शुक्रवार, 24 मार्च 2023

सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी पर हमला बोला 

सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी पर हमला बोला 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि उनके नेतृत्व में देश को बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली विधानसभा में एक संबोधन में उन्होंने उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार के काम में बाधा डालने का भी आरोप लगाया।केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं भाजपा के लोगों को बताना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है। जो लोग देश को नष्ट करना चाहते हैं, उन्हें भाजपा में होना चाहिए और जो देश को बचाना चाहते हैं, उन्हें भाजपा छोड़ देनी चाहिए।’’ केजरीवाल के प्रधानमंत्री के बारे में बोलने पर विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया।

राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘‘वे डरे हुए हैं।’’ गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने पर उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। केजरीवाल ने उपराज्यपाल सक्सेना से दिल्ली के विकास के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने को कहा।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं उपराज्यपाल साहब से कहना चाहता हूं कि आप गुजरात से आए हैं। आप हमारे मेहमान हैं।’ मुझे नहीं लगता कि वह दिल्ली की सड़कों के नाम भी जानते होंगे। लेकिन हम लड़ाई नहीं चाहते। हम साथ काम करना चाहते हैं। आने वाली पीढि़यां क्या कहेंगी? वे लड़ रहे थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें घर-घर सीवर कनेक्शन देना है, नयी बसें खरीदनी हैं, ट्रैफिक की स्थिति सुधारनी है...आइए मिलकर काम करें।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम आपके साथ काम करेंगे। यह भारत-पाकिस्तान युद्ध नहीं है। जब मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल एक साथ काम करना शुरू करेंगे, तो यह वास्तव में एक डबल इंजन सरकार होगी।’’ 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-162, (वर्ष-06)

2. शनिवार, मार्च 25, 2023

3. शक-1944, चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 15 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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गुरुवार, 23 मार्च 2023

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित

नवरात्रि का तीसरा दिन मां 'चंद्रघंटा' को समर्पित

सरस्वती उपाध्याय 

देवी दुर्गा के हर रुप को विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है। मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं और फिर देवी की आरती करें। इस तरह मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साहस के साथ सौम्यता और विनम्रता में वृद्धि होती है।


मां चंद्रघंटा का मंत्र...


  • ऐं श्रीं शक्तयै नम:

  • या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।

  • पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥


मां चंद्रघंटा के उपाय...


नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के समक्ष एक छोटे लाल वस्त्र में लौंग, पान, सुपारी रखकर मां के चरणों में चढ़ाएं और देवी के नवार्ण मंत्र का 108 बार जाप करें। मां चंद्रघंटा के बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। अगले दिन ये लाल पोटली सुरक्षित स्थान पर रख दें। जब भी किसी शुभ कार्य के लिए जाएं या फिर कोर्ट कचहेरी से संबंधित मामलों से जुड़ा कोई कार्य हो तो इस पोटली को साथ रखे। कहते हैं, इससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और शत्रु की हर चाल नाकाम होती है।

भ्रष्टाचार के एक भी आरोपी पर मुकदमा नहीं चलाया 

भ्रष्टाचार के एक भी आरोपी पर मुकदमा नहीं चलाया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। देश की पहली लोकपाल समिति के गठन और पहले लोकपाल की नियुक्ति को मंजूरी मिलने के पिछले चार सालों में भी अब तक भ्रष्टाचार विरोधी इस शीर्ष संस्था ने भ्रष्टाचार के आरोपी एक भी व्यक्ति पर मुकदमा नहीं चलाया है। संसद की एक समिति की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है, जिसमें उसने लोकपाल के प्रर्दशन को ‘‘संतोषजनक नहीं प्रतीत होता’’ करार दिया। हाल में संसद में पेश इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकपाल द्वारा कई शिकायतों का निपटारा इस आधार पर किया जा रहा है कि वे निर्धारित प्रारूप में नहीं हैं। समिति ने लोकपाल से वास्तविक शिकायतों को खारिज नहीं करने को भी कहा। समिति ने पिछले साल मई से खाली पड़े लोकपाल के अध्यक्ष के पद को नहीं भरे जाने के बारे में सवाल उठाया और रिक्तियों को भरने के लिए की जा रही कार्रवाई पर सरकार से जवाब मांगा।

मालूम हो कि मार्च 2109 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को देश के पहले लोकपाल के रूप में शपथ दिलाई थी। इसी महीने में लोकपाल समिति भी गठित की गई थी। लोकपाल का नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है और इसमें आठ सदस्य (चार न्यायिक और शेष गैर-न्यायिक) हो सकते हैं। लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम को 2013 में पारित किया गया था। कार्मिक, लोक शिकायत, कानून एवं न्याय पर विभाग संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘समिति लोकपाल द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से निष्कर्ष निकालती है कि बड़ी संख्या में शिकायतों का निपटारा इस आधार पर किया जा रहा है कि वे निर्धारित प्रारूप में नहीं हैं।

