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शुक्रवार, 10 मार्च 2023
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
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1. अंक-148, (वर्ष-06)
2. शनिवार, मार्च 11, 2023
3. शक-1944, चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23।
5. न्यूनतम तापमान- 17 डी.सै., अधिकतम- 28+ डी.सै.।
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गुरुवार, 9 मार्च 2023
ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध, विधेयक को वापस लौटाया
ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध, विधेयक को वापस लौटाया
इकबाल अंसारी
चेन्नई। तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विधानसभा से पारित विधेयक को वापस लौटा दिया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने लगभग 140 दिनों तक रखने के बाद इस विधेयक को वापस लौटाने को लेकर रवि की निंदा की है।तमिलनाडु में ऑनलाइन जुआ निषेध और ऑनलाइन खेलों के नियमन विधेयक को 19 अक्टूबर, 2022 को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था। सरकार ने यह कदम में राज्य में ऑनलाइन जुआ में लाखों रुपये के नुकसान के कारण लोगों की आत्महत्या की घटनाओं के मद्देनजर उठाया था।
मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. चंद्रू के नेतृत्व वाली एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा की गई सिफारिशों के बाद 01 अक्टूबर, 2022 को राज्य सरकार एक अध्यादेश के जरिए विधेयक लेकर आई थी। अगस्त 2021 में मद्रास उच्च न्यायालय ने पिछले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम सरकार द्वारा अधिनियमित तमिलनाडु गेमिंग और पुलिस कानून (संशोधन) अधिनियम को रद्द कर दिया था।
इसके बाद राज्य सरकार ने समिति का गठन किया था। विधेयक को राजभवन द्वारा इस विधेयक को यह कहते हुए वापस किया गया है कि विधेयक को अधिनियमित करने के लिए राज्य विधानमंडल के पास "विधायी क्षमता नहीं है"। राज्यपाल ने अपनी स्थिति को पुख्ता करने के लिए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मसौदा संशोधन सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दायित्व और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का उल्लेख किया, जिसके लिए जनवरी में सार्वजनिक प्रतिक्रिया आमंत्रित की गई थी।
गत वर्ष अक्टूबर में राज्य विधानसभा में स्वीकृत विधेयक को राज्यपाल के पास उनकी सहमति के लिए भेजा गया था। राज्यपाल ने पिछले साल नवंबर में राज्य के कानूनी मामलों के विभाग को पत्र लिखकर ऑनलाइन जुआ पर प्रतिबंध लगाने और ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए विधेयक की कुछ धाराओं पर स्पष्टीकरण मांगा था। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी पहले रवि से मुलाकात की थी और उनसे राज्य विधानसभा द्वारा पारित लंबित विधेयकों को मंजूरी प्रदान करने की अपील की थी। उन्होंने विधेयक को मंजूरी प्रदान करने में राज्यपाल की ओर से अत्यधिक देरी किए जाने पर नाराजगी भी व्यक्त की थी। उन्होंने जानना चाहा था कि राज्यपाल को इसके लिए अपनी सहमति देने के लिए कितनी मौतों की आवश्यकता है।
खिलाड़ियों को स्टेडियमों में होना चाहिए: हाईकोर्ट
खिलाड़ियों को स्टेडियमों में होना चाहिए: हाईकोर्ट
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आगामी एशियाई खेलों के लिए भारत का प्रतिनिधित्व करने के मद्देनजर घुड़सवारों की चयन प्रक्रिया पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को अदालत के गलियारे में नहीं, बल्कि स्टेडियमों में होना चाहिए और जिनका उद्देश्य देश को गौरवान्वित करना है, उन्हें खेल महासंघों द्वारा मानसिक पीड़ा का शिकार नहीं बनाया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति गौरांग कांत ने तीन घुड़सवारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) के प्रतिनिधियों में पेशेवर रवैये की दयनीय स्थिति से काफी दुखी थे और मौजूदा मामला ऐसा लगता है कि जिसमें एक संस्था अपनी पूरी ताकत कुछ व्यक्तिगत खिलाड़ियों को टूर्नामेंट से बाहर करने के लिये इस्तेमाल कर रही है। चिराग खंडाल, शशांक सिंह कटारिया और यश नेनसी की याचिका महासंघ द्वारा 19वें एशियाई खेलों के लिए चयन मानंदड में शुरू किये गये कुछ बदलावों से संबंधित है। इन एशियाई खेलों का आयोजन इस साल सितंबर-अक्टूबर में चीन के हांगजोऊ में किया जायेगा।
अदालत ने सात मार्च को जारी किये गये अपने आदेश में कहा, ‘‘कोई भी (खिलाड़ी) जो अपने देश का गौरवान्वित करने का लक्ष्य रखता है, उसे महासंघ और इसके अधिकारियों द्वारा मानसिक पीड़ा का शिकार नहीं बनाया जाना चाहिए। पिछले 18वें एशियाई खेलों में भारत की पदक तालिका में निचले स्थान की स्थिति को देखते हुए हमारे सारे प्रयास अपने खिलाड़ियों को सहयोग भरा वातावरण मुहैया कराने के होने चाहिए ताकि उनका ध्यान सिर्फ अपने प्रदर्शन में सुधार करने और टूर्नामेंट में शीर्ष स्थान हासिल करने पर लगा रहे।’’
टिकैत के परिवार को बम से उड़ाने की धमकी, कॉल
टिकैत के परिवार को बम से उड़ाने की धमकी, कॉल
अकांशु उपाध्याय/भानु प्रताप उपाध्याय
