गुरुवार, 6 अप्रैल 2023

विज्ञान की किताब से कुछ संदर्भों को हटाया, आरोप

विज्ञान की किताब से कुछ संदर्भों को हटाया, आरोप

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद बिनय विश्वम ने 12वीं कक्षा की राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की राजनीतिक विज्ञान की किताब से कुछ संदर्भों को हटाए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि यह इतिहास, राजनीतिक व्यवस्था और समाज को विकृत करने एवं इनका सांप्रदायीकरण करने का प्रयास है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे पत्र में भाकपा नेता ने कहा है कि इतिहास के कुछ संदर्भों को हटाया जाना बहुत गंभीर विषय है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम इस बात का संकेत है कि ‘सरकार हमारे समाज, राजनीतिक व्यवस्था और इतिहास के आलोचनात्मक विश्लेषण पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है। विश्वम ने यह आरोप भी लगाया, यह इतिहास, राजनीतिक व्यवस्था और समाज को विकृत एवं सांप्रदायीकरण करने का प्रयास है।

उल्लेखनीय है कि एनसीईआरटी की नये शैक्षणिक सत्र के लिए 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में महात्मा गांधी की मौत का देश में सांप्रदायिक स्थिति पर प्रभाव, गांधी की हिन्दू मुस्लिम एकता की अवधारणा ने हिन्दू कट्टरपंथियों को उकसाया, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जैसे संगठनों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध सहित कई पाठ्य अंश नहीं हैं। एनसीईआरटी ने हालांकि यह दावा किया है कि इस वर्ष पाठ्यक्रम में कोई काट-छांट नहीं की गई है और पाठ्यक्रम को पिछले वर्ष जून में युक्तिसंगत बनाया गया था।

'आप' सरकार की याचिका पर 14 को सुनवाई: एससी 

'आप' सरकार की याचिका पर 14 को सुनवाई: एससी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने की दिल्ली के उपराज्यपाल की सशर्त मंजूरी के खिलाफ दायर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की याचिका पर 14 अप्रैल को सुनवाई करेगा। ‘आप’ सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और इस पर तत्काल सुनवाई की मांग की। 

ए एम सिंघवी ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल यह तय कर रहे हैं कि किन शिक्षकों को भेजना है, कैसे भेजना है और कब भेजना है। यह मामला शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम से संबंधित है।’’ शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम इस मामले पर 14 अप्रैल 2023 को सुनवाई करेंगे।’’ दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सरकारी विद्यालयों में प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को कुछ शर्तों के साथ मार्च में सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। 

उपराज्यपाल ने अपनी मंजूरी देते हुए यह उल्लेख किया था कि अतीत में विदेशों में संचालित किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आकलन के प्रभाव को रिकार्ड में लाने से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नीत सरकार ने इनकार कर दिया। उपराज्यपाल कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा था, ‘‘उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने प्राथमिक (विद्यालय) प्रभारियों को फिनलैंड में प्रशिक्षण दिलाने के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’’ 

उन्होंने कहा था, ‘‘सभी को समतापूर्ण लाभ पहुंचाने के रुख को आगे बढ़ाते हुए उपराज्यपाल ने प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड जाने वाले प्राथमिक शिक्षकों की संख्या 52 से बढ़ा कर 87 कर दी है, ताकि शिक्षा विभाग के सभी 29 प्रशासनिक जोन के प्राथमिक (विद्यालय) प्रभारियों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 29 प्रशासनिक जोन में प्रत्येक से तीन प्रभारियों (कुल 87) का चयन किया जाएगा, जबकि सरकार ने मनमाने तरीके से यह (कुल) संख्या 52 तय की थी।’’ इस मामले को लेकर उपराज्यपाल के कार्यालय और ‘आप’ सरकार के बीच विवाद पैदा हो गया है। ‘आप’ ने सक्सेना पर सरकार के काम में ‘‘दखल’’ देने का आरोप लगाया है।

एक वेब पोर्टल विकसित करने की घोषणा: आरबीआई 

एक वेब पोर्टल विकसित करने की घोषणा: आरबीआई 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों में पड़े अनक्लेम्ड जमा राशि के बारे में एक ही स्थान पर पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक वेब पोर्टल विकसित करने की घोषणा की है। मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को यहां यह घोषणा करते हुए कहा कि सभी बैंकों में जमा अनक्‍लेम्‍ड राशि की जानकारी एक ही जगह मिलेगी। आरबीआई इसके लिए एक वेब पोर्टल बनाएगा जो एआई आधारित होगा।

