बुधवार, 17 मई 2023

ए-एफआईबी का पहला समुद्री परीक्षण करेगी 'नौसेना'

ए-एफआईबी का पहला समुद्री परीक्षण करेगी 'नौसेना'

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/पणजी। भारतीय नौसेना अपनी पहली स्वदेशी ‘ऑटोनॉमस फास्ट इंटरसेप्टर बोट’ (ए-एफआईबी) का पहला समुद्री परीक्षण गोवा से मुंबई के बीच 18 से 22 मई के बीच करेगी। नौसेना के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी। नौका को बृहस्पतिवार सुबह वास्को से झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ स्वदेशीकरण, आत्मनिर्भर भारत की भावना को बढ़ावा देते हुए और समुद्री क्षमताओं के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करने के उद्देश्य से ऑटोनॉमस फास्ट इंटरसेप्टर बोट (ए-एफआईबी) सघन समुद्री यातायात में स्वायत्त संचालन करने में सक्षम है।’’

ए-एफआईबी को प्रौद्योगिकी ऊष्मायन फोरम (टीआईएफ) के तहत भारतीय नौसेना के हथियार व इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियरिंग प्रतिष्ठान (डब्ल्यूईएसईई) और मैसर्स बीईएल (बीजी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि नौका की क्षमताओं का पता लगाया जाएगा और वह 18 मई को गोवा से मुंबई के लिए रवाना होगी।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-216, (वर्ष-06)

2. बृहस्पतिवार, मई 18, 2023

3. शक-1944, ज्येष्ठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:10। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 25 डी.सै., अधिकतम- 41+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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मंगलवार, 16 मई 2023

नेता तिवारी का निधन, शोक में डूबा गोरखपुर 

नेता तिवारी का निधन, शोक में डूबा गोरखपुर 


पूर्वांचल के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी का हुआ निधन, शोक में डूबा गोरखपुर 

संदीप मिश्र 

लखनऊ/गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार शाम को निधन हो गया। इससे उनके समर्थकों में उदासी छा गई है। निधन की सूचना मिलते ही उनके घर और गोरखपुर हाता पर समर्थकों की भीड़ जुट गई है। दो साल पहले उनकी मौंत के सम्बंध में अफवाह उड़ी थी। हालांकि तब वह जीवित थे, परन्तु मंगलवार शाम 7 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली और हमेशा के लिए चिर निद्रा में शो गए।

बता दें, कि चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र के चुनाव का इतिहास खंगालने पर वयोवृद्ध बाहुबली हरिशंकर तिवारी का नाम बार-बार, उभरकर सामने आता है। हरिशंकर तिवारी इस सीट से लगातार 22 वर्षों (1985 से 2007) तक विधायक रहे हैं। पहला चुनाव 1985 में निर्दलीय लड़ा था, फिर अलग-अलग राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव लड़कर जीतते रहे हैं। तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते व यूपी सरकार में मंत्री भी बने थे। साल 2007 के चुनाव में बसपा ने राजेश त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया। राजेश त्रिपाठी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता हरि शंकर तिवारी के किले को ढहा दिया और उन्हें शिकस्त देते हुए बसपा के राजेश त्रिपाठी ने सीट पर कब्जा कर लिया।

मंगलवार को और एक राजनीतिक योद्धा चिर निद्रा में सो गया। पूर्वांचल में हरि शंकर तिवारी का जलवा देखने लायक था। उनके आगे किसी की नहीं चल पाती थी। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी जब गोरखपुर से सांसद हुआ करते थे तो राजनीति का महारथी हरि शंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा से विधायक हुआ करते थे।  हालांकि योगी जी से हरि शंकर तिवारी बहुत सीनियर नेता हुआ करते थे। दोनों नेताओं में वर्चस्व को लेकर आपस में गतिरोध बना रहता था।

फिलहाल, गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा में हरि शंकर तिवारी का गढ़ माना जाता था। उनके गढ़ में उनके सक्रिय राजनीति में कोई ठौर न बना सका। मंगलवार को उनके मृत होने की सूचना से समूचा गोरखपुर शोक में डूब गया।

यूपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा: परिषद 

यूपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा: परिषद 

संदीप मिश्र/बृजेश केसरवानी 

लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से राज्य में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई है। 15 जून तक चलने वाले ग्रीष्म अवकाश की अवधि में स्कूलों पर ताले लटके रहेंगे। मंगलवार को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से उत्तर प्रदेश में ग्रीष्मकालीन अवकाश का ऐलान कर दिया गया है। 

