शुक्रवार, 7 अप्रैल 2023

नियमों में '‘सख्त'' संशोधन, चिंतित है 'ईजीआई'

नियमों में '‘सख्त'' संशोधन, चिंतित है 'ईजीआई'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने शुक्रवार को कहा कि वह सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में उन ‘‘सख्त’’ संशोधनों से ‘‘बहुत चिंतित’’ है, जिसमें फर्जी समाचारों को तय करने का ‘‘पूर्ण जिम्मा’’ सरकार को दिया गया है। गिल्ड ने यहां एक बयान में सरकार से सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियमों को वापस लेने और मीडिया संगठनों तथा प्रेस निकायों के साथ परामर्श करने का आग्रह किया, जैसा कि उसने पहले वादा किया था।

गिल्ड ने कहा कि नियमों के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने खुद को एक ‘‘फैक्ट चेक यूनिट’’ गठित करने की शक्ति दे दी है, जिसके पास ‘‘केंद्र सरकार के किसी भी काम’’ के संबंध में ‘‘फर्जी या गलत या भ्रामक’’ क्या है, यह निर्धारित करने के लिए व्यापक शक्तियां होंगी। उसने कहा कि मंत्रालय ने खुद को ‘मध्यस्थों’ (सोशल मीडिया मध्यस्थों, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और अन्य सेवा प्रदाताओं सहित) को इस तरह की सामग्री को प्रचारित नहीं करने के लिए निर्देश जारी करने का अधिकार भी दिया है।

बयान में कहा गया है, ‘‘असल में, सरकार ने खुद को अपने स्वयं के काम के संबंध में, कोई खबर फर्जी है या नहीं, यह निर्धारित करने और इसे हटाने का आदेश देने के लिए पूर्ण शक्ति दी है।’’ एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि इस तरह की ‘फैक्ट चेकिंग यूनिट’ के लिए नियामक तंत्र क्या होगा, इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया है और न ही इसमें न्यायिक निरीक्षण, अपील करने का अधिकार, या श्रेया सिंघल बनाम भारत संघ मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा सामग्री को हटाने या सोशल मीडिया हैंडल को ‘ब्लॉक’ करने के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करने का प्रस्ताव है।

बयान में कहा गया है, ‘‘यह सब नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है और सेंसरशिप के समान है।’’ गिल्ड ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि मंत्रालय ने इस संशोधन को बिना किसी सार्थक चर्चा के अधिसूचित कर दिया। गिल्ड ने कहा, ‘‘इसलिए इस तरह के सख्त नियमों संबंधी मंत्रालय की अधिसूचना चिंता की बात है। गिल्ड फिर से मंत्रालय से इस अधिसूचना को वापस लेने और मीडिया संगठनों और प्रेस निकायों के साथ परामर्श करने का आग्रह करता है।’

'वित्तीय लाभ’ वाले राज्य में तब्दील हुआ पंजाब 

'वित्तीय लाभ’ वाले राज्य में तब्दील हुआ पंजाब 

अमित शर्मा 

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि आम आदमी की सरकार के अथक और ईमानदार यत्नों स्वरूप व्यापक स्तर पर राजस्व पैदा हुआ है। जिससे पंजाब ’वित्तीय घाटे’ से ’वित्तीय लाभ’ वाले राज्य में तब्दील हो गया है। पंजाब भवन में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें हमेशा ही अपने निजी हित पूरे करने के लिए सोचती थीं। जबकि, उनकी सरकार ने राज्य के राजस्व में विस्तार करने के लिए सभी चोर- दरवाजे बंद कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत संतोषजनक बात है कि इन यत्नों के सार्थक नतीजे सामने आए हैं। क्योंकि राज्य अधिक से अधिक राजस्व पैदा करने के समर्थ हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे राज्य सरकार ने तीन महीनों की देरी के साथ आबकारी नीति अमल में लाई थी परन्तु इससे राज्य को 8841 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि यह राजस्व पिछले वर्ष की अपेक्षा 2587 करोड़ रुपए अधिक है, जोकि लगभग 41.41 प्रतिशत अधिक बनता है। भगवंत मान ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए 9754 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है और अपने निरंतर यत्नों स्वरूप इस लक्ष्य को भी पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने पहली बार राज्य में ज़ीरो टैक्स वाला बजट पेश किया है। उन्होंने कहा कि यह अपनी किस्म की पहली जनहितैषी पहलकदमी है, जो लोगों की भलाई यकीनी बनाऐगी। भगवंत मान ने प्रण करते हुये कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास और यहाँ के लोगों की खुशहाली के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।

