सोमवार, 13 मार्च 2023

'बेहतर के लिए बदलाव' की मानसिकता से आगे बढ़ें 

'बेहतर के लिए बदलाव' की मानसिकता से आगे बढ़ें 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि लोक सेवकों को 'बेहतर के लिए बदलाव' की मानसिकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि कई मौकों पर देखा जाता है कि यथास्थिति बनाए रखने की प्रवृत्ति बरकरार रखी जाती है। राष्ट्रपति ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में 124वें प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्य सिविल सेवा अधिकारियों से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात के दौरान यह बात कही। राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, मुर्मू ने अधिकारियों से कहा कि लगभग आप सभी ने राज्य सरकारों में विभिन्‍न पदों पर 20 से अधिक वर्षों तक सेवा की है और इन वर्षों में कई चुनौतियों का सामना किया होगा और कड़े फैसले भी लिए होंगे।

राष्‍ट्रपति ने इनसे राष्‍ट्र प्रथम और जनता प्रथम की भावना के साथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारियों के रूप में उन्हें सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता, प्रतिबद्धता और तत्‍परता के सिद्धांतों का अनुपालन करना चाहिए। मुर्मू ने कहा,  कई मौकों पर यह देखा जाता है कि यथास्थिति बनाए रखने की प्रवृत्ति बरकरार रखी जाती है। ऐसी प्रवृत्ति या तो सामान्‍य जड़ता है या यह हमारे आसपास के बदलते परिदृश्य से उत्पन्न लोगों की उभरती समस्याओं के प्रति उदासीनता बरतना है।  

राष्ट्रपति ने कहा, लोक सेवकों को 'बेहतर के लिए बदलाव' की मानसिकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को ऐसे लोक सेवकों की आवश्यकता है, जो नवाचारी, सक्रिय, विनम्र, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और रचनात्मक हों। मुर्मू ने कहा कि इन नेतृत्व शैलियों और मूल्यों को साकार करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्र और नागरिकों की सेवा करने के लिए बेहतर पदों पर तैनात किया जाएगा। 

स्टार्टअप्स गुजरात पोर्टल लॉन्च, पहल: सरकार 

स्टार्टअप्स गुजरात पोर्टल लॉन्च, पहल: सरकार 

इकबाल अंसारी 

गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने युवा उद्यमियों-स्टार्टअप्स को सपोर्ट देकर ईज़ ऑफ़ लिविंग बढ़ाने की दिशा में अद्यतन स्टार्टअप्स गुजरात पोर्टल लॉन्च कर एक और पहल की है। पटेल के मार्गदर्शन में राज्य में स्टार्टअप्स इको-सिस्टम को अधिक गतिशील बना कर सुदृढ़ आयोजन शुरू किया गया है।तदानुसार, राज्य के युवा उद्यमियों-स्टार्टअप्स के नवीनतम् अनुसंधानों तथा आधुनिक प्रौद्योगिकी को गति देकर विभिन्न हितधारकों को एक साथ एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर लाने के लिए स्टार्टअप्स गुजरात पोर्टल का अपडेटेड वर्ज़न कार्यरत किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत की उपस्थिति में सोमवार को लॉन्च किया गया यह पोर्टल बहुभाषी है, अर्थात इस पोर्टल में विभिन्न भाषाओं में पोर्टल सामग्री एक्सेस की जा सकेगी।

इतना ही नहीं, इस पोर्टल पर ऐसी सुविधा दी गई है कि स्टार्टअप्स अपने ब्रोशर, उपलब्धियाँ, सेवाएँ तथा उत्पाद विवरण इस पोर्टल पर प्रदर्शित कर सकेंगे। इसके परिणामस्वरूप निजी क्रेता (ख़रीदार), निवेशक आदि सीधे स्टार्टअप्स से सम्पर्क कर सकेंगे। इस पोर्टल के स्टार्टअप्स इण्डिया पोर्टल के साथ एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस (एपीआई) कनेक्शन के कारण डिपार्टमेंट फ़ॉर प्रमोशन ऑफ़ इण्डस्ट्री एण्ड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) से मान्यता प्राप्त किसी भी स्टार्टअप्स पोर्टल पर अलग से पंजीकरण कराए बिना सीधे पोर्टल में लॉग-इन हो सकता है और इसकी सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है।

