत अलावलपुर गांव के प्रवीण और बिट्टू को नामजद किया गया था, जिनमें प्रवीण और बिट्टू की मौत हो चुकी है जबकि नरेश टिकैत अकेले अभियुक्त हैं, जिनके विषय में अदालत में सुनवाई चल रही थी।

निर्यात: रूस-यूक्रेन को समझौते से बाहर किया 

निर्यात: रूस-यूक्रेन को समझौते से बाहर किया 

अखिलेश पांडेय 

मॉस्को। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को एक बड़ा झटका दिया है। रूस-यूक्रेन को काला सागर से अनाज निर्यात की अनुमति देने वाले समझौते से बाहर हो गया है। रूस ने सोमवार को कहा है कि वो संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले काला सागर समझौते से हट रहा है, क्योंकि उसकी शर्तों को पूरा नहीं किया गया है‌। यह समझौता इसलिए भी बेहद अहम था क्योंकि इसके कारण वैश्विक खाद्य की कीमतों को 20 प्रतिशत तक कम रखने में मदद मिली थी। रूस और यूक्रेन बड़े स्तर पर गेहूं निर्यात करते हैं।

 रूस ने इस घोषणा से कुछ घंटे पहले ही कहा था कि क्रीमिया के उसके पुल पर हमला यूक्रेन ने किया था। क्रीमिया के 19 किलोमीटर लंबे पुल पर हमला अक्टूबर 2022 में हमला हुआ था।

काला सागर और अजोव सागर को जोड़ने वाला क्रीमिया का पुल रूस के लिए आर्थिक रूप से बेहद अहम है। क्रीमिया ब्रिज पर हमले से यूक्रेनी सेना ने इनकार किया था। उसका कहना था कि यह हमला रूस ने खुद ही किया होगा।

 हालांकि, कुछ महीनों बाद यूक्रेन ने क्रीमिया ब्रिज पर हमले की बात अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार ली थी। लेकिन अब यूक्रेन की मीडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि इसके पीछे यूक्रेन की सुरक्षा सेवा थी‌। रिपोर्ट के मुताबिक, अब रूस का कहना है कि पुल पर हमला यूक्रेन ने किया था, जिसमें दो लोग मारे गए थे। रूस ने इस घटना को आतंकवादी कृत्य करार दिया है। कहा जा रहा है कि इसे लेकर ही रूस ने यूक्रेन के साथ अपने अनाज समझौते पर रोक लगा दी है। लेकिन रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन की तरफ से कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र और तुर्की की मध्यस्थता में हुए काला सागर अनाज समझौते से रूस के अलग होने का इससे कुछ लेना-देना नहीं है।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, 'सच कहें तो, काला सागर समझौता आज से वैध नहीं रहा। दुर्भाग्य से, रूस इन काला सागर समझौतों का जो हिस्सा लागू करवाना चाहता था, उसे लागू नहीं किया गया, इसलिए अब हम समझौते से अलग हो रहे हैं।'

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...