मंगलवार, 11 अप्रैल 2023

सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं सरकारी कर्मचारी 

सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं सरकारी कर्मचारी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि सरकारी कर्मचारी सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं, भले ही वे वित्तीय लाभ लेने के अगले ही दिन सेवानिवृत्त क्यों न हो रहे हों। सार्वजनिक क्षेत्र की कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लि. (केपीटीसीएल) की अपील पर न्यायालय ने यह फैसला सुनाया। कंपनी ने याचिका में कर्नाटक उच्च न्यायालय की खंडपीठ के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि सेवानिवृत्त होने के एक दिन पहले भी सरकारी कर्मचारी सालाना वेतनवृद्धि के हकदार हैं। न्यायाधीश एम आर शाह और न्यायाधीश सी टी रविकुमार की पीठ ने केपीटीसीएल की याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘‘ अपीलकर्ता (केपीटीसीएल) की ओर से यह दलील दी गयी है कि वार्षिक वेतनवृद्धि प्रोत्साहन के रूप में है और एक कर्मचारी को अच्छा प्रदर्शन करने के लिये प्रोत्साहित करने को लेकर है।

इसीलिए, जब वह सेवा में नहीं है, तो वार्षिक वेतनवृद्धि का कोई सवाल ही नहीं है। इस दलील का कोई मतलब नहीं है।’’ शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के अलग-अलग विचारों को संज्ञान में लिया और इस कानूनी प्रश्न पर निर्णय सुनाया कि क्या एक कर्मचारी के वेतन में उस स्थिति में वार्षिक वृद्धि होनी चाहिए कि वह यह लाभ लेने के अगले दिन ही सेवानिवृत्त हो रहा है। ऐसी स्थिति में क्या वह इसका हकदार है या नहीं। पीठ ने कर्नाटक विद्युत बोर्ड कर्मचारी सेवा विनियमन, 1997 के नियम 40(1) पर विस्तार से विचार किया और वार्षिक वेतनवृद्धि प्रदान करने के पीछे की सोच और उद्देश्य का विश्लेषण किया। 

न्यायालय ने कहा, ‘‘एक सरकारी कर्मचारी को एक वर्ष की सेवा प्रदान करने के दौरान उसके अच्छे आचरण के आधार पर वार्षिक वेतनवृद्धि प्रदान की जाती है। अच्छे आचरण वाले अधिकारियों को सालाना वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाता है... वास्तव में एक वर्ष या निर्धारित अवधि में अच्छे आचरण के साथ सेवा प्रदान करने के लिये वेतनवृद्धि अर्जित की जाती है। वार्षिक वेतनवृद्धि के लाभ की पात्रता पहले से प्रदान की गई सेवा के कारण है।’’ 

पीठ ने कहा कि केवल इस कारण से कि एक सरकारी कर्मचारी अगले ही दिन सेवानिवृत्त हो रहा है, उसे पिछले वर्ष में अच्छे आचरण और दक्षता के साथ सेवा प्रदान करने के बाद अर्जित वार्षिक वेतनवृद्धि से वंचित नहीं किया जा सकता है। इससे पहले, उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था। खंड पीठ ने उस आदेश को खारिज कर दिया था। 

जिन लोगों ने ढांचे को तोड़ा, वे हिंदू थे: पाटिल 

जिन लोगों ने ढांचे को तोड़ा, वे हिंदू थे: पाटिल 

कविता गर्ग 

मुंबई। बाबरी मस्जिद विध्वंस में शिवसेना के एक भी कार्यकर्ता के शामिल नहीं होने का दावा करने के एक दिन बाद महाराष्ट्र के मंत्री एवं भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने ढांचे को तोड़ा, वे हिंदू थे और उन्हें शिव सैनिकों या भाजपा सदस्यों के रूप में बाँटा नहीं जा सकता है। पाटिल के बयान के बाद शिवेसना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को या तो अपने पद से हट जाना चाहिए या फिर पाटिल से उनके बयान को लेकर इस्तीफा मांगना चाहिए। पाटिल ने दावा किया कि उनके बयान को लेकर उठे विवाद के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने उन्हें मंगलवार सुबह फोन किया और उन्हें स्पष्टीकरण देने को कहा।