स्टार्टअप्स के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में एक इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अधिकार (आईपीआर) प्रशिक्षण/मार्गदर्शन में सुलभता बढ़ाने के लिए गुजरात के सभी 33 ज़िलों में फैले 100 से अधिक पेटेंट सूचना केन्द्रों की सूची भी पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है, जहाँ से स्टार्टअप्स संबंधी मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, यह पोर्टल स्टार्टअप्स को इनक्यूबेटर्स की विभिन्न राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय भागीदारी, राज्य सरकार के अन्य विभागों द्वारा स्टार्टअप को समर्थन का अपडेट भी देगा। इस पोर्टल में उद्योगपति, शिक्षाविद्, सफल संस्थापक, इनक्यूबेशन मैनेजर आदि 325 से अधिक मार्गदर्शक हैं।

स्टार्टअप्स तकनीकी और गैरतकनीकी मार्गदर्शन के लिए इन मार्गदर्शकों तक पहुँच सकते हैं। यह पोर्टल एंजल निवेशकों, वेंचर फ़ण्ड्स, सी फ़ण्ड आदि के लिए स्टार्टअप्स तक पहुँचने में एक सक्षम प्लेटफ़ॉर्म के रूप में कार्यरत रहेगा। अपडेटेड स्टार्टअप्स पोर्टल लॉन्चिंग के अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज जोशी, उद्योग आयुक्त राहुल गुप्ता, इण्डस्ट्रियल एक्सटेंशन ब्यूरो (इण्डेक्स्ट-बी) की प्रबंध निदेशक ममता हीरपरा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

आईएसआईएस केरल मॉड्यूल मामलें में छापा मारा

आईएसआईएस केरल मॉड्यूल मामलें में छापा मारा

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आईएसआईएस केरल मॉड्यूल मामलें में सोमवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में छापा मारा। एनआईए ने बताया कि आतंकवाद निरोधक एजेंसी के अधिकारियों ने आईएसआईएस की साजिश का हिस्सा होने के संदिग्ध श्रीनगर के करफली मोहल्ला निवासी उजैर अजहर भट के घर पर छापा मारा और तलाशी ली। उन्होंने बताया कि एनआईए ने 2021 में केरल में मल्लपुरम के कदनमन्ना निवासी मोहम्मद अमीन उर्फ ​​अबू याह्या की गतिविधियों की जांच शुरू की थी, जो टेलीग्राम, हूप और इंस्टाग्राम जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आईएसआईएस के विभिन्न प्रचार चैनल चला रहा था।

एनआईए ने कहा, अबू इन चैनलों के माध्यम से आईएसआईएस की हिंसक जिहादी विचारधाराओं का प्रचार कर रहा था और इस आईएसआईएस मॉड्यूल में नए सदस्यों की भर्ती कर रहा था। उसने और उसके सहयोगियों ने लक्षित हत्याओं के लिए कुछ व्यक्तियों की पहचान भी की थी। उसने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए जम्मू-कश्मीर में प्रवास करने की योजना भी बनायी थी और इस यात्रा के लिए विभिन्न स्रोतों से धन जुटाया था। एनआई ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि अमीन केरल की दीप्ति मारला के संपर्क में था, जो एक धर्मांतरित मुस्लिम थी।उसने मेंगलुरु के अनस अब्दुल रहमान से शादी की थी। एजेंसी ने बताया कि वह 2015 में पढ़ाई करने के लिए दुबई गई थी, जहां उसकी मुलाकात मिज़ा सिद्दीकी से हुई और दोनों महिलाओं का आईएसआईएस के प्रति झुकाव विकसित हुआ।

एजेंसी ने कहा, दोनों महिलाओं ने 2019 में खुरासान जाने की कोशिश की और ईरान के तेहरान पहुंच गए। तेहरान पहुंचने के बाद खुरासान स्थित आईएसआईएस के गुर्गों से उनका संपर्क स्थापित नहीं हो सका। वे दोनों भारत लौट आए और दीप्ति ने अमीन, ओबैद हामिद मट्टा, मदेश शंकर उर्फ अब्दुल्ला और अन्य के साथ संपर्क किया तथ्उा आईएसआईएस प्रशासित क्षेत्र में प्रवास करने की योजना बनाई। वह प्रवास की योजना बनाने के लिए जनवरी 2020 में ओबैद से मिलने श्रीनगर आयी और एक सप्ताह के लिए यहां रही।

उन्होंने बताया कि दीप्ति और ओबैद के बीच साझा संपर्कों में से एक श्रीनगर निवासी उजैर अजहर भट था, जिसके बारे में संदेह है कि वह साजिश का हिस्सा था। एनआईए ने श्रीनगर के करफली मोहल्ला में भट के घर की तलाशी ली और डिजिटल उपकरणों को जब्त कर लिया, जिनकी जांच की जा रही है। मामले में आगे की जांच जारी है।

