रविवार, 19 मार्च 2023

त्रिपुरा: प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना 'तितली पार्क'

त्रिपुरा: प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना 'तितली पार्क'

इकबाल अंसारी 

अगरतला। त्रिपुरा के दक्षिण जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक गांव में वन विभाग द्वारा विकसित एक तितली पार्क अब देश के विभिन्न हिस्सों और बांग्लादेश के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गया है। तृष्णा वन्यजीव अभयारण्य के करीब छोटाखोला स्थित तितली इकोपार्क पूर्वोत्तर का पहला तितली पार्क है। इसका उद्घाटन वर्ष 2016 में 5.5 हेक्टेयर भूमि पर तितलियों की 250 प्रजातियों के साथ किया गया था। उप वन संरक्षक कृष्णगोपाल रॉय ने बताया, ‘‘कई पर्यटक तितली पार्क आ रहे हैं। जिसमें घरेलू पर्यटक और पड़ोसी देश बांग्लादेश के पर्यटक भी हैं। यह पार्क तृष्णा वन्यजीव अभयारण्य में लुप्तप्राय बाइसन पार्क और भारत-बांग्लादेश मैत्री पार्क के पास है। इसलिए, पर्यटक यहां एक साथ तीन पर्यटन स्थल देख सकते हैं।’’

त्रिपुरा के पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने बताया कि तृष्णा वन्य जीवन अभयारण्य और इसके आसपास के इलाके बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं और इससे राज्य के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘तितलियों का जीवनकाल बहुत कम होता है। वे केवल 15 दिनों से लेकर लगभग 30 दिनों तक जीवित रहती हैं। लेकिन इतने कम समय में भी तितली लोगों को आनंदित करती हैं। वे पर्यावरण के पारिस्थितिकी तंत्र को सुंदर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।’’ वहीं, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ), केएस सेठी ने बताया, "त्रिपुरा का आकार छोटा होने के बावजूद यहां वन्य जीवन और जैव विविधता की कोई कमी नहीं है।

त्रिपुरा में तितलियों की लगभग 250 प्रजातियां हैं। ये रंग-बिरंगी तितलियां बच्चों सहित सभी को पसंद आती हैं। इसलिए वन विभाग राज्य के पर्यटन उद्योग को और आकर्षक बनाने के लिए तितलियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।" पर्यटन मंत्री ने चिंता जताते हुए कहा, ‘‘हाल के दिनों में जलवायु परिवर्तन और मानव जनित वैश्विक पर्यावरण प्रदूषण के कारण तितलियों और उनके प्राकृतिक वास की संख्या में खतरनाक रूप से कमी हो रही है। यही कारण है कि उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है।’’ 

बहुत सारी नौकरियों को खत्म कर देगा 'चैटजीपीटी'

बहुत सारी नौकरियों को खत्म कर देगा 'चैटजीपीटी'

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

वाशिंगटन डीसी। ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा है कि चैटजीपीटी वर्तमान की बहुत सारी नौकरियों को खत्म कर देगा और इस चैटबॉट की मदद से नई नौकरियां पैदा की जा सकती हैं। ऑल्टमैन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के परिणामों के बारे में बात करते हुए कहा, हमें सतर्क रहना होगा...मुझे लगता है कि इस घबराहट से लोगों को खुश होना चाहिए। इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिटेंस (AI) की दुनिया सबसे ज्यादा चर्चा में है। इसके लोकप्रिय होने के साथ ही कई लोग इस बात की चिंता भी जाहिर करते रहे हैं कि ये आने वाले समय में कई लोगों की नौकरी खा लेगा। अब इसे बनाने वाली कंपनी OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने कहा कि वह अपने ChatGPT के निर्माण से "थोड़ा डरे हुए" हैं। उन्होंने चेतावनी भी दी कि ये कई नौकरियों को समाप्त कर सकता है।

