शुक्रवार, 26 मई 2023

हल्दी के फायदें, अधिक अध्ययन की जरूरत 

हल्दी के फायदें, अधिक अध्ययन की जरूरत 

सरस्वती उपाध्याय 

इन्सान 4,000 से अधिक वर्षों से हल्दी का इस्तेमाल कर रहा है। खाने से लेकर सौंदर्य प्रसाधन तक में हल्दी का बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाता है। पारंपरिक आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी गठिया से लेकर एसिडिटी तक, तमाम विकारों के इलाज के लिए हल्दी का बढ़-चढ़कर सहारा लिया जाता है।

हल्दी के चिकित्सकीय गुणों को लेकर कई लेख और सोशल मीडिया पोस्ट हैं, जिनमें इस भारतीय मसाले के दिमाग दुरुस्त रखने के साथ ही दर्द और सूजन में कमी लाने में मददगार होने का दावा किया गया है। हालांकि, इनमें से कई दावों की वैज्ञानिक पुष्टि की जा चुकी है, लेकिन संबंधित अध्ययन मुख्यत: कोशिकाओं और जानवरों पर किए गए हैं, जिससे मानव सेहत पर हल्दी के सकारात्मक प्रभाव पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाए हैं।

हल्दी में 100 से ज्यादा यौगिक पाए जाते हैं, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी इसके अधिकतर फायदे कर्क्युमिनॉयड से जुड़े हुए हैं, जिनमें मुख्य रूप से कर्क्युमिन शामिल है। कर्क्युमिनॉयड ऐसे फेनोलिक यौगिक होते हैं, जो पौधों द्वारा उन्हें विशिष्ट रंग देने के वास्ते वर्णक के रूप में या फिर जानवरों को उन्हें खाने से हतोत्साहित करने के लिए पैदा किए जाते हैं। विभिन्न अध्ययनों में कर्क्युमिनॉयड में एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव होने की बात सामने आई है।

एंटी-ऑक्सीडेंट कोशिकाओं को फ्री रैडिकल से होने वाले नुकसान से बचाने या उनका दुष्प्रभाव कम करने में कारगर माने जाते हैं। विभिन्न अध्ययनों में सामने आया है कि फ्री रैडिकल मानव शरीर में सूजन से लेकर हृदयरोग और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बन सकते हैं।

दर्द पर असर: मानव शरीर पर हल्दी के सकारात्मक प्रभावों की पुष्टि करने वाले अध्ययनों की कमी के बावजूद इस भारतीय मसाले को प्रमुख दर्द निवारक एवं सूजन रोधी तत्व के रूप में प्रचारित किया जाता है, जो जोड़ों के दर्द से लेकर गठिया तक के इलाज में प्रभावी है।

मनुष्यों पर किए गए विभिन्न परीक्षणों के विश्लेषण के मुताबिक, कुछ मामलों में हल्दी के सप्लीमेंट दर्द पर ‘प्लेसिबो’ से कुछ खास प्रभावी नहीं साबित होते, जबकि कई मामलों में इनका असर दर्द एवं सूजन रोधी दवाओं जितना होता है।

मालूम हो कि किसी अध्ययन में दवा का असर आंकने के लिए एक नियंत्रित समूह को दवा बताकर दिए जाने वाले गैर-हानिकारक एवं निष्क्रिय पदार्थ को ‘प्लेसिबो’ कहते हैं। हालांकि, इनमें से ज्यादातर परीक्षण बेहद छोटे समूह पर किए गए थे। यही नहीं, उनमें प्रतिभागियों को दी जाने वाली हल्दी की खुराक भी अलग-अलग थी।ऐसे में यह स्पष्ट रूप से कह पाना मुश्किल है कि हल्दी दर्द के एहसास में कमी लाने में असरदार है।

कैंसर रोधी गुण: एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव के कारण हल्दी में कैंसर रोधी गुण होने का भी दावा किया गया है। एक अध्ययन में ‘कर्क्युमिन’ को डीएनए में होने वाले उन बदलावों को पलटने में कारगर पाया गया है, जो स्तन कैंसर का कारण बनते हैं।

लेकिन, यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि ‘कर्क्युमिन’ कैंसर के खतरे में कमी लाता है या फिर इसके इलाज में सहायक साबित होता है। कुछ अध्ययनों में दावा किया गया है कि सिर या गले के कैंसर से जूझ रहे मरीज अगर हल्दी मिले पानी से गरारा करें, तो उन्हें रेडियोथेरेपी से होने वाले साइइइफेक्ट कम झेलने पड़ते हैं।

