गुरुवार, 23 मार्च 2023

78 प्रतिशत पेशेवर कार्यालय जाना पसंद करते हैं

78 प्रतिशत पेशेवर कार्यालय जाना पसंद करते हैं

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। देश में कोविड महामारी का प्रकोप कम होने के बावजूद हाइब्रिड (घर और दफ्तर से काम की सुविधा) कार्य संस्कृति जारी है, लेकिन भारतीय पेशेवर दफ्तर जाना पसंद कर रहे हैं। एक सर्वे में कहा गया है कि 10 में से आठ यानी करीब 78 प्रतिशत पेशेवर अपने सहयोगियों के साथ मेलजोल और जुड़ाव के लिए कार्यालय जाना पसंद करते हैं। पेशेवर नेटवर्क मंच लिंक्डइन की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में शामिल 78 प्रतिशत पेशेवरों ने कहा कि वे अपनी पसंद के अनुरूप कार्यालय जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में शामिल 86 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे एक साल पहले की तुलना में काम पर जाने के बारे में सकारात्मक महसूस करते हैं।

लिंक्डइन की यह रिपोर्ट 1,001 से अधिक 18 वर्ष की उम्र से ऊपर के भारतीय कर्मचारियों की राय पर आधारित है। यह सर्वे 28 फरवरी से छह मार्च, 2023 के बीच किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के बाद फिर से कार्यालय खुलने पर हाइब्रिड कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए गए। साथ ही यह भी सवाल उठाया गया कि कार्यालय में समय की कमी और कम दृश्यता होने से किसी के करियर पर असर पड़ेगा। लिंक्डइन की एक रिपोर्ट से पता चला है कि 63 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि दूर से काम करने से उनके करियर पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि, इतने ही प्रतिशत लोगों का मानना ​​है कि अगर वे कार्यालय में कम समय बिताते हैं तो उनके करियर वृद्धि की संभावना कम हो सकती है।

लिंक्डइन की प्रबंध संपादक नीरजिता बनर्जी ने कहा, ‘‘कार्यालय में काम करने की बात आती है, तो हम मानसिकता में बदलाव देखना शुरू कर रहे हैं। हालांकि, भारतीय पेशेवर लचीले काम के विकल्प को पसंद करते हैं, लेकिन वे कार्यालय से काम करने का भी फायदा ले रहे हैं। इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने, सहयोग और ‘टीम वर्क’ में सुधार करने और नए मौके तलाशने में मदद मिलती है।’’ 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-161, (वर्ष-06)

2. शुक्रवार, मार्च 24, 2023

3. शक-1944, चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 15 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित)

मंगलवार, 21 मार्च 2023

परंपरा: 'माह-ए-रमजान' का महीना प्रारंभ, रोजे

परंपरा: 'माह-ए-रमजान' का महीना प्रारंभ, रोजे

सरस्वती उपाध्याय 

इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना रमजान का पाक महीना होता है। रमजान मुसलमानों के सबसे प्रमुख त्योहारों में शामिल है। इस पूरे महीने के दौरान दुनियाभर के सभी मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजे रखते हैं। यह त्योहार 30 दिनों का होता है, जो हर साल चांद के दीदार के साथ शुरू होता है। इस दौरान सभी मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करते हैं। फिर नमाज पढ़कर सहरी खाते हैं। सहरी के बाद वे सीधे शाम को सूर्यास्त के बाद भोजन करके अपना रोजा खोलते हैं, जिसे इफ्तार कहा जाता है।

इस बार रमजान 23 मार्च से शुरू हो रहा है। इस त्योहार की खुशी के मौके पर कई लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बधाई से जुड़े संदेश भेजते हैं।

नवरात्रि का पहला दिन मां 'शैलपुत्री' को समर्पित

नवरात्रि का पहला दिन मां 'शैलपुत्री' को समर्पित

सरस्वती उपाध्याय 

नवदुर्गा सनातन धर्म में भगवती माता दुर्गा जिन्हे आदिशक्ति जगत जननी जगदम्बा भी कहा जाता है, भगवती के नौ मुख्य रूप है, जिनकी विशेष पूजा व साधना नवरात्रि के दौरान और वैसे भी विशेष रूप से करी जाती है। इन नवों/नौ दुर्गा देवियों को पापों की विनाशिनी कहा जाता है, हर देवी के अलग अलग वाहन हैं, अस्त्र शस्त्र हैं परन्तु यह सब एक हैं और सभी परम भगवती दुर्गा जी से ही प्रकट होती है।

दुर्गा सप्तशती ग्रन्थ के अन्तर्गत देवी कवच स्तोत्र में निम्नाङ्कित श्लोक में नवदुर्गा के नाम क्रमश: दिये गए हैं–

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।

तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।

पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।

सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।

नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।

उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ।। 


नौ रूप...

देवी दुर्गा के नौ रूप होते हैं, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है।


शैलपुत्री...

दुर्गाजी पहले स्वरूप में 'शैलपुत्री' के नाम से जानी जाती हैं। ये ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की जाती है। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएँ हाथ में त्रिशूल धारण कर रखा है और बाएँ हाथ में कमल सुशोभित है। यही सती के नाम से भी जानी जाती हैं।


मंत्र...

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्‌।

वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ॥


कहानी...

