शनिवार, 25 मार्च 2023

कड़े फैसले लेने से नहीं हिचकेगी सरकार: केजरीवाल 

कड़े फैसले लेने से नहीं हिचकेगी सरकार: केजरीवाल 

अकांशु उपाध्याय/अमित शर्मा 

नई दिल्ली/जालंधर। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े फैसले लेने से नहीं हिचकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले लोग फरार हैं। केजरीवाल की टिप्पणी अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के तत्वों के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बाद आई है।

डेरा सचखंड बल्लां में श्री गुरु रविदास बानी अध्ययन केंद्र की आधारशिला रखने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ जालंधर में थे, जहां शनिवार को खालिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई शुरू हुई थी। वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में जो भी शांति को भंग करने की कोशिश करेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में आपने देखा कि कैसे कुछ लोगों ने पंजाब में शांति भंग करने की कोशिश की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी भी कीमत पर माहौल खराब नहीं होने देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें पंजाब में शांति, कानून और व्यवस्था बनाए रखना होगा।’’ केजरीवाल ने कहा कि मान के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में शांति बनाए रखने के लिए कड़े फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कभी कभी कड़े फैसले लेने पड़ते हैं। लेकिन अगर पंजाब में भगवंत के नेतृत्व वाली हमारी आप सरकार को कड़े फैसले लेने पड़े तो हम ऐसा करने से हिचकेंगे नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मान साब ने कड़े फैसले लिए, लेकिन एक भी गोली चले बिना और खून बहाये बिना उन्होंने समूचे पंजाब में आज शांति बनाए रखने का काम किया।’’

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-163, (वर्ष-06)

2. रविवार, मार्च 26, 2023

3. शक-1944, चैत्र, शुक्ल-पक्ष, तिथि-पंचमी, विक्रमी सवंत-2079‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 15 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

शुक्रवार, 24 मार्च 2023

नवरात्रि का चौथा दिन मां 'कूष्मांडा' को समर्पित 

नवरात्रि का चौथा दिन मां 'कूष्मांडा' को समर्पित 

सरस्वती उपाध्याय 

इन दिनों शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-आराधना की जाती है। अपनी मंद, हल्की हंसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत भाषा में कूष्मांडा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी मां कूष्माण्डा (कूष्मांडा) कहलाती हैं। 

मां कूष्मांडा की पूजन विधि, मंत्र एवं भोग...

देवी कूष्मांडा की पूजन विधि...

नवरात्रि में इस दिन भी रोज की भांति सबसे पहले कलश की पूजा कर माता कूष्मांडा को नमन करें। 

इस दिन पूजा में बैठने के लिए हरे रंग के आसन का प्रयोग करना बेहतर होता है। 

देवी को लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चूड़ी भी अर्पित करना चाहिए। 

मां कूष्मांडा को इस निवेदन के साथ जल पुष्प अर्पित करें कि, उनके आशीर्वाद से आपका और आपके स्वजनों का स्वास्थ्य अच्छा रहे।

अगर आपके घर में कोई लंबे समय से बीमार है तो इस दिन मां से खास निवेदन कर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए। 


देवी को पूरे मन से फूल, धूप, गंध, भोग चढ़ाएं। 


मां कूष्मांडा को विविध प्रकार के फलों का भोग अपनी क्षमतानुसार लगाएं। 

पूजा के बाद अपने से बड़ों को प्रणाम कर प्रसाद वितरित करें।

देवी कूष्मांडा योग-ध्यान की देवी भी हैं। देवी का यह स्वरूप अन्नपूर्णा का भी है। उदराग्नि को शांत करती हैं। इसलिए, देवी का मानसिक जाप करें। देवी कवच को पांच बार पढ़ना चाहिए।

देवी को प्रसन्न करने के मंत्र...

श्लोक...

सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥


सरल मंत्र- 'ॐ कूष्माण्डायै नम:।।'


मां कूष्मांडा की उपासना का मंत्र...

