बुधवार, 10 मई 2023

दुष्कर्म व हत्या के मामलें में 'मौत' की सजा

दुष्कर्म व हत्या के मामलें में 'मौत' की सजा

इकबाल अंसारी 

गांधीनगर/दाहोद। गुजरात के दाहोद शहर की एक अदालत ने तीन साल पहले अपनी छ: साल की भांजी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के मामलें में एक व्यक्ति को बुधवार को मौंत की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक प्रकाश जैन के मुताबिक यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के विशेष न्यायाधीश सी के चौहान की अदालत ने इस मामले में बच्ची के मामा को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 376 (दुष्कर्म) के अलावा पॉक्सो अधिनियम की धारा छह के तहत दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई।

 बच्ची दाहोद जिले में अपने रिश्तेदारों के पास रहती थी, जबकि उसके माता-पिता रोजी रोटी कमाने के लिए राजकोट में रहते थे। पॉक्सो अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक 31 जनवरी, 2020 की शाम को व्यक्ति (38) बच्ची को यह कहकर मोटरसाइकिल पर अपने साथ ले गया कि वह उसे कुछ बढ़िया चीज खिलाएगा। बाद में बच्ची का शव जंगल में मिला था।

पुलिस ने बच्ची के मामा को गिरफ्तार कर लिया और उस पर आईपीसी और पॉक्सो के तहत बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या का आरोप लगाया। प्रकाश जैन ने कहा कि अदालत ने 28 गवाहों और 94 दस्तावेजी सबूतों पर भरोसा किया, जिसमें चिकित्सा अधिकारी, कार्यकारी मजिस्ट्रेट और वैज्ञानिक अधिकारी की रिपोर्ट शामिल हैं। 

विस्फोट: पीड़ितों को ₹68 लाख का भुगतान किया 

विस्फोट: पीड़ितों को ₹68 लाख का भुगतान किया 

अकांशु उपाध्याय/संदीप मिश्र 

नई दिल्ली/लखनऊ। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के हस्तक्षेप से उत्तर प्रदेश सरकार ने करीब पांच साल पहले भदोही जिले में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के पीड़ितों को आर्थिक राहत के रूप में 68 लाख रुपये का भुगतान किया। आयोग की ओर से बुधवार को जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।

विज्ञप्ति में बताया गया कि राज्य सरकार ने भदोही जिले में 23 फरवरी 2019 को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के 16 पीड़ितों को आर्थिक राहत के रूप में 68 लाख रुपये का भुगतान किए। आर्थिक राहत में 12 मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घटना में घायल हुए चार लोगों को दो-दो लाख रुपये दिए गए हैं।

विज्ञप्ति के अनुसार घटना के बाद, अवैध पटाखा फैक्ट्री चलाने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया था और अदालत में चार्जशीट दायर की गई थी। इस मामले में चार पुलिस कर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया और इस मामले में उनकी ढिलाई के लिए विभागीय कार्रवाई की गई।

अन्नामलाई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज 

अन्नामलाई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज 

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु ईकाई के अध्यक्ष के़ अन्नामलाई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया। मानहानि का यह मुकदमा सिटी सिविल कोर्ट में शहर लोक अधिवक्ता जी देवराजन ने मुख्यमंत्री की ओर से दायर किया।स्टालिन का कहना है कि जब उन्होंने द्रमुक के शीर्ष नेताओं की संपत्ति का ब्यौरा देते हुए 14 अप्रैल को फाइलें जारी की थी तब अन्नामलाई ने उन पर निराधार आारोप लगाये थे। शिकायतकर्ता के अनुसार अन्नामलाई ने 14 अप्रैल 2023 को मीडिया के सामने राज्य की मुख्यमंत्री की गरिमा को ठेस पहुंचाने की नीयत से न केवल बयान दिया, बल्कि वीडियो भी जारी किए।

इतना ही नहीं, इन वीडियो को सोशल मीडिया पर डालकर वायरल भी कराया गया। यह बयान न केवल झूठे थे बल्कि मुख्यमंत्री की सार्वजनिक छवि को धूमिल करने के मकसद से दिये गये थे। अन्नामलाई के इस कृत्य ने मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल किया है। बयान में कहा गया कि इसी कारण शिकायतकर्ता ने न्यायालय से अन्नामलाई के खिलाफ कार्रवाई करने और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत सजा देने की मांग की है।

