वर्ष 2024 से 5जी सेवाएं प्रदान करेगा 'बीएसएनएल'
श्रीराम मौर्य
शिमला। निजी ऑपरेटरों के बाद अब बीएसएनएल भी 5जी सेवाएं प्रदान करने वाला है। वर्ष 2024 तक बीएसएनएल की 5जी सेवा मिलनी शुरू हो जाएगा। इसके अलावा बीएसएनएल अगले छ: महीने में अपनी कनेक्टिविटी में भी सुधार करने वाला है। ताकि कॉल ड्रॉप और सिग्नल की परेशानी से उपभोक्ताओं को न जूझना पड़े।
यह बात सोमवार को शिमला में आयोजित बीएसएनएल के भारत फाइबर चैंपियनशिप लीग सम्मान समारोह 2023 के दौरान बीएसएनएल के सीएमडी प्रवीण कुमार पुरवार ने कही। कुमार ने कहा कि बीएसएनएल ने आगामी तीन वर्षो में बीएसएनएल का टारगेट मार्केट शेयर 15 से 20 फीसदी बढ़ाने का है, जबकि हिमाचल में डेढ़ गुन्ना का टारगेट रखा गया है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सिग्नल को बेहतर बनाने के लिए लगभग 900 के लगभग स्थानों पर 4 सेचुरेशन की नई साइट तैयार की जा रही हैं, जो 5जी में भी अपडेट होंगी, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतरीन सिग्नल मिलेगा। इस दौरान बीएसएनएल ने देश भर में बेहतरीन काम करने वाले अपने एफटीटीएच के पार्टनर को सम्मानित भी किया।
उन्होंने कहा कि बीएसएनएल ने अपने फाइबर नेटवर्क पहुंच के माध्यम से 30,000 से अधिक ग्राम पंचायतों को कवर किया है, पिछले छह महीनों की अवधि में तीन लाख से अधिक ग्राहक जुड़े हैं। शिमला में राष्ट्रीय कार्यक्रम में अपने एफटीटीएच और भारत नेट उद्यमी भागीदारों को सम्मानित करते हुए बीएसएनएल के सीएमडी पी के पुरवार ने कहा, ‘‘डिजिटल पहल न केवल शहरी क्षेत्रों में की जा रही है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी की जा रही है, जहां जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
ऑनलाइन शिक्षा, टेली-मेडिसिन आदि के माध्यम से पूरी तरह से पेपरलेस ग्राहक ऑनबोर्डिंग और केवाईसी प्रक्रिया ने बीएसएनएल और उसके उद्यमी भागीदारों की अत्यधिक मदद की है।” उन्होंने कहा कि एसएनएल एचपी सर्किल भी एचपी में 4जी सैचुरेशन प्रोजेक्ट को क्रियान्वित कर रहा है।यह यूएसओ द्वारा वित्तपोषित परियोजना है। इस परियोजना के तहत 633 नए 4जी मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं और 35 मौजूदा टावरों को पूरे हिमाचल में अपग्रेड किया जाएगा ताकि हिमाचल प्रदेश के दूर-दराज के गांवों में 4जी कवरेज मुहैया कराई जा सके। परियोजना को दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना है।
इस परियोजना के तहत हिमाचल के आदिवासी क्षेत्रों में फाइबर कनेक्टिविटी और क्षेत्र के मौजूदा और नए टावरों को विश्वसनीय मीडिया प्रदान करने के लिए लगभग 550 किमी ओएफसी बिछाई जाएगी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद हिमाचल के सभी गांवों को 4जी सिग्नल से जोड़ा जाएगा।