देवी कूष्मांडा की उपासना इस मंत्र के उच्चारण से की जाती है- कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:

वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्विनीम्॥

मंत्र: या देवि सर्वभूतेषू सृष्टि रूपेण संस्थिता

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:


अर्थ : हे मां! सर्वत्र विराजमान और कूष्माण्डा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे मां, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें।

प्रसाद- माता कूष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद देना चाहिए। इससे माता की कृपा स्वरूप उनके भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है, बुद्धि और कौशल का विकास होता है और इस अपूर्व दान से हर प्रकार का विघ्न दूर हो जाता है।

कौशाम्बी: 'विश्व टीबी दिवस' मनाया, जागरूक 

कौशाम्बी: 'विश्व टीबी दिवस' मनाया, जागरूक 

'विश्व टीबी दिवस' पर विधिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

कौशाम्बी। जनपद में शुक्रवार को 'विश्व टीबी दिवस' मनाया गया। इस दिवस पर सभी स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेन्द्रों पर तपेदिक यानि क्षय रोग के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। इसी क्रम में स्कूलों में प्रभात फेरी निकाली गई। अधिकतर शैक्षणिक संस्थानों में इस बीमारी के लक्षण और इलाज के बारे में जागरूक किया गया। जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुष्पेंद्र ने कहा कि वर्ष 2025 तक जनपद समेत पूरे देश से क्षय रोग समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित है।

इसी क्रम में शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में जागरूकता संबंधी विविध गतिविधियां आयोजित की जा रही है। आज टीबी इकाइयों, डेजिग्नेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर और गांवों में सामुदायिक स्तर पर जनप्रतिनिधियों की अध्यक्षता में रैली गोष्ठी एवं अन्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अब हमारा प्रयास क्षय रोग मुक्त ग्राम पंचायतें बनाना है। उन्होंने कहा कि आज वर्ड टीबी डे मनाने का उद्देश्य ही यही है कि लोगों को इस बीमारी के बारे में पूरी तरह जागरूक किया जाए और लक्षण वाले या संक्रमित व्यक्ति का तत्काल इलाज शुरू किया जाए।

उन्होंने कहा बताया कि इस साल विश्व क्षय रोग दिवस की थीम है, हां! हम टीबी खत्म कर सकते हैं। यह थीम तभी सार्थक होगी। जब इस रोग की समाप्ति के लिए समाज का हर व्यक्ति सहयोग करे। अधिकाधिक लोग निक्षय मित्र के रूप में क्षय रोगियों को गोद लें और उन्हें क्षय रोग से स्वस्थ बनाने में सहयोग करें। उन्होंने बताया कि इसके मद्देनजर अब हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। इन दिवस पर तत्काल जांच और तत्काल इलाज शुरू करने की व्यवस्था है। इससे लोगों को काफी फायदा हो रहा है।

क्षय रोग के नोडल अधिकारी डॉ सनत कुमार  झा ने बताया कि विगत कई वर्षों में क्षय रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या वर्ष 2021 में 2304, वर्ष 2022 में 2517 एवं वर्ष 2023 में अभी तक 673  मरीज चिन्हित किये गए हैं। उन्होंने कहा,  जिसमे एम0डी0आर0 मरीजो की संख्या 78 है। व्यक्ति में क्षय रोग की पुष्टि हो जाने पर मरीज को 500 रुपए पोषण राशि दी जाती है। यह राशि निक्षय योजना के तहत मिलती है। नोडल अधिकारी ने जनपदवासियों से सक्षम लोगों और संस्थाओं से टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की है।

राजकुमार

मुजफ्फरनगर: श्रद्धा के साथ मनाया 'बलिदान' दिवस

मुजफ्फरनगर: श्रद्धा के साथ मनाया 'बलिदान' दिवस


गांधी कॉलोनी मैजिक डांस अकेडमी, राष्ट्रीय पर्व आयोजन  समिति ने श्रद्धा पूर्वक बलिदान दिवस मनाया

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। प्राप्त समाचार के अनुसार, 283 गांधी कॉलोनी गांधी वाटिका के सामने मेन रोड पर स्थित मैजिक डांस एकेडमी ऊपरी मंजिल पर बलिदान दिवस बड़े ही श्रद्धा के साथ मनाया गया। यह जानकारी एकेडमी के संस्थापक डांस कोरियोग्राफर मोहन अरोरा प्रशिक्षित श्यामक डाबर इंटरनेशनल डांस केंद्र मुंबई ने दी है। राष्ट्रीय पर्व आयोजन समिति के प्रदेश अध्यक्ष माननीय इंजीनियर एचo एन o सिंह अधीक्षण अभियंता सिंचाई कार्य मंडल मुरादाबाद के निर्देशानुसार शहीदी दिवस मनाया गया।

