सिद्धरमैया को कड़ी टक्कर देने का फैसला: भाजपा
इकबाल अंसारी
बेंगलुरु/मैसूर। कर्नाटक के मैसूर जिले के वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा ने कांग्रेस के कद्दावर नेता सिद्धरमैया को उनके गृह क्षेत्र में कड़ी टक्कर देने का फैसला किया है। राज्य विधानसभा के लिए 10 मई को होने वाले चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ आवास मंत्री वी सोमन्ना को मैदान में उतारा है।
सिद्धरमैया अपना अंतिम चुनाव लड़ रहे हैं और 2018 के चुनाव में वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में उनके पुत्र यतिंद्र सिद्धरमैया ने जीत दर्ज की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने मैसूर जिले के चामुंडेश्वरी के साथ ही बागलकोट जिले के बादामी से चुनाव लड़ा था। वह चामुंडेश्वरी से पांच बार विधायक रहे, लेकिन वहां दो बार हार गए।
सिद्धरमैया चामुंडेश्वरी में जद (एस) के उम्मीदवार जी टी देवेगौड़ा से हार गए थे, लेकिन बादामी से भाजपा के बी श्रीरामुलु के खिलाफ 1,696 मतों के अंतर से जीत गए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ दिन पहले एक रैली में कहा, ‘‘हमने वरुणा से सोमन्ना को अपना उम्मीदवार बनाया है। आप (लोग) उन्हें विधायक बनाकर विधानसभा भेजिए। मैं आपको बता रहा हूं कि भाजपा उन्हें एक बड़ी शख्सियत बनाएगी।’’
संघ परिवार ने अपनी सारी ऊर्जा 72 वर्षीय सोमन्ना के पीछे लगा दी है, जो बेंगलुरु के गोविंदराज नगर से विधायक रह चुके हैं, जहां से उन्हें पहली बार बाहर भेजा गया है। पांच बार के विधायक सोमन्ना के अनुसार, वह इस बार चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे और सेवानिवृत्त होना चाहते थे, लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें वरुणा और कामराजनगर क्षेत्रों से लड़ने के लिए कहा और वह उन्हें मना नहीं कर सके।
सोमन्ना ने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री ने मुझे वरुणा से चुनाव लड़ने के लिए कहा तो मैं और क्या कह सकता था। मैं इसके लिए तैयार हो गया।’’ आठ बार के विधायक 75 वर्षीय सिद्धरमैया अपनी चुनावी संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के रूप में मैंने कई अच्छे कार्यक्रम दिए हैं। मैंने यहां लोगों के लिए बहुत काम किया है। यह मेरा आखिरी चुनाव है और इसके बाद मैं सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने जा रहा हूं।’’ यहां चुनावी मुकाबला इतना कड़ा है कि कई मतदाताओं ने कहा, ''हमने इससे पहले ऐसा चुनावी मुकाबला नहीं देखा।''