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गुरुवार, 6 अप्रैल 2023
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
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1. अंक-175, (वर्ष-06)
2. शुक्रवार, अप्रैल 7, 2023
3. शक-1944, चैत्र, शुक्ल-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2079।
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बुधवार, 5 अप्रैल 2023
'जेपीसी' गठित किए जाने की मांग, सदस्यों का हंगामा
'जेपीसी' गठित किए जाने की मांग, सदस्यों का हंगामा
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। संसद में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामलें की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग करते हुए बुधवार को भी हंगामा किया। जिसके कारण दोनों सदनों में गतिरोध जारी रहा। हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर जबकि राज्यसभा एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजकर 18 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। दोनों ही सदनों में शून्यकाल एवं प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गए। बजट सत्र के 13 मार्च से शुरू हुए दूसरे चरण में दोनों सदनों में लगातार गतिरोध बना हुआ है।
लोकसभा की कार्यवाही आज पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होते ही कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य जेपीसी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे और आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने काले कपड़े पहन रखे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 23 मार्च को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद से कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य विरोध स्वरूप काले कपड़े पहनकर संसद पहुंच रहे हैं। विपक्षी सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं और उन्होंने ‘वी वांट जेपीसी’ के नारे लगाए। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की।
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने 11 बजकर एक मिनट पर ही सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक अपराह्न दो बजे आरंभ हुई तो स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही, पीठासीन सभापति रमा देवी ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। हंगामे के बीच ही केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने ‘तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023’ को सदन में पेश किया। रमा देवी ने विपक्षी सदस्यों से शांत होने और सदन चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने अपराह्न दो बजकर पांच मिनट पर कार्यवाही बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
उधर, राज्यसभा की सुबह बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाना शुरू किया। इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मुद्दों की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। सभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं। इसी बीच, विपक्ष के कुछ सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे।आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह ने अडाणी मुद्दे पर जेपीसी गठित करने की मांग की। सभापति ने उन्हें अपनी सीट पर लौटने को कहा लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने कार्रवाई की चेतावनी दी। हंगामा थमता नहीं देख सभापति ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब चार मिनट के भीतर ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर सदन में वही नजारा देखने को मिला।
सभापति धनखड़ ने सदस्यों को सदन में शांति बनाये रखने को कहा ताकि वह नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा 13 मार्च को उठाये गये व्यवस्था के एक प्रश्न पर अपनी व्यवस्था दे सकें। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है जिस पर व्यवस्था सुनाने के लिए सदन में सामान्य स्थिति बहाल होनी चाहिए। हंगामे के बीच ही सभापति ने नेता प्रतिपक्ष खरगे को अपनी बात रखने का अवसर दिया।
खरगे ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत अपनी बात रखने का प्रयास किया किंतु सरकार उन पर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं। उन्होंने मांग की कि अडाणी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त जांच समिति गठित की जाए। सदन के नेता पीयूष गोयल ने उनकी बात का विरोध करते हुए दावा किया कि खरगे ऐसी बात कर रहे हैं जिसका सदन से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के एक नेता ने देश, सदन और आसन का अपमान किया है।
