बुधवार, 12 अप्रैल 2023

सूखे जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार

सूखे जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार

श्रीराम मौर्य 

शिमला/हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार आने वाले दिनों में राज्य में सूखे जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने सभी एजेंसियों को फसलों की स्थिति पर दैनिक रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह से बात की और राज्य के किसानों के लिए मौसम की सटीक जानकारी मुहैया कराने के लिए एक प्रणाली स्थापित करने की योजना तैयार किया गया है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि गर्मी के दिनों में राज्य में पानी का संकट नहीं होगा। पानी की आपूर्ति टैंकरों और अन्य उपलब्ध साधनों से की जाएगी।

उन्होंने कहा, "हिमाचल प्रदेश सरकार निकट भविष्य में सूखे जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।" उन्होंने बताया कि हमीरपुर या कांगड़ा में मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए वेधशालाएं स्थापित की जाएंगी और आदिवासी बहुल किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति जिलों में दो डॉपलर रडार स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को नादौन में डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के निर्माणाधीन परिसर का भी निरीक्षण किया और परियोजना को समय पर पूरा करने के दिशा-निर्देश जारी किए।

विपक्षी दलों को एकजुट कर चुनाव लड़ने का फैसला 

विपक्षी दलों को एकजुट कर चुनाव लड़ने का फैसला 

अकांशु उपाध्याय/अविनाश श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा अन्य नेताओं ने बुधवार को यहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करके सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर चुनाव लड़ने का ऐतिहासिक फैसला लिया। बैठक के बाद गांधी ने इस मुलाकात को ऐतिहासिक बताया और कहा कि विपक्षी दलों के साथ एकता की तरफ बढ़ने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पूछने पर कि किस रणनीति के साथ विपक्षी दल एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो  गांधी ने कहा कि विपक्षी दल एक साथ और एकजुटता के साथ खड़े होंगे और आगे बढना शुरु करेंगे तो स्वत: तय हो जाएगा कि गठबंधन की मजबूती के लिए किस तरह से काम करना है।

उन्होंने कहा कि जब सभी दलों के नेता एक साथ मिलकर बैठेंगे और एकजुटता के साथ आगे बढ़ेंगे तो ये विचार स्वत: आना शुरु हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल देश के लिए एकजुट हो रहे हैं और मिलकर देश की समस्याओं का समाधान करेंगे। इस बीच सूत्रों का कहना है कि इस महीने के आखिर तक विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक हो सकती है जिसमें विपक्षी एकता को एकजुट करने का मिलकर प्रयास किया जाएगा। बैठक में जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार, पार्टी अध्यक्ष लल्लन सिह, राष्ट्रीय जनता दल-राजद नेता तेजस्वी यादव, मनोज झा सहित कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया।

खड़गे ने कहा “संविधान सुरक्षित रखेंगे और लोकतंत्र बचाएंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा अन्य नेताओं से मुलाक़ात करके, जनता की आवाज़ को एक साथ उठाने और देश को नई दिशा देने का संकल्प दोहराया गया। आज हमारी ऐतिहासिक बैठक हुई है। जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई। हम सबने यह निर्णय लिया है कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट करेंगे और मिलकर आने वाला आम चुनाव मिलकर लड़ेगे।कुमार ने कहा विपक्षी दलों को जितना हो सके एकजुट करेंगे और सब मिलकर आगे बढेंगे।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-181, (वर्ष-06)

2. बृहस्पतिवार, अप्रैल 13, 2023

3. शक-1944, बैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम- 33+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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मंगलवार, 11 अप्रैल 2023

पाठशाला में निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर लगाया

पाठशाला में निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर लगाया


क्षेत्र के गाँव ककौर कला में ग्राम सेवा संगठन ने लगाया निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर समाजसेवी ने किया शिशिर का उद्घाटन

