मंगलवार, 25 अप्रैल 2023

सिंह को पीएम पद का 'सीरियस उम्मीदवार' बताया 

सिंह को पीएम पद का 'सीरियस उम्मीदवार' बताया 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी/नरेश राघानी 

नई दिल्ली/श्रीनगर/जयपुर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को प्रधानमंत्री पद का ''सीरियस उम्मीदवार'' बताते हुए कहा कि अगर उनके भाग्य में है, तो वह प्रधानमंत्री जरूर बनेंगे। मलिक ने यह भी कहा कि उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले का मुद्दा, इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दिन भी उठाया था और बाद में भी उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह किसानों का मुद्दा भी उन्होंने समय समय पर उठाया है।

उल्लेखनीय है कि मलिक ने हाल ही में एक साक्षात्कार में पुलवामा हमले के बारे में कहा था कि यह केंद्र सरकार की विफलता थी। उनके (मलिक के) इस बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सवाल किया था कि जब मलिक राज्यपाल थे तब उन्होंने कुछ क्यों नहीं कहा था? सीकर के दौरे पर आए मलिक ने सोमवार को कहा ‘‘मैंने तब भी पुलवामा मुद्दे को उठाया था…. उसी दिन, अगले दिन और फिर बाद में भी कई बार उठाया था।

जब मैं राज्यपाल था तब भी मैंने किसानों का मुद्दा उठाया था... । यह कहना गलत है कि जब मैं पद से हट गया तब मैंने यह उठाया।’’ पुलवामा जिले के अवन्तीपोरा में 14 फरवरी 2019 को, जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय सुरक्षा कर्मियों को ले जाने वाले सीआरपीएफ के वाहनों के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 भारतीय सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए थे।

मलिक ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बारे में पूछने पर सोमवार को संवाददाताओं से कहा ‘‘मैं उनके बारे में कैसे टिप्पणी कर सकता हूं। वह प्रधानमंत्री पद के ‘सीरियस उम्मीदवार’ हैं और उनके भाग्य में होगा तो (प्रधानमंत्री) अवश्य बन जायेंगे।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर कुछ नहीं बोला है, जिससे उन्हें नुकसान होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पुलवामा मुद्दे पर भी बोलना चाहिए और अगर कोई जांच हुई है तो कार्रवाई होनी चाहिए। सीकर में सर्किट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में सत्यपाल मलिक ने कहा ‘‘मौजूदा परिस्थितियां उनके (भाजपा) लिये कठिन है। उनको कुछ चीजों को करना पड़ेगा।

एक तो अडाणी वाले मामले में प्रधानमंत्री ने जवाब नहीं दिया है…. संसद में वह बोले लेकिन अडाणी वाले मामले पर कुछ नहीं कहा। उस पर अगर वह नहीं बोलेंगे तो नुकसान हो जायेगा। और पुलवामा मुद्दे पर भी उनको स्पष्टीकरण देना चाहिए। अगर कोई जांच हुई है तो कार्यवाही करनी चाहिए।’’ मलिक ने कहा कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार खड़ा करता है तो मोदी कहीं नहीं होंगे क्योंकि जनता ही (जीत और हार का) फैसला करती है।

उन्होंने कहा कि ‘‘विपक्ष को सिर्फ इतना करना है कि एक उम्मीदवार के मुकाबले एक उम्मीदवार खड़ा कर दो…. मोदी जी कहीं नहीं होंगे... उसी में हार जायेंगे।’’ राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं, इस संदर्भ में मलिक ने कहा कि अगर भाजपा राज्य विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में वसुंधरा राजे को पेश करती है, तो भाजपा की जीत की संभावना अधिक होगी।

उन्होंने कहा ‘‘वसुंधरा राजे अगर उम्मीदवार हों तो भाजपा की जीत के अवसर अधिक हैं अन्यथा भाजपा के लिए कोई उम्मीद नहीं है।’’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने संबंधी सवाल पर मलिक ने कहा कि राहुल गांधी को सदन में बोलने और अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए था। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं पार्टी के अच्छे भविष्य की कामना करता हूं, लेकिन इस राजनीति और चुनाव में, पता नहीं क्या होगा ? मौजूदा स्थिति उनके लिए कठिन है, उन्हें कुछ चीजें करनी होगी।"

500 करोड़ के धन शोधन मामलें में शिकायत दर्ज 

500 करोड़ के धन शोधन मामलें में शिकायत दर्ज 

कविता गर्ग 

मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) पार्टी के नेता संजय राउत ने भीमा पाटस सहकारी चीनी मिल में 500 करोड़ रुपये के कथित धन शोधन मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) में शिकायत दर्ज कराई है। श्री राउत ने मंगलवार सुबह मीडियाकर्मियों को बताया कि महाराष्ट्र सरकार इस मामले में संज्ञान लेने में विफल रही है।

राउत ने बताया कि उन्होंने सीबीआई मुख्यालय में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा, “मैंने भीमा पाटस सहकारी चीनी मिल की 500 करोड़ के धन शोधन के संबंध में सीबीआई मुख्यालय में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। चूंकि श्री देवेंद्र फडणवीस ने मेरी शिकायत को नजरअंदाज किया, इसलिए मैंने सीबीआई का दरवाजा खटखटाया है। देखते हैं आगे क्या होता है ?” 

