गुरुवार, 15 जून 2023

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-245, (वर्ष-06)

2. शुक्रवार, जून 16, 2023

3. शक-1944, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि- त्रयोदशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 05:45, सूर्यास्त: 06:55। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 25 डी.सै., अधिकतम- 38+ डी.सै.।

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मंगलवार, 13 जून 2023

महिलाओं को योजनाओं के प्रति जागरूक किया

महिलाओं को योजनाओं के प्रति जागरूक किया

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित महिला सशक्तिकरण एवं मिशन शक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए मंगलवार को थानाध्यक्ष पुरामुफ्ती उपेन्द्र प्रताप सिंह व पुलिस सिपाहियों ने महिलाओं को अभियान के बारे में जानकारी दी और प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाई जारी योजनाओं के प्रति जागरूक किया। 
बता दें कि मंगलवार को ग्राम हासीमपुर छविलेपुर थाना पूरामुक्ति में ग्राम पंचायत भवन में में महिला सशक्तिकरण एवं मिशन शक्ति से संबंधित मीटिंग की गई। जिसमें महिलाओं के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के संबंध में व महिला हेल्पलाइन नंबर एवं महिला अपराध संबंधी धाराओं के बारे में अवगत कराया गया।
अन्य सभी प्रकार की समस्याओं से संबंधित प्रार्थना पत्र प्राप्त किए गए। जिनका शीघ्र निस्तारण किया जाएगा। कुछ मौखिक समस्याओं का शीघ्र निस्तारण किया गया। थानाध्यक्ष पुरामुफ्ती उपेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि अब पुलिस केवल महिला उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज करने तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि न्यायालय में पैरवी कर आरोपितों को सजा दिलाने के लिए भी कार्य करेगी, उक्त अवसर पर सैकड़ों महिलाएं एवं पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

अशांत स्थिति का 'केएमटीटीपी' पर असर नहीं पड़ेगा

अशांत स्थिति का 'केएमटीटीपी' पर असर नहीं पड़ेगा

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। म्यांमा के वाणिज्य मंत्री यू आंग नाइंग ऊ ने कहा कि देश के रखाइन प्रांत में अशांत स्थिति का भारत के साथ कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना (केएमटीटीपी) पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि इस परियोजना के तहत म्यांमा के पलेटवा को मिजोरम के जोरिनपुई से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण पुरजोर तरीके से जारी है।

मंत्री ने बताया कि इस सड़क का निर्माण म्यांमा के रखाइन राज्य के पश्चिमी हिस्सों में किया जा रहा है, जबकि अशांति राज्य के दूसरे हिस्से में है। ईईपीसी (इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद) भारत द्वारा आयोजित एक समारोह के इतर उन्होंने कहा, हमें इसके जल्द पूरा हो जाने की उम्मीद है।हालांकि, उन्होंने इसके पूरा होने को लेकर कोई निश्चिम समय सीमा नहीं बताई। मंत्री ने कहा कि रखाइन के सितवे बंदरगाह पर पूर्ण संचालन जल्द ही शुरू होगा और यह दोनों देशों के बीच संपर्क सुविधा में सुधार करने के अलावा भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा।

सितवे बंदरगाह 3,200 करोड़ रुपए के केएमटीटीपी का हिस्सा है, जो भारत सरकार से अनुदान सहायता के तहत वित्त पोषित है। केएमटीटीपी के जलमार्ग और सड़क घटकों के पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद भारत के पूर्वी तट को सितवे बंदरगाह के माध्यम से उत्तर-पूर्वी राज्यों से जोड़ा जाएगा। इससे क्षेत्रीय एवं द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इससे पहले मार्च में विदेश राज्य मंत्री आर के रंजन सिंह ने कहा था कि केएमटीटीपी में म्यांमा में राजनीतिक हालात के कारण देरी हो रही है। सिंह ने आइजोल में संवाददाताओं से कहा था, म्यांमा में उत्पन्न अप्रत्याशित हालात के कारण कलादान परियोजना को लेकर हमारी प्रगति कुछ हद तक प्रभावित हुई है।

70,126 कर्मचारियों को नियुक्ति-पत्र वितरित

70,126 कर्मचारियों को नियुक्ति-पत्र वितरित

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को रोजगार मेले के तहत 70,126 नव-नियुक्त कर्मचारियों को नियुक्ति-पत्र वितरित किए। इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार मेले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारों की पहचान बन गए हैं।