एक और अहम प्राप्ति पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जी. एस. टी. की वसूली में भारी बढ़ोतरी हुयी है। उन्होंने कहा कि पहले पंजाब जी. एस. टी. की वसूली में सबसे बुरा प्रदर्शन कर रहा था परन्तु अब 16.6 प्रतिशत के वृद्धि के साथ राज्य जी. एस. टी. कुलैकशन में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है। भगवंत मान ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में 18126 करोड़ रुपए जी. एस. टी. राजस्व एकत्रित हुआ है। जबकि उससे पिछले वर्ष 15542 करोड़ रुपए एकत्रित हुए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अलग नवीन प्रयास करते हुए ज़मीन- जायदाद की रजिस्ट्रेशन के लिए स्टैंप ड्यूटी पर 2.25 प्रतिशत की छूट देने का नया तजुर्बा किया। उन्होंने कहा कि इससे मार्च महीने में राजस्व वसूली में नया रिकार्ड पैदा हुआ है।

इसकी मिसाल देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी महीने में 339 करोड़ रुपए का राजस्व पैदा हुआ था जबकि मार्च महीने में यह राजस्व बढ़ कर 658.68 करोड़ रुपए हो गया। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के लोगों ख़ास कर खेती से जुड़े लोगों के सुझाव पर अब यह छूट 30 अप्रैल तक बड़ा दी गई है। मान ने कहा कि इससे पहले राज्य सरकारों की गलत नीतियों के कारण पीएसपीसीएल को घाटे वाला संस्थान माना जाता था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के इस संस्थान को मज़बूत करने के लिए बेमिसाल पहलकदमियां की हैं। भगवंत मान ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार सरकार ने 20,200 करोड़ रुपए की बकाया सब्सिडी जारी की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस सब्सिडी में से 9063.79 करोड़ रुपए कृषि सैक्टर को, 8285.90 करोड़ रुपए घरेलू खपतकारों के लिए सब्सिडी के तौर पर और 2911 करोड़ रुपए औद्योगिक सैक्टर को दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को पिछली सरकारों से पीएलपीसीएल का 9020 करोड़ रुपए का कर्ज़ विरासत में मिला था और राज्य सरकार 1894 करोड़ रुपए की पाँच किश्तों के द्वारा यह कर्ज़ भी वापस कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 3538 नौजवानों को पावरकॉम में नौकरियां दीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के अथक यत्नों स्वरूप राज्य में बिजली उत्पादन में कई गुणा विस्तार हुआ है।

उन्होंने कहा कि झारखंड कोयला खाने से कोयले की निर्विघ्न सप्लाई शुरू हो चुकी है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब देश में अतिरिक्त बिजली वाला राज्य बनने की तरफ बढ़ रहा है। उन्होने दोहराया कि राज्य सरकार केंद्र से ग्रामीण विकास फंड का बकाया लेने के लिए अदालत में जाने की संभावनाएं तलाश रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आर. डी. एफ. के तहत 30,000 करोड़ रुपए के फंडों को रोक कर राज्य को अनावश्यक परेशान कर रही है।

भगवंत मान ने कहा कि चाहे राज्य सरकार ने फंड हासिल करने के लिए सारी औपचारिक कार्यवाही पूरी कर ली है परन्तु फिर भी केंद्र सरकार ने राज्य के जायज़ फंडों को जानबूझ कर रोक दिया है, जो राज्य के साथ सरासर बेइन्साफ़ी है। राज्य सरकार की तरफ से जनहितैषी पहलकदमियां गिनाते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने अब तक राज्य के 28,000 से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियां दीं हैं।