गोयल ने राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा कि देश, लोकतंत्र और न्यायपालिका को बदनाम करने के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद सभापति धनखड़ ने हंगामे के बीच ही अपनी व्यवस्था दी जिसमें उन्होंने खरगे द्वारा उठाये गये व्यवस्था के प्रश्न को खारिज कर दिया। व्यवस्था के प्रश्न के तहत खरगे ने आसन से राज्यसभा की कार्यवाही में से सदन के नेता गोयल के वक्तव्य के उन अंशों को हटाने की मांग की थी जिसमें राहुल गांधी का नाम लिये बिना उनसे माफी मांगने को कहा गया था। खरगे ने कहा था कि गांधी चूंकि अन्य सदन के नेता हैं, इसलिए उनका परोक्ष रूप से भी उल्लेख नहीं हो सकता है। धनखड़ ने अपनी व्यवस्था में कहा कि सदन के नेता पीयूष गोयल ने अपने वक्तव्य में किसी का भी नाम नहीं लिया था, अत: खरगे की आपत्ति निराधार है। सभापति द्वारा व्यवस्था सुनाये जाने के बाद सदन में हंगामा फिर तेज हो गया।
हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने बैठक को दोपहर दो बजकर 18 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। दोनों सदनों में बजट सत्र के दूसरे चरण में अडाणी समूह से जुड़े मामले में जेपीसी गठित करने की मांग पर विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही लगातार बाधित रही है। संसद में इस दौरान जम्मू कश्मीर का बजट, वित्त विधेयक 2023 और प्रतिस्पर्धा संशोधन विधेयक को बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित किया गया। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू हुआ था। बजट सत्र का दूसरा चरण कल यानी छह अप्रैल तक निर्धारित है।
भारत के 3 प्रमुख राज्यों का दौरा करेंगे 'पीएम'
भारत के 3 प्रमुख राज्यों का दौरा करेंगे 'पीएम'
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आठ से नौ अप्रैल के बीच चुनावी राज्य कर्नाटक सहित दक्षिण भारत के तीन प्रमुख राज्यों का दौरा करेंगे। इस दौरान वह तेलंगाना में 11,300 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, तमिलनाडु में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और कर्नाटक में कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में यह जानकारी दी। पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री आठ अप्रैल को सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे और इसके बाद हैदराबाद के परेड ग्राउंड में एक सार्वजनिक समारोह में भाग लेंगे।
इस समारोह में वह बीबीनगर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखेंगे। वह पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे और रेलवे से संबंधित अन्य विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।पीएमओ ने कहा कि इसी दिन प्रधानमंत्री अपराह्न करीब तीन बजे चेन्नई हवाई अड्डे पहुंचेंगे और वहां नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह एमजीआर चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर चेन्नई-कोयंबटूर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। पीएमओ ने कहा कि वह कार्यक्रम के दौरान अन्य रेल परियोजनाओं का उद्घाटन और हरी झंडी भी दिखाएंगे।
प्रधानमंत्री चेन्नई में श्री रामकृष्ण मठ की 125 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लेंगे और चेन्नई के अलस्ट्रॉम क्रिकेट ग्राउंड में एक सार्वजनिक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान वह कुछ सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और कुछ की आधारशिला रखेंगे। पीएमओ के मुताबिक, अगले दिन नौ अप्रैल को प्रधानमंत्री कर्नाटक में कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। वह सुबह लगभग सवा सात बजे बांदीपुर बाघ अभयारण्य का दौरा करेंगे। वह मुदुमलाई बाघ अभयारण्य में थेप्पाकाडु हाथी शिविर का भी दौरा करेंगे। इस दौरान वह कर्मचारियों से संवाद भी करेंगे।
प्रधानमंत्री 'प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने' पर आयोजित कार्यक्रम का भी उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान वह प्रकाशन 'बाघ संरक्षण के लिए अमृत काल का विजन', बाघ अभयारण्यों के प्रबंधन के पांचवें चक्र की सारांश रिपोर्ट जारी करेंगे, बाघों की संख्या घोषित करेंगे और अखिल भारतीय बाघ अनुमान (पांचवें चक्र) की सारांश रिपोर्ट जारी करेंगे। प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री एक स्मारक सिक्का भी जारी करेंगे।
किसी के मामा या किसान नहीं हो सकतें कमलनाथ
किसी के मामा या किसान नहीं हो सकतें कमलनाथ
मनोज सिंह ठाकुर