उन्होंने कहा कि आज निजी व सरकारी क्षेत्र में नौकरियों के अवसर बन रहे हैं और जिस पैमाने पर युवाओं को नौकरी दी गई है, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, सरकारी नौकरी देने वाले प्रमुख संस्थानों- संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने पहले के मुकाबले ज्यादा युवाओं को नौकरी दी हैं। इन संस्थाओं का जोर परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने पर भी रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को लेकर जितना विश्वास और उसकी अर्थव्यवस्था पर जितना भरोसा आज है, वह पहले कभी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी, कोरोना महामारी और यूक्रेन-रूस युद्ध के बावजूद भारत अपनी अर्थव्यवस्था को नयी ऊंचाई पर ले जा रहा है। उन्होंने कहा, आज भारत बीते एक दशक की तुलना में ज्यादा स्थिर, ज्यादा सुरक्षित और ज्यादा मजबूत देश है। राजनीतिक भ्रष्टाचार, योजनाओं में गड़बड़ी और जनता के धन का दुरुपयोग पुरानी सरकारों की पहचान थी लेकिन आज भारत को राजनीतिक स्थिरता, निर्णायक फैसलों और आर्थिक व प्रगतिशील सामाजिक सुधारों के लिए जाना जाता है। रोजगार मेले का आयोजन देशभर में 43 जगहों पर हुआ।

केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में भी बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की गई हैं। नए कर्मचारियों को वित्तीय सेवा विभाग, डाक विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, रक्षा मंत्रालय, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, रेल मंत्रालय, लेखापरीक्षा और लेखा विभाग और गृह मंत्रालय सहित विभिन्न विभागों में नियुक्त किया गया है।

नव नियुक्त कर्मचारियों को आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर कर्मयोगी प्रारंभ ऑनलाइन मॉड्यूल के माध्यम से खुद को प्रशिक्षित करने का अवसर भी मिल रहा है। यहां 400 से अधिक ई-लर्निंग पाठ्यक्रम कहीं भी, किसी भी उपकरण पर अध्ययन के लिए उपलब्‍ध हैं।

गृहमंत्री शाह ने 3 बड़ी योजनाओं की घोषणा की

गृहमंत्री शाह ने 3 बड़ी योजनाओं की घोषणा की

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की तीन बड़ी योजनाओं की घोषणा की, जिनके तहत सभी राज्यों में अग्निशमन सेवाओं का आधुनिकीकरण, सात बड़े शहरों में बाढ़ की आशंकाओं को कम करने और 17 राज्यों में भूस्खलन रोकने का काम किया जाएगा। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि देश में कहीं भी आपदा से एक भी जान नहीं जानी चाहिए। 

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों में अग्निशमन सेवा के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 5,000 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी। शहरों में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए सर्वाधिक जनसंख्या वाले सात महानगरों - मुंबई, चेन्नई, कोलकाता बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे के लिए 2,500 करोड़ रुपये दिये जाएंगे।’’ शाह ने कहा, ‘‘भू-स्खलन की रोकथाम के लिए 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 825 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय भू-स्खलन जोखिम शमन परियोजना चलाई जाएगी।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रयास होना चाहिए कि एक भी व्यक्ति की जान आपदा के कारण ना जाए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 5 साल में सभी राज्यों ने इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में प्रयास किए हैं’’ गृह मंत्री ने कहा कि देश के जिन राज्यों में परमाणु ऊर्जा संयंत्र बन रहे हैं, वहां राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा दौरा किया गया है और किसी भी आपात स्थिति में लोगों के बचाव के लिए सख्त प्रोटोकॉल राज्यों को भेजे गए हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सभी संबंधित राज्यों से अपील है कि इस पर प्राथमिकता से ध्यान दें। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में काम शुरू करने और बिजली उत्पादन से पहले आपदा प्रबंधन के समस्त उपाय अपनाये जाने चाहिए। यह हम सभी के लिए सर्वोपरि आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में केन्द्र और राज्यों ने काफी उपलब्धियां प्राप्त की हैं, लेकिन हम इससे संतुष्ट होकर नहीं बैठ सकते हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘आपदाओं का स्वरूप बदला है और उनकी आवृत्ति और तीव्रता भी बढ़ी है, इसीलिए हमें अपनी तैयारियों को इसके साथ अधिक पैना और व्यापक करना होगा।’’ शाह ने कहा, ‘‘अब कई नए स्थानों पर नई आपदाएं आ रही हैं, इसके लिए भी हमें अपने आप को तैयार करना होगा।’’ 

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए हमें अपनी तैयारियों को बढ़ाना होगा। आपदा प्रबंधन हमारे देश में कोई नयी अवधारणा नहीं है। चाणक्य के अर्थशास्त्र में पौराणिक समय में प्रशासन के कार्यों से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध हैं और सभी आपदा प्रबंधन की बात करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर सफलतापूर्वक सदी की सबसे भयावह महामारी का सामना किया। 

शाह ने कहा कि पहले आपदा के प्रति देश का दृष्टिकोण राहत-केन्द्रित और प्रतिक्रिया वाला होता था, लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नौ साल में त्वरित चेतावनी प्रणाली, रोकथाम, प्रभाव कम करने और पूर्व तैयारी-आधारित आपदा प्रबंधन को सामूहिक मेहनत और लगन से जमीन पर उतारा गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ‘आपदा मित्र’ योजना के तहत 350 उच्च-जोखिम आपदा संभावित जिलों में लगभग एक लाख युवा स्वयंसेवकों को तैयार करने का लक्ष्य रखा है, इससे आपदाओं के समय बहुत अच्छे नतीजे मिल रहे हैं। 