खरीद से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक, इनकार 

खरीद से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक, इनकार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने भारतीय वायुसेना में एयर फोर्स वन विमानों की खरीद से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने से सोमवार को इनकार किया। राज्यसभा में वाम सदस्य वी शिवदासन के एक सवाल के लिखित जवाब में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि ऐसी कोई भी जानकारी प्रकट नहीं की जा सकती। शिवदासन ने सवाल किया था, भारतीय वायुसेना में एयर फोर्स वन विमानों की खरीद की लागत कितनी है और ऐसे विमानों की संख्या कितनी है। इसके जवाब में रक्षा राज्य मंत्री भट्ट ने कहा, इस मामले से संबंधित कोई भी सूचना प्रकट नहीं की जा सकती है।

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि भारत सरकार रक्षा संबंधी औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए मित्र देशों के साथ नियमित रूप से वार्ता करती है। उन्होंने कहा कि मित्र देशों के साथ किए जाने वाले रक्ष औद्योगिक सहयोग का मकसद नयी प्रौद्योगिकियों का विकास, अनुसंधान एवं विकास, सह-विकास एवं सह-उत्पादन, रक्षा निर्यात को बढ़ावा देना, संयुक्त उद्यमों की स्थापना करना आदि है।

14 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा विधानसभा का सत्र 

14 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा विधानसभा का सत्र 

श्रीराम मौर्य 

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार से शुरू हो रहा है। यह बजट सत्र 14 मार्च से 06 अप्रैल तक चलेगा। इस बजट सत्र में कुल 18 बैठकें होंगी। सुक्खू सरकार को सत्ता संभाले हुए अभी तीन माह का ही समय हुआ है, लेकिन विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्ष ने आज सरकार द्वारा डीनोटिफाई किए गए संस्थानों के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान और जन आक्रोश रैलियां कर रही है। शिमला में भी भाजपा ने आज शेर ए पंजाब से सीटीओ चौक तक रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल के लोकप्रिय मुख्यमंत्री है।

जब से उन्होंने सत्ता संभाली है, तब से केवल संस्थानों पर ताले लगाने का कार्य किया जा रहा है। ठाकुर ने सोमवार को मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि प्रदेश में डि-नोटिफाई किए संस्थानों का मुद्दा निश्चित रूप से विधानसभा सत्र में उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जनहित का मुद्दा है। इस मुद्दे को भाजपा द्वारा विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह उठाया जाएगा। इसको लेकर शिमला में प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। भाजपा के हस्ताक्षर अभियान के तहत इकट्ठा किए गए लोगों के लाखों हस्ताक्षर करवा राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि पहला बजट अभी पेश नहीं हुआ पर सरकार का हाल ऐसा लग रहा है कि सरकार का अंतिम वर्ष चल रहा है।

उन्होंने कहा कि आक्रोश रैलियों के माध्यम से लोग रोष व्यक्त कर रहे हैं। लोगों के गुस्से का अंदाजा मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जिला में भाजपा की हुई आक्रोश रैलियों में इकट्ठा हुए जनसमूह से लगाया जा सकता है। ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर पूछे सवाल पर ठाकुर ने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी द्वारा पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाली की गारंटी दी गई थी, लेकिन आज कांग्रेस सत्ता में आने के बाद अपने वादे से मुकर रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा हर कैबिनेट में ऑफिस को लेकर बात की जा रही है, लेकिन कर्मचारियों को ओपीएस कब और कैसे मिलेगी इसके बारे में आज तक सरकार नहीं बता पाई है।

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांग ओपीएस है, इसमें कर्मचारी किसी भी तरह हेर-फेर नहीं चाहते हैं। सरकार कर्मचारियों की मांग को लेकर अभी तक ओपीएस नहीं दे पाई है। उन्होंने कहा कि 25 साल से हिमाचल प्रदेश में इतना निराशा का माहौल नहीं देखा। उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 11 दिसंबर 2022 को हुआ और 12 दिसंबर से इस सरकार ने बदला बदली के साथ काम करना शुरू कर दिया। हमने सोचा कि यह अनुचित कार्य सरकार से गलती से हो गया है, पर जब हमने सरकार से बात की तो हमने यह देखा कि सरकार ने सोच-समझकर किया है। सरकार एक षड्यंत्रकारी सरकार कार्य कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार के सलाहकार कौन है, आज प्रदेश में 620 से अधिक सरकारी संस्थान बंद हो चुके हैं, 19 डिग्री कॉलेज बंद कर दिए हैं और 286 स्कूल बंद हो गए है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सारे संस्थानों को गरीबों के हक में खोला था, इस कांग्रेस सरकार ने संस्थानों को बंद कर दिया इसका मतलब यह सरकार गरीबों के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सरकार व्यवस्था परिवर्तन की बात करती है, हिमाचल एक छोटा सा प्रदेश है और यहां एक उप मुख्यमंत्री बनने की क्या आवश्यकता पड़ गई। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सरकार की स्थिति स्थिर नहीं है, जिस प्रकार से इस सरकार के विधायक अपनी सरकार के विरुद्ध भी बोल रहे चीजें ठीक नहीं लग रही।