हल्दी एक दुर्लभ अनुवांशिक विकार ‘फैमिलियर एडिनोमेटस पॉलीपोसिस’ के शिकार मरीजों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। एक क्लीनिकल परीक्षण में सामने आया था कि रोजाना एक चम्मच (120 मिलीग्राम) ‘कर्क्युमिन’ का सेवन करने से ‘फैमिलियर एडिनोमेटस पॉलीपोसिस’ से पीड़ित लोगों में कैंसर को जन्म देने वाले ‘पॉलिप’ (शरीर के आंतरिक अंगों की रक्षा करने वाली श्लेष्मल झिल्ली की सतह पर बनने वाली सूक्ष्म गांठें) का विकास काफी धीमा बढ़ जाता है।

क्या हल्दी वाकई असरदार है: हल्दी हमारे शरीर में काम करे, इसके लिए ‘कर्क्युमिन’ का आंत से निकलकर खून में घुलना बेहद जरूरी है। हालांकि, ‘कर्क्युमिन’ एक बड़ा यौगिक है, जो पानी में ज्यादा घुलनशील नहीं है। इसके चलते, यह खून में आसानी से नहीं घुल पाता। कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि हल्दी आंत में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करके शरीर को लाभ पहुंचाती है, जिसके चलते इसका खून में घुलना जरूरी नहीं है।

लेकिन, यह बात इन्सानों के संबंध में भी लागू होती है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए और अध्ययन किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा, यह पता लगाने की भी चुनौती है कि सेहत पर हल्दी के फायदे देखने के लिए कितनी मात्रा में इसका सेवन जरूरी है।

ज्यादातर अध्ययनों में सिर्फ ‘कर्क्युमिन’ के फायदे आंके गए हैं, जो हल्दी पाउडर का महज तीन फीसदी हिस्सा होता है। चूहों पर किए गए अध्ययनों में ‘कर्क्युमिन’ सिर्फ एक ग्राम से अधिक मात्रा में दिए जाने की सूरत में ही सेहत के लिए फायदेमंद मिला है। ऐसे में इन्सानों के संबंध में यह मात्रा कुछ किलोग्राम के आसपास बैठेगी। किसी व्यक्ति के लिए दिनभर में इतनी मात्रा में हल्दी का सेवन करना लगभग नामुमकिन है।

शिवसेना के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है 

शिवसेना के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है 

कविता गर्ग 

मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं होने के संकेत देते हुए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के एक सांसद ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

मुंबई से लोकसभा सांसद गजानन कीर्तिकर ने कहा कि चूंकि, शिवसेना एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है, इसलिए उसके सांसदों का काम “उसी के मुताबिक” होना चाहिए। शिंदे समूह के वरिष्ठ नेता ने कहा, “हम राजग का हिस्सा हैं... इसलिए हमारा काम उसी हिसाब से होना चाहिए और (राजग) घटक दलों को (उपयुक्त) दर्जा मिलना चाहिए।

हमें लगता है कि हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।” महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ हाथ मिलाने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना 2019 में राजग से बाहर हो गई थी। पिछले साल शिवसेना में फूट के बाद शिंदे ने भाजपा से हाथ मिला लिया था और मुख्यमंत्री बने थे।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिन में कीर्तिकर ने यह भी कहा कि 2019 में शिवसेना और भाजपा द्वारा लागू किया गया सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं बदला जाएगा। दूसरी ओर, भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि इस संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

सिद्धरमैया ने सोनिया और राहुल से मुलाकात की

सिद्धरमैया ने सोनिया और राहुल से मुलाकात की

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। सिद्धरमैया सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पहुंचकर कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं से मिले।

मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल के विस्तार के संदर्भ में पार्टी के नेतृत्व के साथ चर्चा के लिए इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने कर्नाटक मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के साथ बृहस्पतिवार को विस्तृत चर्चा की थी। सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक मंत्रिमंडल में करीब 20 और मंत्रियों को शामिल किये जाने की संभावना है।

राज्य मंत्रिमंडल को अंतिम रूप दिये जाने से पहले एक और दौर की चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उप मुख्यमंत्री शिवकुमार और आठ मंत्रियों ने गत 20 मई को शपथ ली थी। हालांकि, मंत्रियों को विभागों का बंटवारा अब तक नहीं किया गया है। कर्नाटक सरकार के मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 सदस्य हो सकते हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-225, (वर्ष-06)