एक इंटरव्यू में ऑल्टमैन ने कहा कि लोगों को खुश होना चाहिए कि कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता से थोड़ा डरी हुई है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई नौकरियों की जगह ले सकती है, लेकिन यह बहुत बेहतर भी हो सकती है। ऑल्टमैन ने पिछले महीने ट्वीट कर चेतावनी दी थी कि दुनिया संभावित रूप से डरावनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से दूर नहीं रह सकती है। 37 वर्षीय सैम ऑल्टमैन ने बताया कि वह सरकारी अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं और उन्होंने यह भी कहा कि नियामकों और समाज को ChatGPT के रोलआउट में शामिल होना चाहिए। इससे मिलने वाला फीडबैक इसके व्यापक उपयोग के किसी भी नकारात्मक परिणामों को रोकने में मदद कर सकता है। OpenAI ने हाल ही में अपना नया ChatGPT मॉडल GPT-4 पेश किया। ऑल्टमैन ने इसे पुराने मॉडल की तुलना में कम पक्षपाती और अधिक रचनात्मक बताया।

GPT-4 फिलहाल उन्हीं यूजर्स के लिए उपलब्ध है, जो इसका प्लस सब्सक्रिप्शन लेते हैं। GPT-4 इमेज इनपुट को भी प्रोसेस करने में सक्षम है। इसे इसके पुराने मॉडल GPT-3.5 की तुलना में ज्यादा सटीक जानकारी देने वाला और यूजर्स के साथ लंबी बातचीत करने में सक्षम बताया गया है। ऑल्टमैन ने कहा कि GPT-4 वकीलों के लिए बार परीक्षा पास कर सकता है और कई परीक्षाओं में 5 स्कोर पाने में सक्षम है।

ChatGPT जनरेटिव AI पर आधारित चैटबॉट है। ये अपने विशाल डाटा बेस और यूजर्स के इनपुट से ट्रेंड होता है। इसी ट्रेनिंग के आधार पर ये दिए गए इनपुट से जुड़ी जानकारी टेक्स्ट फॉर्मेट में देता है। ChatGPT को बनाने वाली कंपनी OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट ने निवेश किया है। इसके अलावा गूगल बार्ड, बायडू एर्नी बॉट जैसे AI चैटबॉट भी हैं।
मार्क जुकरबर्ग और एलन मस्क जैसे दिग्गज भी जनरेटिव AI और इसके लैंग्वेज मॉडल पर काम कर रहे हैं।

'आईपीओ' को मंजूरी देते वक्त सतर्कता: सेबी 

'आईपीओ' को मंजूरी देते वक्त सतर्कता: सेबी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। पेटीएम के आईपीओ की असफलता के बाद बाजार नियामक सेबी प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को मंजूरी देते वक्त सतर्कता बरत रहा है। सेबी ने दो महीनों में होटल श्रृंखला ओयो का संचालन करने वाली ओरावेल स्टेज सहित छ: कंपनियों की विवरण पुस्तिका को वापस कर दिया है। इन कंपनियों को कुछ संशोधनों के साथ अपनी विवरण पुस्तिका (रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस- डीआरएचपी) को फिर से दाखिल करने को कहा गया है। ओयो के अलावा जिन कंपनियों के मसौदा प्रस्तावों को नियामक ने वापस किया है, उनमें - गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड, कनाडा स्थित फेयरफैक्स ग्रुप समर्थित एक फर्म, घरेलू मोबाइल विनिर्माता लावा इंटरनेशनल, बी2बी (कंपनियों के बीच) भुगतान और सेवा प्रदाता पेमेट इंडिया, फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक इंडिया और एकीकृत सेवा कंपनी बीवीजी इंडिया शामिल हैं।

सेबी के आंकड़ों के विश्लेषण से यह जानकारी मिली। इन छह कंपनियों ने सितंबर 2021 और मई 2022 के बीच सेबी के पास आईपीओ के कागजात दाखिल किए थे और जनवरी-मार्च (10 मार्च तक) के दौरान उनके कागजात वापस कर दिए गए थे। ये कंपनियां मिलकर कम से कम 12,500 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही थीं। कुछ बेहद चर्चित आईपीओ में निवेशकों के पैसे गंवाने के बाद सेबी निर्गम को लेकर सख्त हो गया है।

प्राइमडेटाबेस डॉट कॉम के आंकड़ों के अनुसार बाजार नियामक ने 2022 में आईपीओ को मंजूरी देने में औसतन 115 दिन का समय लिया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ''पेटीएम, जोमैटो और नायका जैसी नये जमाने की डिजिटल कंपनियों के सूचीबद्ध होने के बाद निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। इसके चलते सेबी ने आईपीओ के लिए मंजूरी मानदंडों को कड़ा कर दिया है। निवेशकों के हित में यह स्वागत योग्य फैसला है।''

