सोमवार, 13 मार्च 2023

14 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा विधानसभा का सत्र 

14 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा विधानसभा का सत्र 

श्रीराम मौर्य 

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार से शुरू हो रहा है। यह बजट सत्र 14 मार्च से 06 अप्रैल तक चलेगा। इस बजट सत्र में कुल 18 बैठकें होंगी। सुक्खू सरकार को सत्ता संभाले हुए अभी तीन माह का ही समय हुआ है, लेकिन विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्ष ने आज सरकार द्वारा डीनोटिफाई किए गए संस्थानों के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान और जन आक्रोश रैलियां कर रही है। शिमला में भी भाजपा ने आज शेर ए पंजाब से सीटीओ चौक तक रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल के लोकप्रिय मुख्यमंत्री है।

जब से उन्होंने सत्ता संभाली है, तब से केवल संस्थानों पर ताले लगाने का कार्य किया जा रहा है। ठाकुर ने सोमवार को मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि प्रदेश में डि-नोटिफाई किए संस्थानों का मुद्दा निश्चित रूप से विधानसभा सत्र में उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जनहित का मुद्दा है। इस मुद्दे को भाजपा द्वारा विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह उठाया जाएगा। इसको लेकर शिमला में प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। भाजपा के हस्ताक्षर अभियान के तहत इकट्ठा किए गए लोगों के लाखों हस्ताक्षर करवा राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि पहला बजट अभी पेश नहीं हुआ पर सरकार का हाल ऐसा लग रहा है कि सरकार का अंतिम वर्ष चल रहा है।

उन्होंने कहा कि आक्रोश रैलियों के माध्यम से लोग रोष व्यक्त कर रहे हैं। लोगों के गुस्से का अंदाजा मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जिला में भाजपा की हुई आक्रोश रैलियों में इकट्ठा हुए जनसमूह से लगाया जा सकता है। ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर पूछे सवाल पर ठाकुर ने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी द्वारा पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाली की गारंटी दी गई थी, लेकिन आज कांग्रेस सत्ता में आने के बाद अपने वादे से मुकर रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा हर कैबिनेट में ऑफिस को लेकर बात की जा रही है, लेकिन कर्मचारियों को ओपीएस कब और कैसे मिलेगी इसके बारे में आज तक सरकार नहीं बता पाई है।

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांग ओपीएस है, इसमें कर्मचारी किसी भी तरह हेर-फेर नहीं चाहते हैं। सरकार कर्मचारियों की मांग को लेकर अभी तक ओपीएस नहीं दे पाई है। उन्होंने कहा कि 25 साल से हिमाचल प्रदेश में इतना निराशा का माहौल नहीं देखा। उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 11 दिसंबर 2022 को हुआ और 12 दिसंबर से इस सरकार ने बदला बदली के साथ काम करना शुरू कर दिया। हमने सोचा कि यह अनुचित कार्य सरकार से गलती से हो गया है, पर जब हमने सरकार से बात की तो हमने यह देखा कि सरकार ने सोच-समझकर किया है। सरकार एक षड्यंत्रकारी सरकार कार्य कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार के सलाहकार कौन है, आज प्रदेश में 620 से अधिक सरकारी संस्थान बंद हो चुके हैं, 19 डिग्री कॉलेज बंद कर दिए हैं और 286 स्कूल बंद हो गए है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सारे संस्थानों को गरीबों के हक में खोला था, इस कांग्रेस सरकार ने संस्थानों को बंद कर दिया इसका मतलब यह सरकार गरीबों के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सरकार व्यवस्था परिवर्तन की बात करती है, हिमाचल एक छोटा सा प्रदेश है और यहां एक उप मुख्यमंत्री बनने की क्या आवश्यकता पड़ गई। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सरकार की स्थिति स्थिर नहीं है, जिस प्रकार से इस सरकार के विधायक अपनी सरकार के विरुद्ध भी बोल रहे चीजें ठीक नहीं लग रही।