2. शनिवार, मई 27, 2023

3. शक-1944, ज्येष्ठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:10। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 22 डी.सै., अधिकतम- 38+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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गुरुवार, 25 मई 2023

विशेष महिला साहित्यकार गोष्ठी का आयोजन 

विशेष महिला साहित्यकार गोष्ठी का आयोजन 


क्रांतिवीर देश के गर्वित कीर्ति स्तंभ है: सुनीता पाठक

मनोज सिंह ठाकुर 

ग्वालियर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मध्य भारत प्रांत द्वारा आयोजित क्रांति तीर्थ अभियान के अंतर्गत मध्य भारतीय हिंदी साहित्य सभा ग्वालियर द्वारा क्रांति तीर्थ विशेष महिला साहित्यकार गोष्ठी का आयोजन किया गया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के पश्चात व्याप्ति उमड़ेकर द्वारा मां सरस्वती की वंदना एवं परिषद गीत पलक सिकरवार द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन युवा साहित्यकार जान्हवी नाईक ने किया।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार कुंदा जोगलेकर ने की। मुख्य अतिथि के रूप में कथाकार सुनीता पाठक एवं सभा अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव मंचासीन रहे। कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ करुणा सक्सेना ने प्रस्तुत की एवं आभार सभा के सह मंत्री उपेंद्र कस्तूरे ने किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुंदा जोगलेकर ने वीर सावरकर जी के जीवन के संघर्ष को वर्णित करते हुए कविता का पाठ किया। मुख्य अतिथि के रूप में आसीन सुनीता पाठक ने ज्ञात, अज्ञात एवं अल्प ज्ञात क्रांतिवीरों के संस्मरण सुनाते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सभा अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव ने अखिल भारतीय साहित्य परिषद मध्य भारत प्रांत द्वारा आयोजित क्रांति तीर्थ अभियान के विषय में विस्तार से बताते हुए 11 जून को शिवपुरी में आयोजित होने जा रहे क्रांतिवीर अभियान के समापन समारोह में सम्मिलित होने के लिए सभी का आह्वान किया।

क्रांति तीर्थ कार्यक्रम के अंतर्गत सभी महिला साहित्यकारों ने भारत को स्वतंत्र कराने में अपने प्राणों की आहुति देने वाले क्रांतिवीरों पर आधारित रचनाओं का पाठ किया।

"क्रांतिवीरों की तमतमाई आंखों में उतरा रक्तबिंब नीले समंदर को भी रक्तवर्णी बना देता है। आज भी... सच कितना कुछ सहा होगा मां भारती के पुजारियों ने।"


कुंदा जोगलेकर...

"अज्ञात एवं अल्प ज्ञात शहीदों का स्मरण करें, क्योंकि वे देश का गर्वित कीर्ति स्तंभ हैं। आवश्यकता इस बात की है कि भावी पीढ़ी वीर स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और जुनून की गाथा को जाने समझे और इस तरह वे स्वतंत्रता की कीमत समझकर देश की एकता अखंडता को बनाए रखने में अपना योगदान दें।"


सुनीता पाठक...

"पृथ्वीराज चौहान जैसे वीरों की इस धरा पर नई किरणों के साथ सूर्य फिर से उगेगा।" कहानी "एक डॉक्टर का लव जिहाद"


डॉ. मंदाकिनी शर्मा...

"तुम बिन रीता लागत मेला,

तुम बिन सीमा, देश अकेला।

मैं ग्वाँरी तुम पर हूँ वारी, 

आँखन मग पोंछत दिन सारी।


मैं सैनिक की छाँह हूँ, 

मन में धारूँ धीर।

दुनिया से मुन्दकाय हूँ, 

मैं अँखियन की पीर।


डॉ. करुणा सक्सेना...

"रामनवमी मनाते मनाते, राम गुण गाते गाते, हर मां चाहती है कि उसका बेटा भी राम बने"


मंजुलता आर्य...

"मातृभूमि की सेवा से बढ़कर कोई सत्कर्म नहीं,

राष्ट्रधर्म के ऊपर आए ऐसा कोई धर्म नहीं"।


उमा उपाध्याय...

"वंदना भारती की वह गाती रही, 

क्रांति की वह मशाल जलाती रही।

लक्ष्मी बाई को रेखा का सादर नमन, 

अपने प्राणों की आहुति चढ़ाती रही"।


रेखा दिक्षित...