'आरबीआई' के डिप्टी गवर्नर पद के लिए आवेदन मांगे

'आरबीआई' के डिप्टी गवर्नर पद के लिए आवेदन मांगे

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर पद के लिए आवेदन मांगे हैं। नये डिप्टी गवर्नर एमके जैन का स्थान लेंगे जिनका बढ़ाया गया कार्यकाल जून में पूरा हो रहा है। एक सार्वजनिक अधिसूचना के अनुसार, आवदेक को बैंकिंग और वित्तीय बाजार संचालन में कम से कम 15 साल का अनुभव होना चाहिए। इससे संकेत मिलते हैं कि निजी क्षेत्र के उम्मीदवारों पर भी विचार किया जाएगा। पारंपरिक तौर पर, चार में से एक उप गवर्नर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकिंग उद्योग से है। अगर सरकार किसी को निजी क्षेत्र से चुनती है तो यह आरबीआई के इतिहास में पहली बार होगा।

सार्वजनिक क्षेत्र के वरिष्ठ बैंक अधिकारी जैन को उप गवर्नर के तौर पर 2018 में शुरु में तीन साल के लिए चुना गया था और 2021 में उनका कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया गया था। केंद्रीय बैंक में चार उप गवर्नर हैं, जिनमें दो रैंक के अनुसार, एक वाणिज्यिक बैंक अधिकारी और अर्थशास्त्री होता है जो मौद्रिक नीति विभाग की अध्यक्षता करता है।अधिसूचना में कहा गया, “वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति (एफएसआरएएससी) योग्यता के आधार पर पद के लिए आवेदन नहीं करने वाले किसी अन्य व्यक्ति की भी पहचान करने और उसकी सिफारिश करने के लिए स्वतंत्र है। समिति उत्कृष्ट उम्मीदवारों के संबंध में पात्रता और योग्यता/अनुभव मानदंड में छूट की भी सिफारिश कर सकती है।”

नोटिस के अनुसार, आवेदकों के पास पूर्णकालिक निदेशक या बोर्ड के सदस्य के रूप में व्यापक अनुभव होना चाहिए और वित्तीय क्षेत्र में पर्यवेक्षण और अनुपालन की बहुत वरिष्ठ स्तर पर समझ होनी चाहिए। अधिसूचना के अनुसार, आवेदन की अंतिम तिथि 10 अप्रैल है। आवेदक की आयु 22 जून, 2023 को 60 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। नियुक्ति तीन साल के लिए होगी। इस पद पर नियुक्ति होने पर वेतन 2.25 लाख रुपये (लेवल-17) प्रति महीना होगा।

दिल्ली पुलिस के नोटिस का प्रारंभिक जवाब भेजा

दिल्ली पुलिस के नोटिस का प्रारंभिक जवाब भेजा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान ‘‘महिलाओं के यौन उत्पीड़न’’ से जुड़े अपने बयान के संबंध में दिल्ली पुलिस के नोटिस का रविवार को प्रारंभिक जवाब भेजा और 45 दिन की देरी के बाद अचानक की गई कार्रवाई पर सवाल उठाया। सूत्रों ने बताया कि पिछले पांच दिन में पुलिस के तीसरी बार राहुल गांधी के आवास पर पहुंचने के कुछ घंटे बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने चार पन्नों के अपने जवाब में 10 बिंदुओं का उल्लेख किया है। साथ ही कांग्रेस नेता की 30 जनवरी की टिप्पणी को लेकर दिल्ली पुलिस के नोटिस का विस्तृत जवाब देने के लिए 8-10 दिनों का समय मांगा है।

दिल्ली पुलिस ‘‘महिलाओं के यौन उत्पीड़न’’ के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर उन्हें जारी नोटिस के सिलसिले में रविवार को यहां उनके आवास पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा के नेतृत्व में पुलिस दल सुबह करीब 10 बजे राहुल के 12, तुगलक लेन स्थित आवास पर पहुंचा और करीब दो घंटे बाद गांधी से मिल सका।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस बल अपराह्न करीब एक बजे वापस लौट गया। दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट का संज्ञान लेते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एक प्रश्नावली भेजी थी और उनसे “यौन उत्पीड़न की शिकायत को लेकर संपर्क करने वाली महिलाओं के बारे में विवरण देने” को कहा था। पुलिस के मुताबिक, राहुल ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के श्रीनगर चरण के दौरान बयान दिया था, “मैंने सुना है कि महिलाओं का अब भी यौन उत्पीड़न हो रहा है।”