इस वेब पोर्टल पर खाताधारक कुछ जानकारियां डालकर यह पता लगा सकेंगे कि कहीं उनका पैसा तो किसी बैंक के खाते में नहीं पड़ा है, जिसे अनक्‍लेम्‍ड घोषित किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि सरकारी बैंकों में फरवरी 2023 तक 35,000 करोड़ रुपए ऐसे पड़े थे जिनका कोई दावेदार नहीं है। रिजर्व बैंक के अनुसार, अगर कोई उपभोक्ता अपने खाते से 10 साल तक कोई लेनदेन नहीं करता है तो उस खाते में जमा रकम अनक्लेम्ड हो जाती है।

जिस खाते से लेनदेन नहीं किया जा रहा है, वह निष्क्रिय हो जाता है। रिजर्व बैंक लावारिस डिपॉजिट को डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में डाल देता है। सरकारी बैंकों के 10.24 करोड़ खातों में 35,012 करोड़ रुपये फरवरी 2023 तक जमा थे, जिनको पिछले 10 साल से ऑपरेट नहीं किया गया है। अनक्लेम्‍ड राशि बचत खाता, चालू खाता, फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट खाते में हो सकती है। 

शिकायत निपटान व्यवस्था मजबूत करेगा 'आरबीआई'

शिकायत निपटान व्यवस्था मजबूत करेगा 'आरबीआई'

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लोगों की साख के बारे में सूचना और सेवा देने वाले वित्तीय संस्थानों और कंपनियों को लेकर शिकायत निपटान व्यवस्था मजबूत करेगा। साथ ही ग्राहक सेवा को मजबूत करने एवं उसमें सुधार के लिये एक व्यापक रूपरेखा भी तैयार की जाएगी। कर्ज को लेकर ग्राहकों की साख के बारे में जानकारी देने वाली कंपनियों (सीआईसी) के कामकाज के संबंध में ग्राहकों की शिकायतें बढ़ने के साथ यह निर्णय लिया गया है।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा, ‘‘आरबीआई ने लोगों को उनकी साख के बारे में सूचना और सेवा देने वाले वित्तीय संस्थानों (सीआई) और कंपनियों (सीआईसी) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को लेकर शिकायत निपटान व्यवस्था और ग्राहक सेवा को मजबूत करने एवं उसमें सुधार के लिये एक व्यापक रूपरेखा तैयार करने का निर्णय किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिये सीआईसी को रिजर्व बैंक की एकीकृत ओम्बुड्समैन योजना के दायरे में लाया गया है।’’ इसके अलावा, ‘क्रेडिट’ जानकारी को अद्यतन करने या सुधार में देर होने पर मुआवजा व्यवस्था का भी प्रस्ताव किया गया है।

साथ ही क्रेडिट सूचना कंपनियों से किसी ग्राहक के बारे में साख संबंधी जानकारी प्राप्त करने पर संबंधित ग्राहक को एसएमएस/ईमेल के जरिये सूचित करने का प्रावधान, क्रेडिट संस्थानों से क्रेडिट सूचना कंपनियों को मिलने वाले आंकड़ों के लिये समय सीमा और सीआईसी की वेबसाइट पर प्राप्त ग्राहक शिकायतों की संख्या और प्रकृति से संबंधित जानकारी देने का प्रावधान करने का भी निर्णय किया गया है। दास ने कहा कि इस बारे में विस्तृत दिशानिर्देश जल्द जारी किया जाएगा।

2022-23 में 11.21 करोड़ टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद 

2022-23 में 11.21 करोड़ टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार को 2022-23 में रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है। गौरतलब है कि देश के कुछ हिस्सों में खराब मौसम से फसल को नुकसान के बावजूद सरकार को गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने उम्मीद है। हालांकि, इससे फसल की गुणवत्ता कुछ हद तक प्रभावित हो सकती है। सरकार ने 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 11.21 करोड़ टन का रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। कुछ राज्यों में गर्मी की लहर के कारण इससे पिछले वर्ष में गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 10.77 करोड़ टन रह गया था। चोपड़ा ने कहा, ‘‘पिछले दो सप्ताह में खराब मौसम के कारण गेहूं की फसल को कुछ नुकसान हुआ है।’’

सचिव ने कहा कि मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील दी गई है और केंद्र जल्द ही पंजाब और हरियाणा में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील देने पर विचार करेगा। सरकारी एजेंसी एफसीआई और राज्य एजेंसियां कई राज्यों में खरीद शुरू कर चुकी हैं। केंद्र ने सोमवार को कहा था कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल की बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को लगभग 8-10 प्रतिशत नुकसान होने का अनुमान है। सरकार ने आगे कहा कि देर से बुवाई वाले क्षेत्रों में बेहतर उपज की संभावना से इसकी भरपाई हो सकती है। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-175, (वर्ष-06)

2. शुक्रवार, अप्रैल 7, 2023

3. शक-1944, चैत्र, शुक्ल-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम- 35+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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