शुक्रवार, 12 मई 2023

‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’ पर नर्सों की सराहना 

‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’ पर नर्सों की सराहना 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को ‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’ पर नर्सों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी कड़ी मेहनत एवं निस्वार्थ समर्पण देश की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की नींव है। ब्रिटिश नर्स एवं समाज सुधारक फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती के उपलक्ष्य में 12 मई को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।

शाह ने ट्वीट किया, ‘‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर, मैं उन नर्सों को बधाई देता हूं, जिनकी कड़ी मेहनत एवं निस्वार्थ समर्पण हमारी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की नींव है। जीवन बचाने के लिए योगदान के उनके असाधारण उदाहरण, विशेष रूप से महामारी के दौरान, मानव जाति को प्रेरित करते रहेंगे।’’

पहले छात्रों को किताबी ज्ञान मिलता था, बदलाव 

पहले छात्रों को किताबी ज्ञान मिलता था, बदलाव 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई शिक्षा नीति को व्यावहारिक शिक्षा पर केंद्रित बताते हुए शुक्रवार को कहा, कि पहले छात्रों को किताबी ज्ञान मिलता था। लेकिन, अब इससे बदलाव आएगा। साथ ही उन्होंने कहा, कि नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है।

अखिल भारतीय शिक्षा संघ के 29वें द्विवार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गूगल डेटा और सूचना दे सकता है। लेकिन शिक्षकों की भूमिका छात्रों के मार्गदर्शक की होती है। मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत 21वीं सदी की आधुनिक आवश्यकताओं के मुताबिक नयी व्यवस्थाओं का निर्माण कर रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। हम इतने वर्षों से स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर अपने बच्चों को केवल किताबी ज्ञान दे रहे थे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति उस पुरानी अप्रासंगिक व्यवस्था को परिवर्तित कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति व्यावहारिक शिक्षा पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री ने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा, ‘‘इस तरह की शिक्षा प्रणाली शिक्षा नीति के केंद्र में है और अब यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे इस प्रणाली को जमीन पर लागू करें।’’ उन्होंने याद किया कि कैसे उनके स्कूल के एक शिक्षक उन्हें और अन्य छात्रों को अनाज का उपयोग करके संख्याओं के बारे में बताते थे। शिक्षा नीति में किए गए बदलावों का जिक्र करते हुए, मोदी ने छात्रों को उनकी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि नई नीति ने इसके लिए प्रावधान किए हैं।

मोदी ने कहा कि स्थानीय भाषाओं में दी जाने वाली शिक्षा से गांवों के प्रतिभाशाली युवाओं को शिक्षक बनने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी स्वतंत्रता के बाद, अंग्रेजी एक प्रमुख भाषा बन गई। आज भी, माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे अंग्रेजी माध्यम में पढ़ें। नतीजतन, गांवों और गरीब परिवार की पृष्ठभूमि के प्रतिभाशाली शिक्षकों को सिर्फ इसलिए अवसर मिलना बंद हो गए क्योंकि उन्हें कभी अंग्रेजी सीखने का मौका नहीं मिला। चूंकि नई शिक्षा नीति स्थानीय भाषाओं में शिक्षा पर जोर देता है, इसलिए यह ऐसे शिक्षकों को अवसर प्राप्त करने में भी मदद करेगी।’’

शिक्षण के महान पेशे की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि जब भी वह भूटान और सऊदी अरब के शाही शासकों सहित किसी भी विश्व नेता से मिले, तो उन्होंने उन्हें बताया कि उन्होंने भारत के शिक्षकों से अपनी शिक्षा प्राप्त की है। मोदी ने कहा कि सऊदी अरब के शाह (सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद), जो एक बहुत वरिष्ठ और सम्मानित नेता हैं, ने मुझे बताया कि उनके शिक्षक गुजरात से थे।

मोदी ने कहा कि हालांकि वह अपने पूरे जीवन में कभी शिक्षक नहीं रहे, लेकिन वह आजीवन एक ऐसे छात्र रहे हैं जो समाज में हो रही चीजों को देखता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री होने के बावजूद, वह अभी भी अपने स्कूल के उन शिक्षकों के संपर्क में हैं, जो जीवित हैं। मोदी ने कहा कि बच्चे को आकार देने में प्राथमिक शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि परिवार के बाद वह शिक्षक ही होता है जिसके साथ वह सबसे अधिक समय बिताता है और शिक्षक के व्यवहार और तौर-तरीकों से सीखता है। अपने संबोधन में मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि छात्रों और स्कूलों के बीच लगाव आज कम होता जा रहा है। क्योंकि, छात्रों को अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद शायद ही अपना स्कूल याद रहता है।

इस कम होते लगाव को पाटने के लिए, प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि स्कूल प्रबंधन को शिक्षकों और स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर हर साल उस स्कूल का स्थापना दिवस मनाना शुरू करना चाहिए और पुराने छात्रों को आमंत्रित करना चाहिए।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-211, (वर्ष-06)

2. शनिवार, मई 13, 2023

3. शक-1944, बैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम- 34+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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गुरुवार, 11 मई 2023