भाजपा नेता पाटिल ने मंगलवार को पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसी ने भी ‘कारसेवा’ (बाबरी ढांचे को गिराने के लिए आंदोलन) में अपनी पार्टियों के सदस्यों के रूप में भाग नहीं लिया बल्कि हिंदुओं के रूप में शामिल हुए। विध्वंस के समय (दिसंबर 1992 में) शिवसेना कार्यकर्ताओं और गैर-शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच कोई भेद नहीं था। सभी ने हिंदुओं के रूप में भाग लिया।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी विध्वंस में भाग नहीं लिया, पाटिल ने कहा, ‘‘न तो भाजपा और न ही शिवसेना (तब अविभाजित) वहां मौजूद थी। सभी विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में हिंदुओं के रूप में मौजूद थे।’’ पाटिल ने पूछा, ‘‘क्या इसका मतलब यह है कि शिवसेना ने विध्वंस में भाग नहीं लिया?’’

मंत्री ने कहा, ‘‘सतीश प्रधान (अविभाजित शिवसेना के नेता) जैसे नेता भी राम जन्मभूमि आंदोलन का हिस्सा थे, लेकिन इसका नेतृत्व हमेशा विहिप और उसके नेता (दिवंगत) अशोक सिंघल ने किया। दिवंगत आनंद दिघे (वरिष्ठ शिवसैनिक और मुख्यमंत्री शिंदे के राजनीतिक गुरु) ने ठाणे से अयोध्या के लिए सोने की ईंट भेजी थी।’’ भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि एक मराठी समाचार चैनल द्वारा सोमवार शाम जारी किए गए उनके साक्षात्कार के दौरान उनका इरादा किसी भी तरह से शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का अपमान करने का नहीं था। उल्लेखनीय है कि शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने कई बार कहा था कि अगर उनके किसी शिवसैनिक ने ढांचे के विध्वंस में भाग लिया था, तो उन्हें गर्व है।

एडिशन जीप व जीप मेरिडियन अपलेंड लॉन्च, घोषणा 

एडिशन जीप व जीप मेरिडियन अपलेंड लॉन्च, घोषणा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। जीप इंडिया ने अपनी प्रीमियम एसयूवी ब्रांड जीप मेरिडियन के दो लिमिटेड स्पेशल एडिशन जीप मेरिडियन एक्स और जीप मेरिडियन अपलेंड लॉन्च करने की घोषणा की है जिसकी शुरूआती एक्स शोरूम कीमत 32.95 लाख रुपये है। कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि स्पेशल एडिशन नई स्टाइलिंग और एक्सेसरी पैक के साथ जीप ब्रांड की प्रसिद्ध 4गुना4 क्षमता देता हैं जो जीप मेरिडियन की स्टाइल को और निखारता है। स्पेशल एडिशन दो अतिरिक्त रंगों सिल्वर मून और गैलेक्सी ब्लू में भी उपलब्ध है।

स्पेशल एडिशन विशिष्ट रूप देने के साथ ग्राहकों को उनकी शैली और व्यक्तित्व के आधार पर एक वैरिएंट का चयन करने का विकल्प प्रदान करेगा। 'अर्बन फोकस्ड' जीप मेरिडियन एक्स को उन ग्राहकों के लिए डिजाइन किया गया है जो परिष्कृतता और भव्यता की ख़ोज कर रहे हैं और एक प्रीमियम अर्बन ड्राइव अनुभव की उम्मीद करते हैं। यह एडिशन एसयूवी के अपमार्केट फील को बढ़ाते हुए अधिक प्रीमियम और परिष्कृत अनुभव प्रदान करेगा। जीप मेरिडियन एक्स स्टाइलिश बॉडी कलर लोअर, ग्रे रूफ और ग्रे पॉकेट के साथ अलॉय व्हील देता है। इसके अलावा, यह साइड मोल्डिंग, पडल लैंप्स जैसे बाहरी मॉडिफिकेशन और एम्बिएंट लाइटिंग जैसे इंटीरियर मॉडिफिकेशन देता है।

