9 मार्च को विधानसभा का घेराव करने का ऐलान
अमित शर्मा
चंडीगढ़। पंजाब प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) की मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली 11 माह पुरानी सरकार के शासन में ध्वस्त हुई कानून-व्यवस्था तथा राज्य विधानसभा में बजट-सत्र के दौरान पेश रिपोर्ट कार्ड पर सवाल उठाते हुए 9 मार्च को विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में कानून-व्यवस्था ठीक होने तथा शांतिमय माहौल होने का कोरा झूठ बोल रहे हैं। जबकि सभी जानते हैं कि गत 11 माह में राज्य के हालात कितने बदतर हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य ने आतंकवाद का काला भयावह दौर भी देखा है और उससे मुक्ति भी प्राप्त की है। लेकिन अब इससे भी बुरे दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि जब से यह सरकार बनी है तब से राज्य में खालिस्तान समर्थकों, अलगाववाद और भाईचारा खराब करने की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। अलगाववादी सोशल मीडिया के माध्यम से निरंतर पंजाब को तोड़ने और भाईचारा खराब करने की बातें कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार मूकदर्शक बन तमाशा देख रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में आए दिन हो रही हत्याओं, रंगदारी या फिरौती मांगने और न देने पर हत्याएं होने, लूटपाट और थानों पर कब्जे आदि की निरंतर घटित हो रही घटनाओं से पंजाब की जनता दहशत में है।
आंतकवाद के दौरान भी ऐसा नहीं हुआ कि किसी थाने पर कब्ज़ा कर लिया गया और पुलिस के साथ थाने में ही मारपीट की गई और पुलिस ने भी हथियार डाल दिए। पुलिस को इतना कमज़ोर कभी नहीं देखा, जितना इसे राज्य की मौजूदा सरकार ने कर दिया है। इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं क्योंकि गृह विभाग उनके पास है। सरकार ने हिंसा करने वालों के सामने न केवल घुटने टेक दिए बल्कि अपहरण के गिरफ्तार आरोपियों की जमानत का समर्थन भी किया।
यहां सवाल उठता है कि अगर गिरफ्तार लोगों पर आरोप नहीं था, तो उस पर मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार क्यों किया गया? अगर आरोपी था तो दबाव में आकर जमानत क्यों दे दी गई? श्री शर्मा ने कहा कि पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) ने खुद मीडिया के समक्ष कहा था कि थाने में हथियारों के बल पर हुडदंगियों ने कब्ज़ा किया और पुलिस के साथ मारपीट की, लेकिन 15 दिन बीतने के बाद भी आज तक ऐसे तत्वों पर कोई मामला दर्ज़ क्यों नहीं हुआ।
यहां तक कि डीजीपी की पत्रकारवार्ता के बाद फिर अमृतपाल सिंह ने पंजाब सरकार को चुनौती दी कि उनके खिलाफ मामला दर्ज़ करके दिखाएं, अगर किया गया तो यह सब पुन: दोहराया जाएगा। ऐसे में पंजाब सरकार के मूर्कदर्शक बने रहने से राज्य के लोगों में भय का माहौल है और उन्हें लग रहा है कि पंजाब कहीं 1984 वाले आंतकवाद के दौर की ओर तो नहीं बढ़ रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब में गैगस्टर बेखौफ हो गये हैं। राज्य की जेलें भी सुरक्षित नहीं हैं वहां भी गैंगवार में एक-दूसरे की हत्याएं हो रही हैं। राज्य में अराजकता का माहौल है और ऐसे समय में मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुये हैं। उन्होंने कहका कि राज्य के ऐसे अशांत माहौल में कोई भी निवेशक यहां निवेश करने की हिम्मत नहीं करेगा। निवेशक हमेशा अपने पैसे और कारोबार की सुरक्षा और शांति चाहता है।
लेकिन अफ़सोस है कि सरकार सिर्फ ट्वीट कर पंजाब की पल-पल की खबर होने तथा राज्य के हालात ठीक होने की बातें करती है, जबकि हालात इसके बिलकुल विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा पंजाब में एक विपक्ष के नाते और पंजाब के भाईचारे को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।भाजपा ने पंजाब की शांति और कानून-व्यवस्था को कायम करने के लिए राजनीति से ऊपर उठ कर मुख्यमंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए पत्र भी लिखा है और सरकार को सरकार को सच का आईना दिखाने और गहरी निद्रा से जगाने के लिए नौ मार्च को सुबह दस बजे भाजपा मुख्यालय सैक्टर 37-ए से पंजाब विधानसभा की तरफ मार्च किया जाएगा।
उन्होंने मीडिया पर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचारों पर भी सवाल करते हुए कहा कि ऐसा राज्य के इतिहास में कभी नहीं हुआ। जसरकार राजनीतिक लोगों, जनता के साथ नता की आवाज़ कहे जाने वाले चौथे स्तम्भ मीडिया की आवाज़ भी दबाने में लगी हुई है, जिसे भाजपा किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।