इंजीनियर महिला ऐश्वर्या का शव हैदराबाद लाया गया

इंजीनियर महिला ऐश्वर्या का शव हैदराबाद लाया गया

इकबाल अंसारी 

हैदराबाद। अमेरिका के टेक्सास में हुई गोलीबारी में तेलांगना के सरूरनगर शहर की एक सिविल इंजीनियर महिला तातीकोंडा ऐश्वर्या की मौत हो गई थी, उसका शव गुरुवार को हैदराबाद लाया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह अमेरिका में उत्तरी डलास उपनगर में एलन प्रीमियम आउटलेट्स मॉल पर एक हमलावर ने खुलेआम गोलीबारी की, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गयी। मृतकों में ऐश्वर्या भी थी। ऐश्वर्या के पिता नरसी रेड्डी रंगारेड्डी जिला अदालत में जज हैं। ऐश्वर्या ने उस्मानिया विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और ईस्टर्न मिशिगन विश्वविद्यालय से निर्माण प्रबंधन में स्नातकोत्तर किया।

हमलवार एक ब्लैक कार से मॉल पहुंचा, जहां उसने ताबड़तोड़ गोलीबारी की। जिसके बाद, एक पुलिस अधिकारी ने उसको गोली मारकर ढेर कर दिया। सूत्रों के अनुसार ऐश्वर्या का पार्थिव शरीर आज रात करीब नौ बजे तक उनके पिता के आवास हैदराबाद स्थित कस्बा सरूरनगर में रखा जाएगा।

‘स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम का शुभारंभ

‘स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम का शुभारंभ

पंकज कपूर 

देहरादून/चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बृहस्पतिवार को चंपावत पहुंचे। यहां उन्होंने गोरल चौड़ मैदान के समीप स्थित आडिटोरियम में ‘संपर्क फाउंडेशन’ के कार्यक्रम में प्रतिभाग किया और ‘स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को चंपावत में आयोजित संपर्क फाउंडेशन द्वारा स्थापित ‘स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम में आए हुए आप सभी लोगों का मैं स्वागत करता हूं। मैं आशा करता हूं कि मैं फाउंडेशन शिक्षा के क्षेत्र के नए आयाम को हासिल करता रहेगा। मैं आज अभिभूत हूं कि इस कार्यक्रम के शुरू होने से चम्पावत विकास के क्षेत्र में एक कदम और आगे बढ़ गया है। इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में 137 स्कूल चिन्हित किए गए हैं। जिनमें बच्चे खेल-खेल में ज्ञान को हासिल कर पाएंगे।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवाचार के माध्यम से छात्रों की बौद्धिक क्षमता का विकास करना है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर हम कम ऊर्जा के साथ अधिक काम कर सकते हैं। सीएम ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूं कि उनके नेतृत्व में भारत को जी 20 की अध्यक्षता मिली। पहले बड़े कार्यक्रम कुछ ही जगह पर होते थे। लेकिन, बृहस्पतिवार को वो कार्यक्रम छोटे- छोटे स्थानों पर भी हो रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य को भी तीन बैठकों की मेजबानी मिली है। इससे पहले चम्पावत पहुंचने पर हैलीपेड में भाजपा के तमाम कार्यकर्ताओं व प्रशासनिक अधिकारियों ने सीएम धामी का स्वागत किया।

ब्लड बैग की आपूर्ति का सफलतापूर्वक परीक्षण 

ब्लड बैग की आपूर्ति का सफलतापूर्वक परीक्षण 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। पूरे देश में अब ड्रोन के जरिए रक्त की आपूर्ति करने का सपना जल्द ही हकीकत में तब्दील हो सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने बृहस्पतिवार को अपनी आई-ड्रोन पहल के तहत ड्रोन के जरिए ब्लड बैग की आपूर्ति का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

यह पहल भारत में ड्रोन पारिस्थतिकी का विस्तार करने के राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है। आईसीएमआर ने सबसे पहले दूरदराज के इलाकों तक टीका पहुंचाने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान आई-ड्रोन का इस्तेमाल किया था। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा, आज, हम रक्त तथा रक्त से संबंधित उत्पाद भेज रहे हैं, जिन्हें कम तापमान पर रखा जाता है। इस प्रयोग के बाद हमने पाया कि हम न केवल तापमान बनाए रख सकें बल्कि उत्पादों को कोई नुकसान भी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, हमने एक एम्बुलेंस के जरिए एक अन्य नमूना भेजा और अगर दोनों तरीकों का इस्तेमाल कर भेजे गए नमूनों में कोई अंतर नहीं है तो फिर पूरे भारत में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा।

बहल ने कहा, डिजीटलीकरण के साथ टीकों के प्रभावी निर्माण और त्वरित आपूर्ति प्रणाली विकसित होने से भारत ने एक साल के भीतर 90 फीसदी कवरेज हासिल की। आईसीएमआर, दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज तथा नोएडा के जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी के संयुक्त प्रयासों से देश में पहली बार का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, परीक्षण के तौर पर ड्रोन गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज तथा लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के बीच 10 यूनिट रक्त लेकर गया। घाना तथा अमेरिका समेत कुछ देश ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक रक्त, टीके, दवाइयां, चिकित्सा सामान तथा कई बार मानव अंगों की आपूर्ति के लिए ड्रोन का पहले से ही इस्तेमाल कर रहे हैं। 

कौशाम्बी: डीएम द्वारा समिति की बैठक की गई

कौशाम्बी: डीएम द्वारा समिति की बैठक की गई  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा उदयन सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्...