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे किसी के मामा या किसान हो ही नहीं सकतें और जनप्रतिनिधियों की हैसियत तो संविधान ने भी बताई है। चौहान ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि उन्हें कमलनाथ पर तरस आता है, कई बार लगता है उनकी उम्र अब हावी हो रही है। अब कमलनाथ कह रहे हैं कि विधायकों की कोई जरूरत नहीं है। लोकतंत्र में चुने हुए जनप्रतिनिधि की हैसियत भी संविधान में बताई गई है, और कांग्रेस भी जानती है कि मुख्यमंत्री विधायक ही चुनते हैं। उन्होंने कमलनाथ के संदर्भ में कहा कि वे शायद पहले भी कहते थे कि उन्हें जरूरत नहीं, तो लोग कांग्रेस से निकल कर आ गए अब फिर अभी से कह रहे हैं कि उन्हें किसी की जरूरत नहीं है।
वे अपने आप को भावी मुख्यमंत्री, अवश्यंभावी सीएम कहलवाते हैं और ये भी कहते हैं कि विधायकों की जरूरत ही नहीं है। अब कांग्रेस का भगवान ही मालिक है। यह उनका अहंकार भी है। मुख्यमंत्री ने इसी संदर्भ में कहा कि कल शायद कमलनाथ ने कहा कि न वे चाय बेचने वाले हैं और न ही मामा हैं। उन्होंने कहा कि मामा तो तुम हो ही नहीं सकते, मामा तो वह होता है, जिसके दिल में बहनों और बेटियों के लिए इज्जत होती है। किसान हो नहीं सकते, क्योंकि किसानों के वादे कभी पूरे नहीं किए, कर्जमाफी का वादा करके मुकर गए। माटी की सौंधी सुगंध वे जानते नहीं। चाय वाला तो कोई गरीब ही हो सकता है।
सोने की चम्मच मुंह में लेकर पैदा होकर कॉरपोरेट राजनीति करने वाले और मौका मिलते ही पूरे प्रदेश को लूटने वाले कैसे चाय वाला हो सकता है। मुख्यमंत्री चौहान समूचे प्रदेश में 'मामा' के संबोधन से पहचाने जाते हैं। विरोधी अक्सर चौहान को निशाने पर लेने के लिए इसी संबोधन का इस्तेमाल करते हैं।
'मसौदा राष्ट्रीय डेटा संचालन' नीति पर विचार-विमर्श पूरा
'मसौदा राष्ट्रीय डेटा संचालन' नीति पर विचार-विमर्श पूरा
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने मसौदा राष्ट्रीय डेटा संचालन नीति पर सार्वजनिक विचार-विमर्श पूरा कर लिया है। जिसका मकसद उभरती हुई प्रौद्योगिकी जरूरतों के अनुरूप डेटा की पहुंच, गुणवत्ता और उपयोग को बढ़ाना है। लोकसभा में श्याम सिंह यादव के प्रश्न के लिखित उत्तर में इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रस्तावित राष्ट्रीय डेटा संचालन नीति का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी और निजी क्षेत्रों की संस्थाओं के गैर व्यक्तिगत और अज्ञात डेटा नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के मकसद से शिक्षाविदों और स्टार्टअप को सुरक्षित रूप से सुलभ होने चाहिए।
वैष्णव ने बताया कि यह डेटा पहुंच और उपयोग को नियंत्रित करने, अंतर-सरकारी डेटा पहुंच को सुव्यवस्थित करने, डेटा की गुणवत्ता और मेटा डेटा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने एवं गुमनाम दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक संस्थागत ढांचा प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि डेटा किसी भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण इनपुट होता है, जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफार्म विकसित किया है।
वर्तमान में विभिन्न केंद्रीय और राज्य विभागों के 6,01,059 डेटा संसाधन इस प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक गठजोड़ (जीपीएआई) का संस्थापक सदस्य है जो 15 जून 2020 को इस पहल में शामिल हुआ था। मंत्री ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने मसौदा राष्ट्रीय डेटा संचालन नीति पर सार्वजनिक विचार-विमर्श पूरा कर लिया है। जिसका मकसद उभरती हुई प्रौद्योगिकी जरूरतों के अनुरूप डेटा की पहुंच, गुणवत्ता और उपयोग को बढ़ाना है।
'वंदे भारत एक्सप्रेस' ट्रेन का विशेष लघु मॉडल प्रदर्शित
'वंदे भारत एक्सप्रेस' ट्रेन का विशेष लघु मॉडल प्रदर्शित
कविता गर्ग
मुंबई/पुणे। महाराष्ट्र में पुणे स्थित ‘जोशीज़ म्यूजियम ऑफ मिनिएचर रेलवे’ में 'वंदे भारत एक्सप्रेस' ट्रेन का एक विशेष लघु मॉडल प्रदर्शित किया गया है। यह मॉडल ट्रेन के बारे में लोगों को जानकारी उपलब्ध कराता है। पुणे के अभिभावक मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने संग्रहालय की स्थापना के 25 साल पूरे होने के मौके पर मंगलवार को संग्रहालय में ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ मॉडल का अनावरण किया।
वर्तमान में संग्रहालय का संचालन करने वाले रवि जोशी ने कहा कि उन्होंने भारतीय रेलवे के वास्तविक चित्रों के आधार पर मॉडल बनाया है। उन्होंने कहा, “ इस स्थिर मॉडल का डिजाइन तैयार करने के दौरान सभी विवरण पर ध्यान दिया गया। ” जोशी के बेटे देवव्रत ने बताया कि 'वंदे भारत' का स्थिर मॉडल तैयार करने में उन्हें तीन महीने लगे। वंदे भारत ट्रेन का संचालन देश में कई मार्गों पर हो रहा है।
पाटिल ने कहा, “ संग्रहालय में दुनिया भर से रेल से संबंधित आकृतियों को प्रदर्शित किया गया है, जो आगंतुकों को काफी ज्ञान प्रदान करता है। 'वंदे भारत' मॉडल का अनावरण विशेष महत्व रखता है क्योंकि भविष्य अब इसी का है।” यह संग्रहालय एक अप्रैल 1998 में शुरु हुआ था।
यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें
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