इसके अलावा, दोनों वेरिएंट के खरीदारों को बिक्री मूल्य के 50 प्रतिशत पर रियर एंटरटेनमेंट पैकेज की पेशकश की जाएगी। 'एडवेंचर ओरिएंटेड जीप मेरिडियन अपलैंड' ऐसे लोगों के लिए है जो 'कहीं पर भी जाना, कुछ भी करना' चाहते हैं। यह उन लोगों के लिए है, जो अलग-अलग इलाकों में ड्राइव करना चाहते हैं और अपने जुनून को फॉलो करते हुए रोमांचकारी अनुभव लेते हैं।

इसमें स्प्लैश गार्ड्स, बूट ऑर्गनाइज़र, प्रीमियम फुटस्टेप्स, सनशेड्स, स्पेशल केबिन, कार्गो मैट्स और टायर इन्फ्लेटर के अलावा हुड डेकल और रूफ कैरियर जैसे बाहरी मॉडिफिकेशन शामिल हैं। यह एसयूवी 10.8 सेकंड में 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है और 198 किमी प्रति घंटा की टॉप स्पीड तक जा सकती है। जीप मेरिडियन स्पेशल एडिशन की डिलीवरी अप्रैल 2023 के दूसरे पखवाड़े से शुरू की जाएगी।

'भ्रष्टाचार' के मामलों में कार्रवाई की मांग, अनशन

'भ्रष्टाचार' के मामलों में कार्रवाई की मांग, अनशन

नरेश राघानी 

जयपुर। राजस्‍थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई चेतावनी को दरकिनार करते हुए मंगलवार को पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर यहां एक दिवसीय ‘अनशन’ किया। पायलट ने यहां शहीद स्मारक पर पूर्वाह्न 11 बजे से शाम चार बजे तक पांच घंटे का मौन अनशन किया। इसके बाद पायलट ने संवाददाताओं से कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई होगी। इस अनशन के साथ ही पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ नए सिरे से मोर्चा खोल दिया है। दिसंबर 2018 में राज्‍य में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से ही इन दोनों नेताओं में खींचतान जारी है।

कांग्रेस के सत्ता में आने के समय पायलट राजस्‍थान प्रदेश कांग्रेस के अध्‍यक्ष थे। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा दी गई चेतावनी से व‍िचलि‍त हुए बिना पायलट मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे यहां शहीद स्‍मारक पर धरने पर बैठे। धरना स्‍थल पर बड़ी संख्या में पायलट समर्थक मौजूद रहे, हालांकि पार्टी का कोई बड़ा चेहरा या मौजूदा विधायक वहां नजर नहीं आया। पायलट ने मौजूदा विधायकों से इस कार्यक्रम में नहीं आने को कहा था। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध, जिन्होंने हाल ही में ब्रिटेन में टिप्पणी के लिए राहुल गांधी को निशाना बनाया, वह भी अनशन स्थल पर मौजूद थे। पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक के अलावा अजमेर और पूर्वी राजस्थान से आए कई अन्य नेता और कार्यकर्ता भी शहीद स्मारक में मौजूद थे। इस अनशन के लिए शहीद स्मारक के पास एक तंबू लगाया गया। वहां बनाए गए छोटे से मंच पर केवल पायलट बैठे।

