गुरुवार, 11 मई 2023

'भाजपा' में शामिल हुए सिंह, सदस्यता ग्रहण की

'भाजपा' में शामिल हुए सिंह, सदस्यता ग्रहण की

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंत्रिपरिषद के सदस्य रह चुके जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी महासचिव अरुण सिंह और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी की मौजूदगी में आरसीपी सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबियों में शुमार रहे आरसीपी सिंह ने पिछले साल अगस्त में जदयू से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा से नजदीकियों के चलते जदयू ने उन्हें दोबारा राज्यसभा भी नहीं भेजा। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री का पद भी गंवाना पड़ा था।

जदयू छोड़ने के बाद से ही आरसीपी सिंह के भाजपा में जाने के कयास लगाए जा रहे थे। वह कुर्मी समाज से आते हैं। कुर्मी मतदाता नीतीश कुमार के समर्थक माने जाते हैं, क्योंकि वह खुद भी इसी समाज से ताल्लुक रखते हैं।

सरकार के पास विधायी तथा शासकीय शक्तियां हैं

सरकार के पास विधायी तथा शासकीय शक्तियां हैं

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की सरकार को बड़ी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से फैसला लिया, कि सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों के अलावा सेवाओं पर दिल्ली सरकार के पास विधायी तथा शासकीय शक्तियां हैं।

उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने कहा कि निर्वाचित सरकार का प्रशासन पर नियंत्रण जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली का अद्वितीय चरित्र है और उन्होंने न्यायाधीश अशोक भूषण के 2019 के फैसले से सहमति नहीं जताई कि दिल्ली के पास सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं है। शीर्ष न्यायालय ने केंद्र तथा दिल्ली सरकार के बीच सेवाओं पर प्रशासनिक नियंत्रण के विवादित मुद्दे पर अपने फैसले में कहा, केंद्र की शक्ति का कोई और विस्तार संवैधानिक योजना के प्रतिकूल होगा...दिल्ली अन्य राज्यों की तरह ही है और उसकी भी एक चुनी हुई सरकार की व्यवस्था है।

संविधान पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल रहे। पीठ ने कहा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि के अलावा सेवाओं पर विधायी तथा शासकीय शक्तियां हैं। उसने कहा कि प्रशासनिक मुद्दों में केंद्र की प्रधानता संघीय व्यवस्था तथा प्रतिनिधित्व लोकतंत्र के सिद्धांत को खत्म कर देगी।

उसने कहा कि अगर सेवाओं को विधायी, कार्यकारी अधिकार क्षेत्र से बाहर किया जाता है, तो मंत्रियों को सरकारी अधिकारियों पर नियंत्रण से बाहर कर दिया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश ने खचाखच भरे अदालत कक्ष में फैसला पढ़ते हुए कहा कि लोकतंत्र और संघवाद संविधान की मूल संरचना का हिस्सा हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर अधिकारियों को मंत्रियों को रिपोर्ट करने से रोका जाता है तो सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत पर असर पड़ता है।

इसमें कहा गया है कि शासन के लोकतांत्रिक स्वरूप में प्रशासन की वास्तविक शक्ति निर्वाचित सरकार के पास होनी चाहिए। पीठ ने कहा कि जिन मामलों में केंद्र तथा राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, उनमें केंद्र सरकार की शक्ति यह सुनिश्चित करने के लिए सीमित है कि शासन केंद्र सरकार के नियंत्रण में न चला जाए। गौरतलब है कि दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार की विधायी और शासकीय शक्तियों से जुड़े कानूनी मुद्दे की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन किया गया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2015 में एक अधिसूचना जारी की थी कि उसके पास दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण है। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इस अधिसूचना को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता तथा दिल्ली सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ए एम सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद 18 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल छह मई को दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण का मुद्दा पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंपा था। दिल्ली सरकार की याचिका 14 फरवरी, 2019 के एक खंडित फैसले के बाद दायर की गयी जिसमें न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने प्रधान न्यायाधीश से सिफारिश की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे को अंतिम रूप से तय करने के लिए तीन-न्यायाधीशों की पीठ गठित की जानी चाहिए।