उन्होंने कहा कि इस समूची भर्ती प्रक्रिया में चयन का एकमात्र मापदंड केवल मेरिट है और समूची प्रक्रिया पारदर्शी ढंग के साथ यकीनी बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ़ एक वर्ष में इतनी बड़ी संख्या में नौकरियाँ, नौजवानों की भलाई यकीनी बनाने और उनके लिए रोज़गार के नये रास्ते खोलने के लिए राज्य सरकार की वचनबद्धता दर्शाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को बड़ी राहत देते हुये राज्य सरकार ने किसानों को फ़सलों के हुए नुकसान के लिए मुआवज़े में 25 प्रतिशत वृद्धि का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अगर नुकसान 75 प्रतिशत से कम होता है तो पहले मिलते 5400 रुपए के मुकाबले अब 6800 रुपए प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जायेगा और यदि 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ तो पहले मिलते 12000 रुपए प्रति एकड़ के मुकाबले राज्य सरकार किसानों को 15,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवज़ा देगी। भगवंत मान ने कहा कि उनका मकसद किसानों की भलाई हर कीमत पर यकीनी बनाना है। राज्य में विशेष गिरदावरी करवाई जा रही है और वैसाखी तक मुआवज़ा वितरित कर दिया जाएगा। 

विश्वसनीयता का दूसरा नाम 'खरगे' है: सिद्धू

विश्वसनीयता का दूसरा नाम 'खरगे' है: सिद्धू

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की और कहा कि विश्वसनीयता का दूसरा नाम 'खरगे' है। खरगे से मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। उनमें सकारात्मक ऊर्जा है और पार्टी के लिए मूल्यवान हैं।’’ खरगे के साथ सिद्धू की मुलाकात के समय कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश भी मौजूद थे। सिद्धू ने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात की।

उन्होंने बृहस्पतिवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा से मुलाकात की थी। सिद्धू 1988 के एक ‘रोडरेज’ मामले में करीब 10 महीने की कैद की सजा काटने के बाद शनिवार को पटियाला केंद्रीय कारागार से बाहर आएं थे।

क्या ‘आतंकवादी या राष्ट्र-विरोधी' हैं मुफ्ती ?

क्या ‘आतंकवादी या राष्ट्र-विरोधी' हैं मुफ्ती ?

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में पढ़ाई के लिए दो साल की अवधि का "देश-विशिष्ट पासपोर्ट" जारी होने के बाद शुक्रवार को सवाल किया कि क्या वह ‘आतंकवादी या राष्ट्र-विरोधी' हैं। इल्तिजा ने जम्मू कश्मीर पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की प्रतिकूल रिपोर्ट के कारण पासपोर्ट के लिए अपना आवेदन मंजूर नहीं होने के बाद फरवरी में जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय का रुख किया था। उनके पासपोर्ट की अवधि दो जनवरी को समाप्त हो गई थी और उन्होंने पिछले साल आठ जून को नए सिरे से आवेदन किया था। उच्च न्यायालय ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) को इस मामले को देखने का निर्देश दिया था।

आरपीओ द्वारा अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को लिखे गए एक पत्र के अनुसार, उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद इल्तिजा को एक पासपोर्ट जारी किया गया है जो पांच अप्रैल, 2023 से चार अप्रैल, 2025 तक वैध है। इल्तिजा ने शुक्रवार को यहां पीडीपी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कश्मीर के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी दविंदर कुमार और सीआईडी ने न्यायपालिका को गुमराह किया है।

मुझे जारी किया गया पासपोर्ट दो साल की अवधि का है और इसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यह केवल संयुक्त अरब अमीरात के लिए वैध है।’’ इल्तिजा ने कहा कि यह एक "सशर्त पासपोर्ट" है। उन्होंने कहा कि वह एक "भारतीय और कानून का पालन करने वाली नागरिक" हैं और उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा है। इल्तिजा ने दावा किया, ‘‘लेकिन, यहां तक कि दो साल का पासपोर्ट जारी करने के लिए भी मेरे खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम लागू किया गया है। यह अधिनियम आमतौर पर जासूसी के लिए लागू किया जाता है।’’ इल्तिजा ने सवाल किया, ‘‘क्या मैं फरार हूं? क्या मैं नीरव मोदी हूं, क्या मैं आतंकवादी हूं, क्या मैं देशद्रोही हूं कि मुझे सजा दी जा रही है?