उनके समर्थक व अन्‍य कार्यकर्ता आसपास नीचे बैठे। मंच के पास महात्‍मा गांधी एवं ज्‍योतिबा फुले की तस्‍वीरें रखी गईं। मंच के पीछे केवल महात्‍मा गांधी की फोटो के साथ ‘वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्‍टाचार के विरुद्ध अनशन’ लिखा है। लाउडस्‍पीकर पर अलग अलग देशभक्ति गाने बजाए गए। शहीद स्मारक पर पहुंचने से पहले पायलट अपने आवास से 22 गोदाम सर्किल पहुंचे और वहां समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। अनशन शाम चार बजे समाप्‍त हुआ।

अनशन स्‍थल से रवाना होने से पहले पायलट ने मीडिया से कहा,‘‘भ्रष्‍टाचार के खिलाफ यह संघर्ष जारी रहेगा।’’ उन्‍होंने कहा कि 2018 के आखिर में सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने तत्‍कालीन भाजपा सरकार के भ्रष्‍टाचार को उजागर किया था और लोगों को आश्‍वस्‍त किया था कि अगर कांग्रेस सरकार में आई तो इन मामलों में कार्रवाई करेगी। पायलट के अनुसार हालांकि मौजूदा कांग्रेस सरकार का चार साल से अधिक का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। पायलट ने कहा,‘‘ मैं चाहता था क‍ि उक्त मामलों में कार्रवाई हो लेकिन पत्र लिखने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। मैंने कई पत्र लिखे मुख्‍यमंत्री जी को।

आज इसी लिए अनशन रखा कि वसुंधरा (राजे) जी के कार्यकाल में जो तमाम गड़बड़ घोटाले हुए, जिन घोटालों व भ्रष्‍टाचार का उजागर करने के लिए हम लोग सड़कों पर उतरे, जेलों में गए थे हमने आंदोलन किए ... हमें सरकार में आए चार से अधिक का समय बीत गया मैं उम्‍मीद करता था कि कार्रवाई होगी लेकिन कार्रवाई हुई नहीं। इसलिए आज मैंने उस सरकार के भ्रष्‍टाचार के जो मामले थे उस पर कार्रवाई हो इसको लेकर अनशन रखा।’’ पायलट ने कहा,‘‘ मैं उम्‍मीद करता हूं क‍ि कार्रवाई होगी।’’

उल्‍लेखनीय है कि पायलट ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामलों में राज्‍य की मौजूदा अशोक गहलोत नीत सरकार द्वारा कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर एक दिवसीय अनशन करने की घोषणा की थी। वहीं, कांग्रेस ने पायलट के इस कदम को ‘पार्टी विरोधी’ करार दिया है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का एक बयान सोमवार देर रात जारी किया गया था जिसके अनुसार, ‘‘पायलट का अनशन पार्टी के हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है।’’ रंधावा ने कहा, ‘‘अगर अपनी ही पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के साथ उन्हें कोई समस्‍या है तो मीड‍िया और जनता के बजाय पार्टी के मंच पर चर्चा की जा सकती है।’’

इसके साथ ही रंधावा ने कहा क‍ि पायलट ने कभी उनसे ऐसे मुद्दे पर चर्चा नहीं की। वहीं भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘राजस्थान कांग्रेस में घमासान सड़कों पर आया। गहलोत सरकार में महिलाओं पर अत्याचार, दलित शोषण, खान घोटालों और पेपर लीक घोटाले में कांग्रेस जन मौन क्यों हैं? पुजारी और संतों की मौत का जिम्मेदार कौन, तुष्टिकरण के मामलों से बहुसंख्यकों की विरोधी सरकार की दुर्गति निश्चित है।’’

कांग्रेस में गुटबाजी के बीच पायलट के इस कदम को विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में नेतृत्व के मुद्दे को हल करने के लिए पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। उल्‍लेखनीय है कि गहलोत और पायलट में यह खींचतान दिसंबर 2018 में सरकार गठन के दौरान मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू हुई थी। तब पार्टी आलाकमान ने गहलोत को तीसरी बार मुख्‍यमंत्री पद द‍िया जबक‍ि पायलट को उपमुख्‍यमंत्री बनाया।

