'सीजेआई' के अधिकार के साथ खिलवाड़ न करें
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को गहरी नाराजगी में एक वकील को चेतावनी दी कि वह (वकील) उनके (सीजेआई के) अधिकार के साथ खिलवाड़ न करें। एक वकील द्वारा किसी मामले की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष उल्लेख (मेंशनिंग) के दौरान सीजेआई ने अपना आपा खो दिया और कहा, ‘‘मेरे अधिकार से खिलवाड़ न करें।’’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ न्यायिक कार्यवाही के दौरान शायद ही कभी अपना आपा खोते होंगे, लेकिन आज वह वकील के व्यवहार को लेकर काफी नाराज हो गये। हुआ यूं कि जब वकील ने पहली बार अपने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की तो उन्हें (वकील को) यह बताया गया कि इसे 17 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा, इसके बावजूद वकील ने किसी अन्य पीठ के समक्ष मामले के उल्लेख की स्वतंत्रता मांगी तो सीजेआई नाराज हो गए।
वकील ने कहा, ‘‘अगर इजाजत हो तो क्या मैं दूसरी पीठ के सामने इस मामले का उल्लेख कर सकता हूं।’’ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “मेरे साथ यह खेल मत खेलिए। आप जल्दी सुनवाई के लिए पहले यहां तथा फिर कहीं और इसका उल्लेख नहीं कर सकते हैं। पीठ के मिजाज को भांपते हुए वकील ने खेद व्यक्त किया और कहा कि उन्हें अपनी दलीलों के लिए माफ किया जाना चाहिए। सीजेआई ने सख्ती कहा, ‘‘हां, आपको माफ कर रहे हैं, लेकिन मेरे अधिकार के साथ खिलवाड़ न करें।’’ इसके बाद वह तत्काल सुनवाई के अनुरोध वाले अन्य मामलों पर विचार करने के लिये आगे बढ़े।