डांस कोरियाग्राफर मोहन अरोरा ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मैजिक डांस एकेडमी के सभी डांसर व राष्ट्रीय पर्व आयोजन समिति के सभी पदाधिकारी अधिकारी सदस्य गांधी कॉलोनी मैजिक डांस एकेडमी ऊपरी मंजिल पर पहुंचे। अमर शहीद भगत सिंह, अमर शहीद सुखदेव, अमर शहीद राजगुरु के बलिदान दिवस को बड़े ही प्रेम भाव के साथ मनाया। इसमें मुख्य रूप से सत्यपाल सिंगर गायक सम्राट ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए मुख्य अतिथि( सचिव इंजीनियर क्लब वसंत  गोयल संयुक्त सचिव राष्ट्रीय पर्व आयोजन समिति) इंजीनियर रमेश चंद बंसल, वरिष्ठ समाजसेवी अजय अनेजा , डांस कोरियोग्राफर मोहन अरोरा, राकेश अरोरा पत्रकार , समर्पित युवा समिति  के सदस्य अमित पट पटिया, अक्षय ,शिवानी देशवाल, विशा चौधरी , सरवन  कटारिया, प्राची चौधरी, यश, पियो, अगम, विशाखा , विशाल, श्री राधा कृष्ण वेलफेयर ट्रस्ट रजिस्टर्ड दिव्यांगों को समर्पित संस्था के सभी अधिकारी पदाधिकारी सदस्य भी मौजूद रहे। ट्रस्ट के अध्यक्ष अंजू अरोरा भी मौजूद रही‌।

मैजिक डांस एकेडमी के संस्थापक डांस कोरियोग्राफर मोहन अरोरा ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी का आभार वह धन्यवाद दिया। गायक सम्राट सत्यपाल सिंगर के देशभक्ति गीतों ने देश भक्ति की भावना जागृत कर दी ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य अजय अनेजा ने  अमर शहीद भगत सिंह ,अमर शहीद सुखदेव ,अमर शहीद राजगुरु ,के बलिदान के किस्से सुनाए।

पुरानी और नई पेंशन स्कीम को लेकर खींचतान, फैसला 

पुरानी और नई पेंशन स्कीम को लेकर खींचतान, फैसला 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। पुरानी पेंशन और नई पेंशन स्कीम को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच खींचतान के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। शुक्रवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि हर गैर-बीजेपी शासित राज्यों में विपक्ष ये मुद्दा उछाल रही है वहीं हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन को बड़ा मुद्दा बनाया था और सरकार बनने के बाद इसे लागू करने का ऐलान भी कर दिया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी नई पेंशन स्कीम का रिव्यू करेगी, वित्त मंत्री ने लोकसभा में फाइनेंस बिल पेश किया और हंगामें के बीच ही इस पर वोटिंग हुई। लोकसभा में फाइनेंस बिल को पास करा लिया गया है। देश में एक जनवरी 2004 से एनपीएस यानी नई पेंशन स्कीम लागू है। दोनों पेंशन के कुछ फायदे और कुछ नुकसान भी हैं, पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। क्योंकि पुरानी स्‍कीम में पेंशन का निर्धारण सरकारी कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और महंगाई दर के आंकड़ों के अनुसार होता है। इसके अलावा पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारियों के वेतन से कोई पैसा कटने का प्रावधान नहीं है।

वहीं, पुरानी पेंशन योजना में भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है, सबसे खास बात पुरानी पेंशन स्कीम में हर 6 महीने बाद मिलने वाले डीएक का प्रावधान है, यानी जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है, तो भी इससे पेंशन में बढ़ोतरी होती है।

कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं...

नई पेंशन स्‍कीम का निर्धारण कुल जमा राशि और निवेश पर आए रिटर्न के अनुसार होता है। इसमें कर्मचारी का योगदान उसकी बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी कर्मचारियों को प्राप्त होता है। इतना ही योगदान राज्य सरकार भी देती है। एक मई 2009 से एनपीएस स्कीम सभी के लिए लागू की गई। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी। एनपीएस में कर्मचारियों की सैलरी से 10फीसदी की कटौती की जाती है। पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ की सुविधा होती थी, लेकिन नई स्कीम में इसकी सुविधा नहीं है।

पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय की सैलरी की करीब आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी, जबकि नई पेंशन योजना में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है। क्योंकि पुरानी पेंशन स्कीम एक सुरक्षित योजना है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से होता है, वहीं, नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जिसमें बाजार की चाल के अनुसार, भुगतान किया जाता है। नई पेंशन स्कीम पर रिटर्न अच्‍छा रहा तो प्रोविडेंट फंड और पेंशन की पुरानी स्कीम की तुलना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अच्छा पैसा मिल सकता है। क्योंकि ये शेयर बाजार पर निर्भर रहता है, लेकिन कम रिटर्न की स्थिति में फंड कम भी हो सकता है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...