सोमवार, 3 अप्रैल 2023

17 नगर निगमों में जनता से वोट की अपील: भाजपा 

17 नगर निगमों में जनता से वोट की अपील: भाजपा 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विकास कार्यो की बदौलत सभी 17 नगर निगमों में जनता से वोट की अपील करेगी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि पिछले चुनाव में भाजपा को 14 नगर निगम में जीत मिली थी जबकि आगामी चुनाव में पार्टी विकास कार्यो को गिना कर सभी 17 सीटों पर अपनी जीत का दावा करेगी। इसके लिये तैयारी भी शुरू कर दी गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही सभी नगर निगम क्षेत्रों में प्रबुद्धजनों से संवाद साध चुके हैं। पहली बार महापौर चुनने वाले शाहजहांपुर के लोगों से भी योगी का संवाद हो चुका है। 

उन्होने बताया कि प्रबुद्धजन सम्मेलन के जरिए योगी आदित्यनाथ बरेली में 1459 करोड़, प्रयागराज में 1295 करोड़, अयोध्या में 1057 करोड़, गोरखपुर में 950 करोड़, गाजियाबाद में 878 करोड़, मथुरा-वृंदावन में 822.43 करोड़, मेरठ में 517 करोड़, आगरा में 488 करोड़, मुरादाबाद में 424 करोड़, कानपुर में 388 करोड़, झांसी में 328 करोड़, शाहजहांपुर में 308.18 करोड़, फिरोजाबाद में 269 करोड़, सहारनपुर में 145 करोड़, अलीगढ़ में 86.55 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात एक बार में ही दे चुके हैं। 

पिछली बार नगर निगम की 16 सीटों में से 14 पर भाजपा के महापौर चुने गए थे। अलीगढ़ और मेरठ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जीत हासिल की थी। इस बार शाहजहांपुर में पहली बार वोट पड़ेगा। सूत्रों ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने छह वर्ष में शहरों का अभूतपूर्व विकास कराया है। स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत 10 स्मार्ट सिटीज में 2000 करोड़ से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर व इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम कार्य कर रहे हैं। राज्य स्मार्ट सिटी योजना में अयोध्या, गोरखपुर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन, मेरठ व शाहजहांपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 547 करोड़ की परियोजनाएं चल रही हैं। 14 शहरों में 740 एसी बसें भी संचालित की जा रही हैं। 

छह वर्ष में सरकार का पूरा ध्यान जरूरतमंदों को आवास दिलाने पर रहा। साथ ही शौचालय व स्वच्छता पर भी पूरा ध्यान दिया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 17.62 लाख आवासों का निर्माण कराया गया। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में रेहड़ी-पटरी लगाने वाले 10,33,132 स्ट्रीट वेंडर्स को 1190 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया। छह वर्ष में यूपी खुले में शौच से मुक्त हो चुका है। स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) के अंतर्गत अब तक दो करोड़ से अधिक शौचालय का निर्माण किया जा चुका है। इससे 10 करोड़ से अधिक शहरी लाभान्वित हुए हैं।

आप ने 'भाजपा' मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया

आप ने 'भाजपा' मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने जेल में बंद अपने नेता मनीष सिसोदिया के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए सोमवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। सोमवार को ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने दिल्ली आबकारी घोटाले के मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 17 अप्रैल तक बढ़ा दी। आप के प्रदर्शन के मद्देनजर भाजपा कार्यालय जाने वाली सड़क पर भारी पुलिस बल तैनात था। प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था- ‘मनीष सिसोदिया तुझे सलाम’, ‘मनीष सिसोदिया को रिहा करो’ और ‘जेल के ताले टूटेंगे, मनीष सिसोदिया छूटेंगे।’