राज्य के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजी गई चिट्ठी में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रण में संचालित होने वाले विद्यालयों/ मान्यता प्राप्त विद्यालयों में वर्ष 2023 में दिए जाने वाले अवकाशों की तालिका संलग्न कर प्रेषित की गई है। तालिका में ग्रीष्मावकाश 20 मई से प्रारंभ होकर 15 जून तक निर्धारित है। 

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय के पत्र प्री प्राइमरी शिक्षा स्कूल रेडीनेस/13014/ 2022- 23 दिनांक 22 मार्च 2023 द्वारा कक्षा 1 में स्कूल रेडीनेस में गतिविधि कैलेंडर आधारित कक्षा शिक्षण संस्थान के संबंध में दिए गए निर्देशों के बिंदु संख्या 01 में 12 सप्ताह स्कूल रेडीनेस गतिविधि कार्यक्रम के संचालन की समय सारणी में 15 मई से 15 जून तक ग्रीष्मावकाश निर्धारित किया गया है।

उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रण में संचालित विद्यालय तथा मान्यता प्राप्त बेसिक विद्यालय में ग्रीष्मावकाश 20 मई से प्रारंभ होकर 15 जून तक रहेगा।

'हाइब्रिड मोड’ में सुनवाई करेगी अवकाशकालीन पीठ

'हाइब्रिड मोड’ में सुनवाई करेगी अवकाशकालीन पीठ

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने मंगलवार को कहा कि शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन पीठ ‘हाइब्रिड मोड' (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरीके) में सुनवाई करेगी, ताकि वकील विभिन्न स्थानों से पेश हो सकें। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि अवकाशकालीन पीठ नए मामलों की भी सुनवाई करेगी। पीठ में न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत में 22 मई से दो जुलाई तक ग्रीष्मावकाश है और केवल अवकाशकालीन पीठें अत्यावश्यक मामलों पर सुनवाई करेंगी। सीजेआई ने मंगलवार को सुनवाई की शुरुआत में कहा कि अवकाशकालीन पीठ नई याचिकाओं को विचारार्थ स्वीकार करने से संबंधित सुनवाई ‘हाइब्रिड मोड’ में करेगी, जहां वकील व्यक्तिगत रूप से और वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई में हिस्सा ले सकते हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘अगर कोई कहीं और जाना चाहता है और वहां से सुनवाई में हिस्सा लेना चाहता है, तो आपका स्वागत है... केवल एक शर्त है कि वकील ठीक से कपड़े हों।’’ सीजेआई ने कहा कि 300 से अधिक नये मामलों, जिन्हें सुनवाई के लिए नहीं लिया जा सका है, उन्हें अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा।

'शुगर फ्री स्वीटनर्स' के इस्तेमाल के खिलाफ आगाह 

'शुगर फ्री स्वीटनर्स' के इस्तेमाल के खिलाफ आगाह 

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शरीर के वजन को नियंत्रित करने या गैर-संचारी रोगों के खतरे को कम करने के लिए शुगर फ्री स्वीटनर्स (मिठास पैदा करने वाले पदार्थ) के इस्तेमाल के खिलाफ आगाह किया है। यह सुझाव उपलब्ध सबूतों की समीक्षा के नतीजों पर आधारित है जिससे पता चलता है कि शुगर फ्री स्वीटनर्स (एनएसएस) के इस्तेमाल से वयस्कों या बच्चों के शरीर का वजन कम करने में लंबे समय में कोई फायदा नहीं मिलता।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि समीक्षा के नतीजों से यह भी पता चलता है कि लंबे वक्त तक एनएसएस के इस्तेमाल से संभावित रूप से अवांछित असर हो सकते हैं जैसे कि टाइप 2 मधुमेह, दिल की बीमारियों का खतरा और वयस्कों में मृत्यु दर बढ़ सकती है। डब्ल्यूएचओ के पोषण और खाद्य सुरक्षा के निदेशक फ्रांसिस्को ब्रांका ने कहा, किसी भोजन या पेय पदार्थ में घुली किसी भी प्रकार की मिठास के स्थान पर एनएसएस का इस्तेमाल करने से लंबे वक्त तक वजन कम करने में मदद नहीं मिलती। लोगों को अन्य विकल्पों पर विचार करने की जरूरत है।

उदाहरण के लिए ऐसे पदार्थ खाना जिनमें प्राकृतिक रूप से मिठास होती है जैसे कि फल या बिना मिठास वाला भोजन और पेय पदार्थ। ब्रांका ने एक बयान में कहा, एनएसएस आहार के लिए आवश्यक तत्व नहीं है और इनका पोषण की दृष्टि से भी कोई महत्व नहीं है। लोगों को अपने स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए जीवन में शुरुआत से ही आहार में मिठास की मात्रा कम रखनी चाहिए।

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