सिसोदिया की पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया 

सिसोदिया की पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की पत्नी ‘ऑटोइम्यून डिसऑर्डर’ से पीड़ित हैं और उन्हें यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक सूत्र ने कहा, "सीमा सिसोदिया एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, मल्टीपल स्केलेरोसिस रोग से पीड़ित हैं। उनकी हालत बिगड़ गई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।" सूत्रों ने कहा कि उन्हें इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

आबकारी नीति मामले में फरवरी में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान ने सिसोदिया के आवास पर उनकी पत्नी से मुलाकात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था। केजरीवाल ने कहा था कि सीमा सिसोदिया "एक बहुत ही गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं"।

उन्होंने कहा था, "यह मल्टीपल स्केलेरोसिस है, जिसमें दिमाग धीरे-धीरे शरीर पर नियंत्रण खो देता है। वह घर पर अकेली हैं। मनीष उनकी देखभाल करते थे।" केजरीवाल ने कहा था कि सिसोदिया का बेटा पढ़ाई के लिए विदेश में है। 

बेंदापुडी को ‘इमिग्रेंट अचीवमेंट अवार्ड’ दिया जाएगा

बेंदापुडी को ‘इमिग्रेंट अचीवमेंट अवार्ड’ दिया जाएगा

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। पेन स्टेट यूनिवर्सिटी की भारतीय-अमेरिकी अध्यक्ष नीली बेंदापुडी को अमेरिका में उच्च शिक्षा में उनके योगदान के लिए इस साल का प्रतिष्ठित ‘इमिग्रेंट अचीवमेंट अवार्ड’ दिया जाएगा। अमेरिकी विरासत के प्रति प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए यह पुरस्कार हर साल किसी व्यक्ति या संगठन को दिया जाता है।

एक बयान के अनुसार, बेंदापुडी (59) को 28 अप्रैल को डीसी इमिग्रेंट अचीवमेंट अवार्ड्स समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। अमेरिकी प्रवासन परिषद के कार्यकारी निदेशक जेरेमी रॉबिंस ने कहा, ‘‘ पेन स्टेट यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष डॉ. बेंदापुडी करीब 30 साल से उच्च शिक्षा में छात्रों की सफलता, समावेशी उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और छात्रों, संकाय तथा कर्मचारियों के लिए अवसर उत्पन्न करने के लिए काम कर रही हैं।

’’ भारत में पली-बढ़ी बेंदापुडी कंसास विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की पढ़ाई करने अमेरिका आयी थीं। इसके बाद अमेरिका में ही उन्होंने अकादमिक और शिक्षण क्षेत्र में अपना करियर बनाया। वह पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष के रूप में सेवा देने वाली वाली पहली अश्वेत महिला व शख्स हैं। बेंदापुडी ने कहा कि वह इस साल ‘इमिग्रेंट अचीवमेंट अवार्ड’ मिलने को लेकर काफी सम्मानित महसूस कर रही हैं।

अलग-अलग पदों पर भर्ती में घोटाला, प्राथमिकी दर्ज 

अलग-अलग पदों पर भर्ती में घोटाला, प्राथमिकी दर्ज 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर पश्चिम बंगाल की विभिन्न नगर पालिकाओं में अलग-अलग पदों पर भर्ती में कथित घोटाले के मामलें में प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उच्च न्यायालय ने 21 अप्रैल को आदेश जारी किया और अगले दिन केंद्रीय जांच ब्यूरो ने प्राथमिकी दर्ज की। अधिकारियों ने कहा कि संघीय जांच एजेंसी ने अयान सिल और उनकी कंपनी एबीएस इंफोजोन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ प्रतिभागियों के अंकों में कथित हेरफेर को लेकर मामला दर्ज किया है। इस कंपनी के पास ओएमआर शीट की छपाई और मूल्यांकन का जिम्मा था।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में स्कूली शिक्षकों की नियुक्तियों में रिश्वत के आरोपों की जांच करते हुए पश्चिम बंगाल की नगरपालिकाओं में विभिन्न पदों पर भर्ती में कथित घोटाले की ओर इशारा किया था। उसने अपनी रिपोर्ट कलकत्ता उच्च न्यायालय को सौंपी थी जिसने उस पर संज्ञान लिया। ईडी ने दावा किया था कि स्कूल नौकरी रिश्वत घोटाला मामले में शामिल अयान सिल सहित एजेंट विभिन्न नगर पालिकाओं में लिपिक, चपरासी, सफाई कर्मचारी और वाहन चालकों की भर्ती में भी कथित रूप से शामिल थे। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने नगरपालिका भर्ती घोटाला मामले की जांच सीबीआई को करने का आदेश दिया था।

उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इस आदेश के आधार पर उठाए गए कदमों के बारे में 28 अप्रैल को एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अनुरोध किए जाने पर नगरपालिका भर्ती में कथित घोटाले की जांच में सीबीआई और ईडी की सहायता करने का निर्देश दिया था। ईडी ने कहा था कि कथित नगरपालिका भर्ती घोटाले की भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत निर्धारक एजेंसी (सीबीआई) द्वारा जांच के लिए एक अलग प्राथमिकी की आवश्यकता होगी।

बच्चों के लिए ‘विवाह में समानता’ का अधिकार मांगा 

बच्चों के लिए ‘विवाह में समानता’ का अधिकार मांगा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। करीब 400 अभिभावकों के समूह ने देश के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर अपने एलजीबीटीक्यूआईए++ बच्चों के लिए ‘विवाह में समानता’ का अधिकार मांगा है। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं। ‘स्वीकार- द रेनबो पैरेंट्स’ की ओर से लिखा गया पत्र इस मायने में अहम है कि प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनमें समलैंगिक विवाह को मान्यता दिलाने का अनुरोध किया गया है। समूह ने पत्र में लिखा, ‘‘हमारी इच्छा है कि हमारे बच्चों और उनके जीवनसाथी के संबंधों को हमारे देश के विशेष विवाह अधिनियम के तहत मान्यता मिले।

हमें उम्मीद है कि जिस तरह से यह विशाल देश है वह उतनी ही विशालता से अपनी विविधता के स्वीकार करेगा और समावेशी मूल्यों के साथ खड़ा होगा एवं हमारे बच्चों के लिए भी वैवाहिक समानता के कानूनी द्वार को खोलेगा।’’ पत्र में कहा, ‘‘हमारी उम्र बढ़ रही है। हम में से कुछ की उम्र 80 साल के करीब पहुंच रही है, हमें उम्मीद है कि हम अपने जीवनकाल में अपने बच्चों के सतरंगी विवाह को कानूनी मान्यता मिलते देख सकेंगे।’’

गौरतलब है कि ‘स्वीकार-द रेनबो पैरेंट्स’ समूह की स्थापना भारतीय एलजीबीटीक्यूआईए++(लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, पैनसेक्सुअल, टू स्प्रीट, एसेक्सुअल और अन्य) बच्चों के माता-पिता ने की है और इसका उद्देश्य अपने बच्चों का पूरी तरह से समर्थन करना और एक परिवार की तरह खुश रहना है। पत्र में कहा गया,‘‘ हम आपसे विवाह समानता पर विचार करने की अपील करते हैं।’’ 

50 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीका पेश 

50 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीका पेश 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (जीएसके) ने भारत में शिंगल्स (हर्पेस जोस्टर) की बीमारी और पोस्ट- हर्पेटिक न्यूरल्जिया से बचाव के लिए शिंगरिक्स (जोस्टर वैक्सीन रीकॉम्बिनेंट, एडजुवेंटेड) टीका पेश किया है। यह 50 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए है। शिंगरिक्स इंजेक्शन से माध्यम से दो खुराक के रूप में मांसपेशियों में लगाई जाती है। शिंगल्स की समस्या शरीर में वेरिसेला जोस्टर वायरस (वीजेडवी) के पुन: सक्रिय होने से पैदा होती है। यह वही वायरस है जो शरीर में चिकनपॉक्स (चेचक) का कारण बनता है। 

कंपनी का दावा है कि यह टीका कम-से-कम 10 साल के लिए शिंगल्स से बचाव करेगा। भारतीयों पर किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि 40 की उम्र आने तक 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के शरीर में यह वायरस उपस्थित होता है और उनमें शिंगल्स की बीमारी पनपने का खतरा रहता है। जीएसके के प्रबंध निदेशक (एमडी) भूषण अक्षिकार ने कहा, शिंगल्स की समस्या और इससे होने वाली परेशानियों से बचाने के लिए शिंगरिक्स को पेश किया गया है। अभी शिंगल्स के उपलब्ध इलाज से दर्द से पूरी तरह राहत नहीं मिल पाती है। टीकाकरण इससे बचाव का एकमात्र प्रभावी विकल्प है। शिंगरिक्स को अमेरिका के खाद्य एवं दवा प्रशासन (एफडीए) ने 2017 में मंजूरी दी थी।

कोल्ड कॉफी बनाई, ब्रांड को कैसे बदल सकते हैं ?

कोल्ड कॉफी बनाई, ब्रांड को कैसे बदल सकते हैं ?  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। आइसक्रीम शॉप पर पहुंचे सांसद राहुल गांधी ने वहां कोल्ड कॉफी बनाई और...