लोकपाल ने समिति को बताया है कि उसने आज तक भ्रष्टाचार के आरोपी एक भी व्यक्ति पर मुकदमा नहीं चलाया है।’’ समिति ने कहा कि उसकी सुविचारित राय है कि लोकपाल का गठन सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कानूनी और संस्थागत तंत्र को मजबूत करने के लिए किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हालांकि, लोकपाल का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं लगता है।’’ रिपोर्ट में कहा गया कि समिति का मानना है कि लोकपाल की स्थापना स्वच्छ और उत्तरदायी शासन को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत की गई थी और इसलिए, इसे अवरोधक के बजाय एक सहायक के रूप में कार्य करना चाहिए। कमेटी ने लोकपाल से सिफारिश की कि वह केवल तकनीकी आधार पर वास्तविक शिकायतों को खारिज न करे कि शिकायत निर्धारित प्रारूप में नहीं है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ऐसे मोड़ पर जब भारत जी-20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह का नेतृत्व कर रहा है, लोकपाल को इस मौके पर आगे आना चाहिए और देश में भ्रष्टाचार विरोधी परिदृश्य को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।’’ वर्ष 2022-23 के दौरान लोकपाल को कुल 2,518 शिकायतें (जो निर्धारित प्रारूप में नहीं थीं) प्राप्त हुईं। इस अवधि के दौरान प्राप्त 242 शिकायतें निर्धारित प्रारूप में थीं। इनमें से 191 का निपटारा कर दिया गया। समिति ने लोकपाल में रिक्त पदों को भी रेखांकित किया और उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा मांगा। समिति ने कहा कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा पांच में कहा गया है कि अध्यक्ष या सदस्य का कार्यकाल समाप्त होने से कम से कम तीन महीने पहले नए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति ने नोट किया है कि न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष ने मई 2022 में 70 वर्ष की आयु होने पर लोकपाल के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था और तब से न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती लोकपाल के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं।’’ समिति ने कहा कि दो न्यायिक सदस्यों की रिक्तियों को भी 2020 से नहीं भरा गया है। गत सप्ताह संसद में पेश की गई इस रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘समिति चाहती है कि उसे लोकपाल के अध्यक्ष और न्यायिक सदस्यों के रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में अवगत कराया जाए। समिति को उम्मीद है कि जांच और अभियोजन शाखा जल्द ही गठित की जाएंगी।’’

लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के अनुसार, लोकपाल एक अधिसूचना द्वारा, दोषी लोक सेवकों पर मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन निदेशक की अध्यक्षता में एक अभियोजन शाखा का गठन करेगा। कानून के अनुसार, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दंड के अधिकारी एक लोक सेवक द्वारा किए गए किसी भी कथित अपराध की प्रारंभिक जांच करने के उद्देश्य से जांच निदेशक की अध्यक्षता में एक जांच विंग का भी गठन किया जाएगा।

समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकपाल की स्वीकृत संख्या 82 है, जिसमें से 32 पद पर हैं। इसके अतिरिक्त, 62 कर्मचारियों को संविदा या आउटसोर्सिंग आधार पर नियोजित किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘लोकपाल ने समिति को बताया कि जांच और अभियोजन शाखाओं के गठन तथा जांच एवं अभियोजन निदेशकों की नियुक्ति का काम चल रहा है।’’

महापौर व उप महापौर पद के चुनाव में जीत हासिल 

महापौर व उप महापौर पद के चुनाव में जीत हासिल 

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरू/कलबुर्गी। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के गृह जिले कलबुर्गी में बृहस्पतिवार को महापौर और उप महापौर पद के चुनाव में जीत हासिल की। गौरतलब है कि कर्नाटक में मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।

महापौर चुनाव में 33 वोट पाने वाले विशाल दरगी ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश कपनूर को एक वोट से हराया। वहीं, शिवानंद पिस्ती ने अपनी कांग्रेस प्रतिद्वंदी विजयलक्ष्मी को हराकर उप महापौर पद पर कब्जा जमाया।

जापान: शादी नहीं करना चाहती हैं 14% महिलाएं

जापान: शादी नहीं करना चाहती हैं 14% महिलाएं

अखिलेश पांडेय 

टोक्यो। महिलाएं अब शादी के बंधन में बंधने से कतराने लगी हैं। इसमें जापान की महिलाएं सबसे आगे हैं। हाल ही में जारी हुई जापान गवर्नमेंट की जेंडर रिपोर्ट 2022 के अनुसार, 30s की 25.4% और 20s की 14% महिलाएं शादी नहीं करना चाहती हैं। इस रिपोर्ट में महिलाओं के शादी न करने के पीछे की वजह को भी बताया गया है। जिसे आप यहां नीचे डिटेल में पढ़ सकते हैं। शादी से जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत होती है। इसमें आपकी आजादी पार्टनर के हाथों में होती है। आमतौर पर ऐसा ज्यादातर महिलाओं के साथ होता है। क्योंकि, उन पर फाइनेंशियली और सोशल प्रेशर रहता हैं। लेकिन, सेल्फ डिपेंडेंट महिलाएं इन चीजों से फ्री रहती हैं। इसलिए ज्यादातर महिलाएं आज के समय में शादी नहीं करना चुन रही हैं।

शादी के बाद औरत अपनी खुद की पहचान पूरी तरह से खो देती है। पति का नाम और काम ही उसकी पहचान बन जाती है। लेकिन आज के समय की महिलाएं बहुत महत्वाकांक्षी हैं, और वह किसी भी कीमत पर अपनी पहचान छोड़ने के लिए तैयार नहीं होती है। यही कारण है कि वह शादी के ऊपर अपने करियर को रखती हैं। शादी होने के बाद घर और नौकरी दोनों को संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण महिलाओं को अपने सपनों को त्याग कर बच्चों के पालन-पोषण घर में बूढ़े-बुजुर्गों की सेवा करनी पड़ती है। जिसे आज के समय की महिलाएं बिल्कुल भी करना पसंद नहीं करती है।

जापान की महिलाओं के अलावा, कनाडा के लगभग आधे लोग महसूस करते हैं कि शादी जरूरी नहीं है। इसके साथ ही चिली की महिलाएं भी शादी को ज्यादा पसंद नहीं करती हैं या देर से शादी करती हैं। भारत में भी धीरे-धीरे महिलाएं शादी को लेकर उदासीन हो रही है।

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...