एक बार जब सती के पिता प्रजापति दक्ष ने यज्ञ किया तो इसमें सारे देवताओं को निमन्त्रित किया, पर अपने दामाद भगवान शंकर को नहीं। सती अपने पिता के यज्ञ में जाने के लिए विकल हो उठीं। शंकरजी ने कहा कि सारे देवताओं को निमन्त्रित किया गया है, उन्हें नहीं। ऐसे में वहाँ जाना उचित नहीं है। परन्तु सती सन्तुष्ट नहीं हुईं।

सती का प्रबल आग्रह देखकर शंकरजी ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी। सती जब घर पहुँचीं तो सिर्फ माँ ने ही उन्हें स्नेह दिया। बहनों की बातों में व्यंग्य और उपहास के भाव थे। भगवान शंकर के प्रति भी तिरस्कार का भाव था। दक्ष ने भी उनके प्रति अपमानजनक वचन कहे। इससे सती को क्लेश पहुँचा। वे अपने पति का यह अपमान न सह सकीं और योगाग्नि द्वारा अपने-आप को जलाकर भस्म कर लिया।

इस दारुण दुख से व्यथित होकर शंकर भगवान ने ताण्डव करते हुये उस यज्ञ का विध्वंस करा दिया। यही सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मी और शैलपुत्री कहलाईं। शैलपुत्री का विवाह भी फिर से भगवान शंकर से हुआ। शैलपुत्री शिव की अर्द्धांगिनी बनीं। इनका महत्व और शक्ति अनन्त है।

छात्रों के लिए 'मेन्यू' में रागी दलिया शामिल, घोषणा 

छात्रों के लिए 'मेन्यू' में रागी दलिया शामिल, घोषणा 

इकबाल अंसारी 

अमरावती। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए 'मेन्यू' में एक अतिरिक्त पोषक तत्व रागी दलिया (रागी माल्ट) को शामिल करने की घोषणा की। इस योजना की लागत करीब 86 करोड़ रुपये आएगी। मौजूदा जगन्ना गोरु मुड्डा योजना के 'मेन्यू' में रागी दलिया को शामिल करने से 44,392 सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 37.6 लाख से अधिक छात्रों को स्कूल के भोजन के माध्यम से 'आयरन' और 'कैल्शियम' के पोषण लाभ मिलेंगे।

वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘ रागी दलिया को शामिल करना गोरू मुड्डा को और भी बेहतर बनाने के लिए है। यह पेय उपयोगी माने जाने वाले तत्व 'आयरन' और 'कैल्शियम' प्रदान करता है जो बच्चों के विकास में मददगार हैं। ’’ मुख्यमंत्री के अनुसार रागी दलिया को शामिल करने पर मध्याह्न भोजन योजना पर राज्य सरकार का प्रतिवर्ष खर्च 1,824 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,910 करोड़ रुपये हो जाएगा।

कार्यक्रमों में भाग, 25 को कर्नाटक पहुंचेंगे 'पीएम'

कार्यक्रमों में भाग, 25 को कर्नाटक पहुंचेंगे 'पीएम'

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिकबल्लापुर, बेंगलुरु और दावणगेरे में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 25 मार्च को कर्नाटक पहुंचेंगे। एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री 25 मार्च की सुबह शहर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) हवाई अड्डे पर उतरेंगे और मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च का उद्घाटन करने के लिए हेलीकॉप्टर से चिकबल्लापुर के लिए उड़ान भरेंगे। मोदी व्हाइटफील्ड मेट्रो लाइन का उद्घाटन करने के लिए दोपहर में बेंगलुरु पहुंचेंगे और मेट्रो ट्रेन में सवारी भी करेंगे। एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इसके बाद वह दावणगेरे जाएंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे और फिर शिवमोग्गा जाएंगे और फिर दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे। मोदी का इस साल कर्नाटक का यह सातवां दौरा होगा।

प्रधानमंत्री 12 मार्च को मांड्या में बेंगलुरु-मैसूरू एक्सप्रेस-वे और धारवाड़ में आईआईटी परिसर का उद्घाटन करने के लिए कर्नाटक में थे। हालांकि, आधिकारिक विज्ञप्ति में जनसभा के बारे में विवरण साझा नहीं किया गया है, लेकिन कर्नाटक में अपनी चुनावी तैयारियों के तहत सत्तारूढ़ भाजपा की यह एक बड़ी रैली बताई जा रही है। भाजपा की कर्नाटक इकाई और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित उसके नेताओं ने कहा है कि मोदी 25 मार्च को दावणगेरे के जिला मुख्यालय में एक बड़ी रैली में भाग लेंगे, जो 8,000 किलोमीटर लंबी ‘‘विजय संकल्प यात्रा’’ के समापन के अवसर पर होगी। विशेष रूप से डिजाइन किए गए वाहनों या 'रथों' में राज्य के चार अलग-अलग हिस्सों से शुरू हुए 20 दिवसीय राज्यव्यापी यात्रा की शुरुआत एक मार्च को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने चामराजनगर जिले के माले महादेश्वर हिल्स में की थी।

भाजपा के कई वरिष्ठ नेता, अन्य भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों ने इन कार्यक्रम में भाग लिया है। कर्नाटक में चुनावी तैयारियां शुरू होने के बाद से यह पार्टी की पहला बड़ा कार्यक्रम है, जिसमें प्रधानमंत्री शामिल होंगे। पार्टी पदाधिकारियों के अनुसार, इस कार्यक्रम का उद्देश्य विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भरना है। इस बार पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में सत्ता में वापसी करने का लक्ष्य रखने वाली भाजपा ने विधानसभा की कुल 224 सीट में से कम से कम 150 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।

'बीएसए' द्वारा विद्यालय का निरीक्षण किया गया

'बीएसए' द्वारा विद्यालय का निरीक्षण किया गया  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार द्वारा कस्तूरब...