अगर मैं केंद्र सरकार के बारे में बोलूं, तो क्या यह देश के खिलाफ बोलने जैसा है? आखिर मेरी ग़लती क्या है?’’ पीडीपी प्रमुख की बेटी ने आरोप लगाया कि उनके साथ एक अपराधी जैसा व्यवहार किया जा रहा है, "जैसे कि मैंने बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लिया है और नहीं चुकाया है।" उन्होंने कहा कि "अपनी याचिका वापस लेने के दबाव" के बावजूद वह अदालत में अपनी लड़ाई जारी रखेंगी। इल्तिजा ने कहा कि सरकार उनके परिवार का एक उदाहरण पेश करना चाहती है ‘‘ताकि लोगों को अपनी आवाज उठाने से रोका जा सके’’। 

समाज के पिछड़ेपन को दूर करने की जरूरत 

समाज के पिछड़ेपन को दूर करने की जरूरत 

अकांशु उपाध्याय/नरेश राघानी 

नई दिल्ली/जयपुर। राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डा. मोहनराव भागवत ने पीछे रह गए वर्ग के पिछड़ेपन को दूर करने पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि समाज को सभी को समान मानकर इस पिछड़ेपन को दूर करना होगा। उन्होंने सेवा को मनुष्‍यत्‍व की स्‍वाभाविक अभिव्‍यक्ति भी बताया। वह जयपुर के जामडोली में केशव विद्यापीठ में राष्ट्रीय सेवा भारती के सेवा संगम के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा, ‘‘ हमारे समाज का केवल एक अंग पीछे नहीं है बल्कि उसके कारण हम सब लोग पिछड़ गए हैं। हमें यह पिछड़ापन दूर करना है। हमें सभी को समान, अपने जैसा मानकर सेवा के माध्यम से उन्हें अपने जैसा बनाना है। हम इसके लिए संकल्‍प ले सकते हैं, सेवा कर सकते हैं।’’ भागवत ने कहा,‘‘ हम सभी मिलकर समाज हैं। यदि हम एक नहीं है तो हम अधूरे हो जाएंगे। यदि सभी एक-दूसरे के साथ हैं तभी हम पूर्ण बनेंगे। लेकिन दुर्भाग्‍य से यह विषमता आई है। हमको यह विषमता नहीं चाहिए।’’ उन्‍होंने कहा,‘‘ हम अपना-अपना काम करते होंगे। काम के अनुसार रूप-रंग भले ही न‍िराला होता होगा। लेक‍िन हम सब में एक ही प्राण है। समाज का एक अंग उपेक्षित हो- यह कैसे हो सकता है।

यदि देश को विश्‍व गुरु बनाना है तो इसका मतलब है कि वह सर्वांग परिपूर्ण होना चाहिए। उसका प्रत्‍येक अंग सामर्थय संपन्‍न होना चाहिए। समाज में इसकी आवश्‍यकता है क्‍योंकि यह समाज मेरा अपना है। ’’ उन्‍होंने कहा, ‘‘ हमारा संकल्‍प हो कि मेरे समाज का, मेरे राष्‍ट्र का कोई अंग दुर्बल, पिछड़ा, नीचा नहीं रहे। काम के बंटवारे के आधार पर मेरा उसका कुछ अलग हो सकता है, लेकिन हम सब समान हैं।

मेरा कार्य जितना उच्‍च एवं महत्‍वपूर्ण है, उसका काम भी उतना ही महत्‍वपूर्ण एवं उच्‍च है। श्रम की प्रतिष्‍ठा सर्वत्र है और कोई भेद नहीं।’’ उन्‍होंने कहा कि सेवा स्‍वस्‍थ समाज बनाती है लेकिन स्‍वस्‍थ समाज को बनाने के लिए पहले वह पहले हमको स्‍वस्‍थ करती है। भागवत ने कहा,’ सेवा मनुष्‍य के मनुष्‍यत्‍व की स्‍वाभाविक अभिव्‍य‍क्ति है।’’ कार्यक्रम में पीरामल समूह के चेयरमैन अजय पीरामल मुख्य अतिथि थे जबकि संत बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज ने आशीर्वचन दिया। सेवा भारती के इस तीन दिवसीय संगम में देश भर से 800 से अधिक स्वैच्छिक सेवा संगठनों के हजारों प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-176, (वर्ष-06)

2. शनिवार, अप्रैल 8, 2023

3. शक-1944, चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम- 34+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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