नई दिल्ली/मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के परिवार को फोन कॉल कर बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। धमकी मिलने के बाद थाना भौराकलां पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। मिली जानकारी के अनुसार भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत पर एक कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले शख्स ने पूरे परिवार को बम से उड़ाने की धमकी दी है।
बताया जा रहा है कि कॉल कर धमकी देने वाले व्यक्ति ने राकेश टिकैत और गौरव टिकैत का अपना निशाना बनाया है। टिकैत परिवार को अल्टीमेटम देते हुए किसान आंदोलन से होने की बात कही गई है। गौरतलब है कि भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को किसान आंदोलन के दौरान भी कई बार धमकियां मिल चुकी है। धमकी मिलने पर पूर्व में भी भाकियू नेता द्वारा थाना सिविल लाइन पर धमकी देने वाले के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।
मनोरंजन: अभिनेता व डायरेक्टर कौशिक का निधन
मनोरंजन: अभिनेता व डायरेक्टर कौशिक का निधन
कविता गर्ग/राणा ओबरॉय
मुंबई/गुरुग्राम। बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता और डायरेक्टर सतीश कौशिक का गुरुवार तड़के गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया है। उनके करीबी मित्र अनुपम खेर ने ट्वीटर पर यह जानकारी दी है। खेर ने ट्वीट किया, “जानता हूँ मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है! पर ये बात मैं जीते जी कभी अपने जिगरी दोस्त सतीश कौशिक के बारे में लिखूँगा, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। 45 साल की दोस्ती पर ऐसे अचानक पूर्णविराम !! आपके बिना जीवन पहले जैसा नहीं रहेगा सतीश! ओम् शांति। ”वह 67 वर्ष के थे। श्री सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 में हरियाणा के महेन्द्रगढ़ में हुआ था।
वह अभिनेता बनने के लिए नौ अगस्त 1979 को पश्चिम एक्सप्रेस से मुंबई आये थे। उन्होंने वर्ष 1983 में रिलीज फिल्म ‘जाने भी दो यारों’ से अभिनय की शुरुआत की थी। उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया। कौशिक को अभिनय में मिस्टर इंडिया फिल्म कैलैंडर के किरदार से पहचान मिली। उन्होंने हास्य के साथ-साथ गंभीर किरदार भी निभाये। उन्हें वर्ष 1990 में फिल्म ‘राम लखन’ और वर्ष 1997 में फिल्म ‘साजन चले ससुराल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया था। उन्होंने वर्ष 1993 में ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ फिल्म से बतौर निर्देशक अपनी पारी शुरू की और इसके बाद 12 से अधिक फिल्मों का निर्देशन किया।
नियम तोड़ने वालों के खिलाफ 8,550 से अधिक चालान
नियम तोड़ने वालों के खिलाफ 8,550 से अधिक चालान
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली यातायात पुलिस ने इस साल शब-ए-बारात और होली पर नियम तोड़ने वालों के खिलाफ 8,550 से अधिक चालान काटा। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। आंकड़ों के मुताबिक कई दुपहिया वाहन चालकों का चालान हेलमेट नहीं पहने होने की वजह से काटे गए जबकि कुछ पर शराब पीकर वाहन चलाने के लिए जुर्माना लगाया गया। उत्सव से पहले दिल्ली पुलिस ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे शब-ए-बारात और होलिका दहन के दिन बाइक से ‘स्टंट’ करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतें।
गत सालों में इन उत्सवों के दौरान कई युवाओं के इंडिया गेट, कनॉट प्लेस और अन्य इलाकों में आकर मोटरसाइकिल और यहां तक तीन पहिया और चार पहिया वाहनों से खतरनाक ‘स्टंट’ (खतरनाक करतब) करने के मामले सामने आए थे। यातायात पुलिस ने दावा किया कि अहम स्थानों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती और कानून का सख्ती से अनुपालन कराने की वजह से इस साल होली पर जानलेवा दुर्घटनाओं की संख्या कम रही।
उन्होंने बताया कि पिछले साल नौ मामलों के मुकाबले इस साल केवल पांच जानलेवा हादसे दर्ज किए गए। पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि 759 यातायात पुलिस अधिकारियों की विशेष टीम पूरे शहर में शराब पीकर वाहन चलाने, तेज गति से वाहन चलाने, लापरवाही से वाहन चलाने की घटनाओं को रोकने के लिए तैनात की गई थी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शब-ए-बारात के दिन यातायात पुलिस ने कुल 908 चालान काटे जिनमें से 70 शराब पीकर वाहन चलाने, 109 दुपहिया पर तीन लोगों के सवार होने, 438 चालान बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने, 42 चालान रंगीन शीशे होने और 227 चालान अन्य उल्लंघनों के मामले में काटे गए।
आंकड़ों के मुताबिक होली को कुल 7,643 चालान काटे गए जिनमें शराब पीकर वाहन चलाने के मामले में 559 चालान, दुपहिया वाहन पर तीन लोगों की सवारी के मामले में 698 चालान, बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने के मामले में 3,410 चालान, बिना सीट बेल्ट पहने वाहन चलाने के मामले में 312 चालान, वाहन का शीशा रंगने के मामले में 215 चालान और अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने के मामले में 2,449 चालान काटे गए।
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