चक्रवात ‘बिपारजॉय’ से व्यापक क्षति, आशंका 

चक्रवात ‘बिपारजॉय’ से व्यापक क्षति, आशंका 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। चक्रवात ‘बिपारजॉय’ से व्यापक क्षति होने की आशंका है और गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। आईएमडी के अनुसार, ‘बिपारजॉय’ मंगलवार को अत्यंत गंभीर चक्रवात से कमजोर होकर बेहद गंभीर चक्रवात में बदल गया।

‘बिपारजॉय’ के एक बेहद गंभीर चक्रवात के रूप में 15 जून की शाम को जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र तथा कच्छ के तटों को पार करने की संभावना है। इस दौरान अधिकतम 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवाएं चलने के आसार हैं। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इससे संभवत: काफी अधिक नुकसान हो सकता है।’’ आईएमडी के अनुसार, गुजरात में कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर जिलों में 13 से 15 जून तक 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है। उन्होंने आगाह किया, ‘‘हमें आश्चर्य नहीं होगा अगर इन क्षेत्रों में 25 सेमी से अधिक वर्षा दर्ज की जाती है। आमतौर पर, साल के इस समय में इतनी तेज बारिश नहीं होती है। इसलिए, निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा है।’’

आईएमडी के अनुसार, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ में भारी से अधिक भारी बारिश होने के आसार हैं। इन जिलों में 15 जून को 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। तेज हवाओं और बारिश से खड़ी फसलों, घरों, सड़कों, बिजली और संचार के खंभों को व्यापक नुकसान हो सकता है और निकासी मार्गों में बाढ़ आ सकती है। महापात्र ने कहा, ‘‘सौराष्ट्र, कच्छ के निचले तटवर्ती इलाकों में छह मीटर ऊंची ज्वारीय लहरें आ सकती हैं। ऐसे क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए कदम उठाने और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है।’’ आईएमडी के अनुसार, उत्तर-पूर्व और आस-पास के पूर्व-मध्य अरब सागर में समुद्र की स्थिति अभूतपूर्व (10 से 14 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं) है।

आईएमडी ने 15 जून तक तेल अन्वेषण, जहाज की आवाजाही और मछली पकड़ने सहित सभी गतिविधियों को पूरी तरह से स्थगित करने की सिफारिश की है। मौसम विभाग ने दुनिया में एशियाई शेरों का एकमात्र ज्ञात निवास स्थान गिर राष्ट्रीय उद्यान और अन्य प्रसिद्ध स्थानों जैसे सोमनाथ मंदिर में स्थिति की बारीकी से निगरानी करने की सिफारिश की है। इस वर्ष अरब सागर में उठा पहला चक्रवात ‘बिपारजॉय’ छह और सात जून को तेज हो गया।

यह चक्रवाती प्रवाह से बढ़कर केवल 48 घंटों में बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान बन गया। आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात सामान्य अवधि से अधिक समय तक मजबूत बना रहा है, जिसके लिए मौसम विज्ञानी असामान्य रूप से गर्म अरब सागर को जिम्मेदार मानते हैं। आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि ‘बिपारजॉय’ अरब सागर में सबसे लंबी अवधि वाला चक्रवात बनने की राह पर है। छ: जून को सुबह साढ़े पांच बजे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर विकसित हुए चक्रवात ‘बिपारजॉय’ की अवधि अब तक लगभग आठ दिन और नौ घंटे है। अरब सागर में उठे 2019 के अत्यंत गंभीर चक्रवात ‘क्यार’ की अवधि नौ दिन और 15 घंटे थी। यह पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर विकसित हुआ और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के ऊपर कमजोर हुआ।

बंगाल की दक्षिण-पूर्व खाड़ी के ऊपर 2018 के बहुत ही भयंकर चक्रवाती तूफान ‘गाजा’ का असर नौ दिन और 15 घंटे रहा। आईएमडी ने कहा कि यह दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र को पार कर गया, अरब सागर में उभरा और वहीं कमजोर हो गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती तूफान में तेजी आ रही है और जलवायु परिवर्तन के कारण ये लंबे समय तक अपनी तीव्रता बनाए रख सकते हैं।

‘उत्तर हिंद महासागर के ऊपर उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की बदलती स्थिति’ नामक एक अध्ययन के अनुसार, अरब सागर में चक्रवातों की आवृत्ति, अवधि और तीव्रता मॉनसून के बाद की अवधि में लगभग 20 प्रतिशत और मॉनसून पूर्व में 40 प्रतिशत बढ़ गई है। अध्ययन के मुताबिक, अरब सागर में चक्रवातों की संख्या में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि बहुत गंभीर चक्रवातों में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 

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1. अंक-243, (वर्ष-06)

2. बुधवार, जून 14, 2023

3. शक-1944, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि- एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 05:45, सूर्यास्त: 06:55। 

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