बुधवार, 21 जून 2023

एससी: चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती होगी 

एससी: चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती होगी 

अकाशुं उपाध्याय

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती होगी। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेशों में दखल देने से इनकार किया।  

इस फैसले से ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग को झटका लगा है। हाईकोर्ट के केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश के खिलाफ अर्जी खारिज हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो, क्योंकि राज्य एक ही दिन में सभी सीटों पर चुनाव करा रहा है। इन परिस्थितियों में हम पाते हैं कि उच्च न्यायालय के आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।


सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि चुनाव कराना हिंसा करने का लाइसेंस नहीं है। निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव जमीनी स्तर के लोकतंत्र की पहचान है। हिंसा के माहौल मे चुनाव नहीं कराया जा सकता। निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित किए जाने चाहिए। इससे पहले प. बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा मामले में ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 48 घंटे में हर जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

खराब मौसम के कारण आपात लैंडिंग कराई

खराब मौसम के कारण आपात लैंडिंग कराई

संदीप मिश्र 

वाराणसी। खराब मौसम की वजह से दिल्ली से काठमांडू जा रहा एयर इंडिया का विमान सोमवार को वाराणसी डायवर्ट कर दिया गया। एटीसी से अनुमति मिलने के बाद विमान रात 9:50 बजे लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लैंड कराया गया। विमान में कुल 170 यात्री सवार थे।

जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया का विमान एआई 211 दिल्ली से 170 यात्रियों को लेकर काठमांडू के लिए उड़ा। काठमांडू हवाई क्षेत्र में विमान पहुंचा तो पता चला कि मौसम खराब था और विमान को उतरने की अनुमति नहीं दी गई। इस कारण विमान को वाराणसी एयरपोर्ट के लिए डायवर्ट कर दिया गया।एयरपोर्ट निदेशक अर्यमा सान्याल ने बताया कि काठमांडू में मौसम खराब होने के कारण विमान डायवर्ट होकर वाराणसी एयरपोर्ट पर उतरा गया। मौसम ठीक होने के बाद विमान ने काठमांडू के लिए उड़ान भरा।

2 अरब लोगों को आपदाओं का दंश झेलना होगा 

2 अरब लोगों को आपदाओं का दंश झेलना होगा 

अखिलेश पांडेय

नई दिल्ली। लगभग दो अरब लोगों को महत्वपूर्ण पानी प्रदान करने वाले हिमालय के ग्लेशियर जलवायु परिवर्तन के कारण पहले से कहीं अधिक तेजी से पिघल रहे हैं। जिससे समुदायों को अप्रत्याशित और महंगी आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। वैज्ञानिकों ने इसे लेकर चेतावनी दी है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (आईसीआईएमओडी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक की तुलना में 2011 से 2020 तक ग्लेशियर 65 प्रतिशत तेजी से गायब हुए। 

मुख्य लेखक फिलिपस वेस्टर ने एएफपी को बताया कि जैसे-जैसे यह गर्म होगा, बर्फ पिघलेगी, जिसकी उम्मीद पहले से थी। लेकिन जो अप्रत्याशित और बहुत चिंताजनक है वह है पिघलने की गति। यह जितना हमने सोचा था उससे कहीं अधिक तेजी से हो रहा है।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियर पर्वतीय क्षेत्रों में लगभग 24 करोड़ लोगों के साथ-साथ नीचे नदी घाटियों में अन्य 165 करोड़ लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत हैं। वर्तमान स्थिति के आधार पर आईसीआईएमओडी ने कहा कि सदी के अंत तक ग्लेशियर अपनी वर्तमान मात्रा का 80 प्रतिशत तक खो सकते हैं। बता दें कि आईसीआईएमओडी, एक अंतर-सरकारी संगठन है। 

इसमें सदस्य देश के रूप में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, भारत, म्यांमार और पाकिस्तान भी शामिल हैं। ग्लेशियर दुनिया की 10 सबसे महत्वपूर्ण नदी जिनमें गंगा, सिंधु, येलो, मेकांग और इरावदी शामिल हैं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अरबों लोगों को भोजन, ऊर्जा, स्वच्छ हवा और आय की आपूर्ति करता है। आईसीआईएमओडी के उप प्रमुख इजाबेला कोजिएल ने कहा कि यहां ग्लेशियर और जमे बर्फ पर एशिया में दो अरब लोगों के पानी पर निर्भरता बनी हुई है। इस क्रायोस्फीयर (एक जमे हुए क्षेत्र) को खोने के परिणाम बहुत विशाल है। 

समीक्षा की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही ग्लोबल वार्मिंग पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 से 2.0 डिग्री सेल्सियस तक सीमित है, जो पेरिस जलवायु संधि में सहमत है। ग्लेशियरों को 2100 तक अपनी मात्रा का एक तिहाई से आधा खोने की उम्मीद है। मुख्य लेखक फिलिपस वेस्टर ने आगे कहा है कि यह तत्काल जलवायु कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करता है। हर छोटी वृद्धि का बहुत बड़ा प्रभाव होगा और हमें वास्तव में, वास्तव में जलवायु पर काम करने की आवश्यकता है। 

मालूम हो कि 1800 के दशक के मध्य के बाद से दुनिया लगभग 1.2 डिग्री सेल्सियस का औसत गर्म हुआ है। इससे चरम मौसम का एक सिलसिला शुरू हो गया है। इससे तीव्र गर्मी की लहरें, अधिक गंभीर सूखे और चक्रवाती तूफान अधिक क्रूर हो गए हैं।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-250, (वर्ष-06)

