रविवार, 16 अप्रैल 2023

नगर निकाय चुनाव को लेकर मोहर लगाई: भाजपा 

नगर निकाय चुनाव को लेकर मोहर लगाई: भाजपा 

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। उत्तर प्रदेश के शामली जिले में नगर निकाय चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम के सामने मोहर लगा दी है, जिसमें शामली नगर पालिका से अरविंद संगल, कांधला नगर पालिका से नरेश सैनी के साथ कैराना नगर पालिका से सेठ पाल पर भरोसा जताया है। इस बार 2023 नगर निकाय चुनाव का मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प दिखाई देगा, जिसमें गठबंधन प्रत्याशी इस चुनावी दंगल में पहलवानी करेंगे। इस बार गठबंधन से राष्ट्रीय लोकदल व समाजवादी के साथ-साथ आजाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी एक ही मंच पर दिखाई दे रहे हैं जिसमें आजाद पार्टी का भी इस चुनाव में अच्छा खासा प्रभाव दिखाई देगा। 

जनपद शामली में जिसका भी मुकाबला रहेगा। सिर्फ बीजेपी और गठबंधन प्रत्याशियों के साथ ही चलेगा, जिसमें शामली सदर से करीब पांच प्रत्याशियों ने भाजपा से सिंबल के लिए आवेदन किया हुआ था। भाजपा ने 2007 में हारने वाले व 2012 के चुनाव में जीतने वाले प्रत्याशी अरविंद संगल पर इस बार फिर भरोसा जता लिया है। वहीं दूसरी ओर कांधला नगर पालिका से भाजपा के मजबूत दावेदार नरेश सैनी जो पहले 3 बार चुनाव हार चुके है पर फिर भरोसा जताया है। कैराना में भाजपा ने नए चेहरे सेठपाल पर भरोसा जताया है। प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद जनपद के भाजपा कार्यकर्ता अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए तैयारी में जुट गए हैं।

अतीक हत्याकांड, 5 और लोगों को हिरासत में लिया 

अतीक हत्याकांड, 5 और लोगों को हिरासत में लिया 

बृजेश केसरवानी 

प्रयागराज। अतीक हत्याकांड में मौके से पकड़े गए तीनों शूटर से पूछताछ के बाद पुलिस ने 5 और लोगों को हिरासत में लिया है। गौरतलब है कि बीती रात अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की तीन शूटर्स ने पुलिस हिरासत में ही गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम लगातार काम कर रही है।

भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि इन तीनों शूटर से पूछताछ में 2 लोगों का नाम इस हत्याकांड की साजिश में सामने आया है। इन्हीं तीनों शूटर से पूछताछ के आधार पर यूपी पुलिस ने प्रयागराज के करेली में दबिश देकर 5 और लोगों को हिरासत में लिया है।

शेट्टार ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया

शेट्टार ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरु/सिरसी। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार ने रविवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। लेकिन, अभी उन्होंने भाजपा के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। शेट्टार ने विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी से उनके आवास पर मुलाकात की और श्री हेगड़े से मुलाकत करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अभी सिर्फ विधायक पद से इस्तीफा दिया है। पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से नहीं। शेट्टार ने यह कदम तब उठाया है जब राज्य में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने वाला है और उन्हें हुबली-धारवाड़ सेंट्रल से चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया गया।

जब उनसे अगले कदम के बारे में पूछा गया तो शेट्टार ने कहा कि वह अपने समर्थकों से बातचीत करने के बाद इस पर फैसला करेंगे। शेट्टार की कांग्रेस में शामिल होने की बात पर कहा कि प्रतिद्वंद्वी पार्टी के किसी नेता से अबतक उनसे संपर्क नहीं किया है। इससे पहले हुबली में संवाददाताओं से बात करते हुए शेट्टार ने कहा कि वह भाजपा छोड़ेंगे क्योंकि वहां उनका अपमान हुआ है और कहा कि उन्हें अपने राजनीतिक करियर में कभी उनके साथ ऐसा होने की उम्मीद नहीं की थी। 