जुलाई 2020 में पायलट ने कुछ और विधायकों के साथ गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। इसके बाद राज्‍य में लगभग एक महीने तक राजनीतिक संकट रहा जो पार्टी आलाकमान की ओर से पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया था। पायलट मांग करते रहे हैं कि पार्टी नेतृत्व उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई करे।

लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकी गिरफ्तार किए: बल

लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकी गिरफ्तार किए: बल

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर/बारामूला। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि गिरफ्तार किये गये आतंकवादियों के खुलासे पर हथियार और गोला बारूद भी बरामद किया गया है। पुलिस ने बताया कि विश्वसनीय सूचना के आधार पर बारामूला पुलिस, सेना 29 राष्ट्रीय रायफल (आरआर) और सशस्त्र सीमा बल की दूसरी बटालियन के संयुक्त बलों ने पट्टन इलाके में इस आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया।

उन्होंने बताया कि लश्कर के गिरफ्तार आतंकवादियों की पहचान पार मोहल्ला पट्टन निवासी फारूक अहमद पारा और चिंकीपोरा, सोपोर निवासी सायमा बशीर के रूप में की गयी है। आतंकवादियों के पास से एक पिस्तौल, पिस्तौल की दो मैगजीन, पिस्तौल के पांच राउंड, पांच आईईडी और करीब दो किलोग्राम का एक रिमोट कंट्रोल चालित शक्तिशाली विस्फोटक बरामद किया गया है।

उन्होंने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों ने खुलासा किया कि वे दोनों वूसन पट्टन के एक सक्रिय लश्कर आतंकवादी आबिद कयूम लोन के सहयोगियों के रूप में काम कर रहे थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 'रुपया' 81.96 पर खुला

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 'रुपया' 81.96 पर खुला

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/मुंबई/वाशिंगटन डीसी। घरेलू शेयर बाजार में तेजी और अमेरिकी डॉलर में कमजोरी का लाभ कच्चे तेल के दामों में मजबूती की वजह से नहीं मिल सका और इस वजह से मंगलवार को शुरुआती सौदों में रुपये ने सीमित दायरे में कारोबार किया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 'रुपया' 81.96 पर खुला। शुरुआती सौदों में घरेलू मुद्रा ने 82.09 के निचले स्तर को छुआ।

रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.99 पर बंद हुआ था। इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 102.35 पर आ गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.64 प्रतिशत की मजबूती के साथ 84.72 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 882.52 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

गांधी की टिप्पणी को ‘भ्रामक बयान’ करार दिया

गांधी की टिप्पणी को ‘भ्रामक बयान’ करार दिया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने मंगलवार को लोकतंत्र और संस्थानों की स्वतंत्रता पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की टिप्पणी को ‘उच्च स्तरीय अनैतिकता वाला भ्रामक बयान’ करार दिया। रिजिजू का यह तंज कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘हर शक्ति का दुरुपयोग’ करने संबंधी आरोप लगाए जाने के बाद आया।

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने विपक्षी एकजुटता की पैरवी करते हुए अंग्रेजी के प्रमुख अखबार ‘द हिन्दू’ में प्रकाशित एक लेख में कहा कि उनकी पार्टी संविधान की रक्षा के लिए समान विचार वाले सभी दलों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह आरोप भी लगाया कि सरकार भारतीय लोकतंत्र के तीनों स्तंभों... विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित तरीके से खत्म करने का काम कर रही है और उसके कदम लोकतंत्र के प्रति 'गहरे तिरस्कार' को दर्शाते हैं।

रीजीजू ने ट्विटर पर सोनिया गांधी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘‘श्रीमती सोनिया गांधी लोकतंत्र के बारे में व्याख्यान दे रही हैं? कांग्रेस पार्टी की ओर से न्यायपालिका की स्वतंत्रता के बारे में बात करना उच्च स्तरीय अनैतिकता वाला भ्रामक बयान है।’’

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...