2. बुधवार, जून 21, 2023

3. शक-1944, आषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि- तीज़, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 05:23, सूर्यास्त: 07:18। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम- 36+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

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सोमवार, 19 जून 2023

गीता प्रेस को 'गांधी शांति' पुरस्कार प्रदान, घोषणा 

गीता प्रेस को 'गांधी शांति' पुरस्कार प्रदान, घोषणा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गोरखपुर स्थित प्रसिद्ध गीता प्रेस को वर्ष 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की। कांग्रेस की ओर से की जा रही आलोचना के बीच सोमवार को कहा कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा जाना गीता प्रेस के भगीरथ कार्यों का सम्मान है।

शाह ने एक ट्वीट में कहा, भारत की गौरवशाली प्राचीन सनातन संस्कृति और आधार ग्रंथों को अगर आज सुलभता से पढ़ा जा सकता है, तो इसमें गीता प्रेस का अतुलनीय योगदान है। 100 वर्षों से अधिक समय से गीता प्रेस रामचरितमानस से लेकर श्रीमद्भगवद्गीता जैसे कई पवित्र ग्रंथों को नि:स्वार्थ भाव से जन-जन तक पहुंचाने का अद्भुत कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 मिलना उनके द्वारा किये जा रहे इन भगीरथ कार्यों का सम्मान है। गीता प्रेस को यह पुरस्कार अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जायेगा। हालांकि, कांग्रेस ने गीता प्रेस को पुरस्कार दिए जाने की आलोचना की और इसे उपहास बताया।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार, गोरखपुर के गीता प्रेस को प्रदान किया जा रहा है, जो इस वर्ष अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। रमेश ने गीता प्रेस को यह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद एक ट्वीट में कहा था, यह फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर तथा गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।

गीता प्रेस की शुरुआत वर्ष 1923 में हुई थी और वह दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं। इनमें श्रीमद्‍भगवद्‍गीता की 16.21 करोड़ प्रतियां भी शामिल हैं। गांधी शांति पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है, जिसकी शुरुआत सरकार ने 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर गांधी द्वारा प्रतिपादित आदर्शों को सम्मान देते हुए की थी। 

102 एवं 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों को प्रशिक्षण 

102 एवं 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों को प्रशिक्षण 


102 एवं 108 एम्बुलेंस कर्मियों का पुनः प्रशिक्षण

जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताई बारीकियां

कौशाम्बी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनपद कौशाम्बी में संचालित 102 एवं 108 एम्बुलेंस के कर्मचारियों को जिला अस्पताल मंझनपुर में पुनः प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ई.एम.आर.आई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज लखनऊ के ट्रेनर अरुण बाबू द्वारा एम्बुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान जिला अस्पताल मंझनपुर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील शुक्ला के निर्देश पर प्रतिदिन जिला अस्पताल मंझनपुर के डॉक्टरों की टीम भी एम्बुलेंस कर्मचारियों को आपातकालीन स्थिति में समय रहते (गोल्डेन आवर) कैसे मरीज की जान बचाई जाएं। इसकी भी बारीकियां बता रहे हैं।

सियाराम सिंह 

महिला ने केदार के 'शिवलिंग' पर रुपए बरसाए

महिला ने केदार के 'शिवलिंग' पर रुपए बरसाए

पंकज कपूर 

देहरादून। अन्य श्रद्धालुओं की तरह बाबा केदारनाथ के दर्शन पूजन को लिए पहुंची महिला ने गर्भगृह में पहुंचते ही अपनी धन दौलत का भोंडा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। बाबा केदार के शिवलिंग पर महिला ने अपनी धन दौलत का प्रदर्शन करते हुए जमकर रुपए बरसाए। महिला की इस करतूत का समीप में खड़े पुजारी ने भी विरोध नहीं किया। जिसके चलते महिला रुपए दर रूपये बरसाने में लगी रही।

सोमवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है, जिसे देवभूमि उत्तराखंड के केदारनाथ स्थित बाबा केदार के गर्भ गृह का होना बताया जा रहा है। वायरल हो रहे वीडियो के मुताबिक सफेद साड़ी से सुसज्जित एक महिला अन्य श्रद्धालुओं की तरह बाबा केदार के दर्शन पूजन करने के लिए केदारनाथ पहुंची थी। गर्भगृह में पहुंचने के बाद महिला ने बाबा केदार के शिवलिंग पर अपनी धन दौलत का भोंडा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। भक्ति भाव और आस्था से परे जाकर महिला ने शिवलिंग पर नोटों की बरसात कर दी। महिला की इस हरकत को देखकर अन्य श्रद्धालु एकटक रुपये बरसा रही महिला को देखते रहे।

गौरतलब तथ्य यह है कि रुपए लूटा रही महिला के नजदीक खडे मंदिर के पुजारी ने भी अपनी धन दौलत का भोंडा प्रदर्शन कर रही महिला को शिवलिंग के ऊपर रूपईए बरसाने से नहीं रोका। उल्लेखनीय है कि बाबा केदार के शिवलिंग को प्रदूषण की वजह से होने वाले क्षयकरण के नुकसान से बचाने हेतु श्रद्धालुओं को ऐसी वस्तुएं नहीं चढ़ाने दी जाती है, जो शिवलिंग के प्राकृतिक रूप को क्षति पहुंचा सकती हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को लेकर अब लोग कह रहे हैं कि धन्य है, ऐसी भक्ति और आस्था जो ईश्वर के सामने ही अपनी धन दौलत का भोंडा प्रदर्शन करती हो।

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...