गौरतलब है कि 14 अप्रैल को अन्नामलाई ने “डीएमके फाइल्स” नाम से एक वीडियो जारी किया था और राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार में मुख्यमंत्री के अलावा उनके परिवार के सदस्यों, उनके पुत्र तथा युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे और कहा था कि वर्ष 2011 में मेट्रो ट्रेन के दूसरे चरण के दौरान कथित रूप से हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ वह सीबीआई का दरवाजा खटखटाएंगे।

कुमार को एचसी का जज नियुक्त करने की सिफारिश 

कुमार को एचसी का जज नियुक्त करने की सिफारिश 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने 51-वर्षीय वकील अरुण कुमार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने कहा, कि इसने कुमार को न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के प्रस्ताव पर 17 जनवरी, 2023 को विचार किया था। लेकिन, खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट के मद्देनजर सिफारिश को टाल दिया था।

हालांकि, न्याय विभाग की ओर से आईबी की एक फरवरी, 2023 की रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को तीन मई 2023 को अग्रसारित की गई, जिसमें कहा गया था, कि उसके पास कुमार के खिलाफ कोई और (नकारात्मक) जानकारी नहीं है। उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कॉलेजियम ने कहा है कि कुमार की उपयुक्तता के संदर्भ में जानकारी के लिए संपर्क किये गये तीन न्यायाधीशों ने सकारात्मक रिपोर्ट दी है, जबकि एक न्यायाधीश ने कोई टिप्पणी नहीं की है।

कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश में कहा है, ‘‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने उपरोक्त सिफारिश से सहमति व्यक्त की है। उम्मीदवार (कुमार) की आयु लगभग 51 वर्ष है और वह आय मानदंड को पूरा करते हैं। वह 25 वर्षों से अधिक समय तक वकालत पेशे में हैं और उन्हें उच्च न्यायालय के समक्ष संविधान, सिविल और राजस्व क्षेत्राधिकार वाले मामलों में मुकदमा लड़ने का व्यापक अनुभव है।’’ 

तोशाखाना मामलें में पूर्व पीएम को दोषी करार दिया

तोशाखाना मामलें में पूर्व पीएम को दोषी करार दिया

अखिलेश पांडेय 

इस्लामाबाद। अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक और बड़ा झटका लगा है। बुधवार को इस्लामाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने तोशाखाना मामलें में सुनवाई करते हुए पूर्व पीएम इमरान खान को दोषी करार दिया है।

दरअसल, पूर्व पीएम इमरान खान पर पीएम के तौर पर गिफ्ट बेचने का आरोप लगा था। जिसको लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज होने के बाद कोर्ट में सुनवाई चली और कोर्ट ने पाया कि इस मामले में इमरान खान दोषी हैं। बता दें, कि मंगलवार को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हालांकि गिरफ्तारी के एक दिन बाद इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट केस में कोर्ट में पेश किया गया। जहां पर मामले की सुनवाई हुई। लेकिन, कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

इस गिरफ्तारी के विरोध में पूरे पाकिस्तान में हिंसा भडकी हुई। जिसमें सैकड़ों पीटीआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, 60 से अधिक लोगों के मरने की खबर है।

ऑनलाइन भर्तियां, 1 साल पहले की तुलना में गिरावट

ऑनलाइन भर्तियां, 1 साल पहले की तुलना में गिरावट

कविता गर्ग 

मुंबई। कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण हालात पैदा होने से अप्रैल के महीने में संगठित क्षेत्र में ऑनलाइन भर्तियों की संख्या में एक साल पहले की तुलना में गिरावट दर्ज की गई। एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद अप्रैल में नवाचार-आधारित स्टार्टअप फर्मों में भर्तियों में काफी तेजी देखी गई। फाउंडइट इनसाइट्स ट्रैकर (एफआईटी) पर आधारित यह रिपोर्ट कहती है कि एक साल पहले की तुलना में अप्रैल, 2023 में संगठित क्षेत्र में ऑनलाइन भर्तियों की संख्या छ: प्रतिशत गिर गई। लेकिन नए एवं उभरते क्षेत्रों में नौकरियों के लिए अधिक आवेदन मांगे गए। 

