रविवार, 23 अप्रैल 2023

आज नेताओं के सम्मेलन का आयोजन करेगा 'मंत्रालय'

आज नेताओं के सम्मेलन का आयोजन करेगा 'मंत्रालय'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत सरकार का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व मलेरिया दिवस के प्रणेता के रूप में, 24 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में एशिया प्रशांत क्षेत्र के नेताओं का मलेरिया गठबंधन (एपीएलएमए) के साथ साझेदारी में मलेरिया उन्मूलन के लिए एशिया प्रशांत नेताओं के सम्मेलन का आयोजन करेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के मार्गदर्शन में यह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के लिए कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है।

सम्मेलन एशिया प्रशांत क्षेत्र के नेताओं को मलेरिया उन्मूलन की दिशा में चल रहे प्रयासों पर चर्चा करने और वर्ष 2030 तक मलेरिया से मुक्त एशिया प्रशांत क्षेत्र के लक्ष्य की दिशा में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रगति को पुन: सशक्त बनाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाले सत्रों में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय प्रगति पर नज़र रखना, जोखिम वाली आबादी तक पहुँच की प्रगति में तेजी लाने के लिए अनुसंधान, नवाचार और नई तकनीकों का लाभ उठाना और बीमारी को समाप्त करने के लिए सरकार के समग्र दृष्टिकोण को अपनाना शामिल होगा।

भारत ने हाल के वर्षों में मलेरिया उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है और वैश्विक स्तर पर इसकी सराहना की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ‘हाई बर्डन टू हाई इम्पैक्ट’ पहल का हिस्सा रहने वाले उन 11 देशों में से केवल भारत ने कोविड-19 महामारी की सर्वाधिक प्रभाव के दौरान मलेरिया के मामलों में गिरावट दर्ज की है। वर्ष 2015 से 2022 तक मलेरिया के मामलों में 85.1 प्रतिशत और और मृत्यु में 83.6 प्रतिशत की गिरावट आई है।

सम्मेलन की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल करेंगे। इस कार्यक्रम में मिजोरम के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण, डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह, क्षेत्रीय निदेशक, विश्व स्वास्थ्य संगठन, एसईएआरओ, एपीएलएमए सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्री शामिल होंगे। सोलोमन द्वीप के महामहिम स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कुल्विक तोगमना और फिजी गणराज्य के महामहिम स्वास्थ्य मंत्री डॉ. एटोनियो लालबालावु भी इस सम्मेलन में भाग लेने वालों में शामिल हैं। विभिन्न सरकारी विभागों, विकास भागीदारों और कॉरपोरेट्स के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे।

पनबिजली परियोजना को लेकर सतर्क है...सरकार 

पनबिजली परियोजना को लेकर सतर्क है...सरकार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि भारत में प्रवेश से पहले चीनी इलाके में ब्रह्मपुत्र नदी पर 60 हजार मेगावाट क्षमता की पड़ोसी देश की पनबिजली परियोजना को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क है और इस पर पैनी नजर बनाये हुए है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के कारण भारतीय हित प्रभावित न हों, इसे लेकर सरकार पूरी तरह से जागरूक है। शेखावत ने कहा, ‘‘ चीन पहले लगातार इस बात से इंकार करता रहा है कि इस तरह की उसकी कोई बांध परियोजना है। लेकिन गत दो-तीन वर्षों में, पहले वहां की सरकारी कंपनी ‘पावर चाइना’ ने और बाद में वहां की सरकार ने अपनी पंचवर्षीय योजना में इस बात का उल्लेख किया है।’’

उन्होंने कहा कि पहले ‘पावर चाइना’ ने और बाद में वहां की सरकार ने अपनी पंचवर्षीय योजना में उल्लेख किया कि ब्रह्मपुत्र नदी जहां पर भारत में प्रवेश करती है, उससे पहले ऊपरी इलाके में कई तरह के ढांचे खड़े कर 60 हजार मेगावाट पनबिजली पैदा की जायेगी। शेखावत ने कहा, ‘‘ भारत सरकार निरंतर इस विषय पर पैनी नजर रखे हुए है और भारत के हितों पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े, इसके लिए हर संभव कदम उठाने के लिए जागरूक भी हैं और आगे काम भी करेंगे।’’

गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में कई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि चीन, अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बड़ी पनबिजली परियोजना का निर्माण कर रहा है। चीन की सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के हवाले से वर्ष 2021 में कहा गया था कि चीन की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की वर्ष 2021 में हुई बैठक में 14वीं पंचवर्षीय योजना को मंजूरी दी गई थी।चौदहवीं पंचवर्षीय योजना में ब्रह्मपुत्र नदी की धारा पर बांध बनाना शामिल था। ब्रह्मपुत्र को तिब्बत में यारलुंग सांगपो कहा जाता है, जिस पर बांध बनाने का प्रस्ताव किया गया था। इस पर भारत और बांग्लादेश ने चिंता जताई थी। चीन ने इस तरह की चिंताओं को दूर करते हुए कहा था कि वह उनके हितों को ध्यान में रखेगा।

वर्ष 2022 में संसद में पेश जल संसाधन संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, समिति को विदेश मंत्रालय द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्य धारा पर तीन जल विद्युत परियोजनाओं को चीनी प्राधिकार ने मंजूरी दी है। समिति को यह भी बताया गया था कि ब्रह्मपुत्र नदी पर विकास संबंधी कार्यों को लेकर भारत जैसे देशों के हितों को सुनिश्चित करने के लिये चीनी प्रशासन के समक्ष लगातार विचार एवं चिंताएं व्यक्त की जाती रही हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने बताया था कि जल विद्युत परियोजना ‘रन ऑफ द रिवर’ (नदी के प्रवाह के साथ) पर है और इसमें ब्रह्मपुत्र नदी का जल विभाजन शामिल नहीं है। हालांकि, संसदीय समिति ने आशंका व्यक्त की थी कि पानी को तालाबों में संग्रहित किया जा सकता है और टर्बाइन चलाने के लिए छोड़ा जा सकता है, जिससे कुछ समस्याएं हो सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान 30 दिनों तक रोजा रखा: खान

गर्भावस्था के दौरान 30 दिनों तक रोजा रखा: खान

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड को अलविदा कह चुकी सना खान, पति मुफ्ती अनस सैयद के साथ अपने पहले बच्चे का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। सना ने हाल ही में खुलासा किया कि उन्होंने रमजान के पवित्र महीने के दौरान पूरे 30 दिनों तक रोजा रखा। सना खान ने कहा कि उन्होंने अपनी प्रेग्नेंसी के ट्राइमेस्टर के दौरान काफी आसानी से रोजा किया और यह भी बताया कि वह इस हालत में भी वो क्यों रोजा रखना चाहती थीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सना खान की डिलेवरी जून 2023 में आने वाली हैं। अप्रैल में उन्हें पहली बार बेबी बंप फ्लॉन्ट करते हुए देखा गया था। एक इंटरव्यू के दौरान, सना खान ने खुलासा किया कि वह हर साल अपने पति मुफ्ती अनस सैयद के साथ सऊदी अरब में ईद मनाती थीं, लेकिन इस बार उन्होंने इसे मुंबई में मनाया। सना खान ने तीसरे ट्राइमेस्टर में रोजा के बारे में भी बात की और कहा कि वह अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान भी रोजा रखना चाहती थीं क्योंकि एक विशेष अनुष्ठान होता है। कहा जाता है कि अगर कोई प्रेग्नेंसी के दौरान भी रोजा रखता हो तो उसे बाकी लोगों की तुलना में दोगुना फल मिलता है। 
सना खान ने कहा, "हर साल, मैं त्योहार के लिए अपने पति के साथ सऊदी में होती थी। इस साल, मैं ईद के लिए घर पर ही हूं। आमतौर पर हम खाना बनाते हैं, दावत देते हैं और आनंद लेते हैं, जो हम मुंबई में करेंगे।" इस बार मैं रोजा रखना चाहती थी। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप गर्भवती हैं तो उपवास दो लोगों के लिए गिने जाते हैं। इसलिए, 30 रोजे का मतलब गर्भवती महिला के लिए 60 रोजे हैं।