हालांकि, उन्होंने चार दशकों तक पार्टी की सेवा करने का अवसर देने के लिए भाजपा के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। शेट्टार ने कहा कि उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया, जैसे कि उन्हें पार्टी में उच्च पद प्रदान करना या परिवार के किसी सदस्य को चुनावी मैदान में उतारना। शेट्टार ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के हवाले से कहा कि अगर उन्हें टिकट नहीं दिया गया, तो राज्य में कम से कम भाजपा के 20 से 25 सीटें प्रभावित होंगी। धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शेट्टार के साथ मैराथन बातचीत की और उन्हें कोई अतिवादी कदम नहीं उठाने की सलाह दी।

'कानून' के हिसाब से दी जानी चाहिए सजा: गांधी 

'कानून' के हिसाब से दी जानी चाहिए सजा: गांधी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि अपराधियों को सख्त सजा मिले, लेकिन सजा कानून के हिसाब से दी जानी चाहिए और इसका सियासी फायदा नहीं लिया जाना चाहिए। वाड्रा ने कहा “हमारे देश का क़ानून संविधान में लिखा गया है, यह क़ानून सर्वोपरि है और अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, मगर देश के क़ानून के तहत होनी चाहिए। किसी भी सियासी मक़सद से क़ानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर भी सख्ती से क़ानून लागू होना चाहिए।”

उन्होंने कहा “ देश में न्याय व्यवस्था और कानून के राज का इकबाल बुलंद हो, यही हम सबकी कोशिश होनी चाहिए।कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा “ किसी भी राजनीतिक उद्देश्य के लिए कानून और न्यायिक प्रक्रिया के शासन को तोड़ना या उसका उल्लंघन करना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। जो ऐसा करता है या ऐसा करने वालों को संरक्षण देता है, उसे भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन पर कानून को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि न्यायिक प्रणाली और कानून के शासन का हर समय अक्षरशः सम्मान हो।

अतीक व अशरफ की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी सस्पेंड

अतीक व अशरफ की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी सस्पेंड

बृजेश केसरवानी 

प्रयागराज। बीती रात पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद से यूपी की सियासत में हलचल है। इसी बीच योगी सरकार ने अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की सुरक्षा में लगे 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही प्रयागराज में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। गौरतलब है कि बीती रात पूर्व सांसद एवं माफिया अतीक अहमद व उसके भाई की तीन युवकों ने पुलिस कस्टडी में ही दनादन गोलियां चला कर हत्या कर दी थी। अतीक अहमद की हत्या के बाद से यूपी में सरगर्मी तेज है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समय भी अफसरों के साथ अपने आवास पर मीटिंग कर रहे हैं। इसी बीच बताया जाता है कि योगी सरकार ने अतीक अहमद व अशरफ की सुरक्षा में लगे 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। प्रयागराज प्रशासन ने अतीक अहमद में उसके भाई की हत्या के बाद से उपजे तनाव के बीच प्रयागराज में इंटरनेट सेवा बंद करा दी है।

अतीक व अशरफ की 'हत्या' पर तीखी प्रतिक्रिया 

अतीक व अशरफ की 'हत्या' पर तीखी प्रतिक्रिया 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने प्रयागराज में माफिया व पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ की हत्या पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था पर अनेक गम्भीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है तथा यह सोचने की बात है कि राज्य का ‘एनकाउंटर प्रदेश’ बन जाना कितना उचित है ? उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मामले में देश की शीर्ष अदालत से उचित कार्रवाई की मांग की है।

रविवार की सुबह बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा, गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या, उमेश पाल जघन्य हत्याकाण्ड की तरह ही, उत्तर प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेक गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है। मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा,  देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय उच्चतम न्यायालय अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे, तो बेहतर।

उन्होंने कहा,  वैसे भी उत्तर प्रदेश में ‘कानून द्वारा कानून के राज’ के बजाय, अब इसका एनकाउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात। माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद (60) और उनके भाई अशरफ की शनिवार रात को कुछ हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी, जब पुलिस दोनों को प्रयागराज में एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रही थी।

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