न्यायमूर्ति भूषण ने फैसला सुनाया था कि दिल्ली सरकार का प्रशासनिक सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं है, जबकि न्यायमूर्ति सीकरी के विचार इससे अलग थे। उन्होंने कहा कि नौकरशाही के शीर्ष पदों (संयुक्त निदेशक और उससे ऊपर) में अधिकारियों का स्थानांतरण या तैनाती केवल केंद्र सरकार द्वारा की जा सकती है और अन्य नौकरशाहों से संबंधित मामलों पर मतभेद के मामले में उपराज्यपाल का विचार मान्य होगा। पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 2018 के फैसले में सर्वसम्मति से माना था कि दिल्ली के उपराज्यपाल निर्वाचित सरकार की सहायता और सलाह मानने के लिए बाध्य हैं और दोनों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।

परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे 'पीएम'

परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे 'पीएम'

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को गुजरात के गांधीनगर में लगभग 4,400 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। पत्र सूचना ब्यूरो की गुरुवार को यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मोदी शुक्रवार लगभग साढ़े 10 बजे सुबह गांधीनगर में अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन में सम्मिलित होंगे।

उसके बाद वह 12 बजे दोपहर को गांधीनगर में लगभग 4400 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। लगभग तीन बजे अपराह्न प्रधानमंत्री गिफ्ट सिटी जायेंगे। गांधीनगर के कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 2450 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

इनमें शहरी विकास विभाग, जलापूर्ति विभाग, सड़क और यातायत विभाग तथा खान और खनिज विभाग की परियोजनायें शामिल हैं, जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाना है। उनमें बनासकांठा जिले की बहुग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनायें, अहमदाबाद में नदी पर ओवरब्रिज, नारोडा जीआईडीसी में अपशिष्ट जल संग्रहण नेटवर्क, मेहसाणा और अहमदाबाद में सीवर उपचार संयंत्र, दाहेगाम में प्रेक्षागृह आदि शामिल हैं। जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जानी है, उनमें जूनागढ़ जिले में बल्क पाइपलाइन परियोजना, गांधीनगर जिले में जलापूर्ति योजनाओं को बढ़ाना, फ्लाईओवर ब्रिज, नये जल वितरण स्टेशन, विभिन्न शहरी सड़कों का निर्माण आदि शामिल है। प्रधानमंत्री पीएमएवाई (ग्रामीण और शहरी) परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।

इसके साथ ही इस योजना के तहत निर्मित लगभग 19 हजार मकानों के गृहप्रवेश में सम्मिलित होंगे। वे कार्यक्रम के दौरान योजना के लाभार्थियों को मकानों की चाबियां सौंपेंगे। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 1950 करोड़ रुपये है। मोदी गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी), गांधीनगर का दौरा भी करेंगे। दौरे के समय वे गिफ्ट सिटी में चलने वाली विभिन्न परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा करेंगे। गिफ्ट-आईएफएससी संस्थाओं के साथ बातचीत भी होगी, ताकि गिफ्ट सिटी में भावी योजनाओं तथा संस्थाओं के अनुभवों को समझा जा सके।

प्रधानमंत्री शहर की मुख्य अधोरचना सुविधाओं को भी देखेंगे, जिनमें अंडरग्राउंड यूटीलिटी टनल और ‘ऑटोमेटेड वेस्ट कलेक्शन सेग्रीगेशन प्लांट शामिल हैं। प्रधानमंत्री अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन में भी सम्मिलित होंगे जो अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक परिसंघ का 29वां द्विवार्षिक सम्मेलन है। इस सम्मेलन की विषयवस्तु टीचर्स आर एट दी हार्ट ऑफ ट्रांसफॉर्मिंग एडूकेशन (शिक्षा को परिवर्तित करने में शिक्षकों की केंद्रीय भूमिका) है। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-210, (वर्ष-06)

2. शुक्रवार, मई 12, 2023

3. शक-1944, बैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम- 34+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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बुधवार, 10 मई 2023

मतदान प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराया 

मतदान प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराया 


जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतगणना कार्मिकों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

नवीन मण्डी समिति, ओसा में मतगणना कार्मिकों को दिए जा रहें प्रशिक्षण का निरीक्षण कर लिया जायजा