छपरौली। क्षेत्र के गाँव ककौर कला में ग्राम सेवा संगठन द्वारा ए.डी.के. जैन नेत्र अस्पताल खेकड़ा के सहयोग से कन्या पाठशाला में निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर लगाया गया। शिविर में 250 मरीजों के आँखों की जांच की गई। मोतियाबिंद व अन्य गंभीर नेत्र रोगों से पीड़ित 22 मरीजों को ए.डी.के. जैन अस्पताल खेकड़ा के लिए रेफर किया गया है। जहाँ इन मरीजों के लाने-लेजाने व ऑपरेशन और ईलाज की निशुल्क व्यवस्था की गई है। कैंप का उद्घाटन करते हुए समाजसेवी आर.आर.डी. ने कहा मानवता ही दुनिया के सभी धर्मों का धर्म है और जीवों की सेवा ही मानवता है। किसी भूखे को भोजन करने या प्यासे को पानी पिलाने से जितना पुण्य प्राप्त होता है। किसी मरीज की सेवा करना उससे भी अधिक पुण्य का कार्य है।

विशिष्ट अतिथि अनंगपाल आर्य ने कहा, कि किसी की आँखों में दुनिया को देखने की क्षमता देना पुण्य ही नहीं, अद्भुत व पवित्र कार्य है। समाज में सकारात्मक विचार देने वाली संस्था केवल समाज सेवा ही नहीं राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रही है। इस अवसर पर प्रेमपाल, प्रधानाचार्य अनंगपाल आर्य, प्रधानाचार्य अमित कुमार हुड्डा, चेयरमैन प्रदीप उपाध्याय, प्रधानाचार्य योगेन्द्र सरोहा, प्रधानाचार्य विकास कुमार, प्रधानाचार्य मोहन शर्मा, प्रधान प्रतिनिधि सचिन सरोहा, डॉ०सुमित, डॉ०स्वाति धामा, डॉ. संजय शर्मा, डॉ. आसिफ, अंकित, फिरोज़, सोनू, रवि कुमार, दीपक रोहिल्ला, मनोज पांचाल, सोनू कुमार, डॉ. रामकुमार, चंदकीराम हवलदार, डॉ. यशवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।

सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं सरकारी कर्मचारी 

सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं सरकारी कर्मचारी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि सरकारी कर्मचारी सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं, भले ही वे वित्तीय लाभ लेने के अगले ही दिन सेवानिवृत्त क्यों न हो रहे हों। सार्वजनिक क्षेत्र की कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लि. (केपीटीसीएल) की अपील पर न्यायालय ने यह फैसला सुनाया। कंपनी ने याचिका में कर्नाटक उच्च न्यायालय की खंडपीठ के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि सेवानिवृत्त होने के एक दिन पहले भी सरकारी कर्मचारी सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं। न्यायाधीश एम आर शाह और न्यायाधीश सी टी रविकुमार की पीठ ने केपीटीसीएल की याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘‘ अपीलकर्ता (केपीटीसीएल) की ओर से यह दलील दी गयी है कि वार्षिक वेतनवृद्धि प्रोत्साहन के रूप में है और एक कर्मचारी को अच्छा प्रदर्शन करने के लिये प्रोत्साहित करने को लेकर है।

इसीलिए, जब वह सेवा में नहीं है, तो वार्षिक वेतनवृद्धि का कोई सवाल ही नहीं है। इस दलील का कोई मतलब नहीं है।’’ शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के अलग-अलग विचारों को संज्ञान में लिया और इस कानूनी प्रश्न पर निर्णय सुनाया कि क्या एक कर्मचारी के वेतन में उस स्थिति में वार्षिक वृद्धि होनी चाहिए कि वह यह लाभ लेने के अगले दिन ही सेवानिवृत्त हो रहा है। ऐसी स्थिति में क्या वह इसका हकदार है या नहीं। पीठ ने कर्नाटक विद्युत बोर्ड कर्मचारी सेवा विनियमन, 1997 के नियम 40(1) पर विस्तार से विचार किया और वार्षिक वेतनवृद्धि प्रदान करने के पीछे की सोच और उद्देश्य का विश्लेषण किया। 