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने कांग्रेस नेता से इन पीड़ितों का विवरण देने को कहा था, ताकि उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जा सके। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने लगभग चार बजे प्रारंभिक जवाब भेजते हुए पुलिस कार्रवाई को ‘‘अभूतपूर्व’’ करार दिया और पूछा कि क्या अडाणी मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर उनके रुख से इस कार्रवाई का कोई संबंध है ? सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने अपने जवाब में श्रीनगर में उनकी टिप्पणी के 45 दिन के अंतराल के बाद पुलिस के ‘‘अचानक सक्रिय’’ होने पर भी सवाल खड़ा किया है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी पूछा है कि क्या राजनीतिक अभियानों को लेकर सत्तारूढ़ दल सहित किसी अन्य राजनीतिक दल की इस तरह के मामले में जांच की गई है या उनसे पूछताछ हुई है।

वैज्ञानिक मोलिना की 80वीं जयंती मना रहा है 'गूगल'

वैज्ञानिक मोलिना की 80वीं जयंती मना रहा है 'गूगल'

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। गूगल, नोबेल पुरस्कार विजेता रसायनज्ञ और पर्यावरण वैज्ञानिक मारियो मोलिना की 80वीं जयंती मना रहा है। कंपनी ने मैक्सिकन वैज्ञानिक की जयंती को चिन्हित किया, जिन्होंने अपने गगल डूडल के साथ पृथ्वी की सुरक्षात्मक ओजोन परत को बचाने के लिए सरकारों को एक साथ आने के लिए राजी करने का बीड़ा उठाया। आइए जानते हैं कि वैज्ञानिक मारियो मोलिना कौन हैं ?

1995 में मिला था रसायन विज्ञान के लिए नोबेल

डॉ. मारियो मोलिना ने क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैसों या सीएफसी से पृथ्वी की ओजोन परत के लिए खतरे की खोज में अपनी भूमिका के लिए 1995 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार जीता था। साल 1995 में उन्हें रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

कौन हैं डॉ. मारियो मोलिना ? 

डॉ. मोलिना का जन्म मेक्सिको सिटी में 19 मार्च, 1943 को हुआ था। वो विज्ञान के प्रति बचपन से ही काफी जुनूनी थे। इसका अनुमान उसी से लगाया जा सकता है जब उन्होंने बचपन में अपने बाथरूम को ही एक अस्थायी प्रयोगशाला में बदल दिया था। इतना ही नहीं, अपने खिलौना माइक्रोस्कोप्स के जरिए वो छोटे-छोटे जीवों को सरकते हुए देखकर खुश हुआ करते थे। बचपन से ही इन्हें इस तरह के कामों में रूची आया करती थी।

पढ़ाई के बाद चले गए अमेरिका 

पढ़ाई की बात करें तो डॉ. मोलिना ने नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ़ मैक्सिको से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री और जर्मनी के फ़्रीबर्ग विश्वविद्यालय से उन्नत डिग्री हासिल की। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, वो कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले और बाद में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पोस्टडॉक्टोरल शोध करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए।

1970 के दशक की शुरुआत में, डॉ. मोलिना ने शोध करना शुरू किया कि सिंथेटिक रसायन पृथ्वी के वायुमंडल को कैसे प्रभावित करते हैं। वो सबसे पहले ये पता लगाने वालों में से एक थे कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन (एयर कंडीशनर, एयरोसोल स्प्रे और अन्य में पाया जाने वाला एक रसायन) ओजोन को तोड़ रहे थे और पराबैंगनी विकिरण को पृथ्वी की सतह तक पहुंचा रहे थे।

डॉ. मोलिना को उनकी महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजों के लिए याद किया जाता है, जिसके लिए ग्रह की ओजोन परत अगले कुछ दशकों में पूरी तरह से ठीक होने के रास्ते पर है। मेक्सिको में एक प्रमुख रिसर्च इंस्टीट्यूट्ड है, जिसका नाम मारियो मोलिना सेंटर है, जो अधिक टिकाऊ दुनिया बनाने के लिए अपना काम जारी रखता है।

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