आप विधायक कुलदीप कुमार ने कहा, ‘‘मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र में बड़ी क्रांति लाई है। जनता उनके साथ है। जन कल्याण के लिए अपने जीवन समर्पित करने वालों को भाजपा सरकार जेल में डाल देती है। (उद्योगपति गौतम) देश को धोखा देने वाले अडाणी जैसे लोगों को सुरक्षा मिलती है।’’ पार्टी के एक अन्य विधायक प्रवीण कुमार ने आरोप लगाया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आज तक सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत जमा नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी आप से डरी हुई है और इस कोशिश में है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन जेल में रहें। कुमार ने कहा, ‘‘यह प्रतिशोध की राजनीति है। भाजपा विपक्षी नेताओं को जेल में डालकर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती है। ईडी अब प्रवर्तन निदेशालय नहीं रहा। यह भाजपा का चुनाव विभाग (इलेक्शन डिपार्टमेंट) बन गया है।’’

सिसोदिया को सोमवार को विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने जांच एजेंसी के अनुरोध पर पूर्व उपमुख्यमंत्री की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी। सीबीआई ने अदालत को बताया कि घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामलें में जांच महत्वपूर्ण चरण में है। सिसोदिया को 2021-22 के लिए आबकारी नीति तैयार करने और उसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। 

तुच्छ जनहित याचिकाओं को लेकर 'एचसी' का आगाह

तुच्छ जनहित याचिकाओं को लेकर 'एचसी' का आगाह

अकांशु उपाध्याय 

ई दिल्ली। व्यक्तिगत, कारोबारी या राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने वाली तुच्छ जनहित याचिकाओं को लेकर आगाह करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि अदालतों को इस बारे में सावधानीपूर्वक पड़ताल करनी चाहिए, कि क्या संबंधित व्यक्ति का इसके पीछे कोई निजी मकसद या परोक्ष विचार तो नहीं है ?

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने अपने हालिया आदेश में कहा कि इस तरह की जनहित याचिकाएं न केवल न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं और कीमती न्यायिक समय को बेकार करती हैं, बल्कि अन्य संस्थानों की विश्वसनीयता को खतरे में डालने और लोकतंत्र एवं कानून के शासन में जनता के विश्वास को कम करने की क्षमता भी रखती हैं।

इसने कहा, "जनहित याचिका के आकर्षक ब्रांड नाम का इस्तेमाल शरारत के लिए नहीं किया जाना चाहिए" और ये जनहित के वास्तविक मुद्दों पर आधारित होनी चाहिए। पीठ ने कहा कि व्यक्तिगत, कारोबारी या राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने वाली तुच्छ जनहित याचिकाओं को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है और अदालतों को इस बारे में सावधानीपूर्वक पड़ताल करनी चाहिए कि क्या संबंधित व्यक्ति का कोई निजी मकसद या परोक्ष विचार है?

अदालत ने कहा कि जनहित याचिका की अवधारणा अपनी आवाज न उठा सकने वालों के लिए न्याय सुरक्षित करने के औजार के रूप में की गई थी, लेकिन यह अवधारणा तुच्छ जनहित याचिकाओं से प्रभावित हो रही है और इससे काफी अधिक कीमती समय बर्बाद होता है। उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाली एक महिला की शहर में एक कथित अनधिकृत निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए की।

पीएम ने 'भ्रष्टाचार' को सबसे बड़ा रोड़ा करार दिया 

पीएम ने 'भ्रष्टाचार' को सबसे बड़ा रोड़ा करार दिया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार को लोकतंत्र और न्याय की राह में सबसे बड़ा रोड़ा करार देते हुए सोमवार को कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्रमुख जिम्मेदारी भारत को इससे मुक्त कराना है। सीबीआई के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि मौजूदा सरकार में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं है।

उन्होंने कहा कि देश और इसके नागरिकों की इच्छा है कि किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार कोई सामान्य अपराध नहीं होता। भ्रष्टाचार, गरीब से उसका हक छीनता है, अनेक अपराधों को जन्म देता है। भ्रष्टाचार, लोकतंत्र और न्याय के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होता है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने मिशन मोड पर काले धन और बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।

उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचारियों के अलावा हम भ्रष्टाचार के कारणों से भी लड़ रहे हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति में कोई कमी नहीं है। आपको (सीबीआई) कहीं भी हिचकने, कहीं रुकने की जरूरत नहीं है।’’ मोदी ने कहा कि पेशेवर और कुशल संस्थानों के बिना विकसित भारत का निर्माण संभव नहीं है और इसलिए सीबीआई की बड़ी जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई ने अपने काम से, अपने कौशल से सामान्यजन को एक भरोसा दिया है। आज भी जब किसी को लगता है कि कोई केस असाध्य है तो आवाज उठती है कि मामला सीबीआई को दे देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि जहां भी भ्रष्टाचार होता है, युवाओं को समान अवसर नहीं मिलते हैं और केवल एक विशेष पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलता है। भ्रष्टाचार को प्रतिभा का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए मोदी ने कहा कि यह भाई-भतीजावाद और परिवारवाद को प्रोत्साहित करता है।

उन्होंने कहा कि जब ये दोनों बढ़ते हैं, तो देश की ताकत प्रभावित होती है और जब ताकत कमजोर होती है तो इसका असर विकास पर भी पड़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचारियों ने देश का खजाना लूटने का एक और तरीका बना रखा था, जो दशकों से चला आ रहा था और ये था, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से लूट। उन्होंने कहा, ‘‘आज जनधन, आधार, मोबाइल की तिकड़ी से हर लाभार्थी को उसका पूरा हक मिल रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे भारत की आर्थिक शक्ति बढ़ रही है, अड़चनें पैदा करने वाले भी बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘देश के सामाजिक ताने-बाने एकता और भाईचारे के साथ ही उसके आर्थिक हितों व संस्थानों पर भी नित्य प्रहार बढ़ते चले जा रहे है... और इसमें जाहिर तौर पर भ्रष्टाचार का पैसा लगता है। इसलिए हमें अपराध और भ्रष्टाचार की प्रकृति को समझना होगा और इसके कारणों का पता लगाने के लिए जड़ तक पहुंचना होगा।’’

कार्यक्रम के दौरान, विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक और सीबीआई के सर्वश्रेष्ठ जांच अधिकारियों के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों के लिए एक अलंकरण समारोह आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं को पदक प्रदान किए। उन्होंने शिलांग, पुणे और नागपुर स्थित सीबीआई के नवनिर्मित कार्यालय परिसरों का उद्घाटन भी किया। सीबीआई के हीरक जयंती समारोह वर्ष पर प्रधानमंत्री ने एक डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी किया तथा सीबीआई के ट्विटर हैंडल की भी शुरुआत की। सीबीआई की स्थापना भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से 01 अप्रैल, 1963 को जारी एक संकल्प के जरिये की गई थी।

दिल्ली के सरकारी बंगलों में रह रहे हैं 'लुटियंस'

दिल्ली के सरकारी बंगलों में रह रहे हैं 'लुटियंस'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सात निवासी निर्धारित समय पूरा होने के बाद भी ‘‘लुटियंस दिल्ली’’ के सरकारी बंगलों में रह रहे हैं। आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘लुटियंस दिल्ली में विभिन्न पूलों में कुल 520 सरकारी बंगले हैं जिनमें 319 बंगले टाइप सात और 201 बंगले टाइप आठ (श्रेणी के) हैं।’’

मंत्री ने कहा कि सात निवासी इन बंगलों में बिना अनुमति के रह रहे हैं। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) अपनी भूमि को हर प्रकार के अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए नियमित रूप से विध्वंस अभियान चला रह है।

किशोर ने कहा, ‘‘पिछले छह महीनों में, डीडीए द्वारा दक्षिण दिल्ली में 12 विध्वंस अभियान चलाए गए थे और 11.02 एकड़ भूमि को पुन: प्राप्त किया गया तथा किसी भी संपत्ति को सील नहीं किया गया। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-172, (वर्ष-06)

2. मंगलवार, अप्रैल 4, 2023

3. शक-1944, चैत्र, शुक्ल-पक्ष, तिथि-त्रयोदशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 18 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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