न्यायालय ने कहा, ‘‘एक सरकारी कर्मचारी को एक वर्ष की सेवा प्रदान करने के दौरान उसके अच्छे आचरण के आधार पर वार्षिक वेतनवृद्धि प्रदान की जाती है। अच्छे आचरण वाले अधिकारियों को सालाना वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाता है... वास्तव में एक वर्ष या निर्धारित अवधि में अच्छे आचरण के साथ सेवा प्रदान करने के लिये वेतनवृद्धि अर्जित की जाती है। वार्षिक वेतनवृद्धि के लाभ की पात्रता पहले से प्रदान की गई सेवा के कारण है।’’ 

पीठ ने कहा कि केवल इस कारण से कि एक सरकारी कर्मचारी अगले ही दिन सेवानिवृत्त हो रहा है, उसे पिछले वर्ष में अच्छे आचरण और दक्षता के साथ सेवा प्रदान करने के बाद अर्जित वार्षिक वेतनवृद्धि से वंचित नहीं किया जा सकता है। इससे पहले, उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था। खंड पीठ ने उस आदेश को खारिज कर दिया था। 

जिन लोगों ने ढांचे को तोड़ा, वे हिंदू थे: पाटिल 

जिन लोगों ने ढांचे को तोड़ा, वे हिंदू थे: पाटिल 

कविता गर्ग 

मुंबई। बाबरी मस्जिद विध्वंस में शिवसेना के एक भी कार्यकर्ता के शामिल नहीं होने का दावा करने के एक दिन बाद महाराष्ट्र के मंत्री एवं भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने ढांचे को तोड़ा, वे हिंदू थे और उन्हें शिव सैनिकों या भाजपा सदस्यों के रूप में बाँटा नहीं जा सकता है। पाटिल के बयान के बाद शिवेसना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को या तो अपने पद से हट जाना चाहिए या फिर पाटिल से उनके बयान को लेकर इस्तीफा मांगना चाहिए। पाटिल ने दावा किया कि उनके बयान को लेकर उठे विवाद के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने उन्हें मंगलवार सुबह फोन किया और उन्हें स्पष्टीकरण देने को कहा।

भाजपा नेता पाटिल ने मंगलवार को पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसी ने भी ‘कारसेवा’ (बाबरी ढांचे को गिराने के लिए आंदोलन) में अपनी पार्टियों के सदस्यों के रूप में भाग नहीं लिया बल्कि हिंदुओं के रूप में शामिल हुए। विध्वंस के समय (दिसंबर 1992 में) शिवसेना कार्यकर्ताओं और गैर-शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच कोई भेद नहीं था। सभी ने हिंदुओं के रूप में भाग लिया।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी विध्वंस में भाग नहीं लिया, पाटिल ने कहा, ‘‘न तो भाजपा और न ही शिवसेना (तब अविभाजित) वहां मौजूद थी। सभी विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में हिंदुओं के रूप में मौजूद थे।’’ पाटिल ने पूछा, ‘‘क्या इसका मतलब यह है कि शिवसेना ने विध्वंस में भाग नहीं लिया?’’

मंत्री ने कहा, ‘‘सतीश प्रधान (अविभाजित शिवसेना के नेता) जैसे नेता भी राम जन्मभूमि आंदोलन का हिस्सा थे, लेकिन इसका नेतृत्व हमेशा विहिप और उसके नेता (दिवंगत) अशोक सिंघल ने किया। दिवंगत आनंद दिघे (वरिष्ठ शिवसैनिक और मुख्यमंत्री शिंदे के राजनीतिक गुरु) ने ठाणे से अयोध्या के लिए सोने की ईंट भेजी थी।’’ भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि एक मराठी समाचार चैनल द्वारा सोमवार शाम जारी किए गए उनके साक्षात्कार के दौरान उनका इरादा किसी भी तरह से शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का अपमान करने का नहीं था। उल्लेखनीय है कि शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने कई बार कहा था कि अगर उनके किसी शिवसैनिक ने ढांचे के विध्वंस में भाग लिया था, तो उन्हें गर्व है।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...