फाउंडइट (पूर्व में मॉन्स्टर) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शेखर गरिसा ने कहा, ‘‘मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने कारोबार के लिए चुनौतीपूर्ण वातावरण पैदा कर दिया है और इसकी वजह से उन्हें तेजी से बदलते माहौल के अनुरूप खुद को ढालना पड़ रहा है। भले ही ऑनलाइन भर्तियों में कमी आई है। लेकिन, युवाओं के लिए उभरते क्षेत्रों में रोजगार के तमाम मौके उपलब्ध हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप परिवेश में बदलाव आया है और यह मौजूदा रोजगार बाजार के बावजूद नई भर्तियों की मंशा दिखा रहा है। रिपोर्ट कहती है कि स्टार्टअप में से शिक्षण-प्रौद्योगिकी भर्तियां कर रहे शीर्ष पांच उद्योगों में शामिल है। लेकिन पिछले साल की तुलना में हिस्सेदारी कम हुई है। इसके अलावा बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा और वित्तीय प्रौद्योगिकी, मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र में भी भर्तियां हुईं।

दूसरी तरफ स्वास्थ्य देखभाल और बीपीओ स्टार्टअप ने अप्रैल, 2022 की तुलना में कम भर्तियां की। ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया में बड़े शहरों के अलावा छोटी जगहों की भी हिस्सेदारी देखी गई। इनमें बेंगलुरु 33 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ स्टार्टअप नौकरियों के मामले में सबसे आगे रहा।

11 जिलों में 5 से 6 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील

11 जिलों में 5 से 6 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील

इकबाल अंसारी 

इंफाल। हिंसा प्रभावित मणिपुर में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और बीते दो दिनों में राज्य में हिंसा की कोई नई घटना नहीं सामने आई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, चुराचांदपुर और जिरिबाम सहित 11 प्रभावित जिलों में बुधवार को सुबह पांच बजे से छ: घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई।

मंगलवार को इन जिलों में कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई थी। मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हुई जातीय हिंसा में कम से कम 60 लोग मारे गए हैं, करीब 231 लोग घायल हुए हैं और हजारों अन्य विस्थापित हो गए हैं। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सपम रंजन सिंह ने बताया कि विस्थापित हुए 30,000 लोगों में से 26,000 को हिंसा प्रभावित जिलों से सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है, जबकि 4,000 लोगों ने अपने घरों के पास बनाए गए राहत शिविरों में शरण ली है। अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय सेना और असम राइफल्स के कुल 128 ‘कॉलम’ ने प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च बुधवार को भी जारी रखा और मानवरहित हवाई वाहनों (यूएवी) की मदद से चौबीसों घंटे हवाई निगरानी की।

रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ने एक बयान जारी कर कहा, “भारतीय सेना ने असम राइफल्स के साथ मिलकर सुरक्षा ढांचे को महत्वपूर्ण रूप से फिर से आकार दिया है और मणिपुर में, विशेष रूप से मौजूदा सुरक्षा स्थिति की पृष्ठभूमि में कई संसाधनों का इस्तेमाल किया गया है, जिसके चलते स्थिति अब सामान्य होती दिखाई देने लगी है और लोग अब अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।

फंसे हुए लोगों को अपनों से मिलाने का काम भी शुरू हो गया है।” बयान में कहा गया है, “भारतीय सेना न केवल भीतरी इलाकों में, बल्कि भारत-म्यांमा सीमा पर स्थित क्षेत्रों में भी निगरानी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मानव रहित हवाई वाहनों के माध्यम से चौबीसों घंटे निगरानी, ​​भारतीय वायुसेना और सेना के एमआई 17 व चीता हेलीकाप्टरों की तैनाती तथा जमीनी स्तर पर स्थानीय लोगों में विश्वास बहाली के लिए कई पैदल गश्त और फ्लैग मार्च का सहारा लिया जा रहा है।”

बयान में सेना ने लोगों से यह भी आग्रह किया है कि वे ‘गलत व्याख्या या तथ्यों की गलतबयानी के जरिये सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के दुर्भावनापूर्ण प्रयासों’ के झांसे में न आएं, क्योंकि ‘विरोधी तत्व एक बार फिर दुर्भावनापूर्ण असत्यापित सामग्री के प्रसार का प्रयास कर सकते हैं।’ सेना ने कहा है, “चूंकि, मणिपुर में समुदायों के बीच धीरे-धीरे शांति और सद्भाव बहाल होता दिखाई दे रहा है, ऐसे में दुश्मन तत्व एक बार फिर दुर्भावनापूर्ण असत्यापित सामग्री फैलाने का प्रयास कर सकते हैं।

भारतीय सेना और असम राइफल्स जल्द से जल्द पूरी तरह से सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि गलत व्याख्या या तथ्यों की गलतबयानी के जरिये क्षेत्र में सद्भाव को बिगाड़ने के किसी भी दुर्भावनापूर्ण प्रयास को कामयाब न होने दें।”

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...