राजनीति: साहा ने पीएम मोदी से मुलाकात की

राजनीति: साहा ने पीएम मोदी से मुलाकात की

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में कुछ दिनों पूर्व शपथ लेने वाले माणिक साहा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। भारतीय जनता पार्टी के नेता 70 वर्षीय साहा ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ आठ विधायकों ने भी मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। इनमें रतनलाल नाथ, प्राणजीत सिंघा रॉय, सांतना चकमा, टिंकू रॉय और बिकाश देबबर्मा और सुक्ला चरण नोएटिया शामिल हैं। लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंचे साहा ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

साहा पहली बार 2022 में पूर्वोत्तर के इस राज्य के मुख्यमंत्री बने थे जब भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बिप्लब देब को पद से हटाने का फैसला किया था। भाजपा ने 60-सदस्यीय विधानसभा में 32 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है, जबकि उसके सहयोगी दल इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने एक सीट जीती है। 

1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा विनिर्माण का लक्ष्य

1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा विनिर्माण का लक्ष्य

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने 2024-25 तक 35,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात सहित 1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा विनिर्माण का लक्ष्य रखा है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि 2021-22 में निजी कंपनियों और राज्य संचालित रक्षा निर्माताओं द्वारा किए गए उत्पादन का मूल्य 86,078 करोड़ रुपये था, जबकि यह राशि 2020-21 में 88,631 करोड़ रुपये और 2019-20 में 63,722 करोड़ रुपये थी। उन्होंने बताया कि उत्पादन मूल्य 2018-19 में 50,499 करोड़ रुपये और 2017-18 में 54,951 करोड़ रुपये था।

भट्ट ने कहा, सरकार ने वर्ष 2024-25 तक 35,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात सहित 1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा विनिर्माण का लक्ष्य रखा है। मंत्री ने यह भी कहा कि 2021-22 में रक्षा निर्यात का मूल्य 12,815 करोड़ रुपये था, जबकि चालू वित्त वर्ष में 6 मार्च तक यह 13,398 करोड़ रुपये था। एक अलग सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण दीर्घकालिक एकीकृत योजना प्रक्रिया पर आधारित एक सतत प्रक्रिया है। भट्ट ने कहा, वार्षिक अधिग्रहण योजना, सेवाओं से इनपुट के आधार पर सालाना तैयार की जाती है और यह पहचाने गए खतरों और अंतर-सेवा प्राथमिकता और उभरती प्रौद्योगिकियों पर आधारित है।

मंत्री ने कहा कि पूंजी अधिग्रहण बजट के हिस्से में लगातार वृद्धि हुई है। भट्ट ने कहा, वित्त वर्ष 2022-23 में पूंजी अधिग्रहण के लिए 1,24,408.66 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई थी, जिसे वर्ष 2023-24 के लिए बढ़ाकर 1,32,727 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा, इसके अलावा, डीआरडीओ ने स्वदेशी हथियारों और प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए पिछले तीन वर्षों में 23,722 करोड़ रुपये की 50 मिशन मोड और प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाएं शुरू की हैं।

एक अन्य सवाल के जवाब में भट्ट ने कहा कि भारतीय नौसेना ने स्नातक स्तर की प्रविष्टियों पर महिलाओं के लिए सभी शाखाएं खोल दी हैं। उनके मुताबिक यह शाखाएं कार्यकारी, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल और शिक्षा हैं। उन्होंने बताया कि कार्यकारी शाखा के तहत भर्ती के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या 3,941 है। इनमें इंजीनियरिंग विंग के लिए 360, इलेक्ट्रिकल के लिए 652 और शिक्षा विंग के लिए 411 ने आवेदन किए हैं। 

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...