राजनीति: साहा ने पीएम मोदी से मुलाकात की

राजनीति: साहा ने पीएम मोदी से मुलाकात की

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में कुछ दिनों पूर्व शपथ लेने वाले माणिक साहा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। भारतीय जनता पार्टी के नेता 70 वर्षीय साहा ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ आठ विधायकों ने भी मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। इनमें रतनलाल नाथ, प्राणजीत सिंघा रॉय, सांतना चकमा, टिंकू रॉय और बिकाश देबबर्मा और सुक्ला चरण नोएटिया शामिल हैं। लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंचे साहा ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

साहा पहली बार 2022 में पूर्वोत्तर के इस राज्य के मुख्यमंत्री बने थे जब भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बिप्लब देब को पद से हटाने का फैसला किया था। भाजपा ने 60-सदस्यीय विधानसभा में 32 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है, जबकि उसके सहयोगी दल इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने एक सीट जीती है। 

1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा विनिर्माण का लक्ष्य

1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा विनिर्माण का लक्ष्य

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने 2024-25 तक 35,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात सहित 1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा विनिर्माण का लक्ष्य रखा है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि 2021-22 में निजी कंपनियों और राज्य संचालित रक्षा निर्माताओं द्वारा किए गए उत्पादन का मूल्य 86,078 करोड़ रुपये था, जबकि यह राशि 2020-21 में 88,631 करोड़ रुपये और 2019-20 में 63,722 करोड़ रुपये थी। उन्होंने बताया कि उत्पादन मूल्य 2018-19 में 50,499 करोड़ रुपये और 2017-18 में 54,951 करोड़ रुपये था।

भट्ट ने कहा, सरकार ने वर्ष 2024-25 तक 35,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात सहित 1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा विनिर्माण का लक्ष्य रखा है। मंत्री ने यह भी कहा कि 2021-22 में रक्षा निर्यात का मूल्य 12,815 करोड़ रुपये था, जबकि चालू वित्त वर्ष में 6 मार्च तक यह 13,398 करोड़ रुपये था। एक अलग सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण दीर्घकालिक एकीकृत योजना प्रक्रिया पर आधारित एक सतत प्रक्रिया है। भट्ट ने कहा, वार्षिक अधिग्रहण योजना, सेवाओं से इनपुट के आधार पर सालाना तैयार की जाती है और यह पहचाने गए खतरों और अंतर-सेवा प्राथमिकता और उभरती प्रौद्योगिकियों पर आधारित है।

मंत्री ने कहा कि पूंजी अधिग्रहण बजट के हिस्से में लगातार वृद्धि हुई है। भट्ट ने कहा, वित्त वर्ष 2022-23 में पूंजी अधिग्रहण के लिए 1,24,408.66 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई थी, जिसे वर्ष 2023-24 के लिए बढ़ाकर 1,32,727 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा, इसके अलावा, डीआरडीओ ने स्वदेशी हथियारों और प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए पिछले तीन वर्षों में 23,722 करोड़ रुपये की 50 मिशन मोड और प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाएं शुरू की हैं।

एक अन्य सवाल के जवाब में भट्ट ने कहा कि भारतीय नौसेना ने स्नातक स्तर की प्रविष्टियों पर महिलाओं के लिए सभी शाखाएं खोल दी हैं। उनके मुताबिक यह शाखाएं कार्यकारी, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल और शिक्षा हैं। उन्होंने बताया कि कार्यकारी शाखा के तहत भर्ती के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या 3,941 है। इनमें इंजीनियरिंग विंग के लिए 360, इलेक्ट्रिकल के लिए 652 और शिक्षा विंग के लिए 411 ने आवेदन किए हैं। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-151, (वर्ष-06)

2. मंगलवार, मार्च 14, 2023

3. शक-1944, चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 17 डी.सै., अधिकतम- 28+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

रविवार, 12 मार्च 2023

लोकतंत्र के संबंध में गांधी की टिप्पणी, निशाना साधा 

लोकतंत्र के संबंध में गांधी की टिप्पणी, निशाना साधा 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/बेंगलुरू/धारवाड़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश में लोकतंत्र के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर रविवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि दुनिया की कोई ताकत भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। राहुल गांधी का नाम लिए बिना लंदन में की गई भारतीय लोकतंत्र के खतरे में होने संबंधी कांग्रेस नेता की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कि मोदी ने इसे 12वीं शताब्दी के समाज सुधारक बसवेश्वर, कर्नाटक के लोगों, भारत की महान परंपराओं और यहां के नागरिकों का अपमान बताया।

