सीटी स्कैन कराते समय एक महिला की मौत
इकबाल अंसारी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर में सीटी स्कैन कराने आई महिला की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। आरोप है कि महिला पेट के सीटी स्कैन के लिए एक निजी डायग्नोस्टिक सेंटर में आई थी। डॉक्टर के सुझाव के अनुसार, सलेमा को सीटी स्कैन से पहले ‘नॉन-आयनिक कंट्रास्ट’ दिया गया था। हालांकि, दवा लगाने के कुछ देर बाद महिला बीमार पड़ गई और उसकी मौत हो गई।
यह घटना कोलकाता के हाजरा इलाके के एक निजी डायग्नोस्टिक सेंटर में हुई। इस घटना की जानकारी मिलते ही बालीगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद कई लोग डरे हुए हैं। लेकिन ऐसा क्यों हुआ ये सवाल उठने लगा है। साउथ कोलकाता में ऐसी घटनाएं सुनकर कई लोग हैरान हैं। पुलिस को क्या मिली जानकारी पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मृत महिला का नाम सलेमा बीबी (47) है। वह सरशुना के वासुदेवपुर इलाके का रहने वाली हैं। वह पेट का सीटी स्कैन कराने के लिए हाजरा के निजी डायग्नोस्टिक सेंटर में आई थी।
‘नॉन-आयनिक कंट्रास्ट’ देने के बाद बिगड़ी महिला की तबीयत
प्राप्त जानकारी के अनुसार सलेमा को सीटी स्कैन से पहले ‘नॉन-आयनिक कंट्रास्ट’ दिया गया था. परीक्षा केंद्र के प्राधिकारी ने पुलिस को सूचित किया। हालांकि, दवा लगाने के कुछ देर बाद महिला बीमार पड़ गई। उनका रक्तचाप तेजी से गिरने लगा और इसके बाद महिला की जांच केंद्र में ही मौत हो गई।
इस घटना से उनके परिजन आक्रोशित हो गये। हालांकि, बाद में परिजन शव लेकर लौट आए, हालांकि इस बाबत अभी तक कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। लेकिन इस घटना को लेकर मेडिकल जगत में काफी चर्चा है। डॉक्टरों का मानना है कि महिला की मौत ‘एनाफिलेक्टिक शॉक’ के कारण हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि नॉन-आयनिक कंट्रास्ट देने के बाद महिला को गंभीर एलर्जी हो गई और उसी से बाकी सब घटित होता हुआ प्रतीत होता है। उस एलर्जी की वजह से महिला का खून और उसकी नसों में मौजूद प्लाज्मा बाहर आ गया। उनकी मृत्यु नसों में खून की कमी के कारण हुई।
महिला की मौत से मचा हड़कंप
कई डॉक्टरों के अनुसार, एनाफिलेक्टिक शॉक तब होता है जब शरीर में अधिकांश रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं। इसकी वजह से शरीर का रक्तचाप सामान्य से काफी नीचे चला जाता है। नतीजतन, शरीर के अंगों में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है और अपंग होने लगा। डॉक्टर का कहना है कि ये बेहद दुर्लभ घटना है। लेकिन जब होता है, तो डॉक्टरों को कुछ करने का मौका ही नहीं मिलता। फलतः मरीज मौत हो जाती है। कुछ दिन पहले कोलकाता में एक और इसी तरह की घटना घट चुकी है।