"सशक्तिकरण महिला का चेहरा सरोजिनी जी के रूप में जान रहे,

उनके संघर्षों के पथ से उनको राजनीति तक पहचान रहे"।


प्रतिभा दुबे...

"तपोभूमि जब हुई कारागार, 

स्वतंत्रता का अक्षुण्ण मंत्रोचार,

जीवन पुष्प ले कर में, 

किया क्रांति का जय जयकार"।


व्याप्ति उमड़ेकर...

"तीन रंग का चोला ओढ़े आए अमर जवान,

कतरा-कतरा लहू बहाया, 

वतन की खातिर लहूलुहानसी।


पलक सिकरवार...

"जहां संवेदनशीलता और सशक्तता का संगम होता है, 

वहां स्त्री का जन्म होता है"।


जान्हवी नाईक...

इस अवसर पर मोनिका जैन उपस्थित रहीं एवं युवा साहित्यकार शिवम सिसोदिया ने मां पर आधारित अपनी कविता का भी पाठ किया।

उपाध्याय समाज के लोगों का प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपा 

उपाध्याय समाज के लोगों का प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपा 

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। उपाध्याय चेतना मंच सेवा समिति रजि. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संजय उपाध्याय जिलाध्यक्ष जसबीर उपाध्याय के नेतृत्व में जिलाधिकारी शामली द्वारा माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ के नाम उपाध्याय समाज के लोगो ने जोरदार प्रर्दशन करते हुए ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में 21 जनवरी 2023 को ग्राम खेड़ी करमू जनपद शामली में गौरव उपाध्याय की हत्या हुई थी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि गौरव उपाध्याय हत्या प्रकरण में पुलिस की घोर लापरवाही भी मुख्य कारण है।

हत्या वाले दिन सुबह भी मृतक गौरव उपाध्याय ने पुलिस शामली को सूचना दी कि दबंग व्यक्ति आज मेरी हत्या कर सकते हैं। लेकिन, पुलिस ने इस प्रकरण की हल्के में लिया। पीड़ित का ये भी आरोप है कि षडयंत्र कारियो पर पुलिस ने कोई कानूनी कार्यवाही नही की उन्हें बचाया गया। चार्जशीट में भी थाने में जिन गवाहों के जो बयान लिए, शामिल नही किया गया तथा जांच सही नही हुई। पीड़ित परिवार के साथ घटना के दिन अभद्र व्यवहार हुआ एवं थाने में बैठाया गया। परिवार के साथ अन्याय हुआ है।

परिवार के साथ फिर ऐसी घटना को अंजाम देने के घर पर प्रयास हो रहे हैं। इसी प्रकरण को लेकर समाज मे बहुत नाराजगी है। प्रदेश अध्यक्ष संजय उपाध्याय ने कहा, कि इस प्रकरण को लेकर संगठन व समाज ने 5 सूत्रीय मांग की है। 1 मृतक गौरव उपाध्याय हत्याकांड के बाद फिर परिवार को जान का खतरा सुरक्षा दी जाए। 2 षड्यंत्रकारियों पर भी कानूनी कार्यवाही की मांग, 3 पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद की मांग। 4 पीड़ित परिवार को सुरक्षा हेतु लाइसेंस मंजूर किया जाए। 5 पुलिस की घोर लापरवाही से गौरव की हत्या का मुख्य कारण यदि ये मांग पर अम्ल नही होता तो संगठन व समाज पूरे प्रदेश में आंदोलन के लिए बाध्य होगा।प्रदेश भर में समाज के लोगो पर वर्तमान भाजपा सरकार में अत्याचार, उत्पीडन, हत्याएं हो रही है, जो चिंता का विषय है।

ज्ञापन के दौरान आचार्य धर्मपाल भारद्वाज, प्रदेश सचिव श्रीमती ममतेश उपाध्याय, कॄष्णपाल उपाध्याय, प्रदेश सचिव सोनिया उपाध्याय नागवांन, योगी राजकुमार उपाध्याय, सौरभ उपाध्याय, जसबीर उपाध्याय, नगर अध्यक्ष विनोद उपाध्याय, कविता, लक्की उपाध्याय, उपाध्याय,सुशील पटवारी, सतपाल उपाध्याय, दानवीर, मांगेराम, मुकेश उपाध्याय, मीनाक्षी, निर्मला, आदि।

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...