कौशाम्बी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतगणना कार्मिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में नगर निकाय सामान्य निर्वाचन-2023 की मतदान प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराया गया। उन्होंने मतगणना कार्मिको से कहा कि प्रशिक्षण में तकनीकी पहलुओं की भली-भॉति जानकारी प्राप्त कर लिया जाएं तथा मतगणना प्रक्रिया को निष्पक्ष, शान्तिपूर्ण एवं सफलतपूर्वक सम्पन्न करायी जाय। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए।

निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय उन्होंने सभी कार्मिकों से कहा कि ड्यूटी गम्भीरतापूर्वक किया जाएं, किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाएं। सभी मतगणना कार्मिक मतगणना के दिन समय से मतगणना स्थल पर पहुंचना सुनिश्चित करें।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी/प्रभारी अधिकारी कार्मिक डॉ. रवि किशोर त्रिवेदी, जिला विकास अधिकारी विजय कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी प्रकाश सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

सुशील केसरवानी 

लोनी: भाजपा की हार का जिम्मेदार कौन ?  

लोनी: भाजपा की हार का जिम्मेदार कौन ?  

अश्वनी उपाध्याय 

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के दूसरे एवं अंतिम चरण के मतदान का निर्धारित समय आज 11 मई है। जनता को मन मुताबिक जनप्रतिनिधि चुनने का सुनहरा अवसर मिला है। नगर पालिका में श्रीमती रंजीता धामा के पक्ष में मतदान की एक लहर है। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को पहली बार लोनी नगर पालिका से शिकस्त मिलेगी।स्वार्थी नेताओं के सिर पर इसका सेहरा भी बंधेगा।

आपको बता दें, कि निकाय चुनाव में भाजपा पार्टी के द्वारा कर्मठ, निष्ठावान कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों की उपेक्षा के कारण भाजपा का कैडर वोट केवल दिखावे के लिए भाजपा के साथ है। अगर हम लोनी की बात करते हैं, तो भाजपा प्रत्याशी एवं सहयोगी क्षेत्र में भरपूर उन्माद में, आवश्यकता से अधिक खर्च कर रहे हैं। लेकिन, सरकार माफिक होने के कारण किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। अधिकारियों को तो अपनी नौकरी करनी है, सेवा के नाम पर तो अधिकारियों से बड़ा मजाक कोई कर ही नहीं सकता है। ऐसी स्थिति में अगर आप लोग सही प्रत्याशी का चुनाव करने में सफल नहीं हो पाते हैं, तो पूरे 5 साल आपको इसका दंश झेलना पड़ता है। 

उत्तर प्रदेश के प्रत्येक नागरिक से यह अनुरोध है, कि वह बिना किसी लोभ-लालच के मन मुताबिक प्रत्याशी का चयन करने के लिए मतदान करें और मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा भी ले। आपको दें, कि लोनी नगर पालिका में मुस्लिम समुदाय से गठबंधन प्रत्याशी श्रीमती रंजीता धामा के पक्ष में संपूर्ण मुस्लिम समुदाय लामबंद हो गया है। सभी मुस्लिम समुदाय के लोग नल के निशान पर मतदान करने का मन बना चुके हैं। 

कुछ मुस्लिम चापलूस नेता इसमें सेंधमारी का काम भी कर रहे हैं। लेकिन, यह सब एक दिखावा है। जनता इस बात को अच्छे से समझ गई है। गठबंधन प्रत्याशी रंजीत धामा से वार्तालाप के दौरान उन्होंने जनता से एक मार्मिक अपील की और कहा, कि अगर मुस्लिम समाज के लोगों को अपने कुकर में पक रही सब्जी चेक नहीं करानी है, तो कृपया गठबंधन को मतदान करें।

यदि भाजपा से कोई चेयरमैन बन जाता है, तो निश्चित रूप से आपके खाने तक के मसलों पर हस्तक्षेप किया जाएगा। इसलिए नगर की जनता से, सर्वसमाज से हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन है, कि नल के निशान पर वोट करें। भारी बहुमत से हमें विजई बनाएं, ताकि हम आप लोगों के विकास और खाने-पीने तक की लड़ाई को अच्छे ढंग से लड़ सके।

कौशाम्बी: डीएम द्वारा समिति की बैठक की गई

कौशाम्बी: डीएम द्वारा समिति की बैठक की गई  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा उदयन सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्...