गुरुवार, 16 मार्च 2023

'ईपीएफओ' में 577 पदों पर वैकेंसी निकली: आयोग

'ईपीएफओ' में 577 पदों पर वैकेंसी निकली: आयोग

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में 577 पदों पर वैकेंसी निकली है। जिसके लिए 35 साल की उम्र तक के ग्रेजुएट उम्मीदवार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ऑफिशियल वेबसाइट www.upsconline.nic.in पर जाकर 17 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।

वैकेंसी डिटेल्स
UPSC द्वारा की जा रही इस भर्ती के जरिए 418 पद एनफोर्समेंट ऑफिसर और अकाउंट ऑफिसर के आरक्षित हैं। वहीं, 159 पद असिस्टेंट प्रोविडेंट फंड कमिश्नर के लिए हैं।

योग्यता
भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए उम्मीदवार का किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से ग्रेजुएट होना जरुरी है।

आयु सीमा
भर्ती के लिए उम्मीदवार की उम्र 18 साल से लेकर 35 साल तक होनी चाहिए। हालांकि, आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को आयु सीमा में केंद्र सरकार के नियमानुसार 3 से 5 साल तक की छूट दी जाएगी।

चयन प्रक्रिया 
भर्ती के लिए उम्मीदवार का सिलेक्शन रिटन टेस्ट के बाद इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा। इसके बाद उम्मीदवार को मेरिट के आधार पर पोस्टिंग दी जाएगी।

वेतन 
UPSC द्वारा निकली गई भर्ती में सिलेक्ट होने पर उम्मीदवार को हर महीने 50 हजार रुपए से लेकर 85 हजार तक सैलरी दी जाएगी।

कैसे करें आवेदन

  • आवेदन में उम्मीदवारों को अपना ईमेल आईडी मोबाइल नंबर और व्यक्तिगत जानकारी भरकर खुद को रजिस्टर करना होगा।
  • रजिस्टर करने के बाद क्रिएट किए गए लॉगिन और पासवर्ड से अभ्यर्थी आवेदन फॉर्म में आवश्यक जानकारी भरेंगे।
  • आवेदन फॉर्म को एक बार जांच लें और फिर आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
  • आवेदन करने के लिए जनरल ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के उम्मीदवारों को 25 का आवेदन शुल्क देना है।
  • जबकि शेड्यूल कास्ट शेड्यूल ट्राइब और महिलाओं के लिए आवेदन शुल्क निशुल्क है।
  • इसके बाद आवेदन की कॉपी का प्रिंट आउट निकलकर रखे।

ध्यान भटकाने के लिए सरकार की ओर से पूरा तमाशा

ध्यान भटकाने के लिए सरकार की ओर से पूरा तमाशा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्रिटेन में दिए अपने एक बयान को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध पर बृहस्पतिवार को कहा कि अडाणी समूह से जुड़ें मामलें से ध्यान भटकाने के लिए सरकार की ओर से यह पूरा तमाशा खड़ा किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शुक्रवार को लोकसभा में उन्हें अपनी बात रखने दिया जाएगा, क्योंकि सरकार के चार मंत्रियों ने सदन में उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं। हालांकि, कांग्रेस नेता ने यह अंदेशा भी जताया कि शायद लोकसभा में उन्हें बोलने नहीं दिया जाए। राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाकात की और उनसे सदन में अपनी बात रखने की अनुमति देने का आग्रह किया।

उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज मैं संसद गया और लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि मैं संसद में बोलना चाहता हूं, सरकार के चार मंत्रियों ने मेरे ऊपर आरोप लगाये हैं तो मेरा हक है कि मैं सदन में अपनी बात रखूं।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का कहना था, ‘‘मुझे नहीं लगता कि बोलने दिया जाएगा। फिर भी मैं आशा करता हूं कि कल मुझे बोलने का मौका मिलेगा।’’ उन्होंने दावा किया कि जब वह संसद पहुंचे थे तो आज एक मिनट के अंदर सदन को स्थगित कर दिया गया। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अडाणी के रिश्ते के बारे में सवाल पूछे थे।

उस भाषण को पूरी तरह कार्यवाही से हटा दिया गया। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरा मामला (गतिरोध) ध्यान भटकाने का है। सरकार और प्रधानमंत्री अडाणी के मुद्दे से डरे हुए हैं। इसलिए उन्होंने पूरा तमाशा खड़ा किया है। ऐसा लगता है कि वो मुझे संसद में नहीं बोलने देंगे।’’ राहुल गांधी ने संसद में उठाए सवालों को फिर से सामने रखा और कहा, ‘‘मुख्य मुद्दा है कि नरेंद्र मोदी और अडाणी के बीच का क्या रिश्ता है?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री उनके सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं। कांग्रेस नेता ने इस संक्षिप्त प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘मैं एक सांसद हूं, इसलिए पहले संसद में अपनी बात रखना चाहता हूं। आप लोगों (मीडिया) से बाद में विस्तृत बातचीत होगी।’’

हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘‘बर्बर हमला’’ हो रहा है। उन्होंने अफसोस जताया था कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं। राहुल ने अपने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं। ज्ञात हो कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष के सदस्य लंदन में राहुल गांधी द्वारा भारतीय लोकतंत्र के संबंध में की गई टिप्पणी को लेकर उनसे माफी की मांग कर रहे हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-154, (वर्ष-06)

2. शुक्रवार, मार्च 17, 2023

3. शक-1944, चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दसमीं, विक्रमी सवंत-2079‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 17 डी.सै., अधिकतम- 28+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

