विज्ञान की किताब से कुछ संदर्भों को हटाया, आरोप
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद बिनय विश्वम ने 12वीं कक्षा की राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की राजनीतिक विज्ञान की किताब से कुछ संदर्भों को हटाए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि यह इतिहास, राजनीतिक व्यवस्था और समाज को विकृत करने एवं इनका सांप्रदायीकरण करने का प्रयास है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे पत्र में भाकपा नेता ने कहा है कि इतिहास के कुछ संदर्भों को हटाया जाना बहुत गंभीर विषय है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम इस बात का संकेत है कि ‘सरकार हमारे समाज, राजनीतिक व्यवस्था और इतिहास के आलोचनात्मक विश्लेषण पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है। विश्वम ने यह आरोप भी लगाया, यह इतिहास, राजनीतिक व्यवस्था और समाज को विकृत एवं सांप्रदायीकरण करने का प्रयास है।
उल्लेखनीय है कि एनसीईआरटी की नये शैक्षणिक सत्र के लिए 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में महात्मा गांधी की मौत का देश में सांप्रदायिक स्थिति पर प्रभाव, गांधी की हिन्दू मुस्लिम एकता की अवधारणा ने हिन्दू कट्टरपंथियों को उकसाया, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जैसे संगठनों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध सहित कई पाठ्य अंश नहीं हैं। एनसीईआरटी ने हालांकि यह दावा किया है कि इस वर्ष पाठ्यक्रम में कोई काट-छांट नहीं की गई है और पाठ्यक्रम को पिछले वर्ष जून में युक्तिसंगत बनाया गया था।