मोदी इस साल कर्नाटक के अपने छठे दौरे पर आये, जहां मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। मोदी ने कहा, मैं भगवान बसवेश्वर की धरती पर आया हूं और मैं धन्य महसूस कर रहा हूं। भगवान बसवेश्वर के योगदानों में सबसे महत्वपूर्ण अनुभव मंडप की स्थापना है, इस लोकतांत्रिक प्रणाली पर दुनियाभर में शोध किया जाता है और ऐसी कई चीजें हैं जिनके कारण हम कहते हैं कि भारत सिर्फ सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की जननी भी है।

यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) धारवाड़ के स्थायी परिसर का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें कुछ साल पहले लंदन में बसवेश्वर की प्रतिमा का अनावरण करने का सौभाग्य मिला था। मोदी ने गांधी पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए कहा, लंदन में बसवेश्वर की प्रतिमा है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उसी लंदन में भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाए गए; भारत के लोकतंत्र की जड़ें हमारे सदियों के इतिहास से पोषित हैं। भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को इस दुनिया की कोई ताकत नुकसान नहीं पहुंचा सकती।

इसके बावजूद कुछ लोग इसे लगातार कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग बसवेश्वर, कर्नाटक के लोगों, भारत की महान परंपराओं, देश के 130 करोड़ जागरूक नागरिकों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, कर्नाटक के लोगों को ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए। इससे पहले, ब्रिटेन में राहुल गांधी की हाल की टिप्पणी को लेकर उन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जब वैश्विक मंचों पर भारत का दबदबा बढ़ रहा है, तो कुछ लोग विदेशी जमीन पर देश की आलोचना कर रहे हैं। धारवाड़ में आयोजित कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आईआईटी धारवाड़ भविष्य के संस्थान के रूप में तैयार है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्ष में बेहतर शिक्षण संस्थानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा कि आज, भारत दुनिया की सबसे मजबूत डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंन कहा कि कर्नाटक हाई टेक इंडिया का इंजन है। उन्होंने कहा, यह महत्वपूर्ण है कि इस इंजन को डबल इंजन सरकार की ताकत मिले।

समुद्री साझेदारी, दो दिन का अभ्यास पूरा किया: नौसेना 

समुद्री साझेदारी, दो दिन का अभ्यास पूरा किया: नौसेना 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने फ्रांसीसी नौसेना के साथ अरब सागर में इस सप्ताह समुद्री साझेदारी का दो दिन का एक अभ्यास पूरा कर लिया है। रक्षा मंत्रालय की रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि भारत के स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल युद्धक पोत आईएनएस सह्याद्री जहाज ने 10 - 11 मार्च 2023 को अरब सागर में फ्रांस की नौसेना के दो युद्धपोतों -एम्फीबियस असॉल्ट शिप (उभयचर आक्रामक पोत) एफएस डिक्सम्यूइड और एफएस ला फेयेट के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास (एमपीएक्स) में भाग लिया।

विज्ञप्ति के अनुसार इस अभ्यास में समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में विकासात्मक परिवर्तन के एक व्यापक स्पेक्ट्रम को परखा गया, जिसमें क्रॉस डेक लैंडिंग, बोर्डिंग अभ्यास और सीमैनशिप विकास जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया था। अभ्यास के निर्बाध संचालन ने दोनों नौसेनाओं के बीच पारस्परिकता एवं उच्च स्तर के सहयोग की पुष्टि की।

आईएनएस सहयाद्री अत्याधुनिक हथियारों व सेंसर से लैस है, जो उसे हवा, सतह तथा तलछट के खतरों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने में सक्षम बनाता है। यह युद्धपोत फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (पूर्व) के परिचालन नियंत्रण के तहत, विशाखापत्तनम में स्थित भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का एक हिस्सा है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...