बुधवार, 15 मार्च 2023

200 आपदा मित्र के प्रथम बैच को लखनऊ भेजा 

200 आपदा मित्र के प्रथम बैच को लखनऊ भेजा 

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। शासन द्वारा प्राप्त निर्देश के क्रम में बुधवार को जनपद के लगभग 200 आपदा मित्र के प्रथम बैच को प्रशिक्षण के लिए एसडीआरएफ कैंप लखनऊ भेजा गया है। जनपद शामली से प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु जिलाधिकारी शामली रविन्द्र सिंह व पुलिस अधीक्षक अभिषेक द्वारा परिवहन की बस को हरी झंडी दिखाकर जनपद से रवाना किया गया।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी शामली संतोष कुमार सिंह, समस्त उपजिलाधिकारी एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी तथा जिला आपदा विशेषज्ञ, शामली नेहा दुबे सहित आदि जनपद स्तरीय अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

सीएम ने दंपती बोम्मन और बेल्ली को सम्मानित किया 

सीएम ने दंपती बोम्मन और बेल्ली को सम्मानित किया 

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने ‘डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट’ श्रेणी में भारत के लिए पहला ऑस्कर जीतने वाले तमिल भाषा के वृत्तचित्र ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ में नजर आए दंपती बोम्मन और बेल्ली को बुधवार को सम्मानित किया। वृत्तचित्र में नजर आए बोम्मन और बेल्ली नीलगिरि जिले के मुदुमलाई में हाथियों की देखभाल करते हैं। इस दंपती से मुख्यमंत्री ने वृत्तचित्र को ऑस्कर पुरस्कार मिलने के बाद मुलाकात की।

सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, स्टालिन ने दोनों को एक-एक लाख रुपये का चेक, स्मृतिचिन्ह और शॉल भेंट की। गुनीत मोंगा और सीख्या एंटरटेनमेंट के अचिन जैन द्वारा बनाये गये 39 मिनट के वृत्तचित्र ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ में छोड़ दिए गए हाथियों के दो शावकों रघु और अमु तथा उनकी देखभाल करने वाले बोम्मन और बेल्ली के प्रगाढ़ संबंधों के दिखाया गया है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि वृत्तचित्र में तमिलनाडु वन विभाग के कामकाज और हाथियों की देखभाल के लिए किए जा रहे प्रयासों को दिखाया गया है। इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु के मुदुमलाई और अन्नामलाई में हाथियों के दो शिविरों में काम करने वाले 91 लोगों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है।उन्होंने इन कर्मचारियों के मकान बनाने के लिए 9.10 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं। वहीं, कोयंबटूर जिले के अन्नामलाई बाघ रिजर्व में स्थित हाथियों के शिविर का पांच करोड़ रुपये की लागत से आधुनिकीकरण किया जाएगा। विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोयंबटूर जिले के सादिवयाल में हाथियों के लिए तमाम सुविधाओं से युक्त शिविर बनाया जाएगा।

बाद में पत्रकारों से बातचीत में बोम्मन ने कहा कि हाथियों को पालना आसान नहीं है और वे शावकों को भी अपने बच्चों की तरह ही प्यार देते हैं और उसी तरह से देखभाल करते हैं। वृत्तचित्र की निर्देशक कार्तिकी गोंजाल्वेस ने बोम्मन और बेल्ली से स्टालिन की मुलाकात पर प्रसन्नता जताई।उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘95वें अकादमी पुरस्कार में स्वतंत्र फिल्म के रूप में ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ के भारत के लिए पहला ऑस्कर जीतने के बाद माननीय मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की बोम्मन और बेल्ली से मुलाकात से मैं बहुत प्रसन्नता और गर्व महसूस कर रही हूं।’’

मंत्रियों की अनुपस्थिति को लेकर सरकार की खिंचाई

मंत्रियों की अनुपस्थिति को लेकर सरकार की खिंचाई

कविता गर्ग 

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पंवार ने बुधवार को सदन की विशेष बैठक के दौरान मंत्रियों की अनुपस्थिति को लेकर राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की। क्योंकि इसके कारण आठ में से सात ध्यानाकर्षण नोटिस को स्थगित करना पड़ा। इस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को माफी मांगनी पड़ी। एक ध्यानाकर्षण नोटिस सदन के सदस्यों को बहुत जरूरी सार्वजनिक महत्व के मामले पर मंत्री का ध्यान आकर्षित करने की अनुमति देता है। यह मुद्दा तब उठा जब विधानसभा का बजट सत्र चल रहा था और दिन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई।

जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने प्रश्नकाल शुरू किया, वैसे ही अजित पवार ने रोष के साथ कहा कि आज की विशेष बैठक में कुल आठ ध्यानाकर्षण नोटिस सूचीबद्ध थीं, लेकिन इनमें से केवल एक (पर्यटन से संबंधित) नोटिस पर चर्चा की अनुमति दी गई। क्योंकि संबंधित मंत्री सदन में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अन्य मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण बाकी सभी ध्यानाकर्षण नोटिस पर चर्चा को टालना पड़ा। विधायी कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल की अनुपस्थिति की ओर इंगित करते हुए पवार ने कहा, ‘‘यह बेशर्मी की पराकाष्ठा है कि मंत्री विधायी कार्यों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

वे मंत्री बनना चाहते हैं, लेकिन अपने विभागों से संबंधित कार्यों को नहीं करेंगे।’’ इस पर खेद व्यक्त करते हुए फडणवीस ने कहा कि सभी मंत्रियों से कहा जाएगा कि जब उनके विभागों से संबंधित मुद्दों को विधानसभा में उठाया जाये तो वे उपस्थित रहें।

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...