सना खान ने गर्भावस्था के दौरान उपवास के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा, "जब भी मैं अपने कजिन को प्रेग्नेंसी के दौरान रोजा करते हुए देखती थी, तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं उसी स्थान पर रह पाऊंगी। सच में मैंने प्रेग्नेंसी के 5-6 महीने उल्टी की है। मैं रमजान के दौरान ऐसा अनुभव न करने के लिए प्रार्थना करती रही। मेरे ससुराल वाले और पति भी निश्चित नहीं थे कि मुझे यह करना चाहिए, लेकिन मैं चाहती थी और मेरे तीसरे ट्राइमेस्टर के दौरान मुझे ज्यादा क्रेविंग नहीं हुई, इसलिए मैं रोजा कर पाई।"

पोंजी ऐप पर शिकंजा कसने की तैयारी: मंत्रालय 

पोंजी ऐप पर शिकंजा कसने की तैयारी: मंत्रालय 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि उनका मंत्रालय पोंजी ऐप पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि भोले-भाले निवेशकों की गाढ़ी कमाई को बचाने के लिए इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) तथा रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।सीतारमण ने पोंजी ऐप के खिलाफ निवेशकों को आगाह करते हुए कहा कि उन्हें भी सावधानी बरतनी चाहिए और आकर्षक प्रतिफल के बहकावे में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे ऐप भी हैं, जो लोगों तक पहुंच रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि हम यह कर सकते हैं, हम ऐसा कर सकते हैं। आपको इतना पैसा दिलाएंगे।’’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘उनमें से कई पोंजी हैं। इन पर शिकंजा कसने के लिए हम इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’’ पोंजी योजना निवेशकों के साथ धोखाधड़ी है, जिसमें नए निवेशकों से जुटाए धन से पुराने निवेशकों को पैसा दिया जाता है, और कुछ समय के बाद यह योजना पूरी तरह से डूब जाती है। उन्होंने कर्नाटक के तुमकुरु में एक कार्यक्रम में कहा कि निवेशकों को भी अपनी मेहनत की कमाई की रक्षा करनी चाहिए और इस संबंध में सावधानी के साथ फैसला करना चाहिए।

2019 का चुनाव जीतने के लिए हमलों का इस्तेमाल

2019 का चुनाव जीतने के लिए हमलों का इस्तेमाल

इकबाल अंसारी 

अगरतला। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने रविवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव जीतने के लिए किया था। माणिक ने यह दावा जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद किया है। मलिक ने आरोप लगाया था कि पुलवामा आतंकी हमला व्यवस्था की विफलता का परिणाम था, जिसमें व्यापक सुरक्षा और खुफिया खामियां शामिल हैं। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को एक आत्मघाती हमलावर द्वारा आतंकी हमला किया गया था, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे।

माणिक सरकार ने यहां पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, माहौल का इस्तेमाल कर, उसने (भाजपा) 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और घटना के समय जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक अब इस बारे में बोल रहे हैं। बालाकोट की घटना के ठीक बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने संदेह व्यक्त करते हुए कहा था कि उस साल अप्रैल-मई में हुए आम चुनाव से पहले बेरोजगारी जैसे अन्य ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस घटना के पीछे एक गहरी साजिश थी।

भारत के युद्धक विमानों ने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी की थी। मलिक के साक्षात्कार पर हैरानी जताते हुए माणिक ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रायचौधरी ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है। माणिक ने कहा, पूर्व राज्यपाल के साक्षात्कार देने के बाद मैं सोच रहा था कि उन्हें सीबीआई द्वारा बुलाया जाएगा और यह सही साबित हुआ, क्योंकि उन्हें कथित बीमा घोटाले से संबंधित एक मामले में संघीय जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मलिक से जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। सात महीने में यह दूसरी बार है जब विभिन्न राज्यों के राज्यपाल रह चुके मलिक से संघीय एजेंसी पूछताछ करेगी। बिहार, जम्मू कश्मीर, गोवा और अंत में मेघालय में राज्यपाल रहे मलिक से पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई अधिकारियों ने पूछताछ की थी।

मलिक द्वारा द वायर को एक साक्षात्कार दिए जाने के बमुश्किल एक हफ्ते बाद सीबीआई ने यह कदम उठाया। साक्षात्कार में मलिक ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी की थी, विशेष रूप से जम्मू कश्मीर के मामले से निपटने के संबंध में, जहां उन्होंने तत्कालीन राज्य के दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजन से पहले अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया था।

माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य ने कहा कि देश ने पहली बार ऐसी प्रतिक्रियावादी सरकार को देखा है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर लोग एक साथ आते हैं, तो भाजपा को हराया जा सकता है। माणिक ने कहा, त्रिपुरा में हाल के विधानसभा चुनावों में 60 प्रतिशत मतदाताओं ने उनका (भाजपा) समर्थन नहीं किया। खुले तौर पर भाजपा की आलोचना करने वाली टिपरा मोथा ने भाजपा की चुनाव जीतने में मदद की।

कई चर्चित हस्तियों का 'ब्लू टिक' बहाल किया: ट्विटर 

कई चर्चित हस्तियों का 'ब्लू टिक' बहाल किया: ट्विटर 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। सोशल मीडिया मंच ट्विटर ने करोड़ों फॉलोअर्स वाले कई चर्चित हस्तियों (सेलिब्रिटीज) का ब्लू टिक (वेरिफिकेशन बैज) बहाल कर दिया है। कुछ दिन पहले ही कंपनी ने भुगतान नहीं करने वाले खातों के ब्लू टिक हटा दिए थे। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इसी सप्ताह शाहरुख खान और सलमान खान से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी जैसी चर्चित हस्तियों और राजनीतिज्ञों के ट्विटर खातों से ब्लू टिक हटा दिए गए थे।

ट्विटर के मालिक एलन मस्क की माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने इसी सप्ताह शुल्क नहीं चुकाने वाले खातों के ब्लू टिक हटाने शुरू कर दिए थे। अब कई चर्चित हस्तियों के ट्विटर खातों पर ब्लू टिक आश्चर्यजनक रूप से वापस आ गए हैं। सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे शीर्ष क्रिकेटरों के ब्लू टिक हटा दिए गए थे लेकिन अब उनके ट्विटर खातों पर यह वापस आ गया है। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि क्या इन लोगों द्वारा इसके लिए भुगतान किया गया है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के ट्विटर खाते पर भी ब्लू टिक वापस आ गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने इसके लिए कोई भुगतान नहीं किया है। नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने ब्लू टिक मिलने की खुशी ट्विटर पर ही जाहिर की। ब्लू टिक बहाल करने को लेकर ट्विटर की ओर से हालांकि कोई बयान नहीं आया है। कई ऐसे चर्चित लोगों के ट्विटर खातों पर भी ब्लू टिक बहाल हो गए हैं, जिनका निधन हो चुका है। इनमें चैडविक बोसमैन, कोबे ब्रायंट और माइकल जैक्सन शामिल हैं। 

वित्तमंत्री ने वैश्विक सहमति बनाने पर जोर दिया 

वित्तमंत्री ने वैश्विक सहमति बनाने पर जोर दिया 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/बेंगलुरु। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो के नियमन पर भारत की ओर से किसी तरह के कदम से पहले इसपर वैश्विक सहमति बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इसपर वैश्विक खाका बनाना पड़ सकता है। सभी को मिलकर इसपर काम करना होगा, नहीं तो इसके विनियमन का कोई लाभ नहीं होगा। वित्त मंत्री ने हालांकि कहा कि इसका मतलब ‘वितरित बही-खाता प्रौद्योगिकी’ को नियंत्रित करना नहीं है।

सीतारमण ने कहा, “भारत की जी20 की अध्यक्षता में यह हमारा ही प्रस्ताव था। मुझे खुशी है कि जी20 ने इसे इस वर्ष के अपने एजेंडा में रखा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने क्रिप्टो मुद्रा पर एक परिपत्र दिया है कि किस तरह से यह व्यापक आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। जी20 द्वारा स्थापित वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) एक रिपोर्ट देने के लिए सहमत हो गया है, जिसमें वित्तीय स्थिरता पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।”

उन्होंने कहा, “एफएसबी की रिपोर्ट और आईएमएफ की रिपोर्ट पर जुलाई में जी20 के अंतर्गत वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में चर्चा होगी। उसके बाद सितंबर में भारत में ही जी20 देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों की शिखर बैठक होगी।’’ वित्त मंत्री यहां थिंकर्स फोरम, कर्नाटक के साथ संवाद के दौरान डिजिटल या क्रिप्टो मुद्रा के विनियम से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रही थीं।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...